चूत चुदाई के हसीन सपने- 5
(Xxx Bhabhi Fuck kahani)
Xxx भाभी फक कहानी में मौसी और मामी की चुदाई के बाद भाभी घर आ गयी. उनकी जींस इतनी टाईट थी कि उनकी फूली हुयी चूत बाहर आने को बेताब लग रही थी। वे कैसे चुदी?
कहानी के चतुर्थ भाग
मौसी की गांड मार ली
में आपने पढ़ा कि मैं मामी को चोद चुका था और मामी का बेटा मौसी को!
अगली सुबह नहा धोकर सभी नाश्ते की टेबल पर आ गये, छोटू मौसी की बगल में और मैं मामी की बगल में बैठा.
सब नाश्ता करने लगे।
शायद हम सभी लोग फ्रेंक हो गये थे क्योंकि सबकी नजरें बता रही थी कि सब एक दूसरे के बारे में जान चुके हैं और सभी को मजा आया है।
अब आगे Xxx भाभी फक कहानी:
कुछ देर बाद भाभी की एन्ट्री हुई।
क्या मस्त लग रही थी … मेरी नजर तो हट ही नहीं रही थी।
झुककर भाभी ने मामी के पैर छुये, उनका पिछवाड़ा मेरी ही तरफ था।
उनकी जींस इतनी टाईट थी कि उनकी फूली हुयी चूत बाहर आने को बेताब लग रही थी।
अपने सीने पर हाथ फेरते हुए मन ही मन बुदबुदाया, भाभी की जींस उतारकर इसी पोजिशन में उनकी चूत के अन्दर लंड डालकर उनके आने का वेलकम करूँ!
हम सब ने उनको प्रणाम करके अपनी पोजिशन ले ली।
भाभी छोटू के बगल में जाकर बैठ गयी.
लेकिन उनकी चेयर और मेरी चेयर आमने सामने थी।
भाभी की हर मूमेन्ट और हर अदा ऐसी थी जैसे वह मुझे दावत दे रही हों कि रवि आ मुझे चोद, मेरी चूत तेरे लंड के इंतजार में है। तेरी सब कहानी मुझे पता है कि तूने मौसी और मेरी सास दोनों को चोदकर उनकी चूत फाड़ दी है।
मेरा मन भी बावला हुआ जा रहा था।
मैं सबकी नजरें चुराकर अपने पैर भाभी के पैर पर चलाने लगा।
न तो भाभी ने कोई प्रतिक्रिया व्यक्त की और न ही विरोध!
बस फिर क्या था, मेरा हौसला बढ़ने लगा।
कुछ ही देर में मेरा पैर का अंगूठा भाभी की जांघों से होता हुआ उनके चूत द्वार पर चढ़ाई करने लगा।
भाभी ने मेरे पैर को अपनी जांघों के बीच फंसा लिया।
मेरा अंगूठा भाभी की चूत को रगड़ रहा था।
नाश्ता खत्म करने के बाद भाभी हल्की सी जम्हाई लेती हुयी बोली- मैं जरा थक गयी हूँ, जाकर फ्रेश होकर नहा लेती हूँ।
मामी और मौसी भी अपना-अपना काम खत्म करने की बात कहकर उठ गयी।
मैंने छोटू की नजर बचायी और चुपचाप भाभी के कमरे की तरफ चल दिया।
दरवाजा बन्द था तो मुझे थोड़ी निराशा हुई।
अधमने मन से मुड़ा और मेरा चूतड़ टकराने से दरवाजा हल्का सा खुल गया।
मेरी बाँछें खिल गयी।
मैंने दरवाजे को थोड़ा और खोला और भीतर झांककर भाभी को देखने का प्रयास किया.
जब भाभी नहीं दिखी तो बिना आवाज किये हुए कमरे के अन्दर चला गया।
बस फिर क्या था … तेज आवाज में भक्क करते हुए भाभी ने मुझे पीछे से पकड़ लिया और बोली- क्यों मेरे राजा तेरा लंड तो बड़ा बेताब है मेरी चूत चोदने को?
