लंड चुत गांड चुदाई का रसिया परिवार- 10

(Desi Blow Job Sex Kahani)

This story is part of a series:

देसी ब्लो जॉब सेक्स कहानी भाई बहन के ओरल सेक्स की है. कार में भाई ने बहन की चूत का पानी निकलवाने के बाद उसे अपना लंड चूसने को कहा.

दोस्तो, कैसे हैं आप सब … मजा आ रहा है कि नहीं मेरी इस सेक्स कहानी में?

देसी ब्लो जॉब सेक्स कहानी के पिछले अंक
बहन ने सगे भाई को कुंवारी चूत दिखाई
में आपने पढ़ा था कि अभय अपनी बहन ममता से अपना लंड चूसने के लिए कह रहा था.

अब आगे देसी ब्लो जॉब सेक्स कहानी:

अभय- प्लीज यार ममता … एक बार मेरा लंड चूस कर देख तो सही. अगर स्वाद पसंद ना आए तो हाथ से कर देना … पर एक बार ट्राई जरूर कर.

ममता ने सकुचाती हुई अपनी जीभ निकाल कर पहले लंड के सुपारे पर हल्के से फिराई, फिर धीरे धीरे लंड के चारों तरफ जीभ घुमाने लगी.
लंड का स्वाद उसे गंदा नहीं लगा था.

फिर ममता ने अपना मुँह खोल कर भाई के लंड का सुपारा अन्दर ले लिया और मस्ती से लंड चूसने लगी.
उसे लंड का टेस्ट अच्छा लगा.

वैसे भी वो नेहा की चूत चाट चुकी थी, तो लंड चूसने में उसको ज्यादा परेशानी नहीं हुई.

इधर अभय तो सोच कर पागल हुआ जा रहा था कि उसकी सगी बहन उसका लंड चूस रही है.

फिर तो अभय ने ममता का सिर पकड़ा और धीरे धीरे उसके मुँह में लंड के धक्का लगाने लगा.
इससे ममता को परेशानी होने लगी. उसके मुँह से गूं गूं की आवाज निकलने लगी … पर तब भी उसने लंड चूसना नहीं छोड़ा.

अभय का लंड ममता के मुँह की गर्मी पाकर फूलने लगा था, इस वजह से अभय के धक्के तेज होने लगे. अभय के मुँह से ‘आआआह उऊह ..’ की आवाज भी निकल रही थी.

अंत में अभय ने अपना लंड ममता के गले तक उतार दिया और झड़ने लगा.
अपने लंड की आखिरी बूंद तक उसने अपनी बहन ममता के गले में निचोड़ दी.

ममता जितना वीर्य पी सकती थी, उतना पी गई … बाकी उसके होंठों के दोनों कोरों से बाहर आ गया.
जैसे ही ममता के मुँह से लंड बाहर आया, ममता खांसने लगी- आकथू थू …

ममता ने थूक कर अपना मुँह ठीक करने का प्रयास किया.
उसकी आंखों से आंसू निकलने लगे थे.

थोड़ी देर में वो नॉर्मल हुई तो अभी को देखने लगी.
ममता खांसती हुई बोली- क्या भैया, आपने तो मेरी जान ही निकाल दी, कोई अपनी बहन के साथ इस तरह भी करता है क्या? बहन हूँ मैं तुम्हारी, कोई रंडी नहीं. आपने तो मेरी जान ही ले ली … हालत खराब कर दी.
अभय- सॉरी सॉरी … ममता वो जोश में कुछ ज्यादा हो गया.

उसने पानी की बॉटल ममता को दी- लो पहले पानी पियो.

ममता ने झपट कर अभय के हाथ से बोतल ले ली और गटगट करके पहले पानी पिया, फिर मुँह धोकर अपना हुलिया ठीक किया.

अभय ने भी मुँह धोया और घड़ी में टाइम देखा, तो 4:15 बज रहे थे. मतलब करीब एक घंटे तक दोनों भाई बहन एक दूसरे की चूत और लंड चाटते और चूसते रहे थे.

