आखिरकार छोटे भाई की बीवी चुद ही गई- 2
(Sister In Law Sex Story)
सिस्टर इन लॉ सेक्स स्टोरी में मैं अपने छोटे भाई की बीवी को चोदना कहता था. वह भी मेरे लंड का मजा लेना चाहती थी. पर रिश्ते की शर्म थी. तो पहली चुदाई कैसे हुई?
दोस्तो, मैं दीपू सोनी एक बार पुनः आपकी खिदमत में अपने छोटे भाई की पत्नी की चुदाई की कहानी के साथ हाजिर हूँ.
कहानी के पहले भाग
छोटे भाई की बीवी की चूत मारने की तमन्ना
में अब तक आपने पढ़ा था कि मंजू और मैं पानी में भीगे हुए खड़े थे और मंजू मेरे सामने गीले ब्लाउज पेटोकोट में खड़ी थी.
मैं उसके सेक्सी बदन को ठगा सा देखे जा रहा था.
अब आगे सिस्टर इन लॉ सेक्स स्टोरी:
मुझे पता ही नहीं चला कि मैं कितनी देर तक उसको देखता रहा.
उसके चूचे ऐसे हो रखे थे जैसे अभी ब्लाउज और ब्रा को फाड़ कर बाहर आ जाएंगे.
ब्लाउज के गहरे गले से बिल्कुल दूध के जैसे सफ़ेद मम्मे मेरे लंड की मां चोद रहे थे.
मुझे तो तब होश आया जब मंजू ने कहा- क्या देख रहे हो?
मैं एकदम से सकपका गया था और हड़बड़ा कर बोला- कु..कु … कुछ नहीं.
मेरी हड़बड़ाहट देख कर वह हंसने लगी और उसने दूसरी तरफ मुँह फेर लिया जहां घोड़े और घोड़ियां बंधे हुए थे.
मैं भी पैंट बदलने के लिए बाहर आ गया और जैसे ही मैंने अपनी पैंट निकाली, तब मुझे याद आया कि हमारा कपड़ों का बैग भी गाड़ी में रह गया था.
अब मैं अंडरवियर और बनियान में ही मंजू को यह बताने अन्दर आया कि हमारे कपड़ों का बैग गाड़ी में रह गया है.
तब मैंने देखा कि मंजू सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में खड़ी बाहर कुछ देख रही थी.
उसकी गांड पेटीकोट में से पूरी उभरी हुई साफ़ साफ़ दिख रही थी जिसे देख कर मेरा लंड अंडरवियर के अन्दर से ही झटके मारने लगा.
मंजू एकटक बाहर देखे जा रही थी.
मैंने मंजू को एक दो बार आवाज भी लगाई, पर उसने मेरी बात की तरफ ध्यान ही नहीं दिया.
तब मैं मंजू के पास गया और उसकी नजरों का पीछा करते हुए देखा कि आखिर मंजू ऐसा देख क्या रही है, जो इसे मेरी बात भी सुनाई नहीं दी!
तब मैंने देखा तो मेरे होश ही उड़ गए.
सामने का नजारा ही कुछ ऐसा था कि मंजू को मेरे आने का व मेरे बोलने का पता ही ना चला.
मैंने देखा की एक घोड़ा एक घोड़ी की चूत चाट रहा था और घोड़ी अपने पीछे के दोनों पैरों को खोल कर खड़ी थी.
वह भी अपनी चूत चटवाने का आनन्द ले रही थी.
घोड़ा कुछ देर तक घोड़ी की चूत चाटता रहा.
मैं मंजू के और पास गया और देखा कि मंजू की सांसें ऊपर नीचे हो रही थीं और उसने अपना एक हाथ अपनी छाती पर रखा हुआ था.
तेज तेज सांसों के ऊपर नीचे होने से उसकी छाती भी ऊपर नीचे हो रही थी.
वह सिर्फ ब्लाउज पेटीकोट में थी तो मुझे उसकी छाती की दरार साफ दिख रही थी.
मंजू के मुँह से हल्की हल्की सिसकारियां निकल रही थीं.
मैंने वापस उस घोड़े और घोड़ी की तरफ देखा तो घोड़ा घोड़ी की चूत चाटने के बाद उसके ऊपर चढ़ गया था.
