बड़ी बहन की कुंवारी चूत चोदने की ललक -3

(Badi Bahan Ki Kunvari Chut Chodne Ki Lalak-3)

चोदन कहानी का पहला भाग : बड़ी बहन की कुंवारी चूत चोदने की ललक-1
चोदन कहानी का दूसरा भाग : बड़ी बहन की कुंवारी चूत चोदने की ललक-2

लगभग ग्यारह बजे मम्मी घर से चली गई। रोहन मम्मी को छोड़ने गया तब तक पायल ने चुदाई की तैयारी की। पंद्रह मिनट में ही रोहन वापिस आ गया, आते ही उसने पायल को थोड़ा जोर से आवाज दी- मेरे कमरे में आना!
सुनते ही सोनम के भी कान खड़े हो गए।

‘आ रही हूँ भाई… वैसे भी मुझे कल वाला चेप्टर दुबारा पढ़ना है आपसे!’
सोनम को अब यकीन हो गया कि मम्मी की गैर-मौजूदगी का रोहन और पायल अब फायदा उठाने वाले हैं।
उधर पायल अपनी किताबें सोनम के कमरे से उठा कर रोहन के कमरे की तरफ चल दी। प्लान के मुताबिक़ रोहन ने पायल को अन्दर लिया और दरवाजा बंद करके कुण्डी सिर्फ इतनी लगाईं कि अगर कोई थोड़ा जोर से दरवाजा खोले तो दरवाजा आसानी से खुल जाए।

कमरे में आते ही रोहन ने पायल को चूमना शुरू कर दिया और उसकी मस्त चुचियों को मसलना शुरू कर दिया। पायल की मस्ती भरी सिसकारियाँ कमरे में गूंजने लगी।

सोनम भी दबे पाँव रोहन के कमरे के दरवाजे पर आ गई और कान लगा कर अन्दर की बातें सुनने लगी, अंदर से आती सिसकारियों की आवाज सुन कर सोनम की चूत में हलचल होने लगी, एक बार तो उसके मन में आया कि वो दरवाजा खोल कर अन्दर जाए और उन्हें यह काम करने से रोके… पर फिर सोचा कि अभी तो पायल अन्दर गई ही है, पहले वो कुछ करने लगे तभी पकड़ने का फायदा है।

उधर अन्दर रोहन पायल को नंगी कर चुका था और पायल ने भी रोहन को नंगा कर दिया था, रोहन पायल की चूचियों को मुँह में भर भर कर चूस रहा था और पायल जोर जोर से आहें भरते हुए रोहन के लंड को पकड़ कर मसल रही थी।
जोर जोर से आहें कुछ तो मस्ती के कारण निकल रही थी कुछ सोनम को सुनाने के लिए थी।

पांच मिनट के बाद रोहन ने पायल को बिस्तर पर लेटाया और उसके मुँह में अपना लंड डाल दिया और खुद पायल की टपकती चूत चाटने लगा।
सोनम से अब सब्र नहीं हो रहा था तो उसने दरवाजे को धकेला तो कुण्डी लगी होने के कारण दरवाजा नहीं खुला तो उसने गुस्से में जोर से दरवाजे को धक्का दिया तो दरवाजा एकदम से खुल गया और सोनम एकदम से कमरे में आकर गिरी।

अन्दर का नजारा देख कर सोनम पूरी तरह से हिल गई… कमरे में पायल रोहन का लंड चूस रही थी और रोहन पायल की चूत!
सोनम को देख कर पायल और रोहन एक दूसरे से अलग हुए और डरने का नाटक शुरू कर दिया, पायल ने सोनम के पाँव पकड़ लिए रोहन भी हाथ जोड़ कर किसी को ना बताने की मिन्नतें करने लगा।

पायल या रोहन दोनों में से किसी ने भी अपने आप को ढकने की कोशिश तक नहीं की थी।
रोहन का लंड जो अपनी बहन की चूत चोदने की ख़ुशी में तन कर खड़ा था, अब बिल्कुल सोनम की आँखों के सामने था। सोनम ने असली लंड पहली बार इतनी नजदीक से देखा था। लंड देखते ही सोनम की जैसे नजर ही चिपक गई रोहन के लंड पर… उसका गला सूखने लगा था, वो कुछ बोल ही नहीं पा रही थी।

