शीला की जवानी लंड की दीवानी

(Xxx Office Sex Kahani)

Xxx ऑफिस सेक्स कहानी मेरे दफ्तर में नयी आई मेरी जूनियर सहकर्मी भाभी की है. उससे बातें हुई, दोस्ती हुई और एक दिन मैंने उसे कह दिया कि वो मुझे पसंद है.

मेरा नाम गौरव है. मैं अन्तर्वासना की कहानियां लगभग एक साल से पढ़ रहा हूँ.
इनमें कुछ सेक्स कहानी सच्ची लगीं, तो कुछ झूठी.
खैर, जैसी भी रही हों, मजेदार सेक्स कहानी होती हैं.

अब मैं अपनी एक सच्ची सेक्स कहानी आप सबके सामने रख रहा हूँ.
यह मेरी पहली कहानी है.

Xxx ऑफिस सेक्स कहानी में आगे बढ़ने से पहले मैं आपको अपने बारे मैं बता देता हूँ. उम्र 22 साल, कद 5 फुट 6 इंच है और रंग साफ है.
मैं नोएडा का रहने वाला हूं. मैं एक कंपनी में जॉब करता हूं.

मेरे साथ एक भाभी काम करती थीं, उनका नाम शीला था.
वो दिखने में काफी खूबसूरत थीं, उनका रंग एकदम दूध की तरह सफेद था और फिगर 34-24-36 का था.
भाभी एकदम मस्त माल थीं.

वो नयी नयी आई थीं, जबकि मुझे वहां काम करते हुए दो महीने हो गए थे.

मेरे सीनियर सर उसको मेरे पास लेकर आए तो मैं उन्हें देखता ही रह गया.

मैडम ने अपनी मांग में सिंदूर भरी हुई थीं. इससे मुझे समझ आ गया कि ये भाभी हैं.

सर ने मुझसे बोला- गौरव, ये मैडम आज से आपके पास काम करेंगी. इन्हें काम बता दो कि क्या करना है.
मैंने बोला- ओके सर, मैं इनको सब कुछ समझा दूंगा.

सर वहां से चले गए. उसके बाद मैंने उनसे नाम पूछा तो उन्होंने अपना नाम शीला बताया.

फिर मैंने पूछा- कभी कहीं और भी काम किया है?
उन्होंने बोला- नहीं.

उसके बाद मैं उनको काम समझाने लगा.

मैंने एक बार काम बताया तो उनसे नहीं हुआ. मैंने उन्हें फिर से दुबारा बता दिया.
अब वो काम करने लगीं.

उसके बाद मैं भी अपना काम करने लगा. काम करते हुए मैं उनसे बात करने लगा.

मैंने पूछा- आपके पति क्या करते है?
उन्होंने बताया कि वो दूसरी कंपनी में काम करते हैं.

मैंने पूछा- आपकी शादी को कितने साल हो गए?
भाभी ने बताया- शादी को 5 साल हो गए हैं.

फिर मैंने पूछा- आपके कितने बच्चे हैं?
वो मुझसे बोलीं- आप ये सब क्यों पूछ रहे हो?

मैंने बोला- बस ऐसे ही.
वो बोलीं- मेरे एक बेटा है वो अभी 4 साल का है.

मैंने ओके बोला और काम करने लगा.

उसके बाद मैंने उनसे काफी बात की.

हमारी अब ऐसे ही रोज बातें होने लगीं.

वो मेरे साथ काफी सहज हो गई थीं. हम दोनों काफी हंसी मजाक भी करने लगे थे.
वो मुझे कभी कभी एडल्ट जोक भी सुना देती थीं.

हंसते समय उनके मम्मे बड़े मस्त हिलते थे और मैं बड़ी हसरत से शीला भाभी की जवानी को निहारने लगता था.
इस बात को शीला भाभी को अंदाजा हो जाता था और वो मेरी पीठ पर धौल जमाती हुई ‘क्या हुआ गौरव … ऐसे क्या देख रहे हो …’ कह देती थीं, जिससे मुझे भाभी की चूचियों की तरफ से ध्यान हटाना ही पड़ता था.

एक बार भाभी ने मुझसे पूछा- गौरव, क्या तुम्हारी गर्लफ्रेंड नहीं है.
मैंने कहा- नहीं यार भाभी … कोई लिफ्ट ही नहीं देती है.

वो हंसने लगीं- क्या बात कर रहे हो … तुम तो इतने हैंडसम हो … फिर क्यों नहीं?
मैंने कहा- अब मैं क्या बताऊं यार!

भाभी बोलीं- तुमको कैसी सहेली चाहिए बताओ, मैं तुम्हारे लिए ढूँढती हूँ.
मैंने कहा- बस आप अपने जैसी ही देख लो.

भाभी हंस दीं और बोलीं- हम्म … मतलब मुझ पर निगाह है, मेरा मतलब मुझ जैसी का मन है.
मैंने कहा- हां यार भाभी, आप बहुत ज्यादा खूबसूरत हो.