उसने अपने आगे के दोनों पैर घोड़ी की पीठ पर रख दिए और अपना लंड घोड़ी की चूत में डालने लगा था.
यह सब देख कर मंजू की सांसें और तेज हो गईं.
घोड़े ने अपना लंड घोड़ी चूत पर लगा कर एक जोर का झटका मारा और घोड़े का पूरा लंड एक साथ घोड़ी की चूत में समा गया.
यह कामुक नजारा देख कर मंजू के मुँह से अचानक एक जोरदार सिसकारी निकली- आआहह ओहह ओह माय गॉड!
जैसे ही मंजू के मुँह से मैंने ये सिसकारी सुनी, मेरे हाथ अपने आप उठ गए और मैंने मंजू के दोनों कंधे पकड़ लिए.
मंजू तो जैसे स्टैचू ही बन गयी थी.
उसने बस एक बार पीछे मुड़कर मेरी तरफ देखा और मुस्कुराने लगी.
वह वापस उस घोड़े और घोड़ी की तरफ देखने लगी.
मुझे तो जैसे हरी झंडी मिल गयी हो, मेरा लंड कच्छे को फाड़ कर बाहर आने को हो गया था.
मेरा लंड तो जैसे लोहे की रॉड की तरह हो गया और मेरे होंठ अपने आप मंजू की गर्दन की तरफ चले गए.
मैं मंजू की गर्दन को चूमने लगा और मेरा लंड मंजू की गांड से टकराने लगा.
मंजू के शरीर में भी एक अलग सी खलबली मच गयी थी.
फिर मैं मंजू को चूमता हुआ उस घोड़ा और घोड़ी को देखने लगा जो चुदाई करने में मशगूल थी.
जैसे जैसे घोड़ा घोड़ी की चूत में झटके मार रहा था, वैसे वैसे मेरा लंड मंजू की गांड में झटके मार रहा था.
मंजू भी उनकी चुदाई लगातार देखे जा रही थी और साथ की साथ मेरे द्वारा मारे गए झटकों का भी आनन्द ले रही थी.
मेरे हर झटके के साथ उसके मुँह से सिसकारियां निकल रही थीं- आआह्ह उफ हम्मम!
मैंने मंजू की गर्दन को चाटते हुए अपने दोनों हाथ आगे ले जाकर उसके दोनों चूचों पर रख दिए और ब्लाउज के ऊपर से ही उसके चूचों को रगड़ने लगा.
मंजू पूरी तरह तिलमिला रही थी और उसने अपने आपको पूरी तरह मेरे ऊपर छोड़ दिया था.
उसने जोर जोर से सिसकारियां लेना शुरू कर दिया था.
अब हमने उन घोड़े और घोड़ी की तरफ देखना बंद कर दिया और अपने काम में लग गए.
मैंने मंजू के ब्लाउज के सारे हुक खोल दिए.
वह मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पेटीकोट में खड़ी थी.
मैंने मंजू को मेरी तरफ किया, उसने एक बार तो मेरी आंखों में देखा … फिर मुस्कुरा कर अपनी आंखें नीची कर लीं.
वह शर्मा गयी.
मैंने उसको अपने गले से लगा लिया और उसकी पीठ पर हाथ फेरने लगा.
हाथ नीचे ले जाकर दोनों हाथों से उसके भारी भरकम पिछवाड़े को मैं अपने हाथों में थाम कर जोर जोर से रगड़ने लगा.
मंजू बुरी तरफ मुझसे लिपट गई और मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगी.
वह कामुक सिसकारियां निकाले जा रही थी ‘उफ्फ ह्म्म्म ओह …’
मैंने उसकी गर्दन से उसे पकड़ा और उसके होंठ अपने होंठों के बिल्कुल पास ले आया और उसकी आंखों में देखने लगा.
वह उस समय बिल्कुल क़यामत लग रही थी.
ऐसा नशा तो मैंने आज तक प्रिया की आंखों में भी नहीं देखा था.
जैसे ही मैंने उसके होंठों को चूमने को हुआ, वह अपने पंजे के सहारे ऊपर उठ कर मेरे होंठों को चूमने को हो गई.
मैंने अपनी गर्दन पीछे कर ली.
उसने हैरानी से मेरी तरफ देखा और बड़ा प्यारा शरारती सा मुँह बनाया.
