अपनी आपा के बच्चों का बाप हूँ मैं
(Bahan Chod Ki Kahani)
मैं बहन चोद हूँ इस कहानी में! मेरी आपा ने मुझे बहन चोद बनाया मेरा लंड अपनी चूत में लेकर! इस रिश्ते का परिणाम क्या हुआ?
दोस्तो, मैं इस बहन चोद सेक्स कहानी को शुरू करने से पहले आपको अपने बारे में बता देता हूँ.
मेरा नाम यामीन है. मैं मुम्बई के अंधेरी ईस्ट में रहता हूँ. यहां हमारा चार कमरे का फ्लैट है.
मेरी उम्र 35 साल है. मैं एक मॉडल हूँ. नियमित रूप से कसरत करने से मेरा जिस्म काफी कड़ियल है. सिक्स पैक एब्स हैं.
मेरी बहन शनाया की उम्र 44 साल है. उसका 36-28-38 का फिगर है.
इस उम्र में भी वो किसी मॉडल से कम नहीं लगती है. उसका फिगर एकदम नताशा की तरह है. बड़ी बड़ी चुची, एकदम मोटी और उठी हुई गांड.
वो एकदम चब्बी माल है. उसे देख कर किसी बेजान लंड में भी जान आ जाए.
मैं और आपा एक दूसरे को बहुत प्यार करते हैं. जब हम दोनों छोटे थे, तब ही हमारे अम्मी अब्बू की मृत्यु हो गयी थी.
तब से मेरी अम्मी अब्बू, भाई, बहन सब आपा ही थी.
आपा के दो बच्चे हैं. एक बेटी परी 19 साल की और एक बेटा राशिद उसी की उम्र का था, क्योंकि वो दोनों जुड़वां थे.
असल में मेरे भाँजा और भाँजी हमारे मतलब मेरे और शनाया आपा के बच्चे हैं.
जब आपा 24 साल की थीं, तब उनकी शादी हो गयी थी. पर दो महीने बाद ही जीजाजी की मौत हो गयी थी. चूंकि जीजाजी अनाथ थे, इसलिए उनके मौत के बाद आपा मेरे साथ रहने लगी थी.
फिर करीब 19 साल बाद वो दिन आने वाला था, जो हम चाहते थे कि कभी न आए.
कल हम दोनों, राशिद और परी को सच्चाई बताने वाले थे कि मैं उनका मामा नहीं बल्कि पापा हूँ.
हमने ये तय किया था कि जब वो 18 साल के हो जाएंगे तब हम उन्हें सच्चाई बता देंगे.
अब तक मैंने और आपा ने अपने इस नाजायज बहन चोद रिश्ते को सभी की नजर से बचा कर रखा था.
आज रात के करीब 2 बज चुके थे.
बच्चे सो रहे थे.
हम दोनों भाई बहन बालकनी में बैठे हुए थे.
सामने दारू से भरे पैग रखे थे और हम दोनों सिप कर रहे थे.
मैं एक सिगरेट सुलगा कर कश ले रहा था.
मेरी आपा ने इस वक्त एक साड़ी पहनी हुई थी और वो अपने पैग को होंठों से लगाई हुई थीं.
सिप लेने के बाद उन्होंने गिलास को तिपाई पर रखा और मेरे हाथ से सिगरेट ले ली.
एक भरपूर कश लेकर आपा ने धुंआ बाहर को उड़ाया और मेरी आंखों में देखने लगीं.
आने वाले कल को लेकर आपा बहुत घबराई हुई थीं कि सच जानने के बाद बच्चे कैसा रिएक्ट करेंगे.
आपा भरे हुए गले से बोलीं- यामीन, कल यदि सच जानने के बाद राशिद और परी गुस्सा हो गए तो?
मैं- आपा, वो दोनों हम दोनों से बहुत प्यार करते हैं और आखिर कब तक उनसे हम ये सच छुपाएंगे. मुझसे ये छुप छुप कर प्यार करना अब और नहीं होगा. अब मैं आपको अपनी बीवी बना कर रखना चाहता हूँ.
ये कह कर मैंने आगे बढ़ कर आपा को चुप कराया और उन्हें अपने सीने से लगा लिया.
आपा कुछ देर बाद शांत हो गईं.
अब आपा उठ कर मेरी गोद में बैठ गईं और हम दोनों एक दूसरे से लिपटे रहे.
मैं आपा के होंठों को चूसने लगा.
हम दोनों ने इसी पोजीशन में बैठ कर अपने अपने पैग खत्म किए.
आपा ने कहा- एक एक और बना.
मैंने कहा- तीन तीन हो गए हैं. अब रहने दो.
आपा बोलीं- नहीं, आज मन कर रहा है. मेरी हिम्मत काम नहीं कर रही है.
मैंने कहा- ओके … बनाता हूँ.