शीला भाभी हंसने लगीं और थैंक्स बोला.

अब मैं भाभी को ही पटाने की सोचने लगा.

एक दिन मैंने उनको बोल दिया कि आप मुझे अच्छी लगती हैं.
वो कुछ नहीं बोली.
मैंने सोचा कि ये गुस्सा हो गईं.

जब कम्पनी की छुट्टी हुई तो मैं बोला- आइए आपको घर छोड़ देता हूं.

वो बिना कुछ बोले मेरी बाईक पर बैठ गईं.

घर पहुंच कर भाभी ने अन्दर आने को बोला कि चाय पीकर जाना.
मैंने बाईक साइड में लगा दी और उनके साथ अन्दर चला गया.

वो बोलीं- आप बैठो मैं चाय बनाकर लाती हूं.
थोड़ी देर बाद वो चाय लेकर आईं.

उन्होंने अपनी ड्रेस चेंज कर ली थी. वो नाईटी पहन कर आई थीं.

भाभी ने मुझे चाय दी और कहने लगीं- आप कम्पनी में क्या बोल रहे थे?

मैं कुछ नहीं बोला.
भाभी ने कहा- डरो मत यार … बताओ न क्या बोल रहे थे आप?

मैंने कहा- मैं आपको पसंद करता हूं … आई लव यू शीला भाभी.
वो मुझे देखने लगीं.
मैं डर गया.

वो कहने लगीं- मेरी शादी हो चुकी है.
मैं- मुझे पता है, लेकिन मैं आपको पसंद करता हूं. क्या आपको मैं पसन्द हूँ?

वो कहने लगीं- गौरव मुझे भी आप अच्छे लगते हो.
मैंने सोचा कि गौरव लाइन साफ है.

मैं- शीला भाभी आप बहुत खूबसूरत हो.

वो मेरी आंखों में देखने लगीं.
मैंने उनकी आंखों में अपने लिए एक अजीब से कशिश देखी तो मुझे हिम्मत आ गई.

मैं उनके और पास जाकर बैठ गया.
मैंने भाभी का हाथ पकड़ा और उन्हें एकदम से अपने गले से लगा लिया.
भाभी भी मेरे सीने से लग गईं.
मैं उनकी पीठ सहलाने लगा.

मैं- मैं आपसे सच में प्यार करता हूं आई लव यू शीला.
वो कहने लगीं- मैं भी तुमसे प्यार करती हूं.

मैं उनको किस करने लगा तो वो भी मेरा साथ देने लगीं.

हम दोनों ने एक दूसरे को दस मिनट तक किस किया.
इतने में ही उसकी सांसें तेज़ होने लगीं.

फिर मैं भाभी की नाईटी के ऊपर से ही चूची दबाने लगा.
वो गर्म हो गईं और ‘इस्स स्स … आह आह आह …’ करने लगीं.

फिर मैंने उनकी नाइटी उतार दी.
उन्होंने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी. मैंने भाभी को लिटा दिया और खुद उनके ऊपर चढ़ गया. उनके बूब्स पीने लगा.

वो काफी गर्म हो गई थीं. बस ‘आह आह …’ किए जा रही थीं.

फिर धीरे धीरे मैंने अपना हाथ नीचे ले जाकर भाभी की पैंटी के अन्दर डाल दिया और उनकी चुत को सहलाने लगा.

मैंने भाभी की चुत में एक उंगली डाल दी.
वो इससे एकदम से चुदासी होने लगीं और ‘आह आह मर गई इस्स स्स …’ करने लगीं.

मैंने जल्द ही भाभी की पैंटी उतार दी और उनकी चूची चूसने लगा.
अगले कुछ पल बाद मैं नीचे आ गया और शीला भाभी की चुत चाटने लगा.

उन्होंने चुत को पैरों से छिपा लिया और मना कर दिया.

मैंने उनकी तरफ देखा तो भाभी बोलीं- अभी टाइम नहीं है, जल्दी से अन्दर बाहर कर लो. मेरा बेटा आ जाएगा.
मैंने पूछा- अभी वो किधर है.

भाभी ने बताया कि वो मेरे पड़ोस में एक भाभी के पास खेलता है. जब मैं ऑफिस से आ जाती हूँ तो वो घर आ जाता है.

ये कह कर भाभी ने मेरी पैंट खोल कर एक ही बार में उतार दिया … पैंट के साथ ही शीला भाभी ने मेरा कच्छा उतार दिया.

वो मेरे 7 इंच के लंड को देख कर बोलीं- इतना बड़ा और मोटा!
मैं बोला- आपके पति का क्या इतना नहीं है?

भाभी कहने लगीं- उसका तो छोटा सा है. ये तो बहुत बड़ा है, मुझे दर्द होगा.
मैंने कहा- जब बेबी को पैदा किया था तब दर्द नहीं हुआ था?

इस पर भाभी हंस दीं और मुझे चूमने लगीं.

