उन्मुक्त वासना की मस्ती- 8

(Bap Beti Mix Sex Kahani)

बाप बेटी मिक्स सेक्स कहानी में बेटी ने अपने पति से अपमी चुदवा दी. बाप ने अपनी सौतेली बेटी चोद दी और बहन ने अपने सौतेले भाई से चूत मरवा ली.

कहानी के सातवें भाग
लड़की के पापा ने दामाद की मम्मी को चोदा
तक आपने पढ़ा कि शालू का विवाह रवि से होने के कारण दो कामुक परिवारों की वासना को विस्तार मिलता है।

सपना अपने दामाद और समधी को अपनी वासना के जाल में उलझाकर उन दोनों से बारी-बारी से चुदवा लेती है।

शालू रवि द्वारा अपनी मां की चुदाई का बदला खुले आसमान के नीचे सुधीर से चुदवा के लेती है।

घर वापस लौटने पर सोनिया अपनी बहू शालू और अपने पति सुधीर को आपत्तिजनक अवस्था में देख लेती है।

सोनिया शालू को कह के उसके भाई संजू को बुलवाती है और उससे चुदवा के हिसाब बराबर करती है।
कुछ दिन बाद जब उसे अपनी समधन सपना द्वारा यह पता चलता है कि सुधीर सपना को भी चोद चुका है तो वह फिर सपना द्वारा उकसाने पर उसी के साथ उस के पति शेखर के पास चुदवाने जाती है।

जहां सपना और शेखर मिल के उसे ओरल सुख पहुंचा के पागल कर देते हैं। वह चीख कर शेखर को चूत में लंड डालने के लिए कहती है।

अब आगे बाप बेटी मिक्स सेक्स कहानी:

शेखर उठा और उसने सोनिया को पैरों से पकड़ कर ऊपर की ओर धकेल दिया।
सपना लगातार उसके स्तनों को सहला रही थी, निप्पलों को मसल रही थी, चूस रही थी।

शेखर ने अपना लन्ड सपना के मुंह में देख कर उसे थूक से चिकना किया।
उसके बाद फिर सोनिया के पैरों को घुटनों से मोड़ा।

सोनिया की चूत का मुंह थोड़ा खुल गया, उसकी चूत के गुलाबी होंठ दिखने लगे।
शेखर ने अपना फूला हुआ सुपारा सोनिया की चूत पर रखा और एक दमदार झटका पूरी ताकत से मारा।

लंड जड़ तक सोनिया की चूत के किनारों को रगड़ता हुआ भीतर समा गया।
तो सोनिया चिल्लाई- अरे मादरचोद जंगली कुत्ते … धीरे चोद न भेनचोद! साले आज अपनी इस समधन को तू पहली बार चोद रहा है, कोई आखिरी बार नहीं!

सोनिया के मुंह से उत्तेजक गालियां सुनकर शेखर को तो और भी जोश आया लेकिन चुदवाने वाली आखिर उसकी समधन थी इसलिए उसने फिर बड़े प्रेम से चोदना शुरू किया।

सपना सोनिया के मुंह पर बैठकर अपनी चूत चटाने लगी.
शेखर सपना के बोबे मसलता हुआ सोनिया की चूत में रुक रुक कर झटके लगा रहा था।

सोनिया हर झटके का पूरा-पूरा आनन्द उठा रही थी।

इस जीवंत पोर्न को देख कर और उसमें भाग लेकर सपना की उफनी हुई चूत में भी चरमसुख का क्षण समीप था।
उसने अपनी कमर हिला हिला कर अपनी रस छोड़ती हुई चूत को सोनिया के मुंह पर जल्दी-जल्दी रगड़ना शुरू कर दिया।

अचानक शेखर के धक्कों में भी तेजी आ गई, उसने गालियों की बौछार के साथ में जंगली अंदाज में सोनिया की चूत में रगड़े लगाने शुरू किये।

सोनिया बदहवास सी उसके रगड़ों का जवाब दे रही थी।
उसकी एकाधिक बार चरमसुख का आनन्द ले चुकी, फड़कती चूत और तेजी से फड़कने लगी।

इसी समय सपना की चूत ने भी ऑर्गेज्म का आनन्द ले लिया।
सपना की चूत का रस सोनिया के मुंह में टपक रहा था और सोनिया अपने होंठों से उस रस को चाट रही थी।

सपना को एक शरारत सूझी, उसने दम लगाकर मूत्र की कुछ बंदे भी चूत के आगे हाथ लगाकर सोनिया के मुंह में टपका दी।

