ब्रदर सिस्टर सेक्स: भाई से सील तुड़वायी
(Brother Sister Sex: Bhai Se Chut ki Seal Tudwayi)
मेरा नाम मोनिका है। मैं हिमाचल प्रदेश की रहने वाली हूँ। मेरी उम्र करीब 19 साल है। ब्रदर सिस्टर के सेक्स की यह बात लगभग 2 वर्ष पूर्व की है जब मैंने 12वीं की परीक्षा दी थी।
यह घटना मेरी और मेरे भाई की है। मेरे घर में मेरे अलावा मेरे पापा और ममा, मेरी निकिता दीदी जिनकी उम्र 21 साल है और 23 साल का मेरा भाई रोहन है। मेरी दीदी पापा की लाड़ली हैं और वो पापा के साथ ही रहती हैं। मेरी निकिता दीदी तभी घर आती है जब मेरे पापा घर आते हैं।
मेरी दीदी साड़ी और खुले गले का ब्लाउज पहनती हैं जिसमें उनका भूरा पेट, गहरी नाभि और आधी चूचियाँ साफ दिखती हैं। पापा और ममा उनको कभी मना नहीं करते हैं, बल्कि खुश होते हैं। मेरे पापा दिल्ली में जॉब करते हैं और मेरा भाई पंजाब में।
मेरे भाई रोहन की हाइट 5 फ़ीट 9 इंच और बॉडी बिल्डर जैसी बॉडी है।
मेरी हाइट 5 फ़ीट 3 इंच है और मेरा रंग गोरा है। मेरी चूचियों की साइज़ 32 कमर 28 और कूल्हे 36 के हैं।
मेरे स्कूल में लड़के मेरे कूल्हों के दीवाने हैं। मैं लड़कों की तरह छोटे बाल रखती हूँ। मुझे जीन्स ओर शर्ट टॉप पहनना पसन्द है। मेरी हाइट कम होने के कारण मेरे कूल्हे ज्यादा बड़े दिखते हैं। मेरी चूचियाँ गोल और भूरे रंग के निप्पल हैं, चेहरा गोल है।
मेरा भाई एक कंपनी में जॉब करता है।
उनको खाना बनाने में दिक्कत होती थी तो मेरी ममा ने मुझसे कहा कि तुम चली जाओ भाई के साथ।
वैसे भी मैं घर पर पूरा दिन खाली ही रहती थी तो मेरी भी इच्छा भाई के साथ जाने की थी। मैं भी चाहती थी कि मैं उनके साथ रहूँ क्योंकि मुझे वहाँ आजादी मिल जाती और वहाँ घूमने फिरने का मौका भी मुझे मिलता।
और वैसे भी अपने रोहन भाई के साथ मुझे रहना, उनके साथ सोना, बातें करना- यह मुझे अच्छा लगता है।
घर में भी मेरा और भाई का एक ही कमरा है। मैं भाई के साथ हर बात शेयर कर लेती हूँ। यहाँ तक कि भाई मुझे गिफ्ट में ब्रा और पेंटी भी दे देते हैं। असलियत तो यह है कि मैं रोहन को ही अपना बॉयफ्रेंड मानती हूँ लेकिन रोहन को ये पता नहीं है कि उनकी छोटी बहन ही उनकी हमबिस्तर होने को तैयार है।
मैंने ममा की बात पर हाँ कर दिया और और भाई के साथ जाने को तैयार हो गयी। भाई भी खुश हो गए क्योंकि उनको खाना बनाने वाली जो मिल रही थी।
दिन में ममा कुछ बाजार के काम से बाहर चली गयी। मैं और भाई घर पर अकेले रह गए।
तब भाई ने मुझसे कहा- मोनिका तुम अपने कपड़े पैक कर लो!
और मेरे कूल्हों पर हल्का सा चांटा लगा दिया।
मेरे साथ भाई ऐसा करते रहते थे।
आखिर हम भाई बहन सुबह घर से चल दिए और शाम को 8 बजे पंजाब भाई के रूम पर पहुँच गए।
हम दोनों काफी थक गए थे तो मैंने और भाई ने शॉवर लिया और खाना खाया जो हम अपने घर से पैक करके ले आये थे।
खाना खाने के बाद हम दोनों ने सोने की तैयारी की। भाई के रूम में एक ही बेड था जिस पर हम दोनों लेट गए। मैं दीवार की तरफ मुँह करके सो गयी जिससे मेरे कूल्हे भाई की तरफ हो गए।
भाई ने अपना लण्ड मेरे कूल्हों से सटा दिया और मेरे पेट पर हाथ रख कर मुझसे चिपक कर सो गए।
थोड़ी देर बाद मुझे अपने कूल्हों के बीच में हलचल महसूस हुई। मैंने सोचा कि भाई नींद में है, रहने दो, जो हो रहा है उसे होने दो … क्योंकि मजा तो मुझे भी आ रहा था।
थोड़ी देर बाद क्या हुआ कि भाई आगे पीछे होने लगे। तो मैंने अपने पैरों को थोड़ा खोल दिया जिस से भाई का लण्ड मुझे मेरी चूत पर महसूस होने लगा।
उस समय मैंने लोवर के नीचे पैंटी नहीं पहनी थी।
भाई अब थोड़ा तेजी से आगे पीछे होने लगे मगर मैं चुप पड़ी रही।
5 मिनट बाद भाई ने मुझे आवाज़ दी- मोनिका!