फिर मैंने अपनी शर्ट उतार दी, हम दोनों नंगे हो गए.

मैं 69 की पोजीशन में आ गया, उनकी चुत चाटने लगा.
वो मेरा लंड चूसने लगीं.

दो मिनट में ही भाभी की चुत ने पानी छोड़ दिया, मैं सारा पानी पी गया.

फिर मैंने भाभी को सीधा लिटा लिया और उनकी दोनों टांगों को अपने कन्धे पर रख लिया; अपने लंड को उनकी चुत पर रगड़ने लगा.

भाभी कामुक सिसकारियां भरने लगीं और कहने लगीं- डाल दो न … अब नहीं रहा जाता.
मैंने पूछा- क्या डाल दूँ?

वो कहने लगीं- अरे यार सताओ न … डाल दो बस.
मैं- क्या डाल दूँ?

वो कहने लगीं- प्लीज़ मत तड़पाओ … डाल दो न.
मैं- क्या?
वो- अपना लंड मेरी चुत में डाल दो.

मैंने देर ना करते हुए एक धक्का लगाया तो मेरा आधा लंड अन्दर चला गया.
वो एकदम से चिल्ला दी- ऊई मां.

मैंने कहा- क्या हुआ?
उन्होंने कहा- आराम से डालो. मैंने तीन महीनों से सेक्स नहीं किया है.

फिर मैं धीरे धीरे अपना लंड डालने लगा.
वो कहने लगीं- आराम से … आंह दर्द हो रहा है.

मैंने धीरे धीरे करके अपना पूरा लंड डाल दिया और धक्के देने लगा.
कुछ धक्कों के बाद भाभी का दर्द कम हुआ और अब वो भी नीचे से अपनी कमर हिलाने लगीं.

ये देख कर मैंने भी अपने धक्के तेज कर दिए.
वो ‘आह आह आह …’ करने लगीं.

मैंने पूछा- तीन महीने से सेक्स क्यों नहीं किया?
भाभी बोलीं- वो बाहर कहीं मुँह मारने लगा है, तो मुझे नहीं चोदता है.

मैंने कहा- अब आपको लंड की कमी नहीं सताएगी. जब जरूरत हो तब मुझे याद कर लेना.
भाभी खुश हो गई थीं और मेरे लंड को अपनी कमर चलाती हुई चुत के अन्दर खाने सा लगी थीं.

इससे उनकी चुत ने रिसना शुरू कर दिया था, जिससे कमरे में पछ पच की आवाज़ होने लगी.

मैंने धकापेल जारी रखी थी.

फिर दस मिनट बाद उनका शरीर अकड़ने लगा.
भाभी ने मुझे कसके पकड़ लिया.
मैं समझ गया कि यह झड़ने वाली हैं.

मैंने भी उन्हें जकड़ कर चोदना जारी रखा.
वो कहने लगीं- आंह मैं गई गौरव … मैं गई.

बस वो भलभला कर झड़ गईं और निढाल हो गईं.

मेरा अभी नहीं हुआ था.
मैंने भाभी को घोड़ी बनने को कहा.
वो घोड़ी बन गईं.

मैंने पीछे से भाभी की चूत में अपना लंड डाल दिया और झटके देने लगा.
वो फिर से मादक सिसकारियां भरने लगीं और आह आह हम्म की आवाज़ करने लगीं.

मैंने भाभी को करीब 5 मिनट इस पोजीशन में चोदा, फिर उनको अपने ऊपर आने को बोला.
भाभी मेरे ऊपर आकर मेरे लंड को चूत में डाल कर बैठ गईं.
मैं नीचे से धक्के देने लगा.

भाभी मेरा पूरा साथ दे रही थीं.
मैंने उनको अपनी तरफ झुका लिया.
अब मैं भाभी के बूब्स पीने लगा और किस करने लगा.

फिर मैंने एक ही झटके में उनको नीचे लिटा दिया और तेज़ तेज़ झटके मारने लगा.
वो चिल्लाने लगीं- ऊऊं मम्मी मर गई … धीरे चोदो.

मगर अब मेरा होने वाला था तो मैं पूरे जोश में आ गया था.
मैं दो सौ किलोमीटर की स्पीड से भाभी की चुदाई करने लगा.

तभी मैंने उनसे पूछा- शीला भाभी … जल्दी बोलो कहां निकालूं?
वो कहने लगीं- अन्दर ही निकाल दो. मैं दवा ले लूंगी.

फिर 5-7 धक्के में ही मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में भर दिया और उसी के साथ ही वो भी निकल गईं.
वो तीसरी बार झड़ी थीं.

फिर मैं भाभी के ऊपर ही लेटा रहा. पांच मिनट तक हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे.

ये मेरी पहली सेक्स कहानी है, इसमें कोई गलती हुई हो तो मुझे माफ़ करना.

आपको मेरी Xxx ऑफिस सेक्स कहानी कैसी लगी, जरूर बताना.
मेरी ईमेल आईडी है
[email protected]

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