सोनिया की चूत में स्पंदन मंद भी नहीं हुआ था कि शेखर ने एक तेज आवाज के साथ चूत की गहराई में अपने लंड से वीर्य का ज़खीरा कई किश्तों में खाली किया और निढाल होकर सोनिया पर गिर पड़ा।

चरम सुख प्राप्ति के बाद तृप्त सोनिया ने शेखर और सपना को अपनी बांहों में जकड़ लिया।
पहले संजू फिर शेखर दोनों के लंड लेकर सोनिया ने आज अपना आनन्ददायक प्रतिशोध पूरा कर लिया था।

तीनों एक दूसरे से लिपटे चिपटे बातें कर रहे थे कि दोनों परिवारों की सोच कितनी सैक्सी और व्यावहारिक है।
ऊपर वाले ने कितना सुंदर दोनों परिवारों में संबंध स्थापित किया है, किसी को पाखंड रचने की आवश्यकता नहीं है।

दोनों परिवार जीवन के हर दिन का, हर दिन के हर पल का, आनन्द लेना चाहते हैं और जहां तक सम्भव हो सकता है लेते भी है।

एक राहत भरी नींद निकालने के बाद सोनिया सेमल की रूई सी हल्की होकर अपने घर लौटी.
जहां सुधीर ने पूछा- कैसी रही आज की चुदाई?
सोनिया ने जवाब दिया- बहुत मस्त रही। नया लंड आखिर नया होता है। पतिदेव का लंड कितना भी लंबा, कितना भी मोटा हो पर जब पराए मर्द का लंड, चूत में जाता है तो अनोखी सनसनी मिलती है।

यूं ही कुछ दिन गुजर गए.

फिर एक बार की बात है कि सपना को रवि की और शेखर को शालू की याद आने लगी।

रवि को भी शालू की मां चोदे हुए बहुत दिन हो गए थे।
उसका लंड भी अपनी सास सपना की चूत की कामाग्नि मैं झुलसना चाह रहा था।

उसने शालू से बात की और उसे छेड़ते हुए कहा- यार बहुत दिन हो गए, तेरी मां चोदनी है।
शालू उसकी बात पर मुस्कुरा उठी, पुराने सारे हिसाब तो बराबर हो चुके थे, उसको भी अपने बाप और भाई के लौड़े याद आ रहे थे, जिनके कारण वह शादी से बच रही थी।

उसने शरारत से कहा- चल यार चलते हैं, हम दोनों का थोड़ा स्वाद परिवर्तन हो जाएगा।

शालू ने अपनी मम्मी को कॉल किया और रवि की इच्छा से अवगत कराया।
सपना के शरीर में भी गुदगुदी होने लगी उसने कहा- मैं तो स्वयं तुझे फोन लगाने वाली थी। आ जाओ, मस्ती करेंगे।

रवि ने अलग से सपना को कॉल किया और कहा- सासू मां, बहुत दिन हो गए, मेरा लंड तुम्हारी चूत में घुसने के लिए बेचैन है, तुम्हारी चुदाई करनी है, हम दोनों वहां आ रहे हैं।
इस पर सपना ने कहा- आ जा मेरे लाल, मेरी चूत भी तेरे लंड के लिए फड़फड़ा रही है साली! और शेखर तो कह भी रहा था कि यार शालू को बुला न उसको चोदने का बहुत मन हो रहा है।

रवि शालू को लेकर अपने ससुराल आया।
सपना और शेखर ने उन दोनों को गर्मजोशी से गले लगाकर उनका स्वागत किया।

शेखर गले लगाते हुए शालू के स्तनों को छेड़ना नहीं भूला और रवि ने तो सपना के बूब्स को दबाते हुए उसके होंठों पर एक दीर्घ चुम्बन अंकित कर दिया।

उसके बाद शालू को सपना ने आंख मार कर कहा- शालू, इस बार तो तू बहुत दिनों में आई है। तेरा बेडरूम तेरी और तेरे बाप की कामक्रीड़ा देखने के लिए उत्सुक है। मैं रवि को लेकर हमारे कमरे में जा रही हूं।

शालू ने कहा- ठीक है मम्मी, तुम रवि को निचोड़ो, मैं पापा के साथ मजे लूटती हूं।

शेखर पहले ही शालू के बेडरूम की ओर बढ़ चला।

सपना और रवि जैसे ही बेडरूम में आए, दोनों एक दूसरे से लिपट के दीवानों की तरह एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे।

उसके बाद रवि ने सपना के स्कर्ट टॉप उतारे।
सपना ने चुदाई की पूर्व तैयारी में उनके अंदर और कुछ नहीं पहन रखा था। वह रवि के सामने पूरी तरह नंगी खड़ी थी.

