ममेरी भाभी को पटाकर चुदाई का मजा लिया
(Sexy Bhabhi Xxx Kahani)
सेक्सी भाभी Xxx कहानी मेरे मामा के बेटे की पत्नी के साथ मेरी पहली चुदाई की है. पढ़ें कि कैसे मैंने उन भाभी को गर्म करके अपने लंड के नीचे किया.
सभी अन्तर्वासना पाठको को मेरा प्यार भरा नमस्कार.
मेरा नाम चांद चौधरी (बदला हुआ नाम) है. मैं 21 साल का जाट हूँ. मैं राजस्थान के एक छोटे से गांव का रहने वाला हूँ.
मेरे लंड का साइज काफी बड़ा है.
मुझ जैसे सुंदर सुशील लौंडे को देखकर एक तो लड़कियां वैसे ही फिदा हो जाती हैं, फिर उन्हें लम्बा मोटा लंड भी नसीब हो जाए, तो बात ही क्या है.
यह सेक्सी भाभी Xxx कहानी पिछले साल की है.
मेरे मामा जी के लड़के सुरेश भैया की शादी हुई और उनकी पत्नी का नाम जिज्ञासा था.
जिज्ञासा भाभी बहुत खूबसूरत थीं. मैंने जब उन्हें पहली बार देखा था, तो लंड खड़ा हो गया था.
मैं तभी मन बना चुका था कि इन्हें एक बार जरूर चोदूंगा.
शादी हो जाने के बाद मैं जब उससे मिला, तो खूब बातें की और मज़ाक भी.
फिर शादी के बाद मैं अपने गांव आ गया.
अब स्कूल कि पढ़ाई पूरी करके मुझे आगे की पढ़ाई के लिए शहर जाना था.
तो पापा की बात मामा जी से हुई.
मामा जी ने कहा- मेरे पास भेज दो. चांद यहीं पढ़ लेगा.
मैं आगे की पढ़ाई के लिए शहर में मामा जी के पास चला गया.
जाते ही मैं सभी से मिला, बैठकर सबसे बातें की.
फिर भाभी से भी मिला और उन्हें देखते ही मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
साढ़े पांच फिट हाइट की गदराये हुए बदन की मालकिन 34-30-36 का फिगर.
इतना कातिल माल भाभी है कि आज भी उनकी मदमस्त जवानी को सोच कर लंड पानी छोड़ देता है.
मैंने ठान लिया था कि कैसे भी करके इनको चोदूंगा जरूर!
भाभी ने भी मुझे प्यार से देखा और मेरा वेलकम किया.
धीरे धीरे मैं भाभी के करीब होता गया.
दिन भर उनके पास बैठकर बातें करता, हंसी मज़ाक करता रहता, जोक्स वगैरह सुनाता.
वो भी खिलखिलाकर हंसती और मुझसे मजाक मस्ती करतीं.
हमारे बीच इतना अधिक अपनापन हो गया था कि मैं कभी कभी बातों बातों में उनके गालों की चुटकी काटकर कह देता कि हाय भाभी आपके गाल कितने मुलायम हैं.
वो मुझे आंखें निकालकर देखती रहतीं और नकली गुस्सा दिखातीं.
मैं मजाक मजाक में उन्हें इधर उधर छूता रहता था.
कुछ दिन बाद वो मायके चली गईं … मैंने भाई के फोन से उनके नम्बर निकालकर उन्हें फोन किया और धीरे धीरे हमारी बातें होने लगीं.
हम दोनों में मजाक मस्ती फिर से चलने लगी.
उनको भी मुझसे बातें करने में मजा आता था तो वो भी मुझसे कहने लगी थीं कि आपसे बात करने में इतना मन लगता है कि बस यूं लगता है कि फोन बंद ही न करूं.
यही सब मुझे भी लगता था कि जिज्ञासा भाभी से बात करना बंद ही न करूं.
कभी कभी तो हम दोनों पूरी रात रात बातें करते और खूब हंसी मजाक करते.
मैं बातों के दौरान धीरे से उन्हें गर्म भी कर देता, पर मैं ज्यादा सेक्स के बारे में जानता नहीं था कि लड़की को पटाते कैसे हैं.
इसी की कमी के कारण मुझे उन्हें चोदने में बहुत समय लग गया.
दस दिन बाद वो वापस लौट आयी थीं.
अब हम दोनों आमने सामने बैठ कर नॉर्मल बातें करने लगे थे.
एक दिन बातें करते करते रात हो गई और कब 12 बज गए, पता ही नहीं चला.
उस दिन भैया घर पर नहीं थे, उनका बाहर का काम ज्यादा रहता था तो वो अधिकतर बाहर ही रहते थे.
जिस रूम में हम दोनों थे, उसमें परिवार के दो तीन लोग और भी सो रहे थे, जिसके कारण लाइट बंद थी.
मैंने धीरे से चुटकी काटी और उनके गालों पर धीरे धीरे हाथ फिराने लगा.