‘तुम्म्म्म दोनों यह क्या कर रहे हो… तुम दोनों को बिल्कुल भी शर्म नहीं आई… बहन भाई होते हुए आपस में ये… ये सब करते हुए..?’ सोनम ने थूक से गला गीला किया और उन दोनों को धमकाते हुए बोली।

पर रोहन और पायल तो पहले से ही इस सब के लिए तैयार थे, रोहन ने सोनम की टाँगें पकड़ कर माफ़ी मांगने का नाटक करना शुरू कर दिया।
वैसे टाँगे पकड़ना तो सिर्फ एक बहाना था वो तो टांगों से शुरू होकर सोनम की चूत तक का सफ़र करने का प्लान बनाए बैठा था, माफ़ी मांगते मांगते रोहन ने सोनम की टांगें सहलानी शुरू कर दी- दीदी… प्लीज आप यह बात किसी को मत बताना… हम ये सब दुबारा नहीं करेंगे…’

पायल सोनम के सामने बेड पर अपनी टाँगें चौड़ी करके बैठी थी ताकि सोनम को पायल की चूत साफ़ नजर आ जाए।
तीर निशाने पर था… सोनम की नजर भी पायल की चूत पर गई और दिमाग घूम गया कि छोटी सी चूत रोहन का इतना मोटा लंड आखिर लेती कैसे होगी।

कहानियाँ पढ़ कर सोनम की चूत में भी चुदाई की कुछ कुछ इच्छा तो होने ही लगी थी पर वो डरती थी बस इसीलिए अब तक उसकी चूत कुंवारी थी।
टांगें सहलाते सहलाते अचानक रोहन ने सोनम की चूत को अपनी मुट्ठी में पकड़ लिया। सोनम का ध्यान इस तरफ बिल्कुल भी नहीं था।
इस अचानक हुए हमले से सोनम उछल पड़ी, चूत पर पहली बार किसी मर्द का एहसास कैसा होता है यह उन सब लड़कियों और औरतों को पता है जो लंड का मज़ा ले चुकी है।
सोनम भाग कर कमरे से जाने लगी तो रोहन ने उसका रास्ता रोक लिया और थोड़ी जबरदस्ती से सोनम को पकड़ कर उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए।

सोनम कसमसाई पर रोहन की मजबूत पकड़ से छुट नहीं पाई, वो चिल्ला भी नहीं सकती थी क्यूंकि उसके होंठ तो रोहन ने अपने होंठों से बंद कर दिए थे।
जवानी का पहला चुम्बन और वो भी सगे भाई के साथ, ये सब सोनम की चूत को गीला करने के लिए बहुत था।

लगभग पांच मिनट तक रोहन ने अपने होंठ सोनम के होंठों से नहीं हटाये।
पायल भी उनके पास आई और उसने भी सोनम की कड़क चूचियों को अपने हाथों में पकड़ कर मसलना शुरू कर दिया।

पायल और रोहन के हमले से सोनम पस्त होने लगी थी, वासना अब सोनम के तन-बदन, दिलो-दिमाग पर छाने लगी थी। यह बात रोहन के समझ में भी आ गई थी क्यूंकि अब सोनम का छटपटाना लगभग बंद हो गया था।

एक बार जब रोहन ने अपने होंठ सोनम के होंठो से हटाये तो चिल्लाने की जगह एक मस्ती भरी सिसकारी सोनम के मुँह से निकली। मतलब साफ़ था कि आधा किला फ़तेह हो चुका था बस झंडा गाड़ने की देर थी।

सोनम का बदन अब भी रोहन की बाहों में ही था।
तभी पायल ने एक ही झटके से सोनम की पजामी नीचे खींच दी और सोनम की चूत को अपनी मुट्ठी में भर लिया।
चूत पानी पानी हो चुकी थी, कामरस अविरल सोनम की चूत से बह निकला था, सोनम कुछ भी बोल नहीं पा रही थी।

