भाई बहन की पहली चुदाई की कहानी

(Bhai Bahen Ki Pahli Chudai Ki Kahani )

मेरा नाम आकाश सिंघानिया है, मैं उत्तर प्रदेश के एक छोटे से कस्बे से हूँ जहाँ भाई बहन के रिश्ते को बहुत पवित्र माना जाता है.
मैं बहुत ही साधारण सा दिखने वाला पतला लंबा 24 साल का नवयुवक हूँ. मैं बहुत पहले से ही दिल्ली में अपनी पढ़ाई के सिलसिले में रह रहा हूँ और अक्सर दस से पन्द्रह दिन के अंतराल पर घर जाता रहता हूँ.

एक बार हुआ यह कि मुझे ऑरकुट (एक पुराना सोशल मिडिया एप) पर मेरी कज़िन सिसटेर की फ्रेंड रिक्वेस्ट आई और मैंने स्वीकार कर ली. उसके बाद उसके और मेरे बीच बातचीत की सिलसिला शुरू हो गया.
इस बार जब मैं घर गया तो अपनी ताई के भी घर हो कर आया अपनी बहन से मिलने के बहाने से. वैसे आप सोच रहे होंगे कि बहन से क्या पहले कभी मुलाकात नहीं हुई थी क्या?
ऐसा नहीं है, हम बचपन से साथ खेले, बड़े हुए न… परंतु जब से जवानी में कदम रखा तो हमारे स्कूल अलग हो गये थे तो कभी कभी ही मिलना होता था वो भी घर के किसी उत्सव प्रोग्राम में ही.
लेकिन ओर्क्य्त पर चैट कर करके हम फिर से बहुत करीब आ गये और बहुत अच्छे फ्रेंड हो गये.

घर पर सब बहन के लिए रिश्ता तलाशने में लगे थे परंतु उसका रिश्ता कहीं से भी नहीं हो पा रहा था और वो बहुत परेशान थे. तब मैंने उसे आगे पढ़ने का सुझाव दिया जिससे मन लगा रहे और इधर उधर की बात में ध्यान ना लगे.
घर पर मेरा सुझाव सभी को बहुत पसंद आया और उसके आगे की पढ़ाई की ज़िम्मेदारी अब मेरे ऊपर आ गई थी.

मैंने उसका एडमिशन अपने ही ओल्ड कॉलेज में करा दिया. अब जब भी मैं घर जाता तो वो मुझसे पढ़ने आ जाती थी.
यहाँ से हमारी बातें पर्सनल लाइफ पर भी होने लगी.

एक दिन मैं उसी के घर पर उसे पढ़ा रहा था तो अचानक से उसका दुपट्टा नीचे सरक गया और उसकी वक्षरेखा मुझे साफ नज़र आ रही थी. उसके मम्मे बड़े सफेद और मोटे थे जिन्हें देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया.
और तभी मेरी बहन की नज़र मेरे ऊपर गई कि मैं उसे घूर रहा हूँ, उसकी चुची को देख रहा हूँ, तो उसने फटाफट से अपना दुपट्टा सही किया और पढ़ने बैठ गई. जब से मैंने उसके मम्मों को देखा था तो मेरा तो मन ही डोल गया था, मैं उसे अगली बार पढ़ने के लिए कह कर निकल आया.

रात को उसका मेसेज आया कि आज तुम्हें क्या हो गया था तो मैंने सच बता दिया.
अब उसने कोई रिप्लाई नहीं किया और मैंने उसे सॉरी लिख कर भेजा तो उसका रिप्लाई ‘इट्स ओके’ का आ गया.

अगले दिन मैं उसे पढ़ाने के लए नहीं जा पा रहा था क्यूँकि मुझे अपने किए पर अफ़सोस हो रहा था पर तभी उसका मेसेज आ गया कि आज पढ़ाने नहीं आना है क्या?
साथ में ये भी मेसेज आया कि आज नहीं देखना क्या अपनी बहन के मम्मों को?
मुझे अब ग्रीन सिग्नल मिल चुका था.

मैं उसके घर चला गया, मैंने जैसे ही दरवाजे पर घंटी का बटन दबाया तो बहन ने अंदर से आकर दरवाजा खोला, जिसको देख कर कोई भी अपने लंड की मुठ मारे बगैर नहीं रह सकता था. उसने मिनी स्कर्ट पहना था और ऊपर से डीप नेक का टॉप जिसमें से उसके मोटे मोटे मम्मे बाहर निकलने को तैयार हो रहे थे और उसकी सफेद गोरी टाँगें मेरे लंड को झड़ने से नहीं रोक पा रही थी. वहां जाकर पता चला कि ताई जी घर पर नहीं हैं और मेरी बहन घर पर अकेली है.