भाभी ने को ऐतराज नहीं जताया.
तो मैं उनकी गर्दन पर, फिर छाती पर हाथ फिराने लगा. ऐसे करते करते मेरा एक हाथ उनके मम्मों पर चला गया.
पर कमाल की बात ये थी कि भाभी ने इतना हो जाने पर भी जरा सा भी विरोध नहीं किया.
शायद इसमें उनकी हां थी तो मैं धीरे धीरे उनके एक दूध को मसलता रहा … और वो गर्म होती गईं.
मैं आगे बढ़ने ही वाला था कि एक बच्चा जाग गया. मैं उठकर उस रूम से निकलने लगा.
भाभी ने मुझे आवाज लगाई.
पर मैं अनसुना करके बाहर निकल गया क्योंकि मैं किसी को पता नहीं चलने देना चाहता था.
फिर 3 दिनों के बाद मैं छत के एक कमरे में बैठा था और वो नहाकर आयी थीं.
भाभी भीगे बालों में आती हुई मुझे परी से कम नहीं लग रही थीं.
मेरा मन तो कर रहा था कि भाभी को यहीं पटक कर चोद दूं लेकिन मैं विवश था.
मैं कमरे में खाट पर लेटा था और वो शीशे में बाल सुलझा रही थीं.
मैंने कहा- मुझे आपसे बात करनी है.
भाभी इठला कर बोलीं- हां बोलो?
मैं- एक बार मुझसे सेक्स करवा लीजिए ना!
भाभी मुँह टेढ़ा करके बोलीं- हां कर लो, मैं ये रही.
शायद उन्हें लगा कि ये नया नया जवान हुआ छोकरा क्या सेक्स करेगा.
मैंने तुरन्त ही उन्हें पकड़ा और खाट पर खींच लिया.
फिर अगले ही झटके में मैंने उन्हें बिस्तर में लिटाया और उनके ऊपर चढ़ कर चिपक गया.
मैंने भाभी को किस किया तो वो खुद को छुड़ाने लगीं. मैंने उन्हें जोर से जकड़ लिया और उनके दोनों हाथों पर हाथ रख कर पकड़ लिया.
वो कसमसा रही थीं मगर उनकी कोशिश कमजोर हो गई थी.
उन्हें मैं धीरे धीरे किस करने लगा पर उन्होंने मेरा साथ नहीं दिया.
मैं अपने लंड को भाभी के कपड़ों के ऊपर से ही उनकी चुत पर रगड़ने लगा और किस करता रहा.
कभी गालों को चूमता तो कभी होंठों पर होंठ रख कर चूसने लगता.
अब वो भी धीरे धीरे मेरा साथ देने लगी थीं.
हमारा लिपलॉक हो गया और मैंने अपनी जीभ भाभी के मुँह में डाल दी.
आह इतनी गर्म अनुभूति हुई कि लंड पत्थर हो गया.
भाभी भी मेरी जीभ को चूसने लगी थीं.
हम दोनों एक दूसरे की लार पीने लगे थे.
भाभी कहने लगीं- मैं तो कब से आपके साथ सेक्स करना चाह रही थी लेकिन आपकी ही फट रही थी.
मैंने कहा- हां भाभी मैं डरता था कि कहीं आपको मेरी किसी बात का बुरा न लग जाए.
भाभी बोलीं- उस दिन भी आपने मुझे गर्म करके छोड़ दिया था.
मैं चुप रहा.
भाभी बोलीं- जब मैंने आपको बुलाया, तो आप आए क्यों नहीं थे?
मैंने कहा- सॉरी भाभी मगर मैं क्या करूं … आपसे प्यार करने का दिल भी था और गांड भी फट रही थी.
मेरी बात पर भाभी हंस पड़ीं और मेरे गाल पर चिकोटी काट कर बोलीं- क्या फट रही थी आपकी?
मैंने भी उनकी नाक से नाक रगड़ कर कहा- गांड.
वे फिर से हंस पड़ीं. सेक्सी भाभी Xxx बातें करने लगी.
मैंने कहा- कभी आपकी फटी?
भाभी बोलीं- मैं उधर नहीं लेती.
मैंने कहा- क्या किधर नहीं लेतीं?
भाभी बोलीं- अच्छा जी रस ले रहे हो.
मैंने कहा- रस लूंगा क्यों नहीं … बल्कि मैं तो रस छोडूंगा भी. अन्दर ही लोगी न रस?
भाभी लम्बी सांस लेकर बोलीं- हां मेरे देवर राजा … अब तो रस लेना ही होगा. तुम्हारे भैया तो समय ही नहीं देते हैं.
मैंने कहा- क्यों आपका जादू भैया पर नहीं चलता क्या?
भाभी उदास हो गईं और चुप हो गईं.
मैंने भी उन्हें कुरेदना ठीक नहीं समझा.
हम दोनों फिर से एक दूसरे को चूमने लगे.
भाभी फिर से मचलने लगीं.
