तन की जरूरत रिश्तों से बड़ी होती है-3

(Tan Ki Tarurat Rishton Se Badi Hoti Hai-3)

This story is part of a series:

सुबह के 6 बज चुके थे, मुझे लगा कि भाभी जागने वाली हैं, मैं डर गया और अपना हाथ भी नहीं हटाया और सोने का नाटक करने लगा।
तभी भाभी उठी और उन्होंने मेरा हाथ अपने ब्लाउज से निकाला और दूसरे हाथ को जांघों से हटाया और मैं ठण्ड से काम्पने का नाटक करने लगा ताकि भाभी को लगे कि मैंने सोते हुये गलती से अपना हाथ भाभी के ब्लाउज़ में डाल दिया था।
और ऐसा ही हुआ, वो उठी और अपना साड़ी और ब्लाउज ठीक की, मुझे भी जगाया और कहा- 7 बजने वाले हैं।

हम रायपुर पहुँच गये!
बाहर जाने लगे, तभी भैया का काल आया, उन्होंने कहा कि हम अपने एक दूर के रिश्तेदार जो रायपुर में रहते हैं, उनके यहाँ चले जाये और उन्होंने कहा कि अभी 3 दिन तक उनका मोबाइल बन्द रहेगा क्योंकि रोमिन्ग नेटवर्क के कारण चार्ज ज्यादा लगता है।
मैंने कहा- ठीक है।
और हम अपने रिश्तेदार के यहाँ पहुँचे लेकिन वहाँ ताला लगा हुआ था। तो मैंने भाभी से कहा कि हम पहले किसी होटल जाते हैं, अपना सामान वहीं रखकर आपके काम के लिये चलेंगे।

भाभी ने कहा- ठीक है।

और अब हम एक होटल में गये लेकिन उसने मुझसे हमारा रिश्ता पूछा तो मैंने कहा- भाभी देवर…
तो उसने रूम नहीं दिया, मैं समझ गया कि लोग सेक्स रैकेट चलाते हैं, इसी लिये उसने हमें रूम नहीं दिया।
मैंने भाभी से कहा- भाभी, हमें रूम लेने के लिये एक झूठ बोलना पड़ेगा।
तो उन्होंने कहा- कैसा झूठ?
मैंने कहा- हमें पति पत्नी बन कर ही कमरा मिलेगा।
तो भाभी हंसने लगी तो मैंने पूरी बात समझाई, उन्होंने कहा- ठीक है।

अब हम एक दूसरे होटल गये और मैंने वहां दिन भर के लिये एक रूम ले लिया, मैंने अपना नाम सूरज बताया, भाभी के पहचान-पत्र में पति का नाम सूरज लिखा था जिससे हमें रूम मिल गया।
रूम सिन्गल बेड था, हनीमून कपल के लिये था क्योंकि वहाँ काफ़ी कामुक तस्वीरें लगी हुई थी।

फ़िर हम जल्दी से नहा धोकर भाभी के काम के लिये तहसीलदार के दफ्तर पहुंचे तो मैंने भाभी से कहा- मैं अन्दर जाकर पूछता हूँ कि हमारा काम कहाँ होगा।
भाभी ने कहा- ठीक है।

अब मैंने अपना दिमाग लगाया और वापस आकर भाभी से बोला- हमारा काम जिस अदमी से है, वो 3 दिन की छुट्टी पर है, हमारा काम अब 3 दिन बाद ही होगा।

मैंने भाभी के साथ 3 दिन की चुदाई का जबरदस्त प्लान बनाया था।

फ़िर भाभी ने कहा- रूम तो मिल ही गया है, 3 दिन यहीं रहते हैं। इसी बहाने रायपुर भी घूम लेंगे।

मैं भी तो यही चाहता था, अब हम होटल वापस आ गये और मैंने मैंनेजर से कह कर रूम 3 दिन के लिये बुक कर लिया।

क्या बताऊँ दोस्तो, मैं कितना खुश था।

अब शाम हो चुकी थी, भाभी ने कहा- कहीं घूमने चलते हैं।

मैंने कहा- ठीक है।

और हम तैयार होकर घूमने के लिये निकल गये। मैंने देखा कि भाभी ने काले रंग की साड़ी और ब्लाउज पहना है जिसमें वो किसी अप्सरा की तरह लग रही थी, उन्हें देखकर तो मेरे मुँह में पानी आ गया और लण्ड अपने आप खड़ा होने लगा, मैंने आप पर काबू रखा और हम घूमने के लिये निकल गये, हम पति पत्नी की तरह लग रहे थे।

फिर हम लोग एक फिल्म देखने गये ‘हेट स्टोरी’ जिसने आग में पेट्रोल का काम किया।
अब हम बाहर से ही खाना खाकर वापस होटल आ गये।

रात के 10 बज चुके थे और हम थक भी गये थे तो भाभी ने कहा कि फ्रेश होकर अब हमें सोना चाहिये और वो बाथरूम में चली गई।