मैंने उससे कहा- मैं बाथरूम होकर आता हूँ!
तो उसने बड़ी कातिलाना ढंग से हंसते हुए मुझे शरारत भारी निगाहों से देखा.
मैं जल्दी से बाथरूम में चला गया और जाकर मूठ मारने लगा.

बाहर आने के बाद मैं उसे पढ़ाने लगा पर अब मेरा मन उसे पढ़ाने में ना लग कर उसे चोदने के ख्यालों में लग गया. पढ़ते हुए उसे भी बीच में पेशाब आया तो वो बाथरूम चली गई.
वहाँ से वापस आकर वो मुझसे पूछने लगी- तुम बाथरूम में मूठ मार कर आए हो क्या?
मैं उसके इस सवाल से सकपका गया और हकबका कर बोलने लगा- वो वो… हाँ ना…

फिर वो कहने लगी- मुझसे कह देते भाई, मैं अपने हाथ से करा देती.
अब समझो मेरी तो लॉटरी लग गई जैसे… मैं तुरंत उसके होंठों पर अपने होंठ रख कर उन्हें चूसने लगा. कसम से गुलाब से भी ज़्यादा सॉफ्ट होंठ थे मेरी बहन के. होंठ चूसते चूसते मैंने उसकी जाँघ पर हाथ फेरना शुरू कर दिया. मेरे इस काम में मेरी बहन मेरा पूरा साथ दे रही थी.
मेरी बहन की साँसें गहरी गहरी चलने लगी थी और वो अब पूरी तरह गर्म हो चुकी थी, उसने मेरे पैंट की जिप खोल कर मेरा लंड बाहर निकाल लिया और चूसने लगी.
उसकी इस हरकत से मैं हैरान था कि वो इतनी जल्दी बिना किसी पूर्व भूमिका के ऐसे कैसे मेरा लंड चूसने लगी?

मैंने उससे पूछा- तू पहले भी चुड चुकी है क्या जो इतने प्रोफेशनल तरेके से ये सब कर रही है?
तब उसने मुझे बताया कि उसने एक बार अपनी बड़ी दीदी और जीजाजी को सेक्स करते देखा था और तभी से तड़प रही है सेक्स करने के लिए.
वो मुझसे बोली- भाई, आज मुझे तृप्त कर दे… तो मैं तुझसे हर रोज चुदा करूँगी.
मेरी तो समझो घर बैठे ही लॉटरी लग गई.

अब मैंने उसकी स्कर्ट और टीशर्ट उतार दी और वो मेरे सामने अब रेड ब्रा और रेड पेंटी में आ गई थी, कसम से कयामत ढा रही थी वो उस ड्रेस में… उसका संगमरमर सा बदन ऐसा लग रहा था जैसे भगवान ने उसे बहुत ही फुरसत से बनाया हो.
वो मेरा लंड फिर से चूसने लगी और अब मैं भी पूरे रंग में आ गया, मैंने अपना पूरा लंड उसके गले तक अंदर कर दिया तो ‘गू गूं गू… की आवाज़ उसके गले से निकलने लगी. उसने मेरे लंड को अपने होंठों से इतने अच्छे से पकड़ रखा था कि मैं उसके मुंह में ही झर गया. उसने मेरा सारा माल चाट चाट कर साफ कर दिया.
मैं आपको बता दूं कि मेरा भी ये पहली बार था तो मैं अपने को ज़्यादा रोक नहीं पाया था.

वो फिर से मेरा लंड चूसने लगी जिससे वो दोबारा खड़ा हो गया, अब मैंने उसकी ब्रा और पैंटी उतार दी, अब वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी, उसके बड़े बड़े मम्मे मुझे अपनी ओर खींच रहे थे कि हमें चूसो.
मैंने फटाफट से अपना मुँह उसके एक चूचे पर रख दिया और उसे चूसने लगा, उसके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी, वो अपना हाथ मेरे सर पर रख कर मेरे सर को ज़ोर से अपने बूब्स पर दबाने लगी. अब मैं भी दूसरा हाथ उसके दूसरे मम्मे पर रख कर उसे दबाने लगा.
अब मेरी बहन मुझसे बोली- भाई, आज मुझे एक रंडी की तरह चोद दे!

मैंने अपनी जीभ उसकी चूत पर रख दी, कसम से आग निकल रही थी मेरी बहन की चूत में से! बिल्कुल गुलाब की पंखुरी की तरह उसकी चूत के दोनों फांकें थी. मैं अपना पूरा मुँह में उसकी चूत लेकर चूसने लगा वो बहुत ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगी, उसने ऐसे ही अपना सारा पानी मेरे मुँह पर छोड़ दिया.