भाभी के अचानक इस तरह भक्क करने से पहली बार मैं डरा।
मुझे लगा अगर कोई आ गया तो मेरी … लेकिन फिर सोचा, सभी तो मुझसे चुदी पड़ी हैं।
मैंने ऊपर से ही भाभी का हाथ पकड़ा और बोला- तुम चुदने के लिये दिल्ली से आयी हो और मैं तुम्हें चोदने के लिये!
“तो मेरे राजा, मैं तैयार हूँ, निकाल अपना लंड और पेल दे मेरी चूत में!”
“पर भाभी, पहले अपनी भरी जवानी इस नादान लौंडे को दिखा दो।”
“हम्म! मेरी जवानी देखना चाहते हो!” कहते हुए मुझे उसने बेड पर धकेल दिया और अपनी टॉप को उतार कर फेंकते हुए अपने दोनों निप्पल को चूमते और उछालती हुई बोली- ले देख मेरे दूध!
“आप ब्रा नहीं पहनती हो क्या?”
“पहनती हूँ … लेकिन जब मालूम हो कि चुदना है तो फिर ब्रा और पैन्टी नहीं पहनती!” कहती हुई भाभी अपने चूचे को मेरे होंठों से टच कराने लगी.
“कैसी लगी मेरी चूची? बहुत दूध भरा है। ले पी ले!” कहकर मेरे मुँह के अन्दर निप्पल डाल दिया और अपने जींस के बटन और जिप को खोलकर हल्का सा नीचे करती हुई मेरी कलाई को पकड़कर बोली- ले थोड़ी मेरी चूत और गांड सहला ले।
मैं तुरन्त बारी-बारी से उनकी गांड और चूत सहलाने के साथ उनके चूचे पी रहा था।
“मजा आया मेरा दूध पीने में?”
“बहुत मजा आ रहा है।”
“तो चल अब मैं तुझे अपनी जवानी दिखाती हूँ.”
कहकर वे मुझसे दूर हुयी और अपनी जींस उतार कर फेंक दी।
क्या मस्त और फूली हुयी चूत लग रही थी … बिल्कुल चिकनी करके लायी थी।
“अच्छे से देख … तेरे लंड को इसी चूत को चोदना है!”
कहकर अपनी चूत में हाथ फेरकर और फिर उसी हाथ को चाटती हुई बोली- ले मेरे राजा, देख अपनी भाभी की मस्त जवानी!
फलाईंग किस करते हुए मैं बोला- वाह भाभी, तुम्हारी चूची और चूत तो बहुत मस्त है. अब थोड़ा पलटो तो तुम्हारी मस्त गांड को भी देख लूं।
भाभी घूम गयी- ले देख मेरे राजा, देख मेरी गांड!
उनकी गांड को सहलाते हुए मैं बोला- भाभी थोड़ा झुको।
भाभी झुक गयी.
मैं उनकी भारी गांड को खोलते हुए बोला- क्या मस्त गांड है भाभी!
हल्की सी जीभ लगा दी मैंने!
भाभी चिहुंक के थोड़ा हटी और मेरी तरफ पलटती हुई बोली- देवर जी, मेरी गांड में ऐसी क्या बात है कि सभी तारीफ करते हैं? ऑफिस में भी कलीग किसी न किसी बहाने मेरी गांड में हाथ फेर देते हैं।
तब भाभी को अपनी तरफ खींचते हुए उनके पुट्ठे को सहलाते हुए बोला- भाभी मस्त है तुम्हारी गांड!
कहते हुए उनकी गांड में उंगली डालने का प्रयास करने लगा.
भाभी ने मेरे हाथ को पकड़ लिया और बोली- तुम भी चूत छोड़ कर गांड में उंगली करने लगे।
“भाभी सच बताना, कितनों ने तुम्हारी चूत में लंड और गांड में उंगली डाली है?”
“ये छोड़ो, मेरी चूत में बहुत खुजली हो रही है। चोदकर इसकी खाज मिटाओ।”
मैंने उनकी चूत को रगड़ते हुए कहा- भाभी तुम्हारी चूत की खाज तो मिटा दूंगा। बस बता दो लो कितनों से चुदी हो?
