अकेली डॉक्टर भाभी की प्यासी चूत चोदी

(Sexi Bhabi Hindi Kahani)

अजय सिंह 10 2021-08-05 Comments

सेक्सी भाबी हिंदी कहानी में पढ़ें कि मेरे पड़ोस में एक तलाकशुदा लेडी रहती थी. उससे मेरी दोस्ती हो गयी. उसके बाद हमारे शारीरिक सम्बन्ध कैसे बन गए?

अन्तर्वासना के सभी पाठक और पाठिकाओं को मेरा नमस्कार!
मेरा नाम अजय है और मैं जयपुर का रहने वाला हूँ.

मैं अन्तर्वासना का पिछले दस सालों से पाठक रहा हूँ.
पिछले कई महीनों से मैं अपनी सेक्स कहानी लिखना चाह रहा था मगर समय न मिल पाने के कारण ऐसा न कर सका.

फिर देश में लॉकडाउन लगा तो फुर्सत ही फुर्सत मिल गई. इसी लिए मैंने सोचा कि अब मैं भी अपने जीवन में घटित तमाम घटनाओं को क्रमबद्ध तरीके से आप लोगों तक पहुंचाऊं.

मैं उम्मीद करता हूँ कि आपको मेरी ये पहली सेक्स कहानी पसन्द आएगी और पसंद आने पर आप सराहना भी करेंगे.

मेरी ये घटना एकदम सच्ची है और मैं इसे वैसे ही बता रहा हूँ, जैसा कि हुआ था.
हो सकता है आपको पसंद ना आए या बोरिंग लगे.
लेकिन पहली बार लिख रहा हूँ तो शायद आप मुझे माफ़ करेंगे और मेरी इस सेक्सी भाबी हिंदी कहानी की सराहना भी करेंगे.

मेरी उम्र 38 साल है. मेरी लम्बाई 6 फ़ीट है और अच्छी कद काठी है. महिलाएं मेरी तरफ शुरू से आकर्षित रही हैं … और आज तक मुझे अपनी इस देहयष्टि का फायदा भी मिलता रहा है.

ये घटना मेरी और पड़ोस की लेडी डॉक्टर के बीच की है जो बहुत पहले घटी थी.

मेरे पड़ोस में एक डॉक्टर भाभी रहती थीं. उनका नाम ज्योत्सना था.
भाभी के घर के सामने मैं अपने एक दोस्त के साथ बैडमिंटन खेलता था.

ज्योत्सना भाभी के एक दो साल की बेटी थी, जो मेरे साथ खूब खेलती थी.
भाभी का अपने पति से अलगाव हो चुका था और वो अकेली ही अपनी बेटी के साथ रहती थीं.

मैं भी उनके जैसा ही था, अपनी पत्नी से अलग होने के बाद मैं भी अकेला ही रहता था.

मेरी उनके साथ अच्छी मित्रता भी हो गई थी. मैं अक्सर उनके घर आता जाता रहता था.
इस कारण कभी कभी मैं उनके छोटे मोटे काम भी कर देता था.

उनकी बेटी के साथ खेलने जाता था और वो भी उसके साथ मेरा खेलना पसंद करती थीं.

करीब साल भर तक ऐसे ही चलता रहा.
धीरे धीरे वो मेरी तरफ … और मैं उनकी तरफ आकर्षित होता चला गया.
कभी कभी हम दोनों डबल मीनिंग की बातें कर लेते थे.

एक दिन मोनू, जो उनकी बेटी का नाम था … मेरे पास खेल रही थी, अचानक से वो रोने लगी.

भाभी ने कहा- शायद मोनू भूखी हो गई है. उसे दूध पीना होगा.
मोनू अभी भी अपनी मम्मी का दूध पीती थी.

भाभी की बात पर मैंने भी अपनी धुन में जवाब दे दिया कि हां मैं भी भूखा हूँ और मुझे भी दूध पीना है.
मेरी बात पर भाभी हंसने लगीं और बोलीं- आपको कौन सा दूध पीना है?

मैंने उनकी आंखों में आंखें डालते हुए कहा- वही, जो बड़े होने के बाद पिया जाता है.
मेरे जवाब पर भाभी शर्मा गईं और प्यार भरे गुस्से से बोलीं- बड़े बदमाश हो आप!
मैं हंसने लगा और अपने घर आ गया.

इस तरह मेरी शरारतें धीरे धीरे बढ़ने लगीं. कभी मैं उनके ब्लाउज में बर्फ डाल देता, तो कभी व्हाट्सप्प पर नॉनवेज जोक्स सैंड कर देता.
भाभी मेरी इन बातों का कभी बुरा नहीं मानती थीं.

