भाभी ने मुझे भैया से चुदवा दिया

(Bro Sis Xxx Kahani)

जीत कुमार 3 2022-05-26 Comments

ब्रो सिस Xxx कहानी में मेरी भाभी ने मुझे अपने ही भैया से प्लानिंग करके चुदवा दिया। भैया समझ ही नहीं पाए कि वो अपनी बीवी को नहीं, बल्कि बहन को चोद रहे हैं।

यह कहानी सुनें.

हाय दोस्तो, मेरा शिल्पा है। मैं 19 साल की हूं.
मैं अपने भैया और भाभी के साथ कुछ दिनों से कोलकाता में ही रहती हूं। मैं यहीं के कॉलेज में नर्सिंग की पढ़ाई कर रही हूं।

यह ब्रो सिस Xxx कहानी मेरी ही है.

मेरे भैया एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं और भाभी घर पर ही रहती हैं।

पिछले कुछ दिनों से मेरे कॉलेज में छुट्टी थी तो भाभी के साथ यहीं उनके घर के काम में मदद कर रही थी।
इस तरह से हम दोनों की बहुत अच्छी दोस्ती हो गई।

वो मुझसे अपनी हर बात शेयर करती है।
अपनी और भैया की चुदाई के किस्से भी बताती रहती है।

कई बार भाभी पूछ चुकी थी कि मेरा कोई बॉयफ्रेंड है क्या?
तो मैं कुछ बोल नहीं पाती थी क्योंकि मेरा कोई बॉयफ्रेंड था ही नहीं।

भाभी मुझसे बहुत मजाक करती थी।
कई बार मजाक में कहती थी कि सब कुछ पहले ही सीख ले, आगे शादी के बाद पता नहीं कैसा पति मिलेगा, न जाने कितनी बार चूत मारेगा दिन में और कैसे-कैसे चोदेगा।
वो कहती थी कि मैं चुदाई की ट्रेनिंग ले लूं।

एक दिन भाभी बोली- तेरी चूत पर बाल आए हैं या नहीं?
मैं बोली- हां आए हैं।
भाभी- हम्म … तेरी उम्र तक तो मैं चूत में न जाने क्या-क्या डाल चुकी थी … और एक तू है … कि तुझे अभी तक ये नहीं पता कि चुदाई कैसे होती है।

मैंने कहा- ऐसा नहीं है भाभी, मुझे पता है सब!
वो बोली- क्या खाक पता है तुझे? तूने कभी लंड देखा है … कैसा होता है?

दोस्तो, मैं भैया का लंड एक बार देख चुकी थी।
अब भाभी को कैसे बताती कि मैं भैया का लंड देख चुकी हूं।

फिर मैंने बता ही दिया कि मैं भैया का लंड देख चुकी हूं।
वो बोली- तो फिर क्या हुआ?
मैं बोली- कुछ नहीं हुआ, उन्होंने मुझे नहीं देखा था।

फिर एक दिन घर पर कोई काम नहीं था तो भाभी अपने मोबाइल पर एक ब्लू फिल्म डाउनलोड करके ले आई और मुझे बुलाकर दिखाने लगी।
मुझे बहुत शर्म आ रही थी; मैंने मुंह दूसरी तरफ घुमा लिया।

लेकिन फिर भाभी ने मेरा मुंह पकड़ कर घुमाया और बोली- भैया का लन्ड देखने में शर्म नहीं आती तुझे … और मेरे साथ ब्लू फिल्म देखने में शर्म आ रही है?

अब मैं कुछ नहीं बोली और हम दोनों देसी इंडियन चुदाई की वीडियो देखने लगे।
उसमें एक आदमी एक लड़की को तेजी से चोद रहा था।
मुझे भाभी का तो पता नहीं, लेकिन मैं बहुत ज्यादा गर्म हो गई थी।

भाभी मुझे नोटिस कर रही थी और मुस्करा रही थी।
उसने मेरे बूब्स पर साइड से हाथ रखकर दबाया तो मैं कामुक होने लगी।

भाभी ने कहा- तू कुछ ज्यादा ही गर्म हो गई है … एक काम कर … किचन में बैंगन रखा है, उसे अपनी चूत में ले और चूत को शांत कर ले।

मैं बोली- आपने मुझे तो गर्म कर दिया और बैंगन के लिए बोल रही हो … लेकिन खुद भैया से चुदवाकर शांत हो जाओगी।
वो बोली- तो तू क्या चाहती है? तू भी चुदावाएगी अपने भैया से?