कहते हुए मैंने भी अपना लोअर उतार अपना लौड़ा हिला-हिला कर दिखाने लगा।
भाभी ने अपनी जीभ होंठों में फेरती हुई बोली- ज्यादा नहीं … तीन ही लोग चोद पाये. लेकिन साले मेरी गांड मारने के चक्कर में ज्यादा ही थे. कहते थे कि मेरी चूत से ज्यादा सेक्सी मेरी गांड है। अब छोड़ इन सब बातों को. पहले तेरे लंड को चूस लूं … साला इतना बड़ा किसी का नहीं है जितना बड़ा तेरा है!
कहकर भाभी ने गप्प से लंड को मुँह में भर लिया.
वे बहुत अच्छे से लंड चूस रही थी, पूरे लंड को चाटती, टट्टे को कभी दबाती तो कभी मुँह में भरने की कोशिश करती।
लंड चूसने के बाद भाभी ने मुझे बिस्तर पर पटक कर मेरे ऊपर सवार होकर लंड को चूत के अन्दर डालकर बोली- मैं बहुत बड़ी चुदक्कड़ हूँ, पहले मेरी चूत की खाज मिटा … फिर जो तू कहेगा मैं करूँगी।
“अब तो मेरा लंड अपनी चूत में ले चुकी हो, तुम्ही मुझे चोद दो।”
मेरे सीने को भींचती हुई भाभी मेरे ऊपर उछलने लगी- राजा, तेरे लंड का पूरा पानी निकालूंगी।
बहुत जंगलीपने से भाभी मुझे चोद रही थी, साथ ही मेरी छाती को बहुत तेज रगड़ रही थी।
मैंने छेड़ते हुए कहा- भाभी, क्या बात है लगता है काफी दिन से चुदी नहीं हो?
“हाँ मादरचोद, तेरा भाई जिसको मेरी चूत की कोई कदर नहीं, बस बाहर की रंडी चोदना चाहता है. और जब अपनी चूत की प्यास बुझाने के लिये मैंने नौकरी की तो मादरचोद ने वह भी छुड़वा दी।”
अब मेरा शरीर अकड़ने लगा था, कभी भी लंड धार छोड़ सकता था।
तभी Xxx भाभी फक में एकदम से पस्त हो कर मेरे ऊपर लेट गयी.
यह वही क्षण था जब मेरे लंड ने फव्वारा छोड़ दिया।
भाभी मुझे पकड़े लेटी रही.
कुछ देर बाद लंड ढीला पड़ने के बाद पक्क की आवाज से साथ चूत से बाहर आ गया।
भाभी अपने होंठों में जीभ फेरती हुई बोली- मेरी मलाई आ गयी!
कहकर मेरे लंड के माल को साफ करने लगी।
अपना काम खत्म करने के बाद वे उठी और मेरे मुँह पर बैठ कर चूत को होंठों से रगड़ती हुई बोली- ले चाट मेरे राजा, कुछ मलाई तेरे लिये भी छोड़ी है।
फिर वे बोली- चल, अब मैं नहाने जा रही हूँ, तुझे भी मेरे साथ नहाना है तो आ जा!
“नहीं भाभी, मैं नहा चुका हूँ, बस यही से लेटा लेटा तुझे नहाती हुई देखता रहूँगा।”
“ठीक है, मैं चली फ्रेश होने और तू मुझे यही से देखते रहियो!” कहकर केवल तौलिया उठाकर सामने बाथरूम में घुस गयी।
मैं लेटे-लेटे बोला- भाभी, तुम पोर्न मूवी देखती हो?
“हाँ, बिल्कुल देखती हूँ। तू चिन्ता मत कर, तुझे पोर्न मूवी वाला ही मजा दूंगी।” कहते हुए भाभी ने शॉवर को चालू किया.
पहले तो वे फव्वारे से निकलते हुए पानी से अठखेलियां करने लगी फिर अपने एक-एक अंग को रगड़-रगड़ कर साफ कर रही थी।
मैं भाभी को सामने खुला नहाती देखकर मन ही मन सोचने लगा कि ‘रवि क्या किस्मत है, कल चोरी चोरी अपनी मामी और मौसी को नहाती हुई देखी थी. और आज लाईव शो चल रहा है।
नहाने के बाद भाभी ने बाहर आकर बिना इनर वियर के टॉप और कैपरी पहन ली।
फिर वे मेरी तरफ देखती हुई बोली- चल अब भाग यहाँ से!