रवि ने सपना के मांसल अंगों, उसके स्तनों और कूल्हों को दबा दबा के खूब मजे लिए।
रवि का लंड तन्नाने लगा।

उसके बाद रवि पलंग पर बैठ गया और सपना को अपने सामने खड़ा कर लिया उसके चूतड़ पकड़ के अपनी ओर खींचा और उसके दोनों मम्मे मसल मसल के चूसने लगा।

जब वह एक स्तन चूसता तो दूसरे स्तन की निप्पल को उमेठता रहता. फिर जब दूसरा स्तन चूसता तो पहले स्तन की निप्पल को अपने अंगूठे और तर्जनी में लेकर ऐसे दबाता जैसे उसमें से दूध निकलने वाला हो।

सपना की चूत गीली होने लगी.
उसने रवि को उठाया और उसकी जींस उतार दी.

उसने अंडरवियर तो पहनी नहीं थी क्योंकि उसको भी मालूम था कि वह सासू मां को चोदने जा रहा है और जाते ही चोदने के लिए अंडरवियर तो उतारनी पड़ेगी।

सपना ने रवि को फिर पलंग पर बिठाया और खुद घुटनों के बल हो कर उसका मांसल लंड चूसने लगी.
किंतु ऐसी स्थिति में वह पूरा लन्ड नहीं चूस पा रही थी इसलिए उसने रवि को लिटा दिया।

सपना ने रवि के आंड से लेकर टोपे तक जुबान की नोक से उसके लंड की मालिश करी।

बीच बीच में रवि का लंड का मोटा सुपारा मुंह में लेकर उसके चारों ओर जुबान फिरा फिरा कर सपना ने रवि को मस्त कर दिया।

रवि के मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं।
उसे पता था कि सपना को अपने नाम के स्थान पर सासू मां सुनना अच्छा लगता है इसलिए सिसकारियों के बीच वह कह रहा था- ओह सासू मां … मेरी सैक्सी सासू मां!

सपना अपने दामाद के मुंह से सासू मां सुनकर अपनी नस-नस में सनसनी अनुभव कर रही थी।
वह और मजे ले लेकर रवि के लंड को अपनी जुबान की मालिश से मगन करने लगी।

रवि का लंड करीब करीब पूरा आकर ले चुका था।
सपना ने रवि के लंड को हाथ से फेंटते हुए चूसना शुरू किया.

मुश्किल से 1 मिनट लगा होगा, लंड एकदम स्टील की रॉड जैसा कड़क हो गया।
उसके बाद में सपना ने चित लेटे रवि के लंड को अपने हाथ से पकड़ के सीधा किया फिर उस पर सवार होकर उसको चोदना शुरू किया।

रवि को शालू से ज्यादा मज़ा सपना के साथ आ रहा था।
शालू को तो वह आए दिन चोदता ही रहता है, सपना आज बहुत दिनों बाद पकड़ में आई थी।
रोज पनीर खाने वाले को कभी-कभी घी में बघारी हुई सादी दाल भी बहुत स्वादिष्ट लगती है।

इसी प्रकार कम उम्र की कच्ची कली सी शालू को विवाह पश्चात प्रतिदिन नियमित रूप से रगड़ने के कारण आज उसकी खिले फूल सी मां की चूत में अपने लंड को घुसाने का, उसको एक अलग ही आनन्द मिल रहा था।

वैवाहिक जीवन में तो कई बार यह भी होता है कि मर्द का लंड खड़ा होता है, चोदने का मन भी करता है पर इच्छा यह होती है कि कोई नई चूत मिले।

उसकी अपनी बीवी की चूत में लंड डालने का बिल्कुल मन नहीं करता।
लेकिन बेमन से, ना चाहते हुए भी उसको चोद कर अपनी ड्यूटी निभानी पड़ती है।

सपना रवि के लंड को अपनी चूत में घुसाए कमर को तरह-तरह के मूवमेंट के जरिए हिला रही थी और रवि के लंड में रुक रुक के सनसनी उत्पन्न कर रही थी।
रवि के हाथ लगातर उसके स्तनों को मथ रहे थे।