फिर उन्होंने कहा- दूध नहीं पियोगे क्या?
मैंने कहा- हां भाभी बड़ी कमजोरी लग रही है, अब दूध पिला ही दो.
भाभी ने अपने ब्लाउज का एक बटन खोला और बोलीं- एकदम अनाड़ी देवर हो … सब कुछ मुझसे ही करवा रहे हो.
मैंने उनकी बात सुनी तो उनका हाथ हटाया और अपने हाथों से भाभी के ब्लाउज़ को ऊपर कर दिया.
उन्होंने ब्रा नहीं पहनी थी.
मैं उनके मम्मों को मसलने लगा, साथ ही लंड तो चुत पर रगड़ ही रहा था.
फिर मैंने भाभी का एक दूध मुँह में भर लिया और चूसने लगा.
भाभी भी मेरा सर अपने मम्मे पर दबाने लगीं और आंह आंह करने लगीं.
इसके बाद दूसरा दूध चूसा, तो पहले को मसला.
कुछ देर तक भाभी के दूध चूसे तो मेरी आंखें वासना में लाल हो गई थीं.
उधर भाभी भी एकदम ऐसी गर्म हो गयी थीं मानो मैं लंड चुत में न डालूं तो वो मर ही जाएं.
मैंने उनका चेहरा देखा तो उनकी आंखें बंद थीं और वो मदहोश तरीके से सीत्कार कर रही थीं.
हम दोनों सातवें आसमान में उड़ रहे थे.
मैंने भाभी के साथ 10-15 मिनट तक फ़ोरप्ले किया, खूब मम्मे चूसे.
अब उनसे रहा नहीं जा रहा था.
तो मैंने बिना देरी किए भाभी का पेटीकोट उठाया और पैंटी को साइड में करके भाभी की नंगी चुत को उंगली से रगड़ा.
भाभी की चुत गीली ही चुकी थी.
मैंने पैंट खोलकर लवड़ा बाहर निकाला और चुत पर रगड़ने लगा.
भाभी मुझे जोर से भींच रही थीं और जोर जोर से ‘आह आह आह शहह आह …’ कर रही थीं.
मैंने बिना देरी किए लंड का सुपारा चुत के मुँह पर रखा और जोर से झटका देकर आधा पेल दिया.
भाभी- उइ मां मर गयी … इतना बड़ा … आंह निकालो इसे … मैं मर जाऊंगी आह आह!
मैंने उनकी एक ना सुनी और पूरा लंड पेल दिया.
भाभी जोर से चिल्लाने लगीं- आह आह आह आह … मर जाऊंगी मत करो … आंह बहुत बड़ा है तुम्हारा … आंह मार डाला.
मैं धीरे धीरे झटके मारने लगा और पूरा लंड चुत की जड़ तक ठांस दिया.
अब मैं रुक गया और भाभी को चूमने लगा.
कुछ देर बाद भाभी को मजा आने लगा और वो मेरा साथ देने लगीं.
मैंने भी झटकों की स्पीड बढ़ा दी और उन्हें जोर जोर से चोदने लगा.
भाभी भी गांड उठा उठा कर चुदने लगीं.
उन्हें खूब मजा आ रहा था.
भाभी कह रही थीं- आह मेरे राजा … और जोर से और जोर से … आंह आज मेरी चुत फाड़ डालो … आह आह आह और जोर से आह चोद डालो.
मैं लम्बे लम्बे झटके देता रहा और वो मेरे हमले झेलती रहीं.
अब मैंने स्पीड और तेज़ कर दी और 10-15 झटके तेज़ देकर मैं भाभी की चुत में ही झड़ गया.
इससे पहले भाभी एक बार झड़ चुकी थीं लेकिन जब मैं झड़ा, तब तक वो दुबारा से गर्मा गई थीं और अभी उनकी चुत ने रस नहीं छोड़ा था.
मुझे उनका भी ऑर्गेज्म करवाना था.
मेरा लंड मुरझाने लगा था, फिर भी मैं झटके देता रहा.
फिर 2-3 मिनट ओर चोदने के बाद भाभी का शरीर एकदम से अकड़ने लगा.
वो एकदम से निढाल होकर फारिग हो गईं.
हम दोनों एक दूसरे से चिपक गए और अपनी सांसों को काबू करने लगे.
मैं उठने लगा तो उन्होंने मुझे जोर से किस किया और हम दोनों उठ कर कपड़े सही करने लगे.
भाभी बाहर चली गईं.
दोस्तो मैं इस सेक्स कहानी लिखते हुए भी न जाने कितनी बार झड़ चुका हूं, मुझे आशा है कि आपने भी अपने सामान झाड़ लिए होंगे.
मैं आपके मेल का इंतज़ार करूंगा, प्लीज़ मेल जरूर करें और सेक्सी भाभी Xxx कहानी पर अपनी प्रतिक्रिया दें.
धन्यवाद.
[email protected]
What did you think of this story??
Comments