मैं बिना कुछ बोले कमरे से बाहर आ गया।
तभी मामी ने मुझे आवाज लगाकर रसोई में बुलाया, मौसी भी साथ खड़ी थी।
“क्यों भाभी को भी चोद आया?”
मैं थोड़ा सा शर्मा कर अपने सर पर हाथ फेरने लगा।
तभी मौसी मामी से बोली- दीदी, देखो कैसा शर्मा रहा है. लेकिन चोदते समय बिल्कुल नहीं शर्माता है। इसका लंड ही इतना मोटा और लंबा है कि कोई भी अपनी चूत इसके लंड लेने के लिये खोल देगी।
मौसी की बात पर हम तीनों हँसने लगे।
तभी मामी ने मेरी ओर अंडा और दूध पकड़ाती हुई बोली- ले अंडा खाकर दूध पी ले। और अपनी ताकत बचाकर रख! कहीं ऐसा न हो कि अभिलाषा तेरे पर भारी न पड़ जाये!
मैंने मजाक में मामी से कहा- मामी, इस दूध के बदले में आपका और मौसी का दूध मिल जाता तो और ताकत आ जाती।
एक चपत मेरी गांड पर लगाती हुई मामी बोली- मेरे लल्ला, अगर हम दोनों का दूध पीयेगा तो तेरे लंड का दूध बाहर आ जायेगा। अभी इसी दूध से काम चला!
तभी भाभी रसोई की तरफ आती हुई दिखाई पड़ी, उनके मम्मे उछल रहे थे।
भाभी को आती देख मैं तेजी से रसोई से बाहर आ गया और एक उंगली को अपने लंड पर रगड़कर उसे चूमते हुए फिर जीभ को होंठों पर फेरते हुए मैंने भाभी को आंख मारी।
तो भाभी मेरे बगल से निकलती हुई बोली- चल कमरे में इंतजार कर, आ रही हूँ।
मैं भाभी के कमरे में आकर पूरा नंगा होकर उनके बेड पर दूध पीते हुए इंतजार करने लगा।
गिलास का दूध खत्म हो चुका था और मैं अपने लंड को सहला रहा था।
कोई 20 मिनट बाद भाभी कमरे में आयी, मुझे नंगा देख और लंड को पकड़ा देखकर बोली- बड़ा उतावला हुआ जा रहा है?
“क्या करूँ भाभी, उस समय आपको अपनी चूत की खुमारी उतारनी थी. अब मुझे अच्छे से आपको देखना है।”
“हम्म!” मेरे लंड को पकड़कर सुपारे पर उंगली रगड़ती हुई बोली- राजा, तेरे लंड के लिये मैं भी मरी जा रही हूँ। जब तुझे चोद रही थी तो मजा आ रहा था, अब तुमसे चुदूँगी तो कितना मजा आयेगा।
मैं भाभी के दूध को दबाये जा रहा था।
भाभी उचकती हुई बोली- ले राजा अच्छे से दबा, जितनी ताकत हो, उतनी ताकत से दबा!
मैं उनके टॉप के ऊपर से ही उनके दूध दबाये जा रहा था और वे मेरे लंड से खेले जा रही थी।
मेरी उत्तेजना का चरम यह था कि मैंने भाभी को पटककर अपने नीचे ले लिया और उनके होंठ को चूसने लगा.
वे भी उसी तरह साथ दे रही थी।
कभी जीभ से जीभ लड़ाती तो कभी मेरी जीभ को मुँह में भर लेती।
मैं भी अपनी गीली जीभ उनके जिस्म पर चला रहा था।
अब मेरा हाथ उनके टॉप के अन्दर चला गया और उनकी मुलायम चूची को हाथ में लेकर मीसने लगा।
भाभी लंड को पकड़कर कैपरी के ऊपर से ही अपनी चूत पर रगड़े जा रही थी।
मैंने भाभी से कहा- भाभी, कैपरी फड़वाकर अन्दर लोगी क्या?
