चूत चूदाई ममेरी बहन की
(Choot Chuudai Mameri Behan Ki)
दोस्तो, काफी सालों से मैं अन्तरवासना पर चूदाई की कहानी पढ़ रहा हूँ. मेरा नाम सोहेल है, मैं पटना में रहता हूँ. मैं दिखने में स्मार्ट हूँ इसलिए घर और बाहर हर जगह थोड़ी तारीफ हो जाती है.
यह जो कहानी मैं सुनाने जा रहा हूँ मेरी पहली चूदाई की कहानी है उम्मीद है कि आप लोगों को पसंद आएगी.
एक साल पहले गाँव में मेरे मामा की बड़ी बेटी की शादी थी, सब लोग आ रहे थे, मेरे अभी अभी एग्जाम खत्म हुए थे तो मैंने भी जाने का प्रोग्राम बना लिया. मेरे मामा की चार बेटी हैं जिनमें से मैंने अभी तक सिर्फ दो को ही देखा था क्योंकि वो ज्यादा दिल्ली में रह कर पढ़ती हैं.
शादी का टाइम करीब आने लगा और मैं अपनी फैमिली के साथ वहां पहुंच गया. हमें देख कर सब बहुत खुश हुए. साथ ही मैंने देखा कि एक लड़की ऊपर खड़ी होकर स्माइल पास कर रही है तो मैंने भी उसको स्माइल पास कर दी और वो मुस्कुरा कर चली गई.
बाद में पता चला कि वो मेरे मामा की बेटी नेहा थी. मैं जाकर उससे मिला… दिखने में नेहा काफी खूबसूरत है और काफी सेक्सी भी…
हमने थोड़ी देर बैठ कर बात की तो उसमे मुझे बताया कि उसने मेरे बारे में बहुत सुना था.
शाम हुई तो सब छुपा छुपाई खेलने लगे, थोड़ी देर बाद नेहा ने आकर साथ खेलने के लिए बोला, मैंने बहुत मना किया पर वो नहीं मानी और मुझे लेकर चली गई.
मैं घर के पीछे खेतों में छुपा हुआ था कि तभी वहां नेहा आकर बैठी और बोली- मुझे अँधेरे से डर लगता है इसलिए मैं तुम्हारे साथ छुपूंगी.
मैंने कहा- ठीक है!
तभी पीछे से उसने मेरी पीठ पर हाथ फेरना शुरू कर दिया, मैं समझा कि मजाक कर रही है. उसके बाद पीछे से उसने मुझे कस के पकड़ लिया और मेरी गर्दन पर पागलों की तरह किस करने लगी.
अपनी ममेरी बहन की कामुकता देख कर कुछ देर तो मुझे समझ नहीं आया कि करूं तो क्या?
पहले तो सोचा कि जब लड़की खुद ही चूदाई के लिए आ रही है तो मैं क्यों पीछे हटूं?
मैंने मुड़ कर उसको किस करना शुरू कर दिया और वो बहुत मज़े से मेरा साथ देने लगी.
किस करते करते मैंने उसकी चुची दबाना शुरू कर दी जो मेरे हिसाब से 34″ की होंगी. उसने टॉप के अंदर ब्रा नहीं पहनी थी इसलिए उसकी चुची काफी मुलायम लग रही थी दबाने में…
तभी मामी ने खाने के लिए आवाज़ लगा दी और मेरे खड़े लंड पे हथौड़ा चल गया.
वो चली गई और मैंने बाथरूम में जाकर उसके नाम की पहली बार मुठ मारी.
दो दिन ऐसे ही निकल गए, शादी को तीन दिन बाकी थे, मैं तो बस अब इसी सोच में था कि कब मुझे उसकी चूत चूदाई करने का मौका मिले.
वो रात भी बहुत जल्दी आई, मैं अकेला कमरे में लेटा हुआ फोन पर चैटिंग कर रहा था. लाइट नहीं थी, कमरे में एकदम अँधेरा था.