तभी पायल घुटनों के बल बैठी और उसने अपनी जीभ सोनम की टपकती चूत पर लगा दी।
मस्ती के इस एहसास से सोनम की टाँगें कांपने लगी थी और उसके लिए खड़ा रह पाना मुश्किल हो रहा था।
रोहन ने सोनम की कुर्ती भी निकाल दी और सोनम की सन्तरे जैसी चूचियों को होंठो में दबा कर चूसने लगा।

‘प्लीज भाई… ना करो ऐसा… ये पाप है… प्लीज छोड़ दो मुझे….’ बहुत देर बाद सोनम के होंठो से ये शब्द निकले पर रोहन और पायल ने जैसे कुछ सुना ही नहीं और वो अपने अपने काम में लगे रहे।
सोनम बिल्कुल नंगी हो चुकी थी, वो समझ चुकी थी कि अब उसकी चूत बिना चुदे नहीं रहने वाली है।

रोहन ने सोनम को गोद में उठाया और बिस्तर पर लेटा दिया, पायल पहले की तरह सोनम की चूत चाटती रही और रोहन ने अपना लंड सोनम के होंठों से रगड़ना शुरू कर दिया।

सोनम जो की आँखें बंद किये बेड पर लेटी हुई मज़ा ले रही थी, जैसे ही उसको रोहन के लंड का एहसास हुआ तो उसने आँखें खोल कर देखा, लंड का विकराल रूप बिल्कुल उसकी आँखों के सामने था- नहीं भाई… प्लीज मुँह में मत डालो… प्लीज मान जाओ रहने दो…’ सोनम ने लंड मुँह में लेने से मना किया।

‘दीदी… मुँह में लेकर तो देख बहुत मज़ा आएगा, शुरू शुरू में मुझे भी अच्छा नहीं लगता था पर अब तो जब तक लंड चूस ना लूं चुदाई का मज़ा नहीं आता।’ पायल ने अपना अनुभव सोनम को बताया।

सोनम लंड मुँह में लेना नहीं चाहती थी पर साथ ही लंड से आ रही मादक खुशबू उसको बैचैन कर रही थी। जब सोनम लंड मुँह में लेने के लिए तैयार नहीं हुई तो रोहन ने असली काम पर आने का मन बना लिया और उसने पायल को एक तरफ किया और अपनी खुरदरी जीभ सोनम की चूत पर लगा दी।
सोनम एहसास मात्र से ही उत्तेजित हो गई और उसकी चूत से पानी बह निकला- भाई… मुझे बहुत डर लग रहा है… प्लीज मुझे छोड़ दो… मेरे साथ मत करो कुछ… प्लीज भाई… छोड़ दो मुझे…

रोहन उठा और उसने अपना लंड सोनम की चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया, सोनम का बदन लंड के स्पर्श से लहरा उठा था। चाहे कुछ भी हो थी तो वो भी जवान, खुजली तो उसकी चूत में होती ही थी और जब से पायल और रोहन की चुदाई का पता लगा था, तब से उसकी चूत में भी चुदाई के कीड़े कुलबुलाने लगे थे। यह बात और थी कि वो ऊपर से इसे नफरत की नजर से देखती थी।
भाई बहन के बीच सेक्स सम्बन्ध को वो नाजायज मानती थी।

जो भी हो अब वो समझ चुकी थी कि अब रोहन का लंड उसकी चूत का उद्घाटन करके ही दम लेगा।
वो भी उत्तेजित हो चुकी थी और अब उसका भी मन हो रहा था कि जल्दी से रोहन का लंड उसकी चूत में घुस कर उसकी खुजली मिटा दे।
अनचुदी चूत अब पानी पानी हो रही थी और लंड का स्वागत करने को तैयार थी फिर चाहे अंजाम कुछ भी हो।

रोहन ने लंड चूत पर रगड़ते रगड़ते चूत पर थोड़ा दबाव बनाया तो सोनम की छोटी सी चूत भी अपना मुँह खोलने लगी थी। लंड चूत पर सेट करते ही रोहन ने पहले एक हल्का सा धक्का लगाया और साथ ही एक जोरदार धक्का लगा कर लंड का सुपाड़ा सोनम की चूत में फिट कर दिया।
सोनम दर्द के मारे छटपटा गई।