“मेरा राजा, लंड को पकड़ते ही मेरी चूत में आग लग जाती है। मन करता है कि कुछ न करूँ बस लंड को चूत के अन्दर डाले रहूँ. बहुत जलन और खुजली बनी रहती है।”
“हाँ, आपकी जवानी का असर है।”
“हाँ मेरे राजा, तेरा लंड भी बोल रहा है तुम्हारी जवानी भी चूत की कितनी भूखी है।”
मैंने भाभी के कैफ्री के अन्दर हाथ डाला, चूत गर्म थी।
तब मैंने चूत रगड़ते हुए उनकी कैपरी को उनसे अलग कर दिया और भाभी ने अपने टॉप को अलग कर दिया।
धीरे-धीरे उनकी चूचियों को पीते हुए उनकी नाभि और फिर जैसे ही उनकी चूत के ऊपर अपनी जीभ फिराई, भाभी गनगना उठी, बोली- मेरे राजा, जितना बढ़िया तुम दूध पीते हो, उतने अच्छे से मेरी चूत को भी मजा दे रहो हो।
हल्के से रोयें के साथ भाभी की चूत बहुत मजा दे रही थी.
चूत की फांकों को खोलकर जब चूत के अन्दर जीभ डाली तो चूत मलाई से भरी हुयी थी।
“हाय मेरे राजा … मार डाला रे!”
धीरे से और नीचे उतर जब जीभ उनकी गांड के छिद्र में चलने लगी तो भाभी खुद पलट गयी- ले मेरे राजा, अच्छे से गांड चाट … कुंवारी गाड है मेरी!
“भाभी, तुम्हारी मोटी-मोटी गांड बहुत मजेदार है।”
तब भाभी तेजी से पलटी- मेरी गांड बहुत अच्छी लगी है?
“कसम से भाभी, बहुत अच्छी और सेक्सी है। इस गांड में लंड डालने को मिल जाये तो बहुत मजा आ जाये।”
भाभी ने मुझे कसकर पकड़ लिया और बोली- आ मेरे राजा, तू भी क्या याद करेगा, तू मुझे मेरी चूत का मजा दे और तू मेरी गांड चोदकर मजा ले ले। भाभी और देवर दोनों खुश!
कहते हुए भाभी ने मेरे होंठों से अपने होंठ सटा दिए और कस कर होंठ चूसने लगी।
हम दोनों करवट में आ गये और एक दूसरे से इस कदर चिपके हुए थे कि हवा सरकने का रास्ता नहीं था।
मैंने भाभी की टांग को अपनी कमर पर रख दिया और उनकी गांड में उंगली अन्दर डालने लगा.
भाभी अभी बेइंतहा होंठ चूसे जा रही थी और मेरी पीठ पर अपने पंजे गड़ा रही थी।
मैं कभी उनकी गांड में उंगली करके गांड ढीली करता तो कभी उनकी चूत को रगड़ता तो कभी उनके लहसुन को रगड़ता.
भाभी उतनी ही मस्त आवाज करती और मेरे होंठ को चूसती.
अब मैंने भाभी को सीधी किया और उनकी टांगों के बीच आकर उनकी चूत में लंड अन्दर डाल दिया.
पट की आवाज के साथ लंड मेरी जान की चूत के अन्दर!
भाभी अपनी नशीली अर्ध खुली आंखों खोलकर बोली- मेरे राजा, इतनी देर ये यह सबसे अच्छा काम किया।
आठ-दस धक्के लगे ही थे कि भाभी पलटकर मेरे ऊपर आ गयी और मेरे मुँह अपर अपनी चूत टिकाती हुई बोली- ले मेरे बच्चे, आज तुझे जन्न्त की सैर कराऊँगी।
चूत के नाक से सटने के कारण उसकी आती हुयी गंध मेरे होश उड़ा रही थी.
भाभी लगातार मेरे होंठों से अपनी चूत रगड़ रही थी।
फिर वे पलटी और 69 की पोजिशन में आती हुई मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी और मैं उनकी चूत और गांड का मजा लेने लगा।
तब भाभी उठी और पीठ को मेरी तरफ ही करके चूत के अन्दर लंड लेकर उछलने लगी.
दो-चार शॉट लगाकर अपने दोनों हाथ को मेरे छाती के पाक बेड पर टिकाकर मेरी तरफ उल्टा झुकी- कहो मेरे राजा, मजा आ रहा है?
“बहुत मजा आ रहा है!” उनकी चूचियों को हाथ में लेते हुए मैं बोला।
“भाभी मस्त कर दिया है आपने अपनी चुदाई के तरीके से!”