तभी नेहा की आवाज़ आई- क्या मैं अंदर आ जाऊँ?
मैं- हाँ आओ नेहा!
नेहा- यहाँ क्या कर रहे हो अकेले?
मैं- मन नहीं लग रहा मेरा… और कोई मन लगाने वाला है भी नहीं!
नेहा- मैं हूँ न… बोलो क्या करूँ तुम्हारे लिए?
मैं- जो उस रात को कर रही थी!
वो शर्मा गई और जाने लगी, मैंने तुरंत उसका हाथ पकड़ कर अंदर खींच लिया और दरवाज़ा बंद कर दिया.
वो कहने लगी- कोई आ जायेगा यहाँ!
मैं बोला- इतने लोगों में यहाँ कौन आ रहा है?
उसने कुछ नहीं कहा.
मैंने उसकी हाँ समझी और उसको बिस्तर पे लिटा दिया और किस करने लगा. वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.
मैंने सोच लिया था कि अगर आज इसकी चूत चूदाई नहीं कर पाया तो कभी मौका नहीं मिलेगा.
मैंने तुरंत उसके कपड़े उतार दिए और उसकी चुची को पागलों की तरह चूसने लगा, कामुकता वश वो सिसकारी लेने लगी, मैंने अपने कपड़े उतार फेंके और उसके भी… अब मैं उसकी चुची को चूस रहा था और उसकी चूत जिस पर एक भी बाल नहीं था, उसमें उंगली करने लगा.
वो बहुत गर्म होने लगी और ज़ोर ज़ोर से सिसकारी लेने लगी, उसकी चूत के बारे में क्या बताऊँ दोस्तो… एक मुलायम चूत फूली हुई चिकनी मक्खन की तरह… मन कर रहा था कि खा जाऊँ उसकी चूत को… लेकिन उसमें अभी लंड जो डाल कर उसकी चूदाई करनी थी ना… इसलिए रुक गया.
मैंने उसको अपना लंड चूसने को कहा, वो तुरंत राज़ी हो गई और बड़े प्यार से मेरे लंड को चूसने लगी. वो जिस तरह से लंड चूस रही थी, उससे लग रहा था कि इसने पहले भी चूदाई करवाई हुई है.
यह हिंदी चूदाई की कहानी आप अन्तरवासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
मैं उसकी गर्म चूत में अपना मुंह डाल कर चूसने लगा. ओहो… क्या बताऊँ यार… क्या मजा आ रहा था उसकी चूत को चूसने में…
चूत को चूसते चूसते वो झड़ गई मेरे मुंह में…
अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था, मैंने उसकी कमर के नीचे एक तकिया लगाया जिससे उसकी चूत मेरी लंड के पास आ गई, अब मैं लंड उसकी चूत पे रगड़ने लगा जिससे वो पागल हो गई, कहने लगी- भाई, अब मत तड़पाओ, जल्दी मेरी चूत में लंड डालो अपना!
मैंने उसकी चूत के मुख पर लंड रख कर एक धक्का मारा और आधा लंड उसकी चूत में घुस गया, उसकी चीख निकल गई लंड घुसते ही…
मैंने उसका मुख बंद किया और एक और ज़ोरदार धक्का मारा और पूरा लंड चूत में की गहराई में उतर गया.
अब मैं जोर जोर से चूत की चूदाई करने लगा और उसकी सिसकारियाँ निकलने लगी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… ह्ह अह्ह चोदो मेरी चूत को जानू… उफ कब से प्यासी थी चूत मेरी!
और मैं चूदाई करते हुए मैं उसकी चुची को मसल रहा था जिससे उसे और भी मजा आ रहा था.
थोड़ी देर में वो झड़ गई, उसके बाद मैंने भी अपना माल उसकी चूत में गिरा दिया, उसके बाद से आज तक मैं उसको बहुत बार चोद चुका हूँ.
आपको मेरी ममेरी बहन की चूत चूदाई की अन्तरवासना कहानी कैसे लगी, मुझे मेल करके बतायें!
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