मैंने एक एक पैग और बनाया और हम दोनों पीने लगे.
मेरा नशा बढ़ गया था और मेरा चेहरा आपा के चूचों के पास था, मैंने हल्के से एक चूची में दांत गड़ा दिया.
आपा- उई … हट बदमाश कहीं का.
फिर हम दोनों हंसने लगे.
मैं आपा के होंठों के चूसने लगा.
हम दोनों अपनी जीभ को एक दूसरे के मुँह में लड़ा रहे थे.
करीब पंद्रह मिनट तक हम एक दूसरे को चूसते रहे.
मैंने आपा को अपनी गोद में उठाया और अपने कमरे की तरफ जाने लगा.
आपा मुस्कुराती हुई धीरे से बोलीं- आज नहीं.
मैं आपा की तरफ देखते हुए मुस्कुरा दिया.
आपा समझ गईं कि मैं बिना उनकी चुदाई किए नहीं मानने वाला.
वो बोलीं- साला मानेगा नहीं, कमीना है पूरा!
मैंने कहा- जब मालूम है तो कहती ही क्यों हो!
मैंने कमरे में आकर आपा को बेड पर लिटा दिया.
आपा- पहले जाकर दरवाजा बंद कर … बच्चे सो रहे हैं.
मैं दरवाजा बंद करके आपा के ऊपर चढ़ गया और आपा को अपनी बांहों में भर लिया.
आपा मेरा चेहरा पकड़ कर पागलों की तरह चूमने चाटने लगीं.
मैं आपा के चुचे दबाए जा रहा था.
मैंने आपा के होंठों को अपने दांतों से काटना शुरू कर दिया.
कुछ ही पलों में आपा अब एकदम गर्म हो चुकी थीं.
उन्होंने मेरी टी-शर्ट उतार दी और पागलों की तरह मेरी मर्दाना छाती को चूमने और काटने लगीं.
वो जींस के ऊपर से ही मेरा लंड सहलाए जा रही थीं जो कि पहले से ही अपने विकराल रूप में आ चुका था.
मेरा लंड पूरा आठ इंच का एकदम तन चुका था.
मैंने आपा से कहा- अब और देर न करो. अपने रसीले होंठों में भर लो मेरे लंड को!
उन्होंने भी एक आज्ञाकारी बीवी की तरह मेरा जींस उतार दी और एक ही बार में पूरा लंड अपने मुँह में भर लिया.
वो पागलों की तरह लंड चूसने लगीं.
मैं भी आपा का सर पकड़ कर उनके मुँह की चुदाई करने लगा.
वो अपनी जीभ को मेरे लंड के टोपे पर ऐसे घुमा रही थीं कि मैं पागल हुए जा रहा था.
मैं कभी अपने लंड को उनके गालों में रगड़ता, तो कभी उनके गले में पूरा लौड़ा उतार देता.
उनकी सांस अटक रही थीं.
इतने साल से चुदते-चुदते आपा मेरी हर नब्ज से वाकिफ हो गई थीं.
वो भी हमेशा की तरह जोर-शोर से मेरा साथ दे रही थीं.
उन्होंने मेरे लंड को चूस चूस कर पूरा गीला कर दिया था.
मेरी बहन मेरे लंड को चूसते समय मेरे आंड भी मस्ती से चूसती हैं.
कुछ देर लंड चुसवाने के बाद मैंने उन्हें नीचे से उठाया और पूछा- आज कैसे चुदना चाहती हो मेरी प्यारी आपा?
तब आपा ने कहा- जैसे तेरा मन है वैसे चोद ले, कौन सा तू और तेरा लंड मेरी सुनने वाला है.
मैंने आपा को पैर फैला कर लेट जाने को कहा.
उन्होंने भी वैसा ही किया.
मैं अब उनकी मोटी मोटी जांघों को चाटने लगा. मैं उनके कपड़े उतारने लगा.
आपा ने रोक दिया.
उन्होंने कहा- आज साड़ी उतारे बिना ऐसे ही उठा कर कर चोद ले.
मैंने हंसते हुए कहा- आप और आपकी फैंटसी कभी खत्म ही नहीं होतीं.
वो बोलीं- हां आज दिन में मैं एक इन्डियन ब्लू-फिल्म देख रही थी.
उसमें साड़ी में चुदाई बड़ी मस्त लग रही थी.
मैं आपा की बड़ी बड़ी चुचियों को चूसने लगा.
वो चुदने के लिए पूरी गर्म हो चुकी थीं.
मैं साड़ी के अन्दर हाथ डाल कर आपा की चूत को सहलाने लगा.
आपा की चूत पहले से ही पूरी गीली हो चुकी थी.
मेरी आपा की चूत पूरी गुलाबी है.