मैं कुछ नहीं बोली।
भाई ने दुबारा आवाज दी तब मैं बोली- हाँ भाई?
भाई- जाग रही हो?
मैं- हॉं भाई!
भाई- मेरी तरफ मुँह करके सो जाओ।
मुझे मालूम था कि भाई चोदना चाहते हैं मुझे।
मैंने भाई की तरफ मुँह कर लिया और अपनी आँखे बन्द कर के सोने लगी।
भाई- मोनिका यार, क्या तेरा कोई बॉयफैंड है?
मैं- नहीं भइया, आपके पास कोई लड़का हो तो बताना!
और मैं हँस दी।
भाई भी हँसने लगे।
मैंने भाई से पूछा कि आपकी कोई गर्लफ्रैंड है क्या?
भाई- नहीं, जॉब से फुर्सत हीं नहीं मिलती जो लड़की पटाऊँ। अब मुझे गर्लफ्रैंड की जरूरत नहीं है।
मैं- क्यूँ?
भाई- तुम जो आ गयी हो, आज से तुम हो मेरी गर्लफ्रैंड!
इतना कहते ही भाई ने मेरी दोनों चूचियों के बीच मुँह रख दिया और अपना लण्ड मेरी चूत से सटा दिया।
मैं भी भाई से यही चाहती थी क्योंकि भाई मेरे बचपन से ही स्मार्ट रहे हैं। मैंने अपनी टांगें थोड़ी सी खोल क़र भाई के कूल्हों पर हाथ रख कर उनको अपनी तरफ खींच लिया।
तभी भाई पीछे हट गए।
मैं घबरा गयी कि अब क्या हो गया।
भाई- मोनिका, मुझे फुल मज़ा करना है।
यह कह कर भाई ने अपनी लोअर और टीशर्ट उतार दी। भाई ने नीचे अंडरवियर नहीं पहना था।
भाई का लण्ड करीब 6 या 7 इंच लम्बा और करीब 3 इंच मोटा था। मुझे लगा कि मैं इसे नहीं ले पाऊँगी।
अपने कपड़े उतारने के बाद भाई मेरे भी कपड़े उतारने लगे। मेरी टीशर्ट उतारते ही चूचियॉं उनके सामने लहराने लगी। मुझे बहुत शरम महसूस हो रही थी।
तभी भाई मेरी चूचियों को हाथ में ले कर दबाने लगे।
भाई ने चूची को मुँह में भर लिया। मेरी सिसकारियाँ छूटने लगीं.. आह.. सीईईईई ईईईई
मुझे इतना मजा आ रहा था कि मैं बता नहीं सकती। सच पूछो तो मेरी चूत से पानी निकलने लगा था।
तभी भाई ने मेरी लोअर निकाल दी। मेरी क्लीन चूत भाई के सामने थी।
भाई ने चूत पर हाथ रखा और 1 उंगली अंदर डाल दी।
मुझे बहुत मजा आ रहा था। हम दोनों लोग नंगे ही एक दूसरे को गले लगाने लगे।
कुछ देर बाद भाई अपना लंड मेरे मुँह में डालने लगा। मैं उसको मना कर रही थी- नहीं, मैं यह नहीं करूंगी।
तो वो बोला- इसमें मज़ा आता है।
मैंने थोड़ा नानुकुर के बाद भाई का लंड चूसना शुरू कर दिया। मुझे लंड चूसना इतना अच्छा लग रहा था कि मैं बेशर्मों की तरह उसका लंड चूसती रही।
वह 69 पोजीशन में होकर मेरी चूत को सहलाने लगा फिर मैंने पाया कि उसकी जीभ मेरी चूत को चाट रही है। मैं मदहोश होकर आहें भरने लगी।
हम दोनों भाई बहन पूरा चुदाई के खेल में लग गये थे। वह मेरी चूत को अपनी जीभ से चोद रहा था और मैं आहें भर रही थी।
तभी वह उठा और अपनी मेज की दराज से एक कंडोम निकाल कर ले आया।
मैं बिस्तर पर थी।
उसने मेरे सामने खड़े होकर अपने लंड पर कंडोम चढ़ाया।
मैं चुपचाप लेटी उसके खड़े लंड को देख रही थी।
कंडोम लगाने के बाद वह बिस्तर पर मेरे ऊपर चढ़ गया और अपने जिस्म से मेरे जिस्म को रगड़ने लगा।
मैं भी एकदम चुदासी हो गयी थी, मैं कह रही थी- मुझे चोदो मेरे भाई!