फिर मैं बोली- ये क्या बोल रही हो …. वो मेरे सगे भैया हैं, मैं कैसे चुदवा सकती हूं?
भाभी बोली- तो क्या हुआ? सगे भाई का लन्ड देखने में तो तुझे बहुत मजा आता है!
मैं- भाभी आप भी ना … एक बात को बार-बार दोहराती रहती हो।

तो भाभी बोली- अगर तुझे चुदने का मन कर रहा है तो बोल … मैं कर सकती हूं तेरा भी जुगाड़ … कसम से … तेरे भैया तेरी सारी गर्मी निकाल देंगे।
मैं- भाभी आप पागल हो गई हो? मेरे भैया क्यों चोदेंगे मुझे! और मैं फिर उनसे कैसे कभी नजर मिला पाऊंगी?

भाभी बोली- तू फिक्र मत कर, सब कुछ मैं संभाल लूंगी। मगर ये बता कि चुदने के लिए तैयार है?
मैं बोली- ये कैसे हो सकता है भाभी!
भाभी- मैं हूं न … सब मुझ पर छोड़ दे। लेकिन मैं जैसा बोलूं वैसा करना। तू अपनी ओर से तैयार रहना और चुदते हुए मुंह से आवाज नहीं निकालना, वरना गड़बड़ हो जाएगी।

फिर अगले दिन भाभी ने शाम को मुझसे कहा कि भैया से फोन पर बात हुई है और मैं चुदने के लिए तैयार रहूं।
मैं बोली- मगर ऐसी क्या बात हुई है?
वो बोली- बस ये समझ ले कि आज वो बाहर खाकर आएंगे और जिस दिन वो बाहर खाकर आते हैं, उस दिन दारू भी पीकर आते हैं।

मैं समझ गई कि भाभी दारू के नशे का फायदा उठाकर भैया को मुझ पर चढ़वाना चाहती है।
पर मैं डर रही थी कि भैया पता नहीं नशे में मेरी चूत की क्या हालत करेंगे।
मैंने कभी चूत में लंड नहीं लिया था।

फिर भाभी ने अपनी साड़ी मुझे पहना दी।
मेरे बदन की बनावट भाभी के शरीर जैसी ही थी, बस भाभी का रंग गोरा था।

भैया और भाभी की पहले ही बात हो चुकी थी कि वो चुदाई के लिए तैयार रहे और आते ही वो उसे कुत्ते की तरह चोदेंगे।

भाभी ने भैया के आते ही लाइटें बंद कर दीं। आते ही वो बाथरूम में फ्रेश होने चले गए।
इतने में ही भाभी ने मुझे फिर से आगाह कर दिया कि मुंह से आवाज नहीं होनी चाहिए।

फिर भैया जैसे ही बाहर आए, भाभी उन्हें बेडरूम में ले गई और बेड पर बैठा दिया।
भाभी ने मुझे इशारे से बुला लिया।

मुझे बहुत डर लग रहा था।
कमरे में पूरा अंधेरा था।

भाभी ने भैया को बेड पर धक्का दे दिया।
भैया ने कहा- रण्डी … धक्का क्यों देती है?
भाभी ने कहा- खुद तो दारू पी के आ गए … अब मुझे चोदेगा कौन?

भैया- साली, बहुत गर्मी चढ़ी है तुझे आज … तेरी चूत का भोसड़ा मैं बनाता हूं … रुक तू!
वो उठकर आने लगे तो भाभी ने एकदम से मुझे उनके सामने कर दिया।

भाभी वहां से चुपके से चली गई और मैं डर से कांप रही थी।
इससे पहले कि मैं कुछ और समझ पाती, भैया ने मेरे बालों कस कर पकड़ा और मेरे होंठों को चूसना शुरू कर दिया।
वो जोश में किस करने लगे।

कुछ देर किस करने के बाद भैया ने मेरी साड़ी को तुरंत मेरे बदन से अलग कर दिया और मेरे ब्लाउज को भी निकाल दिया।
मैंने तुरंत अपने हाथ अपने बूब्स पर रख लिए।

