चचेरी बहन ने कुंवारी चूत चुदवा ली
(Chacheri Bahan Ne Kunvari Chut Chudwa Li)
मित्रो, नमस्कार..
मैं आगरा के पास स्थित एक छोटे से शहर मैनपुरी का रहने वाला हूँ, आगरा में एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता हूँ।
मैं पिछले पांच सालों से अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। मैं पिछले काफी समय से अन्तर्वासना पर अपनी स्टोरी लिखना चाह रहा था।
आज मैं आपको अपने जीवन से जुड़ी सच्ची घटना बता रहा हूँ।
बात तब की है जब मैं 12वीं कक्षा में पढ़ता था। मेरे एक चाचा कानपुर में रहते हैं, वे हमारे घर केवल गर्मियों की छुट्टियों में आते हैं। उनकी एक बेटी रिशिका मेरी ही उम्र की है। देखने में फिगर ऐसा कि लौड़ा खड़ा हो जाए। तब उसका फिगर 32-30-32 का था। मेरी उससे सेक्स.. ब्वॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड को लेकर खुल कर बात होती थी। पता नहीं वो मुझसे क्यों गर्लफ्रेंड की तरह विहेव करती थी।
रात में हम सब एक साथ जमीन पर सोते थे। एक बार की बात है, रात को मम्मी ने जमीन पर बिस्तर लगाए तो एक ओर मैं, बीच में मेरा भाई और दूसरी तरफ रिशिका लेटी थी।
हम लोग धीमी आवाज में बात कर रहे थे ताकि हमारा भाई न जग जाए। बात करते-करते उसने मेरे हाथ पर अपना हाथ फिराना शुरू कर दिया।
मुझे समझते देर न लगी, मैंने भी पहले उसके हाथ को हाथ में लेकर सहलाना शुरू कर दिया।
धीरे-धीरे मेरे हाथ उसके स्तनों की ओर बढ़ गए, मैंने उसके उरोजों को मसलना चालू कर दिया।
वो गर्म होने लगी, उसके मुँह से ‘आहों’ की आवाजें आ रही थीं।
उसने मेरे लंड को पकड़ लिया और मसलने लगी।
मैंने उसकी चूत पर हाथ लगाया तो वह गर्म थी।
उसने धीरे से मेरे कान में कहा- दूसरे कमरे में चलो.. यहाँ कोई उठ जाएगा।
मैं पहले उठकर दूसरे कमरे में आ गया, पीछे से मेरी बहन आई और मुझसे लिपट गई, उसने मेरे होंठों को अपने होंठों से दबा लिया। उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी, मैंने उसके स्तनों को दबाना चालू रखा।
मैंने रिशिका को जमीन पर लिटाया और चूमना शुरू कर दिया, वो मेरे लंड को सहला रही थी।
मैंने उसका टॉप.. पजामा अलग किया और खुद भी नंगा हो गया।
अब वो मेरे सामने ब्रा-पैंटी में थी। मैंने उसके शरीर से ब्रा को उतारा और स्तनों को मुँह में भर लिया।
उसके मुँह से ‘आह.. ओह’ निकलने लगा था, वो मेरा सिर अपने स्तनों पर दबा रही थी।
फिर मैं धीरे से नीचे बढ़ा और पैंटी को जांघ से अलग कर दिया। उसकी चूत मेरे सामने थी, उस पर हल्की सी झांटें थीं।
शायद वो अपने घर से बनाकर आई थी।
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मैंने अपना मुँह उसकी चूत पर लगाया.. तो वो चिहुंक उठी।
मैंने चूत को चाटना शुरू कर दिया। कुछ मिनट तक मैं चूत को चाटता रहा..
फिर उसकी चूत ने नमकीन सा पानी छोड़ दिया, मैंने सारा रस चाट लिया।
अब मैं सीधा हो गया, वो मेरे ऊपर आई और मेरे लंड को पकड़ लिया, उसने मेरा लंड मुँह में लिया और चूसने लगी।
मुझे स्वर्ग जैसा आनन्द मिल रहा था।
करीब पांच मिनट मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया।
उसके बाद वो मेरे ऊपर आकर मुझे सहलाने लगी, कुछ देर बाद मेरा लंड फिर से सलामी देने लगा।
मैंने उसे अपने नीचे किया और लंड को चूत के छेद पर रखा। शायद रिशिका भी इसके लिए तड़प रही थी।
मैंने लंड को चूत के अन्दर प्रवेश कराया.. लेकिन शायद रिशिका की सील पैक थी और अभी तक वो किसी से चुदी नहीं थी.. इसलिए मेरा लंड आसानी से नहीं जा पा रहा था।
मैं उठा और उसकी जांघों को अपने कमर पर लपेट एक जोरदार धक्का लगाया।
मेरा लंड पूरा का पूरा चूत के अन्दर चला गया, रिशिका की चीख निकल गई, मैंने उसके होंठों को दबा लिया.. ताकि कोई उठ न जाए।
उसे दर्द हो रहा था.. क्योंकि उसकी सील जो टूटी थी।
मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाना शुरू किए, रिशिका का दर्द कम होता गया और वो गाण्ड उठाकर मेरा साथ देने लगी।
मैं अगले दस मिनट तक उसे चोदता रहा, फिर उसका शरीर अकड़ने लगा और वो झड़ गई।
लेकिन मेरा काम अभी चालू था, अगले पांच मिनट बाद मैं भी झड़ गया, मैंने अपना वीर्य उसकी चूत के बाहर छोड़ दिया और उस पर गिर पड़ा।
हम काफी देर तक ऐसे ही लेटे रहे। उसने मुझे चूमा और कहा- आज बहुत मजा आया।
फ़िर उसने कहा- मैं तो कब से तेरे साथ सेक्स करना चाहती थी, तूने पहल नहीं की तो मुझे करनी पड़ी।
इसके बाद हमने उसी रात एक बार चुदाई और की और उसके बाद हम वापस आकर अपनी जगह पर लेट गए।
वो मुझे देखती रही।
अगली कहानी मैं आपको बताऊँगा कि कैसे मैंने रिशिका की सहेली को भी चोदा।
आप मुझे बताएँ कि कहानी कैसी लगी।
यह मेरे जीवन की सच्ची घटना है, आपके विचारों का स्वागत है।
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