मेरा भाई भी अब चुदाई करने के लिए बेचैन हो गया था। अपने लंड पर उसने कंडोम लगाया हुआ था। उसका खड़ा लंड कंडोम की वजह से चमक रहा था।
वह अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ रहा था। वह मेरी टांगों को फैला कर मेरे जांघों के बीच में आ गया और अपना लंड मेरी चूत में घुसाने लगा।
मैं भी कसमसा रही थी कि यह जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डाल दे और चोद चोद कर मेरा बुरा हाल कर दे।
अब मैं भाई के लंड से चुदवाने के लिए इतनी गर्म और चुदासी हो गयी थी कि जब वह अपना लंड मेरी चूत में डाल रहा था तो उसके लंड को चूत पर फिसलता देख कर मैंने खुद उसका लंड पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर लगा दिया।
लंड को चूत के छेद पर सेट करने के बाद मैंने भाई को इशारे से कहा- अब मेरी चूत में लंड डालो।
भाई ने एक जोरदार धक्का लगाया तो उसका पूरा लंड एक बार में ही मेरी गीली चूत में पूरा समा गया। भाई का लंड इतना मोटा और बड़ा था कि मुझे बेइंतहा दर्द हुआ और मेरी चूत से खून निकलने लगा।
तभी भाई ने एक और धक्का मारा और भाई का लंड मेरी वर्जिन चूत के खून से लथपथ होकर चूत में गहराई तक समा गया।
मैंने भाई को रुकने के लिए बोला तो भाई ने मेरे होठों को चूसना शुरू कर दिया।
होठों के चूसने से जब मेरा दर्द कम हुआ तो मैंने अपने कूल्हे हिला कर भाई को इशारा किया।
तब भाई ने फिर से अपना लंड आगे पीछे करना शुरू कर दिया। मुझे अब हल्का हल्का सा दर्द हो रहा था लेकिन कुछ देर बाद मैं भी अपनी गांड को नीचे से उछाल कर उसका लंड अपनी चूत में लेने लगी।
बहुत मस्त चुदाई हो रही थी; मैं भाई का पूरा साथ दे रही थी और वह भी अपनी बहन की चूत को बहुत अच्छे से चोद रहा था।
हम लोग बहुत देर तक चुदाई करते रहे। हम दोनों लोग चुदाई करते करते एक दूसरे से चिपट कर एक दूसरे को कस कर गले भी लगा लेते थे।
थोड़ी देर बाद वह अलग हो गया; अब वह मुझसे घोड़ी बनने के लिए बोल रहा था।
मैं उसके लिए तुरन्त घोड़ी बन गयी।
उसने मेरे पीछे से आकर मेरी चूत में लंड पेलना शुरू किया। हम दोनों इस तरह चुदाई कर रहे थे जैसे हम दोनों एक अरसे से चुदाई करते चले आ रहे हों।
हम दोनों चुदाई के साथ साथ एक दूसरे को किस भी करते जा रहे थे।
थोड़ी देर तक घोड़ी बना कर चोदने के बाद उसने मुझे अपने लंड पर बैठने के लिए इशारा किया।
मैं तैयार हो गयी। मैं अपनी दोनों टांगे दोनों तरफ करके भाई के लंड पर बैठ गयी। भाई ने नीचे से धक्का लगाना शुरू किया। हर धक्कें के साथ लंड चूत में समाता चला गया।
करीब आधा घंटा गरमागरम चुदाई के बाद हम दोनों झड़ने को हो गये।
मैंने भाई को कस कर पकड़ लिया और झड़ने लगी तभी भाई के लंड ने भी वीर्य छोड़ दिया।
इसके बाद हम दोनों ने एक दूसरे को किस करना शुरू किया।
उसने मुझे आई लव यू बोला और मैंने भी उसे ‘आई लव यू’ बोला।
हम दोनों ब्रदर सिस्टर नंगे ही आपस में चिपटे रहे। थोड़ी देर बाद हम दोनों की पता नहीं कब आँख लग गयी।
कुछ देर बाद भाई का लंड सिकुड़ कर बाहर आ गया। सुबह उठ कर हम दोनों ने फिर एक बार चुदाई की।
अपनी अगली कहानी में मैं आपको बताऊँगी कि मेरी बुआ के बेटे ने मुझे पटा कर कैसे चोदा।
दोस्तो, आपको कैसी लगी मेरी ब्रदर सिस्टर के सेक्स की कहानी?
मुझे मेल कर के जरूर बताना ताकि मैं आपको अपनी जिन्दगी की घटनायें बता सकूँ।
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