लेकिन मुझे तो बस चुदाई ही चुदाई दिख रही थी। फिर भाभी बाथरूम से बाहर आई और बोली- आप भी हाथ मुँह धो लीजिये।

मैं बाथरूम में चला गया और मैंने रात के लिये सिर्फ़ एक बनियन और लोअर पहन लिया। मैं जब बाहर आया तो मैंने देखा कि भाभी ने अपनी सारी उतार कर रख दी थी और खुद ब्लाउज और पेटिकोट में कम्बल के अन्दर सो रही थी क्योंकि वो अपनी नाईटी नहीं लाई थी।
क्या बताऊँ दोस्तो, वो काले रंग की ब्लाउज और काले पेटिकोट में बिल्कुल कयामत लग रही थी।

तभी मैंने भाभी से कहा- भाभी, मैं ए सी चालू कर देता हूँ।
क्योंकि मैं ठण्डक में भाभी की चूत और बूब्स का मजा लेना चाहता था।

तो भाभी ने कहा- ठीक है।
और मैंने ए सी चालू कर दिया, कुछ देर बाद पूरा रूम ठण्डा हो गया।

मैं आपको बता दूं, हमें सिन्गल बेड वाला रूम मिला था और औढ़ने के लिये भी एक ही कम्बल था।

तभी भाभी ने कहा- आप भी सो जाओ !

मैं तो इसी का इन्तजार कर रहा था, मैं फ़ौरन बिस्तर में चला गया और मैंने भी वही कम्बल औढ़ लिया और भाभी बिल्कुल मेरे बगल में लेटी हुई थी।
जैसे ही भाभी का गरम बदन मेरे जिस्म से छुआ, मेरे शरीर में करेन्ट लगने लगा और मैं उत्तेजित होने लगा।

तभी मैंने पूछा- भाभी, आपको फ़िल्म कैसी लगी?

तो भाभी ने कहा- बहुत अच्छी लगी… लेकिन ऐसा रीयल लाइफ में कैसे सम्भव है कि एक औरत कई सारे मर्दों के साथ……
और चुप हो गई।
फिर मैंने भाभी से कहा- भाभी, आपको पता है, आप बहुत सुन्दर हैं।

तो भाभी हंसने लगी।
मेरा लौड़ा भाभी के जिस्म का स्पर्श पाकर पूरा तन चुका था और लोहा बन चुका था, मैं जल्दी से जल्दी भाभी को चोदना चाहता था, मैंने भाभी से कहा- भाभी, मैं आपको एक रेकोर्डिन्ग सुनाता हूँ जिससे आपको फ़िल्म वाली बात सच लगने लगेगी।

तो भाभी ने कहा- तो ठीक है, जल्दी सुनाइये!

और मैंने झट से दीदी की फोन सेक्स वाली रिकार्दिन्ग चालू कर दी, भाभी दीदी कि अवाज पहचान गई और झट से बोली- यह तो आपकी दीदी है?
तो मैंने सारी बात बताई, अब भाभी को भी यह सुनकर मजा आ रहा था और वो गर्म भी हो रही थी।
तभी मैंने अपना एक हाथ भाभी के पेट पर रख दिया और पेट को सहलाने लगा लेकिन भाभी ने ध्यान नहीं दिया क्योंकि वो रिकार्डिन्ग सुनने में व्यस्त थी और अब मैं भाभी के जिस्म से चिपक कर लेटा था।
अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था और मैंने अपना हाथ भाभी के बूब्स पर रख दिया और ब्लाउज के ऊपर से ही सहलाने लगा। भाभी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली- आप यह क्या कर रहे हैं। मैं आपकी भाभी हूँ और किसी को पता चल गया तो?

लेकिन मैं कहाँ रुकने वाला था, मैंने भाभी की पेटिकोट का नाड़ा भी खोल दिया और भाभी को पूरी तरह से अपनी बाहों में जकड़ लिया।

मैंने भाभी से कहा- किसी को पता नहीं चलेगा, बस एक बार मुझे चोद लेने दीजिये।

यह कहकर मैं भाभी को बेतहाशा किस करने लगा, भाभी भी गरम हो चुकी थी, अब वो भी मेरा साथ देने लगी, मैंने भाभी का ब्लाउज, पेटिकोट उतार दिया और ब्रा पेन्टी भी और खुद भी नन्गा हो गया।

क्या बताऊँ दोस्तो, भाभी के मखमली जिस्म को पाकर ऐसा लग रहा था कि धरती पर कहीं ज़न्नत है तो यहीं है।
मैं शब्दों से यह बता नहीं सकता कि मुझे कितना मजा आ रहा था।

अब मैंने भाभी से लण्ड चूसने के लिये कहा तो मेरे लण्ड को देखते ही उनके तो होश उड़ गए और बोली- इतना बड़ा है आपका? मैं इसे कैसे लूंगी? आपके भैया का तो बहुत छोटा है।

मैंने कहा- भाभी, आप घबराओ मत, जब आपको भैया का छोटा लण्ड इतना मजा दे सकता है तो बताओ इस लण्ड से कितना मजा मिलेगा?