उसने किस करने के लिए ऐसा दो बार किया, पर दोनों बार मैं अपनी गर्दन पीछे ले जाता.
फाइनली वह बोली- प्लीज अब ओर मत तरसाओ … मैं बहुत तरसी हूँ आपके लिए!
उस समय मैं उसको और ज्यादा तड़फाना चाहता था पर इस बार उसने खुद अपने हाथों से मेरी गर्दन पकड़ी और मेरे होंठों पर टूट पड़ी.
मैंने भी उसके ऊपर के होंठ को, कभी नीचे के होंठ को दबा कर चूसा.
दोस्तो, उसके होंठ इतने सॉफ्ट और गुलाबी थे कि मैं बता नहीं सकता.
उसने भी अपना एक हाथ नीचे ले जाकर मेरे कच्छे के ऊपर से लंड को पकड़ लिया और दबाने लगी.
मेरे तो पूरे शरीर में हलचल सी हो गयी थी और मैंने उसके होंठों को इतना चूसा कि उसके होंठों से खून निकलने को हो गया था.
मैं उसकी गर्दन, गाल पर क़िस करते हुए नीचे तरफ आया और उसकी ब्रा के हुक खोल कर उसके मस्त मस्त चूचों को आजाद कर दिया.
बड़े दूध देख कर मैं उसके चूचों पर किस करने लगा.
उसके चूचों के निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगा, कभी उसके निप्पल को होंठों से, कभी दांतो से काटने लगा.
मैंने उसके चूचों पर लव बाईट के बड़े बड़े निशान बना दिए थे.
इसके बाद मैंने उसके पेटीकोट के नाड़े को पकड़ कर खोल दिया और नीचे कर दिया.
उस समय उसने काली रंग की कच्छी पहनी हुई थी जो उसके दूध जैसे बदन पर बड़ी मस्त लग रही थी.
फिर मैं नीचे बैठ गया और उसकी कच्छी को भी अपने दांतों से पकड़ कर नीचे करने लगा.
दोस्तो, मैं आपके सामने बयां नहीं कर सकता कि उस समय वह किसी काम की देवी लग रही थी.
मेरे तो होश ही उड़ गए थे इतना मस्त शरीर देख कर …
मैं उसके शरीर को एकटक घूरने लगा तो वह शर्मा गयी और अपना हाथ नीचे लाकर उसने अपनी चूत को छुपा लिया.
मैंने उसके हाथ वहां से हटा दिया.
तो उसने फिर अपना मुँह अपने हाथों से छुपा लिया.
मैंने बैठे बैठे उसकी गांड को अपने हाथों से पकड़ा और उसकी जांघों के पास से चाटने लगा, अपनी जीभ को उसकी चूत के पास ले जाकर उसकी चूत के ऊपर से जीभ फेरने लगा.
आह उसकी चूत से क्या मस्त खुशबू आ रही थी यार …!
मैंने मंजू को पकड़ा और वहां रखी एक खाट पर लिटा कर उसके पैरों को खोल दिया.
फिर झट से उसके पैरों के बीच आकर उसकी चूत के अन्दर अपनी पूरी जीभ ठेल दी.
मंजू बिन पानी मछली की तरह तड़फने लगी और अपना मुँह इधर उधर मारने लगी.
उसके कंठ से कामुक सिसकारियां निकलने लगीं ‘आअहह ऊह ओहह यस उफ्फ.’
वह मेरा सिर पकड़ कर अपनी चूत पर रगड़ने लगी.
उसकी सिसकारियां सुन कर मैं और ज्यादा जोश में आ गया, मैं अपनी जीभ से मंजू की चूत के दाने को रगड़ने लगा.
वह बोली- प्लीज मेरी चूत को खा जाओ … आज तक विकी ने इसको अच्छे से छुआ भी नहीं है, चाटना तो दूर की बात है.
बस इतना कह कर वह अपना कण्ट्रोल खो बैठी और उसने मेरे मुँह में ही अपना पानी छोड़ दिया.
उसकी चूत के रस को मैं पी गया.
मंजू ने निढाल होकर अपना हाथ मेरे सिर से हटा दिया.
फिर मैं उठा और मुझे ध्यान आया कि वह बूढ़ा अंकल किसी भी समय आ सकता है … क्योंकि उसे गए हुए काफी समय हो गया था.
