अब्बू और बुआ की चुदाई की आँखों देखी कहानी
(Abbu Aur Bua Ki Chudai Ki Aankhon Dekhi Kahani)
जिंदगी में जैसे खाना, पानी, हवा आदि की जरूरत होती है, वैसे ही और एक चीज है जिसकी हर मर्द या औरत, बूढ़े जवान सबको आवश्यकता कभी न कभी महसूस होती ही है, वो है सेक्स!
सब सेक्स करते हैं, शराब या पैसा.. इनकी तरह ही या इससे भी ज्यादा होता है इसका नशा और यह नशा किसी को भी हो सकता है, औरत को भी!
मेरा नाम ज़ोया है, दिल्ली में रहती हूँ।
हम जब छोटे थे, तभी अब्बू गाँव की जमीन, खेत आदि बेच कर धंधा करने दिल्ली आ गए थे।
दिल्ली में हम एक फ्लैट में रहते हैं।
मेरे परिवार में अब्बू, अम्मी, बुआ, दो भाई और एक बहन है। अम्मी से जमाल मेरा छोटा भाई और मैं… बुआ के दो बच्चे रेहान, और हिना है।
बुआ को उसके पति ने तलाक दे दिया और किसी और से निकाह कर लिया।
सबसे बड़ी हिना है, उससे छोटा जमाल, फिर रेहान और सबसे छोटी मैं… हम सब बचपन से बड़े प्यार से एक साथ मिल कर रहते थे।
मेरे अंदर सेक्स की भूख वैसे बचपन से थी, पता नहीं कब से इसका चस्का लगा।
बचपन में कई बार मैंने अम्मी अब्बू को सेक्स करते हुए छिप छिपकर देखा है। रेहान और मैं हमउम्र ही थे, इसलिए वो भी मेरे साथ ये सब देखता था। हम भी वैसे ही करने की कोशिश करते थे। हमें बहुत मजा आता था।
एक दिन अम्मी को किसी काम से नानी के यहाँ जाना पड़ा, जमाल भी अम्मी के साथ चला गया, मेरे इम्तिहान चल रहे थे इसलिए मैं नहीं गई।
रात को मैं बुआ के साथ सो गई.
रात के एक बजे मैं पानी पीने के लिए उठी तो देखा रेहान और हिना सोए थे पर बुआ नहीं थी. मैंने सोचा बाथरूम वगैरह गई होगी.
मै पानी पीने सीढ़ियों से उतर रही थी, तभी मुझे किसी के कराहने की आवाज आई।
अब्बू का कमरा सीढ़ियों के पास है और उसकी खिड़की सीढ़ियों से लगी है, खिड़की पूरी तरह से बंद नहीं होती थी इसलिए अंदर क्या हो रहा है हम सीढ़ियों पर खड़े रहकर खिड़की की दरार से देख सकते थे।
मैंने खिड़की की दरार से अंदर देखा तो मैं अंदर का नजारा देखकर दंग रह गई.
अंदर अब्बू बुआ की ताबड़तोड़ चुदाई कर रहे थे। अब्बू शरीर से हट्टे कट्टे थे, उनका लंड भी मोटा काला और बहुत लंबा था।
बुआ भी किसी हिरोइन की तरह सेक्सी थी।
दोनों एकदम नंगे थे।
अब्बू जोर जोर से अपना लंड बुआ की चूत के अंदर बाहर कर रहे थे और बड़बड़ा रहे थे- ले रांड ले!! बहुत चुदाई की आग है तेरी चूत में! पड़ोसियों से चुदवाती फिरती है.
ऐसा कहकर अपने मूसल जैसे लंड से बुआ की चूत को तेजी से चोदने लगे।
फिर बुआ को घोड़ी बनाया और पीछे से लंड पेलने लगे, कभी गांड में डालते तो कभी चूत में!
बुआ भी आवाजें निकाल रही थी- आआआ ईईईई ऊऊऊऊ… और तेज़ औऔ औऔइइइ… फाड़ दो मेरी चूत… बना दो इसको भोसड़ा!
कुछ देर तक चोदने के बाद अब्बू ने अपना लंड बुआ के मुंह में देकर मुंह को ही चोदने लगे.
थोड़ी देर में अब्बू ने धक्के तेज कर दिए और बाद में आहहह आहहह करते हुए अपना सारा माल बुआ के बूब्स और पेट पर डाल दिया।
फिर बुआ ने अब्बू का लंड चाटकर साफ किया और लंड पर लगा वीर्य पी लिया और नंगी ही अब्बू के पेट पर सिर रखकर लंड से खेलने लगी और अब्बू बुआ के बूब्स खेलने लगे.
बुआ ने पूछा- भाईजान, आपको कैसे पता चला कि मैं पड़ोसियों से चुदती हूँ?
अब्बू बोले- मैंने तुझे पड़ोस के विकास के साथ उसकी छत पर देखा था, तुम लोग दीवार के पीछे खड़े थे, वो तेरी चूत में उंगली कर रहा था और तू उसका लंड पकड़ कर हिला रही थी. उसने तुझे वहाँ खड़े खड़े ही चोदा था. जब तू कल कपड़े सुखाने के बहाने टेरेस पर गई थी तो तेरे पीछे मैंने उसको भी जाते देखा, मुझे शक हुआ तो मैं भी तुम लोगों के पीछे आ गया था और मैंने छत के बरामदे में तुम लोगों को चुदाई करते देख लिया था.
अब्बू बोले- जब से तू बड़ी हुई है, तेरे उभार बड़े हुए हैं, तब से तेरे लिए मेरी फीलिंग बदल गई थी और बस इसी बात का इंतजार करता था कि कब तेरी मुलायम चूत मारने का मौका मिले। वो मौका मुझे तेरी चुदाई देखकर मिल गया!
बुआ बोली- मेरे प्यारे भाईजान को मेरी चूत चाहिए थी तो पहले कह देते… मैं लंड के लिए दूसरों के पास क्यों जाती।
यह कहकर अब्बू का लंड चूसने लगी और फिर चुदाई का एक और घमासान दौर चला।
इस बार अब्बू ने पूरा पानी बुआ के मुंह में भर दिया, बुआ गट गट करके सारा वीर्य पी गई.
और फिर बुआ ने कपड़े पहने और बाहर आने लगी.
उनके आने से पहले मैं सीढियों से अपने रूम में आकर सोने की एक्टिंग करने लगी. बुआ भी रूम में आकर सो गई।
यह मेरी पहली सच्ची कहानी है, लिखने में गलती हुई हो तो माफ करना और मेरी दूसरी चुदाई की दास्तान का इंतजार कीजिए।
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