यह कहते ही मैंने अपने लण्ड भाभी के मुंह में डाल दिया और वो उसे लोलीपोप की तरह चूसने लगी। मुझे बहुत मजा आ रहा था, करीब दस मिनट लण्ड चूसने के बाद वो बोली- रवि जल्दी से मेरी चूत की खुजली मिटाओ।

और जैसे ही मैंने भाभी की मक्खन जैसी चूत को देखा जो ट्रिम की हुई थी, मैं पागल होने लगा और उनकी चूत को कुत्ते की तरह चूमने लगा, चाटने लगा।
भाभी ‘आ… ह्ह्ह ह्ह्हआआ… आआ…हा आआ…ह्ह्ह… चो…द्द्द्द्द दो……ज…ल्दी…’ की आवाज निकालने लगी और मेरे सर को पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगी, मैं भाभी की चूत को चूसे जा रहा था करीब बीस मिनट मैंने अपनी भाभी की चूत को चूसा।

अब भाभी कह रही थी- जल्दी अपना लण्ड मेरी चूत में डालो, नहीं तो मैं मर जाऊँगी।

मैंने भाभी से पैर फैलाने को कहा और कहा- तकिये को अपनी गाण्ड के नीचे रख लो।
भाभी पैर फैला कर लेट गई, मैंने अपने लण्ड को भाभी की चूत पर रखा जो 8 इन्च का था और लोहे जैसा लग रहा था, मैंने धीरे से धक्का लगाया जिससे भाभी की चीख निकल गई, उन्होंने कहा- आराम से डालिये देवर जी…

अभी मेरे लण्ड का सिर्फ ऊपरी हिस्सा भाभी की चूत में गया था, अब मैं धीरे धीरे अपने लण्ड को अन्दर धकेलने लगा और भाभी से कहा- भाभी, आप तो सेक्स की देवी हो।
और भाभी के होंठों को किस करने लगा, अब मैंने अपना लण्ड थोड़ा बाहर निकाला और एक जोरदार धक्का लगाया जिससे भाभी चिल्ला उठी- म……र्रर्रर्र गय्य्…ईईईई… बा…ह्ह…र निका……आल्ल्लओ…

मैंने अपना मुंह भाभी के मुंह पर रख दिया और चुम्बन करने लगा ताकि आवाज ना निकले।

मैंने महसूस किया कि दर्द के कारण भाभी का जिस्म काम्प गया था, अब मेरा पूरा लण्ड भाभी की चूत में समा चुका था और अब मैंने भाभी को धीरे धीरे चोदना शुरु किया।
अब भाभी का भी दर्द कम हो गया था और वो भी अपने चूतड़ उछाल उछाल कर मेरे लण्ड को अपनी फ़ुद्दी के अन्दर ले रही थी।

करीब दस मिनट अपनी भाभी को हब्शियों की तरह चोदने के बाद मैंने भाभी से कहा- भाभी, मैं अब झड़ने वाला हूँ।

तो भाभी ने कहा- अन्दर ही झड़ जाओ!

इस दौरान भाभी दो बार झड़ चुकी थी, मैंने अपना पूरा रस भाभी की चूत में डाल दिया जिसके गर्म एहसास से भाभी मस्त हो गई और उनकी चूत मेरे वीर्य से लबालब भर गई।
अब भाभी ने मेरे लण्ड को चाट कर साफ किया और हम ऐसे ही एक दूसरे की बाहों में लिपटे रहे।

भाभी ने कहा- आज चुदवाने में बहुत मजा आया। और उन्होंने मेरी दीदी को थैक्स बोला कि ये सब उनके वजह से ही हो पाया।

मैंने भाभी से पूछा- आपने मेरा वीर्य अपने अन्दर क्यों ले लिया?
भाभी बोली- तो क्या हुआ? खून तो एक ही है आपका और आपके भाई का… अगर बच्चा ठहर भी गया तो भी अच्छा है, बेटा हुआ तो उसका लिंग तुम्हारी तरह लम्बा होने की उम्मीद हो जायेगी।
मैं सिर्फ़ हंस दिया।

उस रात मैंने भाभी को दो बार और चोदा और थक कर सो गये।
और हाँ दोस्तो, उन 3 दिनों में मैंने अपनी भाभी की बहुत जबर्दस्त चुदाई की, वहाँ लोगों को लगा कि हम अपने हनीमून पर हैं।
तब से लेकर आज तक जब भी मौका मिलता है मैं अपनी भाभी को चोदता हूँ।
यह मेरी पहली कहानी है जो एक सच्ची घटना है, यह आपको कैसी लगी, मुझे जरूर लिखियेगा।

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