मैंने मंजू से कहा- हमें जल्दी करना चाहिए, वह अंकल किसी भी वक्त आ सकता है.
उसने बस एक हलकी से स्माइल की और उठ कर खाट पर बैठ गई.
उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने पास बुलाया और मेरे कच्छे के ऊपर से ही मेरे लंड पर हाथ फेरने लगी जो उस समय अपने पूरे उफान पर था.
मेरे छोटे भाई की पत्नी ने मेरा अंडरवियर नीचे कर दिया.
जैसे ही मेरा लंड पहली बार उसने इतना नजदीक से देखा, तो वह एकदम डर गयी.
वह बोली- यह तो उस रात से भी भयंकर दिख रहा है जिस रात आप मुझे शीशे में से दिखा रहे थे!
मैं उसके मुँह की तरफ देखता रह गया.
मैंने कहा- तुम्हें पता था क्या कि उस रात मैं तुम्हें अपना लंड जानबूझ कर दिखा रहा था?
उसने कहा- हां, मुझे सब पता था कि आप वह सब मुझे दिखाने के लिए कर रहे थे, पर उस दिन मुझे सच में आप दोनों की चुदाई देख कर बहुत मजा आया. इतना मजा तो मुझे कभी विकी से चुद कर भी नहीं आया था, जितना मजा मुझे आप दोनों की चुदाई देख कर आया. मैंने तो उसी दिन ठान लिया था कि एक दिन आपसे चुदाई जरूर करवाऊंगी. इसलिए तो मैंने आपके साथ काम शुरू किया था, पर आपने भी यह दिन लाने में बहुत समय लगा दिया.
मैंने कहा- हमारा रिश्ता ही कुछ ऐसा था मंजू कि मैं पहल कर नहीं सकता था. बस आज माहौल ऐसा कुछ हो गया और अपने बीच ये सब हो गया. पर अब मैं तुमसे प्रॉमिस करता हूँ कि कभी भी तुमको प्यार की कमी महसूस नहीं होने दूंगा.
यह सुन कर वह इतना खुश हो गयी कि बिना समय गँवाए मेरा पूरा लंड अपने मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी.
मैं भी हाथ नीचे ले जाकर उसके चूचों को रगड़ने लगा, दबाने लगा, उसके निप्पल को रगड़ने लगा.
वह फिर से जोश में आ गयी और मेरे लंड को जोर जोर से चूसने लगी.
कम से कम 10 मिनट से ज्यादा देर तक लंड चूसने के बाद वह बोली- मान गए आपकी स्टैमिना को … विकी होता तो अब तक 2 बार पानी छोड़ चुका होता!
मैंने कहा- मेरी जान, यही तो मेरी खास बात है.
फिर मैंने उसको वापिस खाट पर लेटा दिया और उसके पैरों को अपने कंधों पर रख लिए.
जैसे ही मैंने उसकी चूत पर अपने लंड की टोपी रखी, वह तिलमिला उठी और बोली- प्लीज थोड़ा थूक लगा लेना, आपका बहुत मोटा है ओर मुझे दर्द होगा.
मैं उसकी तरफ देख कर मुस्कुरा दिया और अपने लंड पर थूक लगा कर उसकी चूत पर रख कर हल्का सा झटका लगा दिया.
लंड की टोपी अन्दर चली गई.
वह तिलमिलाने लगी- प्लीज धीरे डालो … आपका मोटा बहुत है … आह!
मैंने लंड बाहर निकाला और अबकी बार थोड़ा और ज्यादा थूक लगा कर चूत पर रख दिया.
फिर एक तेज धक्का लगा दिया.
इस बार आधा लंड उसकी चूत में चला गया था.
उसने मस्त सिसकारी निकाली ‘आह्ह्ह उइ इस्स ओहह.’
मैंने उसके दोनों चूचों को थाम लिया और रगड़ने लगा.
जब उसकी चूत पानी छोड़ने लगी, तब उसके चूचों को पकड़ कर एक और जोर का झटका दे मारा.
अब पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया था.