अब वो बोली- मेरे राजा भैया, आज तृप्त कर दे अपनी बहन रानी को!
मैं अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा.
मैंने आपको बताया था कि ये हम दोनों का ही पहली बार था, हम दोनों ही नये थे और हमें नहीं पता था कि कैसे करना है.
उसने मेरे लंड पर क्रीम लगाई और मैं ट्राई करने लगा अपने लंड को उसकी चूत पर धक्का देने लगा. मेरा लंड बार बार उसकी चूत से फिसल कर गांड के छेद पर लग जाता था. दोनों को ही इंतजार करना मुश्किल हो रहा था और उधर ताई के आने का समय भी हो रहा था तो टाइम भी कम था.

मैं अपनी बहन से बोला- अब कैसे होगा? ये तो जा ही नहीं रहा?
वो भी बहुत उतावली हो रही थी, तो मैं उससे बोला- अब जिस छेद में जाता है, तो जाने दो उसी में!
और मैंने उसे घोड़ी बना कर उसकी चूत के छेद में ट्राई किया लेकिन मेरा लंड बार बार फिसल कर उसकी गांड पर ही लग रहा था.
मैं उससे बोला- मेरा लंड तो बार बार कहीं और जा रहा है, क्या करा जाए?
तो वो बोली- अब जहाँ जा रहा है, इसे वहीं जाने दो.

मैंने क्रीम लेकर उसकी गांड में भर दी और अपना लंड उसकी गांड में डालने लगा. जैसे ही उसकी गांड पर अपना लंड लगाया, तो मेरा पैर फिसल गया और मैं उसकी गांड पर गिर गया जिससे मेरे लंड का टोपा उसकी गांड में उतर गया.
और वो दर्द से चिल्लाने लगी परंतु वो बाहर निकालने के लिए नहीं बोली. अब मैं अपना बॅलेन्स बना कर उसकी गांड पर धक्के मारने लगा, वो भी आगे पीछे होकर मेरा लंड अपनी गांड में खाने लगी.
उसको बहुत दर्द हो रहा था फिर भी वो मेरा पूरा साथ दे रही थी. दस बारह धक्कों में मेरा सारा माल उसकी गांड में ही छूट गया.

अब वो फिर फटाफट से मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी और लंड चूस चूस कर ही साफ कर दिया. चूस चूस कर ही थोड़ी देर में उसने मेरा लंड फिर से खड़ा कर दिया और मेरे लंड पर बहुत सारी क्रीम लगा कर उस पर ऊपर से बैठने लगी, लंड उसकी चूत में जाने लगा, वो एक साथ दर्द से चिल्लाने लगी पर रुकी नहीं और एक ही झटके से पूरा लंड अपनी चूत में उतार लिया.
अब उसकी चूत फट गई और चूत फटने से हुए दर्द से उसकी गांड फट गई. वो ऐसे ही मेरे लंड पर बैठी रही और देखने लगी कि खून की एक पतली सी लकीर मेरे लंड के ऊपर से मेरे पेट पर आ रही थी.
अब मेरी गांड फट गई खून देखा कर कि यह क्या हुआ. परंतु वो नहीं डरी और कहने लगी- डरो मत मेरी जान, आज तुमने अपनी बहन की सील खोल दी है.
अब धीरे धीरे वो ऊपर नीचे होने लगी और सब कुछ नॉर्मल सा हो गया.

अब मैंने उसे पलट कर चित लिटाया और उसके ऊपर आ गया और उसकी चूत चोदने लगा, वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी- हाय चोद दी आज तूने अपनी बहन… आहह आहह आहह… बहन की चूत फाड़ दी रे मेरे भाई ने!
मेरी भी साँसें तेज तेज चलने लगी, पूरे कमरे में उसके चिल्लाने की आवाजें गूंजने लगी, वो आनन्द मिश्रित दर्द से चीख रही थी, बोल रही थी- चोद मेरे राजा भैया, आज मुझे रंडी बना बना कर चोद दे… मुझे अपने सारे दोस्तों से चुदा दे…
अब मेरी बहन ने गालियाँ देनी शुरू कर दी- बहन के लंड… चोद दी तूने आज अपनी बहन! बन गया तू आज बहन चोद! चोद मेरी चूत अच्छे से!
उसकी साँसें तेज तेज चल रही थी और गालियाँ भी उसी स्पीड से बढ़ रही थी, वो चिल्लाने लगी- मैं जा रही हूँ… मैं गई… मैं गई!
करके वो झड़ गई… एक बहन ने अपने भाई के लंड से परम आनन्द प्राप्त कर लिया.

अब मैंने अपनी बहन की टाँगें उठाई और अपनी चोदने की स्पीड बढ़ा दी. थोड़ी देर में मैं भी अपनी चचेरी बहन की चूत में ही झर गया, वो तब तक दो बार झर चुकी थी.

मेरी बहन की चुदाई की रियल सेक्स स्टोरी पढ़ कर आपको मजा आया या नहीं, मुझे मेल करके बताएं!
आपका आकाश सिंघानिया
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