ममता- भैया अब हमें चलना चाहिए, हमको बहुत देर हो गई … मां चिंता करेगी.
अभय- हां चलो.

उसने गाड़ी स्टार्ट की और घर की तरफ दौड़ा दी.

रास्ते में अभय बोला- कैसा लगा ममता? मजा आया?
शर्माती हुई ममता ने खिड़की की तरफ मुँह फेर लिया … वो बोली कुछ नहीं.

अभय- बोलो ना ममता कैसा लगा?
ममता- मुझे नहीं पता.
उसने बस इतना ही कहा.

अभय- सच कहूं ममता आज रियल में पहली बार मैंने किसी कुंवारी लड़की की बुर देखी और चाटी. वैसे मैंने चूतें तो बहुत मारी हैं … पर चाटी आज पहली बार है. लंड भी पहली बार ही भी चुसवाया है. वरना तो साड़ी उठाई सूखी भोसड़ी, भोसड़े में लंड डाला, चोदा, पानी निकाला और मामला टांय टांय फिस्स. मेरी किस्मत तो देखो, मुझे अपनी सगी बहन की बुर मिली. मुझे तो बहुत मजा आया. वैसे तुझे कैसा लगा, बता न!

ममता- ठीक ठाक. वैसे मैंने भी आज पहली बार किसी का मुँह में लिया था.
अभय- क्या मुँह में लिया? जरा खुल कर बोलो ना … अच्छा लगता है सुनने में.
ममता- मुझे नहीं पता!

अभय- अभी तो मेरा लंड कितना स्वाद ले लेकर चूस और चाट रही थीं और अब शर्मा रही है. ठीक से नाम लेकर बोल.
ममता- लंड … यही सुनना चाहते हो ना. वैसे भैया आप ये सब करते कहां थे, खुले खेत में … या उन औरतों के घर पर?

अभय- खेत में भी और जो आराम करने के लिए जो कमरा बना है ना … उसमें.
ममता- वहां पर तो बापू होते हैं, फिर कैसे..

अभय ममता की बात बीच में काट कर बोला- पिताजी भी कम नहीं हैं.
ममता- क्या मतलब, कम नहीं हैं बापू?

अभय- यार वो भी गांव की औरतों के साथ, दबा कर रंगरेलियां मनाते फिरते हैं. उनसे गांव की शायद ही कोई औरत बची हो. गांव की सभी औरतें उनके 8.5 इंच के लंड की दीवानी हैं. जो एक बार बापू के लौड़े से चुद जाए, फिर तो उसको घर के लंड लुल्ली नजर आती हैं. बापू के एक इशारे पर पूरे गांव की औरतें उनके नीचे पिसने, नंगी दौड़ी चली आती हैं.

ममता- बाप रे इतने बड़े चोदू हैं हमारे पिताजी, पर उनके पास तो ऑल रेडी एक चूत तो है. क्या मां अब बूढ़ी हो गई हैं या मां अब चुदवाती नहीं हैं?
अभय- नहीं रे … मां भी एक नम्बर की चुदक्कड़ हैं. तुम किसी से कहना नहीं. मां अपने भाई यानि हमारे मामा से दिल खोल कर चुदवाती हैं और बापू भी अपनी बहन हमारी संगीता बुआ की ले चुके हैं.

ममता- क्या कह रहे हो आप मतलब मौसी, मौसा, मामा, मामी बुआ, फूफा और मां पिताजी सब मिल कर चुदाई करते हैं.
अभय- हां.

ममता मुँह फाड़े अभय को देख रही थी- मैं नहीं मानती … आप सफेद झूठ बोल रहे हो, ये इम्पॉसिबल है. आप मां के लिए कुछ भी बके जा रहे हो. शर्म आना चाहिए आपको.
अभय- तुझे यकीन नहीं आता ना … मगर यही सच है. मैंने अपनी आंखों से अपने घर में खेत के कमरे में मां को मामा जी से पूरी नंगी होकर कई बार चुदवाते देखा है.