सपना की चूत भी रवि के लंड की रगड़ के कारण बहुत तेजी से रिस रही थी.
इस कारण एक दो बार रुक कर, सपना ने गीले हो चुके लंड और चूत को नैपकिन से साफ भी किया।

सपना लगातार उछल उछल के रवि के लंड के मजे ले रहे ले रही थी.
रवि भी ‘वाह सासू मां … गज़ब सासू मां …’ बोलता हुआ कमर उछाल उछाल के सपना की चूत को आनन्द देने का भरसक प्रयत्न कर रहा था।

सपना की चूत में पूरा लंड सुपारे से लेकर जड़ तक अंदर बाहर हो रहा था.

वह भी प्रत्युत्तर में बोलने लगी- आज तेरे को चोदने में मेरी इस लंडखोर चूत को बहुत आनन्द आ रहा है। मेरे प्यारे दामाद का मजबूत लन्ड, अपने भीतर पाकर, उसके रगड़ों से मेरी चूत आज बहुत प्रसन्न हो रही है।

बीच बीच में सपना कुछ देर ठहर कर अपनी ऊर्जा को एकत्र करती और फिर अपनी कमर को हिला हिला के रवि के साथ मस्ती के हिंडोलों में झूलने लगती।

सपना ‘वुमन ऑन टॉप पोजीशन’ में रवि के दमदार लौड़े पर सवार होके चुदाई करवा रही थी.
आधा घंटे तक चुदाई का मजा लेने के बाद सपना रुक कर संजू के सीने पर सिर रख के सांस लेने लगी।

तभी सपना के मुंह से एक चीख निकल गई.
उसके बेटे संजू ने अचानक पीछे से आकर उसकी गांड में अपना कड़क लंड डाल दिया था।

सपना एकदम ज़ोर से चिल्ला पड़ी- अरे मादरचोद संजू, एक लंड तो पहले से ही मेरी चूत में है, तेरे को भी अभी अपना लन्ड मेरी गांड में घुसेड़ने की ऐसी क्या जल्दी थी कमीने? तू तो मेरी गान्ड कभी भी मार सकता है न गंडमरे? संजू ने कहा- हां, कभी भी मार सकता हूं लेकिन मुझे भी तो रवि के लंड का अहसास अपने लंड को दिलवाना है।

वह आगे बोला- फिर क्या तुम भूल गई? तुमने ही तो कहा था कि तुम हम दोनों के लंड एक साथ अपनी चूत और गांड मे लेना चाहोगी. जब मेरे सामने तुम्हारी सुडौल गांड मुझे आमंत्रित कर रही हो तो मैं यह सुनहरा अवसर कैसे जाने देता?

रवि भी संजू की बातें सुन कर जोश में आ गया।
फिर संजू और रवि ने मिलकर सपना को एक घंटे तक रुक रुक के, आसन बदल बदल के रगड़ा।

थ्रीसम वाले खेल में जी भर के दो लंड के मजे लेने के बाद, जब चरम सुख का क्षण आया तो सपना चिल्लाई- अब जोर से रगड़ दो मेरे लाड़लो!

उसके बाद रवि और संजू ने सपना की चूत और गांड में गालियों भरे जोश के साथ बारी-बारी से अपने लंड के दमदार रगड़े लगाने शुरू किये।

रवि चूत में धक्का मारता हुआ बोला- ले मेरी चुडक्कड़ सासू मां!
तो सपना जवाब देती- हां, कस के चोद मेरे हरामी बेटे!

संजू सपना की गांड में पूरा लुंड घुसेड़ते हुए कहता- ले मेरे लन्ड के रगड़ों के मजे ले, गंडमरी मम्मी!
तो सपना जवाब देती- जरा अच्छे से रगड़ दे न गांडू!

रवि ने पुनः धक्के लगाते हुए कहा- तू बहुत बड़ी गर्म कुतिया है स्साली!
सपना ने कहा- तभी तो दो दो कुत्ते एक साथ नोच रहे हैं मुझे!

संजू ने कहा- बहुत मजा आ रहा है तेरी गांड मारने में मादरचोद!
इस पर सपना बोली- तुम दोनों के लौड़ों में भी बहुत आनन्द भरा हुआ है मेरे बच्चो!