रोहन पहले से जानता था कि ऐसा ही सब होगा, वो इसके लिए पहले से ही तैयार था और फिर पायल भी तो चुदवा कर इतना जान चुकी थी कि सोनम की चूत में जब पहली बार लंड जाएगा तो वो जरूर चीखेगी चिल्लाएगी। तभी तो धक्का लगने से पहले ही पायल ने सोनम के होंठों को अपने होंठो दबा लिया था और रोहन ने भी सोनम को कस कर पकड़ लिया था।

सोनम दर्द के मारे चीखना चाहती थी पर वो बस छटपटा कर रह गई।
रोहन एक दो सेकंड के लिए रुका और फिर एक लम्बी साँस लेकर दो तीन जोरदार धक्के लगाए और लगभग आधा लंड सोनम की चूत में उतार दिया।
सोनम तो जैसे बेहोश होते होते बची, दर्द की लकीरें उसकी आ।खों और चेहरे पर स्पष्ट नजर आ रही थी।

सोनम की ऐसी हालत देख कर रोहन रुक गया और सोनम की चूचियों को मसलने और मुँह में लेकर चुम्भ्लाने लगा। रोहन के रुकने से सोनम को थोड़ा आराम मिला तो उसने जबरदस्ती पायल को अपने से दूर किया और हाथ जोड़ कर रोहन से छोड़ने की गुहार लगाने लगी- प्लीज भाई… छोड़ दो… मैं नहीं सह पाऊँगी… बहुत दर्द हो रहा है भाई… प्लीज छोड़ दो… छोड़ दो… नहीं तो मैं मर जाऊँगी… प्लीज..

रोहन ने सोनम के टपकते आँसू अपने होंठों से साफ़ किये और बोला– मेरी प्यारी बहना… घबरा मत, जो दर्द होना था हो चुका, अब तो सिर्फ मज़ा ही मज़ा है और फिर खुद सोच पायल तो तुझ से छोटी है और जब यह चुदवाने से नहीं मरी तो तुम कैसे मर जाओगी?
‘बहुत दर्द हो रहा है भाई…’

रोहन ने सोनम की बात को अनसुना कर दिया और जितना लंड चूत में गया था उसी को अन्दर बाहर करने लगा, हर धक्के के साथ सोनम थोड़ी विचलित हो जाती थी पर अब चूत से निकले पानी और खून के मिश्रण ने चूत को अच्छे से चिकना कर दिया था जिससे लंड अब चूत में फिसलने लगा था।

रोहन हर दो तीन धक्कों के बाद एक जोर का धक्का लगाता और थोड़ा सा और लंड चूत में घुसा देता और ऐसे ही उसने अपना पूरा लंड सोनम की चूत में फिट कर दिया।
लंड पूरा जाते ही रोहन कुछ देर के लिए रुका और सोनम के होंठो को चूसने लगा।
सोनम की आँखों से आँसू तो अब भी निकल रहे थे पर दर्द की लकीरें अब कम हो गई थी।

जब लगभग एक मिनट तक रोहन ऐसे ही पडा रहा तो सोनम का दर्द भी कम हो गया। अब सोनम ने भी अपनी गांड को हिला कर रोहन को आगे बढ़ने के संकेत दिए।
इशारा मिलते ही रोहन ने पहले धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू किये और फिर धक्को की स्पीड बढाता चला गया। कुछ ही देर में बेड पर जैसे भूचाल आ गया था, अब रोहन सोनम की जबरदस्त चुदाई कर रहा था और सोनम के मुँह से भी अब मस्ती भरी आहें और सिसकारियाँ ही निकल रही थी।

चुदाई का असली मज़ा क्या है, सोनम को इसका एहसास हो चुका था और अब वो शुरुआत में मिले दर्द को भूल कर चुदाई के नशे में झूम रही थी, रोहन के हर धक्के के साथ वो अपनी गांड उठा उठा कर रोहन का साथ दे रही थी।
दूसरी और पायल उन दोनों की चुदाई देख कर वासना की आग में तप गई थी और अपनी उंगली से ही अपनी चूत को रगड़ रगड़ कर पानी निकालने की कोशिश कर रही थी।