ममता- क्या तुम सच बोल रहे हो? हमारे पेरेंट्स तो बड़े वाले चुदक्कड़ निकले.
अभय- अरे इसका मतलब तुझे अपने घर में होने वाली चुदाई पार्टी के बारे में कुछ भी नहीं पता है?

ममता- कैसी पार्टी?
अभय- चुदाई पार्टी, जब भी हमारे यहां कोई फंक्शन या पार्टी होती है. तो हम सबके सोने के बाद अपने हॉल में सभी पेरेंट्स चुदाई की नंगी पार्टी फुल नाईट चलती हैं. हमारे पेरेंट्स कपल स्वैपिंग करते हैं.

ममता- क्या मतलब … आपको कैसे पता भैया … क्या आपने कभी देखी है, वो चुदाई पार्टी? और ये कपल स्वैपिंग क्या होती है?
अभय- तुझे कपल स्वैपिंग का नहीं पता?
ममता- पता होता, तो तुमसे क्यों पूछती?

अभय- इसमें एक दूसरे से बीवी बदल कर चुदाई करते हैं. दारू शराब गाली गलौज सब खुला चलता है.
ममता- ओ तेरी की … हमारे पेरेंट्स तो बहुत बड़े वाले निकले.

इतना बोल कर ममता ने अपने भाई के पैंट की चैन खोली और अन्दर हाथ डाल कर उसका लंड पकड़ कर बाहर निकाल लिया.
वो झुक कर मुँह में लंड लेकर चूसने लगी.

अभय तो ममता को देखता रह गया, जो थोड़ी देर पहले तक लंड को लंड बोलने में शर्मा रही थी, वही अब उसका लंड खुद निकाल कर बेशर्मों की तरह चूस रही है.

ममता लंड मुँह से निकाल कर बोली- ऐसे क्या देख रहे हो? क्या किसी ने इस तरह तुम्हारा लंड नहीं चूसा? वैसे मेरी रगों में भी वही खून दौड़ रहा है.
इतना बोल कर फिर से लंड चूसने लगी.

अभय का तो हाल बुरा होने लगा. ममता के मुँह की गर्मी पाकर उसका लंड फूलने लगा था, जिसे ममता लॉलीपाप की तरह चपर चपर चूसे जा रही थी.

कुछ ही मिनट में अभय ने अपने लंड की ढेर सारी गाढ़ी गाढ़ी मलाई अपनी बहन के मुँह में छोड़ दी, जिसे ममता पूरी की पूरी चाट गई. उसने एक बूंद भी बाहर नहीं जाने दी.

थोड़ी देर में दोनों घर पहुंच गए.

दोनों ने पहले अपना अपना हुलिया ठीक किया. फिर ममता ने कार से उतर कर बेल बजाई.
उसकी मां ने दरवाजा खोला.

तब तक अभय भी हाथों में बैग लिये आ गया. दोनों अन्दर गए और सोफे पर ढेर हो गए.

फिर अभय उठ कर अपने कमरे में चला गया, तो ममता ने अपनी मां के लिए लायी हुई ब्रा पैंटी का पैकेट देती हुई बोली.

ममता- लो मां ट्राई कर लो, साईज में कुछ फर्क हुआ … तो भैया से कह कर बदलवा दूंगी.
मंजू- पागल हो गई है क्या तू, ये मेरे अन्दर के कपड़े हैं. उसको पता भी नहीं चलना चाहिए कि मैं अभी तक इस तरह की ब्रा पैंटी पहनती हूँ. वो क्या सोचेगा मेरे बारे में.

ममता- ये सैट भैया की पसंद का है.
मंजू- हे भगवान … कैसे कैसे दिन दिखा रहे हो, ये लड़की पागल हो गई है.