मैं अपनी उंगली उनकी चूत में अन्दर बाहर करने लगा और इधर उनके होंठों को चूसने लगा.
आपा के मुँह से मादक सिसकारियां निकलने लगीं.
हम दोनों से अब रहा नहीं जा रहा था.
मैंने आपा की साड़ी उनकी क़मर तक उठा दी.
अब आपा ने गाली देते हुए कहा- बहनचोद, अब देख क्या रहा है … डाल ना अन्दर अपना लंड भोसड़ी के!
आपा की बहुत सारी फैंटेसी में से एक ये भी था कि चुदते वक्त वो गंदी गंदी गालियां देती थीं.
मैं अपना लंड आपा की चूत पर रगड़ने लगा.
वो और ज्यादा पागल होने लगीं- बहन चोद साले, डाल न अन्दर … अपना लंड … आंह चूत आग उगल रही है.
मैं मुस्कुराते हुए बोला- डाल रहा मेरी प्यारी आपा … जल्दी क्या है!
मेरे गाल पर जोर से थप्पड़ मारती हुई आपा बोलीं- साले भैन के लंड, यहां मेरी चूत पानी पानी हो रही है और इस रंडीजने को मस्ती सूझ रही है. डाल जल्दी मादरचोद.
आपा हमेशा से मेरे साथ डोमिनेंट थीं.
मैंने भी आपा के गुस्से को और ना बढ़ाते हुए एक ही बार में पूरा लंड डाल दिया.
उनके मुँह से हल्की चीख निकली पर इतने दिनों से चुदते चुदते वो भी अब मुझे झेलना सीख गई थीं.
मैं जोर जोर से आपा को चोदने लगा और उनके बड़े बड़े चुचों को काटने लगा.
आपा- अह आह उम्म आआ हह ऊऊऊ चोद ले आह मेरे प्यारे भाई चोद अपनी बहन को … मैं 18 साल से तेरी रंडी हूँ … आंह फाड़ डाल चूत … आहह हहह हां और जोर से पेल कुत्ते.
मैं- हां चोद ही तो रहा हूँ साली … तुझे इतना चोदने के बाद भी हमेशा चोदते रहने का मन करता है. तू सिर्फ मेरी रांड है कुतिया … आंह ले लंड खा.
मैं लगातार धक्के लगाए जा रहा था.
फिर मैंने आपा की दोनों टांगों को अपने कंधे पर रखा और पूरा जोर लगा कर चोदने लगा.
पूरा कमरा पच पच की आवाज से गूंज रहा था.
आपा- उम्म अबे साले कुत्ते धीरे चोद मादरचोद … कल के बदले आज ही बच्चों को सारे राज बताएगा क्या!
मैं- अब पता चल ही जाने दो कि उनके मामू ने ही अपने बहन के पेट में अपना बीज़ डाला था.
मैंने धक्के और तेज़ कर दिए.
अब आपा चिल्लाने लगीं- प्लीज धीरे कर … सहा नहीं जा रहा. अब वो उम्र नहीं रही … जो चाहे जैसे झेल लेती थी. प्लीज धीरे पेल आहहह मम्मी मार दिया रे.
ये बोलते हुए उनका पानी निकल गया.
पर मेरा लंड अभी भी टाइट था.
मैं बिना रुके अपनी प्यारी बहन को चोदे जा रहा था.
आपा पूरी तरह से मुझसे चिपक गई थीं, उनके मुँह से बस कुछ ही शब्द निकल रहे थे- आंह भाई ओ भाई हां भाई चोद आह आह आह.
लगातार धक्के लगा लगा कर मेरा भी पानी निकलने वाला था.
मैंने अपना लंड निकला और आपा के मुँह में दे दिया.
आपा पूरा जोर लगा कर लंड चूसने लगीं.
एक मिनट बाद मेरा गर्म गर्म लावा आपा के मुँह में निकल गया और उसे वो एक अच्छी बीवी की तरह पी गईं.
मैं आपा से चिपक गया.
मेरी नज़र घड़ी पर पड़ी तो पांच बज गए थे.
मैंने आपा को लिपकिस किया और कपड़े पहनने लगा.
आपा अभी भी अपना मुँह साफ कर रही थीं.
आपा- अब आज क्या होगा, पता नहीं!
मैं- जो भी होगा, देखा जाएगा. तुम थोड़ी देर सो जाओ.
मैं अपने कमरे में आ गया.
उम्मीद है कि आपको बहन की चुदाई की देसी सेक्स कहानी पसंद आई होगी.
मैं अगली कहानी में बताऊंगा कि क्या मेरे भांजी और भांजे ने मुझे अपना पापा माना या नहीं. क्या हम भाई बहन का शौहर बीवी होने का सपना पूरा हुआ या नहीं.
आप मुझे मेल करें कि आपको यह बहन चोद कहानी कैसी लगी?
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