उनको होश तो था ही नहीं कि सामने कौन खड़ी है। उन्होंने मुझे उठाकर बेड पर पटक दिया; मेरे ऊपर आकर मेरी दोनों चूचियों को दोनों हाथों से जोर-जोर से भींचने लगे।

मेरी चूचियों में दर्द होने लगा लेकिन मैं किसी तरह की आवाज नहीं कर सकती थी।

पहली बार किसी मर्द से मैं ऐसे चूचियां दबवा रही थी।
मुझे धीरे-धीरे चुदास चढ़ने लगी।

फिर भैया मेरे ऊपर आ गए और मुझे फिर से किस किया।
अब मुझे अच्छा महसूस होने लगा।
लगा जैसे भैया ने मुझे सजा दी … फिर मुझे प्यार से चुप करा रहे हों।

मुझे अब बहुत मजा आने लगा था।

मैं भी मजा लेने लगी और मैंने उनके सिर पर हाथ रख दिए। मैं उनके बालों में हाथ फिराते हुए होंठों को चूस रही थी

फिर वो नीचे की ओर जाने लगे। मेरी गर्दन पर किस किया और फिर मेरी चूचियों को प्यार से चूसने लगे जैसे कोई बच्चा आम चूस रहा हो।
मुझे अब अलग ही आनंद आ रहा था। मैं मन ही मन भाभी को धन्यवाद करने लगी थी।

फिर भैया ने अपने सारे कपड़े उतार दिए। मुझे अंधेरे में दिख तो नहीं रहा था लेकिन में भैया का नंगा बदन महसूस कर रही थी।
उन्हें क्या पता था कि वो अपनी बहन को नीचे दबोच कर नंगे हो चुके हैं।

भैया थोड़ा और नीचे आए।
मेरे पेटीकोट को निकाल कर सीधे मेरी टांगों को फैलाया और चूत पर मुंह रख दिया।

मैंने तो इसकी कल्पना भी नहीं की थी।
चूत पर मुंह लगने से ऐसी हालत हुई कि मैं बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी।

मैं जोर से सिसकारी लेना चाहती थी लेकिन भैया को पता लग जाने का डर था इसलिए अंदर ही अंदर कराहती रही।

भैया चूत पर पूरा मुंह रगड़ने लगे और एक उंगली भी घुसा दी।
मैं सेक्स में पागल होने लगी। मैं बेड की चादर को खसोट रही थी.

लेकिन मेरी चूत की आग बढ़ती जा रही थी।
मैं एकदम से इतने आनंद में पहुंच गई कि दो मिनट के अंदर ही मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया।

भैया मेरी चूत का पूरा पानी पी गए।
वो बोले- जान … आज तो तेरे मुंह में लंड पेलने का सोचकर आया था मैं!
फिर भैया ने मुझे बिठाया और अपना लंड मेरे सामने रख दिया।

वो लंड चूसने के लिए कहने लगे।
मैं सोच रही थी कि क्या करूं और इतने में भैया लन्ड मेरे होंठों पर रगड़ने लगे।
मैंने भी मुंह खोला और लंड अंदर ले लिया।

वो बोले- बहुत दिनों से सोच रहा था तुझे लंड चुसाने के लिए, आज तू इतनी जल्दी मान गई!
मैं जान गई कि भाभी ने भैया का लंड कभी नहीं चूसा है।
फिर मैं लंड को चूसने लगी।

कुछ देर तक मैं लंड चूसती रही और फिर भैया ने मुंह से लन्ड बाहर निकाला और मेरे दोनों पैरों को फैला दिया।
मै डर गई और भाभी की बात भी याद आई कि चिल्लाना बिल्कुल भी नहीं है।

भैया ने चूत पर लंड को सेट कर दिया।
उन्हें जरा भी खबर नहीं थी कि जिस चूत को वो पेलने जा रहे हैं वो उनकी कुंवारी बहन की चूत है।

भाभी की चूत सोचकर उन्होंने जोर का धक्का मारा।
मेरी आंखों के सामने अंधेरा छा गया। दर्द में मेरे मुंह से चीख निकल गई।

पता नहीं भैया को पता लग पाया कि नहीं … शायद वो नशे में थे इसलिए बस चुदाई के पीछे पागल थे।

भैया ने फिर से धक्का लगाया और मेरी चूत को चीरता हुआ लंड अंदर तक जा घुसा।
मेरी चूत से खून निकलने लगा था लेकिन भैया को इसका अंदाजा नहीं था। मैं दर्द के मारे तिलमिला रही थी और अपनी आवाज को रोकने की कोशिश कर रही थी।