ममता मन में सोचने लगी कि देखो तो सही कितनी सती सावित्री बन रही साली. लंड मिल जाए तो अपने सगे बेटे का ना छोड़े, उछल उछल के अपनी फटी भोसड़ी में ले ले. वैसे मैंने आज तक अपनी मां की भोसड़ी नहीं देखी. बोबे तो कई बार देखे हैं. पर एक बात तो है. आज भी गाड़ी की हेड लाईट की तरह तने हुए खड़े हैं. इनकी भोसड़ी भी मस्त ही होगी, पता नहीं इनकी भोसड़ी कितने लंड निगल चुकी होगी. अब तो कुछ ना कुछ जुगाड़ लगा कर मां की भोसड़ी देखना पड़ेगी … चाहे जैसे भी.

मंजू- क्या सोचने लगी, क्या सच में अभय ने ही पसंद की थी?
ममता- यस माय डियर मम्मी.

इतना बोल कर ममता ने अपनी मां का हाथ पकड़ कर घुमा कर पीछे से बांहों में भर लिया और उनके गाल पर एक पप्पी दे दी- भैया इज द बेस्ट.
मंजू- चल हट बेशर्म … कुछ भी बोलती है.

उसके बाद ममता अपने कमरे में जाने लगी और मंजू अपने कमरे आकर पैकेट खोल कर देखा. फिर जल्दी से साड़ी, ब्लाउज और ब्रा निकाल दी.

अब मंजू सिर्फ एक साटन के पेटीकोट खड़ी थी. मंजू के बड़े बड़े खरबूजे उछल कर बाहर आ गए. वो ममता की लाई हुई ब्रा पहन कर देखने लगी, कप का साईज थोड़ा छोटा था. दरअसल मंजू का कप साईज 38-dd था, पर अभय ने गलती से 38-d का सैट पसंद किया था.

मंजू कमरे में लगे बड़े से आईने सामने जाकर देखा, तो खुद ही शर्मा गई. फिर उसने अपना पेटीकोट भी उतार दिया. अब मंजू नीचे से पूरी नंगी हो गई थी. ऊपर भी बस एक साटन की ब्रा थी. उसे याद आया कि पैंटी तो पलंग पर है. वो नंगी ही पलट कर पलंग तक आई. उसको नहीं पता था कि ममता खिड़की के पीछे से छुप कर अपनी मां को कपड़े बदलते देख रही है.

फिर मंजू ने पलंग से पैंटी उठाई और झुक कर पहनने लगी, जिससे उसकी मंजू की गांड का भूरे रंग का छेद दिखाई देने लगा.

ममता ने खुश होकर मन में कहा कि वाह्ह मेरी मां तो क्या मस्त माल है यार … यदि मैं लड़का होती तो यहीं पटक कर चोद देती दारी को … साली का भोसड़ा तो … आह क्या मोटे मोटे होंठ है इस छिनाल के भोसड़े के … आह कितना चिकना भोसड़ा है साली का. आज भी भारी पड़ती होगी बापू पर … और गांड तो ओहो … लगता है कुतिया ने सबसे मरवा मरवा के इतनी बड़ी कर ली. रंडी ने अपने भोपे (चूंचे) सबको पिला पिला कर दूध का टेंकर बना रखे हैं. सब कुछ ऊपर वाले ने दिल खोल कर दिया है.

उधर मंजू ने पैंटी भी ट्राई की, एक बार बार फिर से आईने के सामने ब्रा पैंटी में जाकर खड़ी हो गई. गांड तो पैंटी में समा नहीं रही थी. खुद को देख कर एक बार मंजू फिर से शर्मा गई.

बाहर से ममता ने अपने होंठ गोल करके सीटी बजाई, तो मंजू पलट कर खिड़की की ओर देखा.
ममता एक आंख दबा कर उंगली और अंगूठे से गोल बना कर कह दिया- क्या बात है मां, आज तो बापू गए काम से.