मंजू अपने सिर को बुरी तरह इधर उधर मुँह मारने लगी और साथ ही साथ सिसकारियां निकाले जा रही थी- ओह्ह यस आआह आ आह्ह ओह माय गॉड … प्लीज फ़क मी हार्ड बेबी … उफ आअह यस यस … मुझे आज तक ये मजा कभी नहीं मिला … ओहह आअ ह्हह हाय उफ्फ मजा आ गया, आज के बाद मैं सिर्फ आपसे ही चुदूंगी!
मैं लगातार झटके पर झटके लगाए जा रहा था और वह जोर जोर से सिसकारियां निकाले जा रही थी.
उस समय हम ये भूल गए थे कि हम कहां हैं और कोई हमें देख भी सकता था.
पर उस समय तो हम दोनों पर चुदाई की हवस सिर पर चढ़ कर बोल रही थी.
मैंने उसको घोड़ी बनने को बोला.
जैसे ही वह घोड़ी बनी, दोस्तो मैं आपको बता नहीं सकता कि उसकी गांड क्या मस्त तरीके से खुल कर सामने आई.
मैं तो उसकी गांड की गोलाई ही देखता रह गया. मैं उसके गांड के छेद पर उंगली फेरने लगा.
फिर जैसे ही मैंने अपने लंड उसकी गांड के छेद पर रखा, वह उचक गई.
वह बोली- प्लीज गांड नहीं, मैंने कभी गांड में लिया नहीं है!
मैंने कहा- मैं तो शुरू से ही तुम्हारी गांड का दीवाना रहा हूँ!
वह बोली- हां वह मुझे पता है कि आपकी नजर मेरी गांड पर रहती थी. पर आपका तो वैसे भी विकी से काफी मोटा और लम्बा है … ये तो मैं बिल्कुल नहीं ले सकती और यहां वह माहौल भी नहीं है. मैं ये दर्द बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगी और मेरी आवाज ज्यादा निकल जाएगी. पर मैं आपको प्रॉमिस करती हूँ कि जो चीज मैंने अपने पति को भी नहीं दी, वह मैं आपको जरूर दूंगी, पर फिर कभी. इसलिए प्लीज आज आज आगे से ही कर लो!
मैं उसकी बात को समझ गया और वापिस उसकी चूत में लंड डाल कर चोदने लगा.
मैंने दिल लगा कर उसकी चुदाई की.
इतना मजा तो कभी मुझे प्रिया की चुदाई करते हुए भी नहीं आया था जितना मजा सिस्टर इन लॉ सेक्स यानि मंजू चुदाई में आ रहा था.
मुझे उसकी चुदाई करते हुए काफी समय हो गया था.
दोस्तो, जब मेरा पानी निकलने को हुआ था, तब तक उसका दो बार हो चुका था.
मैंने पूछा- कहां निकालूँ?
तो वह बोली- अन्दर मत निकालना और कहीं निकाल देना.
मैंने अपना लंड बाहर निकाल कर उसकी गांड के ऊपर ही निकाल दिया और खाट पर बैठ गया.
उसने उठ कर अपनी गांड साफ़ नहीं की बल्कि उसके ऊपर ही अंडरवियर डाल ली.
मैंने भी अपना अंडरवियर डाल लिया.
तब तक बारिश भी रुक गयी थी.
मैं वही कपड़े डाल कर गाड़ी की तरफ भाग कर गया और हमारे कपड़ों वाला बैग और हमारा फ़ोन ले आया.
हम दोनों ने कपड़े बदले.
तब तक वह अंकल भी खाना लेकर आ गया था.
हमने खाना खाया और घर वालों को बता दिया कि हम कैसे और कहां फंसे हुए हैं.
हमने सारी रात वहीं निकाली.
फिर सुबह होने के बाद हम अपने गाड़ी ठीक करवा कर घर आए.
घर आने के बाद हमने क्या क्या किया और कैसे मैंने मंजू की गांड मारने के लिए मनाया, वह सब अगली स्टोरी में लिखूँगा.
दोस्तो, कैसी लगी आपको मेरी और मेरी बहू की पहली चुदाई!
सिस्टर इन लॉ सेक्स स्टोरी पर प्लीज मुझे ईमेल जरूर करना … मुझे आपकी राय का इंतजार रहेगा.
मेरी ईमेल आइडी है [email protected]
धन्यवाद.
आपका अपना दीपक सोनी
What did you think of this story??
Comments