बहुत देर तक तीनों उत्तेजक गालियों के साथ चुदाई के इस मस्ती भरे खेल का मजा लेते रहे और थ्रीसम के चुदाई संग्राम में तीनों आनन्द की चीत्कारों के साथ करीब करीब एक साथ झड़े।

सपना को दोनों लौड़ों की नसों के फड़कने का अनुभव हो रहा था तो दोनों लौड़ों को भी सपना की चूत में हो रही हलचल महसूस हो रही थी।

रवि और संजू दोनों ने अपने अपने लन्ड सपना के जिस्म में तब तक दबाए रखे जब तक दोनों के लंड नर्म पड़ के स्वतः ही बाहर नहीं आ गए।

तीनों के लिए आज का यह अनुभव, सुखकारी और अविस्मरणीय था।

सपना ने एक नैपकिन को लंगोट की तरह अपनी गांड और चूत पर लगा लिया।

उसके बाद तीनों चरमसुख की अनुभूति लेते हुए संतुष्टि भरी नींद में सो गए।

आइए देखते हैं जब शालू अपने बेडरूम में जाती है तो क्या होता है?

शालू जब अपने बेडरूम में प्रवेश करती है तो देखती है कि बेड और कमरा खाली है, शेखर वहां नहीं है।

वह जाकर बाथरूम का दरवाजा खोलती है इतने में शेखर उसका हाथ पकड़ कर उसे बाथरूम में खींच लेता है।

बाथरूम के अंदर शेखर पूरी तरह नंगा होकर शॉवर बाथ ले रहा था।
शालू भी शॉवर में भीगने लगती है, उसका टॉप और उसकी स्कर्ट उसके बदन से भीग कर चिपक जाती है।

किसी भी औरत की कामुकता सबसे अधिक भीगे कपड़ों में ही उभर के आती है जब उस के सारे आकर्षक उभार, अर्ध पारदर्शी होकर दिखाई देते हैं।

औरत को पूरी नंगी देखने में वह नयनसुख नहीं मिलता जो तब मिलता है जब उसके कपड़े गीले होकर उसके अंग प्रत्यंग से चिपक जाते हैं।

उस पर शालू ने न तो ब्रा पहनी हुई थी ना पैंटी!
इस समय वह वासना की ऐसी देवी लग रही थी जिसने अपने चोदू भक्त का लंडरस निचोड़ने की ठान रखी हो।

शेखर ने उसको अपनी बाहों में कस रखा था और उसके होंठों को चूमते हुए उसके बूब्स और उसके चूतड़ दोनों पर अपने हाथ फेर रहा था।

बाप का लंड अब बेटी शालू के चिकने, गदराए शरीर में घुसना चाह रहा था।
उसने शालू का गीला टॉप उतार फेंका।

शालू का टॉप उतार कर पुनः उसके बूब्स से खेलते हुए उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उन्हें चूसने लगा।

उसके बाद उसने शालू की स्कर्ट ऊपर की और अपने लंड को उसकी चूतड़ों के बीच में रखकर उसके स्तनों को सहलाने लगा।

जब शेखर का लन्ड तन्नाना शुरू हुआ तो उसने शालू को टॉयलेट सीट पर बैठा दिया और जैसी कि हर मर्द की इच्छा होती है कि औरत उसका लन्ड चूसे.
शेखर शालू के सामने अपने लन्ड को हिलाने लगा।

उसके बाद अपने लन्ड पर निकल आए प्रीकम को उसने शालू के होंठों पर लगाकर लन्ड को ऐसे फिराया जैसे कि उसके होंठों पर लिपस्टिक लगा रहा हो।

शालू ने अपने होंठों पर जुबान फिराते हुए शेखर के प्रीकम का स्वाद लिया फिर शेखर के लन्ड के सुपारे को अपनी मुखलार से तर करके जुबान को गोल-गोल घुमाने लगी।

बाप बेटी मिक्स सेक्स का सोच कर शेखर के लन्ड में सनसनी होने लगी, उसने शालू के मुंह में लन्ड को थोड़ा अंदर घुसेड़ के धक्के लगाने शुरू कर दिए।

मेरी कहानी के कामातुर पाठक पाठिकाओ, मुझे पूरा विश्वास है कि मेरी कहानी ने अब तक आप सब की वासना को जगा के, अंग अंग में आग भरी होगी.

अभी कहानी का चरम आना बाकी है, पढ़िए, मजा लीजिए और अपनी प्रतिक्रिया भेजिये.
मैं जवाब अवश्य दूंगी।
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बाप बेटी मिक्स सेक्स कहानी का अगला भाग: उन्मुक्त वासना की मस्ती- 9

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