वो मुस्कुराती हुई देखने लगी- उनके सामने इस रूप में मत चली जाना … नहीं तो …
मंजू ने झट से साड़ी उठा कर अपना नंगा शरीर छुपाती हुई बोली- नहीं तो से तेरा क्या मतलब?

ममता गेट खोल कर अन्दर आ गई और बात पलट कर बोली- कैसी लगी मां, अपने बेटे की पसंद?

मंजू ने शर्माते हुए कहा- तू यहां क्या कर रही है … और तू कब आई यहां?
ममता- कुछ नहीं मां, मैं इधर से जा रही थी. आपको इस हालत में देख कर रुक गई.

मंजू कपड़े पहनती हुई बोली- इस हालत से तेरा क्या मतलब?
ममता- वो मां जब आप उधर से आ रही थीं तब.

मंजू- तूने मुझे पूरी नंगी देख लिया?
ममता मुस्कुराते हुए बोली- तो क्या हुआ मां आपके पास भी तो वही सब है, जो मेरे पास है. फर्क बस इतना है कि आपके पास सब बड़ा बड़ा है.

मंजू ने मन में कहा कि लगता है कुतिया ने मुझे पूरी नंगी देख लिया है.
फिर शर्मा कर बोली- थोड़ी टाईट है.
ममता- एक मिनट मां.

वो पुरानी वाली ब्रा को उलट पलट कर देखने लगी और उसके मुँह से ‘ओह ..’ निकल गया.

मंजू- क्या हुआ? क्या देख रही है?
ममता- कुछ नहीं मां आपका कप साईज 38-dd है और मैं गलती से 38-d ले आई हूँ. पर मां आप यही पहना करो, इससे आपका सीना उठा हुआ लगता है, जवान लड़कियों की तरह.

मंजू ने तब तक पेटीकोट पहन कर ऊपर से मैक्सी पहन ली थी.

मंजू- चल हट बदमाश कुछ भी बोलती है.

रात को सब अपने अपने कमरे में चले गए.

ममता ने अपने कमरे में आकर अन्दर से गेट लॉक किया और फटाफट अपने कपड़े उतार कर बाथरूम में नंगी घुस गई. उधर से वो नहा कर नंगी ही बाहर निकल आई.

अब ममता ने एक ट्रांसपेरेंट नाईटी पहन ली, जो उसके घुटनों तक ही आ रही थी, वो भी बिना ब्रा पैंटी के. उसका सांचे में ढला शरीर साफ झलक रहा था.

वो सोच रही थी आज भैया से अपनी चूत चुदवा लूं … तो भैया का मुठ मारना भी बंद हो जाएगा और बाहर की गंदी औरतों से भी बच जाएंगे. मेरी चूत को भी घर में ही एक लंड मिल जाएगा. किसी को पता भी नहीं चलेगा. घर की बात घर में ही रहेगी. हां ये ठीक रहेगा.

ये सोच कर ममता उठी बाथरूम के रास्ते अभय के कमरे में चली गयी. अभय कमरे में आंख बंद करके अपने लंड को अंडरवियर से बाहर निकाल कर सहला रहा था.

ममता धीरे धीरे चल कर भाई के पास जाकर खड़ी हो गई और गौर से लंड को देखने लगी.
फिर धीरे से बोली- किसकी चूत के सपने में लंड मसला जा रहा भैया?
अभय ने इतना सुनते ही हड़बड़ा कर आंख खोल दी- त..तुम यहां क्या कर रही हो?

आज रात बहन भाई की मस्त चुदाई हो सकती है. सेक्स कहानी को विस्तार से अगले भाग में जारी करूंगी.

इस देसी ब्लो जॉब सेक्स कहानी में आपको मजा आ रहा है ना?
आपकी सोनिया वर्मा
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देसी ब्लो जॉब सेक्स कहानी का अगला भाग: लंड चुत गांड चुदाई का रसिया परिवार- 11

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