चुदाई करीब दस मिनट तक चली, सोनम दो बार झड़ चुकी थी और अब रोहन के लंड से निकलने वाले अमृत को प्राप्त कर चूत की गर्मी ठंडा करने को मचल रही थी।

रोहन ने ज्यादा इंतज़ार नहीं करवाया, जोरदार धक्के लगाते लगाते रोहन का लंड सोनम की चूत में फूल गया था और अब धक्कों की स्पीड भी अब दुरंतो की स्पीड को पीछे छोड़ रही थी।
दस पंद्रह धक्के और लगे और फिर रोहन के लंड का लावा सोनम की चूत की गहराईयों में समाता चला गया।

लंड से निकले वीर्य की गर्मी का एहसास मिलते ही सोनम तो जैसे स्वर्ग में पहुँच गई थी। सारा शरीर फुल की पंखुड़ियों से भी हल्का हो गया था और चूत से तो जैसे अमृत का झरना बह निकला था।
रोहन झड़ने के बाद सोनम के ऊपर ही लेट गया और सोनम ने भी उसको अपनी बाहों और टांगों के पाश में बाँध लिया, दोनों जैसे एक दूसरे में समा जाना चाहते थे।

सोनम चुद चुकी थी और रोहन का मिशन ‘बहन की चूत’ पूरा हो चुका था।

काफी देर तक दोनों एक दूसरे से लिपटे पड़े रहे तो पायल ने ही आगे बढ़ कर दोनों को अलग किया। पायल भी उंगली से अपनी चूत को झड़वा चुकी थी और रोहन के लंड का मज़ा लेने के लिए व्याकुल थी।

जब रोहन और सोनम अलग हुए तो दोनों के ही चेहरे पर पूर्ण संतुष्टि के भाव थे फिर भी सोनम ने रोहन को दिखावटी गुस्सा दिखाते हुए तो तीन चार मुक्के जड़ दिए- कोई अपनी बहन के साथ भी ऐसा करता है क्या भाई… पता है कितना दर्द कर दिया तुमने… तुम बहुत निर्दयी हो भाई…

‘दीदी ये निर्दयी नहीं, बहनचोद है बहनचोद….’ ये कह कर पायल जोर से हँस दी और उसकी बात सुनकर रोहन और सोनम की भी हँसी छुट गई।
कुछ देर तीनो बेड पर लेटे एक दूसरे से प्यार भरी बातें करते रहे। रोहन अपनी दोनों बहनों के नंगे बदन को अपनी बाहों में लिए बेड पर पड़ा था। सोनम प्यार से रोहन की छाती पर हाथ फेर रही थी और पायल रोहन के लंड को धीरे धीरे मसल कर अपनी चुदाई के लिए तैयार कर रही थी।

कुछ ही देर में लंड तैयार हो गया तो रोहन ने जल्दी से पायल को घोड़ी बनाया और पीछे से लंड पायल की चूत में उतार दिया। पायल के लिए ये सब रोज का काम था, मस्ती से उसने रोहन का पूरा लंड मात्र दो ही धक्कों में अपनी चूत में फिट करवा लिया और फिर बेड पर दुबारा भूचाल आ गया और पायल की जबरदस्त चुदाई शुरू हो गई।

रोहन ने कुछ साईट पर माँ बेटे की चुदाई की कहानियाँ पढ़ी है। दोनों बहनों को चोदने के बाद वो अब अपनी माँ की चूत देखने को बेचैन है पर क्या रोहन ऐसा कर पायेगा? ये तो वक़्त ही बतायेगा!

जैसा मैंने पहले भी बताया था कि यह कहानी मुझे रोहन ने मेल की है। कहानी कैसी लगी जरूर बताना… मेरे कुछ दोस्त कहानी को सच और झूठ के तराजू पर परखने लगते हैं, अब यह कहानी सच्ची है या झूठी, मुझे भी नहीं पता पर कहानी को मजेदार बनाने की मैंने कोशिश की है।
मज़े लेकर पढ़े और खोदते रहो और हिलाते रहो…

आपका अपना राजकर्तिक शर्मा
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