अब भैया ने मेरी चूत को चोदना शुरू कर दिया।
उनके धक्के बढ़ने लगे और जल्दी ही वो कुत्ते की तरह मेरी चूत को पेलने लगे।
मैं कराहती हुई चुदने लगी और धीरे-धीरे मेरी चूत को अब चुदने में मजा आने लगा।

भैया की चुदाई की ट्रेन सरपट दौड़ रही थी और मैं अब सिसकारियां लेने लगी थी- आह्ह … आह्ह … आईई … आह्ह!
मैं ज्यादा आवाजें नहीं कर रही थीं लेकिन जितनी कर रही थीं वो मेरे बस के बाहर थीं और मैं उनको रोक नहीं पा रही थी।

चुदाई में इतना मजा आने लगा था कि अब मेरी गांड खुद ही ऊपर उठकर भैया के धक्कों का स्वागत कर रही थी।
पूरे रूम में पच-पच की आवाज गूंजने लगी थी।

अब मैं चुदती हुई इतना मजा ले रही थी कि भैया की पीठ पर नाखून गड़ाने लगी थी।

धीरे-धीरे वो पल नजदीक आ गया जब भैया के लंड से वीर्य निकलने वाला था।
वो अब और तेजी से मुझे चोद रहे थे।
फिर एकदम से उनके धक्के थमने लगे और मेरी चूत में उनके लंड से वीर्य निकल कर गिरने लगा।

चूत के अंदर मुझे गर्म सा कुछ जाता हुआ महसूस हुआ जिसने मुझे अंदर से एक अलग सुकून का अहसाह दिया।
फिर भैया मुझसे नंगे ही लिपट गए और बोले- अभी और पेलूंगा मेरी जान … आज तू कुछ अलग ही मजा दे रही है।

उस रात भैया ने मुझे एक बार और चोदा।
दूसरी बार की चुदाई में तो और भी ज्यादा मजा आया क्योंकि तब दर्द नहीं हो रहा था, सिर्फ चरम सुख का अनुभव हो रहा था।

फिर उसके बाद तीसरा राउंड भी लिया।
मेरी चूत सूज गई।

उसके बाद भैया मुझसे लिपट कर सो गए।

उसके तीन-चार घंटे बाद सुबह हो गई लेकिन मेरी नींद खुली ही नहीं थी।
वो तो अच्छा हुआ कि भाभी आ गई और मुझे उठा दिया।

तब भाभी ने देखा कि मेरी चूचियां लाल हो गई थीं और चूत भी सूजकर लाल हुई पड़ी थी।

भाभी देखकर हंसने लगी, फिर बोली- अब ऐसे क्यूं खड़ी है? और चुदवाना है? चल जल्दी, वरना तेरे भैया उठ जाएंगे।

मैं चलने लगी तो मुझसे चला नहीं जा रहा था।
भाभी मुझे पकड़ कर बाहर ले गईं।

दूसरे कमरे में जाकर मैंने चूत को साफ किया और भाभी ने मेरी मदद की।

जल्दी से फिर वो भैया वाले रूम में आई और खून लगी चादर पर कपड़ा डाल दिया।
फिर जैसे ही भैया उठकर बाथरूम में गए तो उन्होंने चादर को बदल दिया।
इस तरह से भैया को पता नहीं चला कि रात में उन्होंने अपनी कुंवारी बहन की चूत मार ली।

मुझे भी भैया के लंड से पहली चुदाई का अनुभव मिला। मुझे भैया के लंड को चूत में लेकर दर्द तो बहुत हुआ लेकिन इस ब्रो सिस Xxx में मजा भी बहुत आया।

उसके बाद भी इसी तरह भाभी और मैंने भैया से छुपाकर चुदाई करवाई।

दोस्तो, ये मेरी पहली चुदाई की कहानी थी। आपको ये ब्रो सिस Xxx कहानी कैसी लगी मुझे जरूर बताना। आप कमेंट्स में भी अपनी राय लिखना। मैसेज करने के लिए आप मुझे मेरी ईमेल पर लिख सकते हैं।
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लेखक की पिछली कहानी: जेठ जी ने मुझे पूरी रात जकड़ के रखा और खूब चोदा

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