“मेरे राजा अब तेरी बारी!” कहकर घोड़ी बन गयी- ले मेरी गांड की सवारी कर, पर थोड़ा लुब्रीकेन्ट का यूज करना, नहीं तो मेरी गांड फटकर मेरे हाथ में आ जायेगी।
“चिन्ता मत करो भाभी, अब आपने अपनी गांड मेरे हवाले कर दिया. बहुत मजे से मारूँगा!’
कहते हुए मैंने पास पड़ी हुयी क्रीम उठाई और ट्यूब का मुँह गांड के अन्दर डालकर क्रीम अन्दर डाल दी और उंगली डालकर अन्दर घुसाने लगा और लंड को गांड में घिसने लगा।
मैंने हल्का सा लंड अंदर घुसेड़ा कि भाभी चिल्लाई- भोसड़ी के, कुंवारी गांड है!
“हाँ भाभी … चूत भी तो कुंवारी रही होगी, जब पहली बार लंड अन्दर गया होगा।”
“भोसड़ी के … वह चूत है और ये गांड है।”
“छेद तो छेद है भाभी! और तुम तो बहादुर हो।”
“हाँ बोल ले मादरचोद, बहादुर बोल कर गांड मार ले!”
बस यही मौका था कि एक झटके से मैंने झटका दिया और आधा लंड गांड के अन्दर!
“मर गयी मादरचोद!”
“हा हा हा!” हंसते हुए मैं बोला- भाभी, यही बात तो तुमको खूबसूरत बनाती है।
मैं लंड को धीरे-धीरे अन्दर बाहर करने लगा.
“आह आह … ओह … ओ ओ ओ … चुदाई का मजा तो गांड में भी है। मेरे राजा जोर से मार!”
अब मेरी स्पीड बढ़ती ही जा रही थी, भाभी अपनी चूत सहला रही थी।
भाभी को चूत और गांड दोनों का मजा मिल रहा था।
उन्होंने कई पोजिशन बनाकर मुझे भी मजा दिया और मुझे उकसाती हुई बोली- शाबाश मेरे राजा, बहुत ताकत है तेरे लंड में! वास्तव में मौसी और मम्मी को भी बड़ा मजा आया होगा।
मैं शॉक्ड- भाभी, तुमको कैसे मालूम?
“बस मेरे छोटू … बेचारा मेरी चूत के लिये तरस रहा है और मैं तुमस अपनी चूत और गांड चुदवा रही हूँ। वह भोसड़ी वाला सब बता देता था। इसलिये मुझे भी चुल्ल हो रही थी तुझसे चुदवाने के लिये!”
भाभी की बात काटते हुए मैं बोला- अब कभी भी मेरी मलाई निकल सकती है, तुम्हारा मुँह चोदना चाहता हूँ!
“आ जा मेरे राजा!” कहती हुई भाभी अपनी टांगों को सिकोड़कर बैठ गयी और मुँह में लंड ले लिया.
मैं उनका सर पकड़कर उनको चोद रहा था।
“भाभी, मेरा निकलने वाला है!”
“निकाल … मैं भी इंतजार कर रही हूँ।”
Xxx भाभी फक में मेरा माल निकलने लगा, भाभी मजे से मेरा रसपान कर रही थी और मैं अपने रस को निकाल कर!
फिर हम दोनों एक दूसरे से चिपक गये.
तभी भाभी मम्मी और मौसी को आवाज लगा कर कमरे में बुलाकर बोली- लौंडे में दम है। बस यही दम पूरी आज की रात लगाणा है। आज रात हम तीनों को बारी-बारी चोदेगा।
बस क्या था … पूरी रात तीनों औरतों ने मेरे लंड का मजा लिया।
अरे अरे … लगातार नहीं, थोड़ा-थोड़ा गैप में तीनों चुदी।
जब दूसरे दिन मैं वापिस घर के लिये निकलने लगा तो भाभी मेरी गांड दबाती हुई बोली- अगली बार जब तू मिलेगा, तो तुझे और मजा दूंगी और तेरी गांड अपनी चूची से मारूँगी।
तो दोस्तो, मेरी Xxx भाभी फक कहानी कैसी लगी, आपके जवाब के इंतजार में।
आप सभी के मेल के इंतजार में आपका अपना शरद सक्सेना।
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