डॉक्टर भाभी एकदम मस्त माल थीं, उनकी उम्र 34 साल की थी. रंग गेहुंआ था. करीब 5 फ़ीट 6 इंच की हाइट थी और 36 इंच के भरे हुए बूब्स थे.
तने हुए मम्मों के नीचे भाभी की 30 इंच कमर और 38 इंच की गांड बड़ी दिलकश थी.

जब भाभी अपनी कमरा हिला कर चलती थीं तो उनकी गांड मस्त लहराती थी.
उस समय भाभी को देख कर किसी का भी मन बेईमान हो जाए और लंड खड़ा हो जाए.

एक दिन मैंने उनसे पूछा- भाभी, क्या आपको कभी अकेलापन नहीं लगता?
उन्होंने लम्बी सांस भरकर कहा- लगता तो है … पर क्या किया जा सकता है.

मैंने उनकी तरफ आशा भरी निगाहों से देखा तो शायद उनके मन में कुछ बात आ गई.
अब उन्होंने भी मुझसे पूछा- आपको नहीं लगता?

मैंने कहा- भाभी मुझे सेपरेट हुए कई साल हो गए हैं … और मुझे एक साथी की ज़रूरत है. आप चाहें तो हम एक दूसरे की ज़िंदगी का खालीपन दूर कर सकते हैं.
भाभी मेरी तरफ देखने लगीं.

मैं भी अकेला था और वो भी, शायद हम दोनों को एक दूसरे की ज़रूरत थी इसलिए उन्होंने बुरा नहीं माना.

उन्होंने एक नज़र मुझे फिर से देखा और कहा- अजय, मुझे सोचने का वक़्त दो.
मैंने कहा- भाभी आपको जितना वक़्त चाहिए … आप लें.

उस दिन हम दोनों के बीच और कोई बात नहीं हुई और मैं चला आया.

अगले दिन शाम को मैं उनके घर गया और मोनू को गोद में लेकर सोफे पर बैठ गया.
भाभी 2 कप चाय बना लाईं और हम दोनों चाय पीने लगे.

मैंने भाभी से पूछा- आपने हमारे बारे में कुछ सोचा?
भाभी ने नजरें झुका लीं और कुछ नहीं बोलीं.

मैं समझ गया कि वो तैयार हैं लेकिन मैं जल्दबाज़ी नहीं करना चाहता था.

मैंने उन्हें सहज करते हुए कहा- भाभी टेक योर ओन टाइम, आई ऍम नॉट इन हरी. (भाभी आप अपना समय लीजिये मैं जल्दी मैं नहीं हूँ.)

दोस्तो, हमारी बातें ज्यादातर इंग्लिश में होती थीं क्योंकि वो बहुत पढ़ी लिखी थीं और मैं भी.

दो दिन बाद न्यू ईयर का अवसर था, मैंने भाभी को बोला कि क्या आप मेरे साथ न्यू ईयर सेलिब्रेट करना पसंद करेंगी?
उन्होंने हां में जवाब दिया.

दो दिन बाद 31 दिसम्बर की शाम को मैं कार में उन्हें लेने गया.
हम एक 5 स्टार होटल के लिए जाने वाले थे. मैंने उस होटल के कपल-पास पहले ही लिए हुए थे.

भाभी उस दिन बला की खूबसूरत लग रही थीं, उन्होंने काली साड़ी पहनी हुई थी और वो बहुत सेक्सी लग रही थीं.

मैंने उनकी तारीफ की और हम दोनों वहां से होटल चल दिए.
होटल पहुंच कर मैंने मोनू को गोद में ले लिया और डांस एरिया के पास खड़ा हो गया.

मुझे डांस नहीं आता … लेकिन भाभी गजब की डांसर थीं. म्यूजिक सुनकर उनके कदम थिरकने लगे और वो डांस करने लगीं.
मैं उन्हें देखने लगा और साथ में बियर पीने लगा.

भाभी भी वोडका लेती रहीं और डांस करती रहीं.

लगभग 12 बजे वहां सभी लोगों ने एक दूसरे को नए साल की बधाई दी.
हम तीनों ने खाना खाया और घर आ गए.

भाभी ने उस दिन बहुत ज्यादा पी ली थी. मोनू को उसके कमरे में सुलाकर मैं बाहर ड्राइंग रूम में सोफे पर बैठ कर भाभी के साथ बातें करने लगा.

इसी बीच भाभी थोड़ी गंभीर होकर बोलीं- अजय कैन आई किस यू? (अजय क्या मैं तुम्हें चूम सकती हूँ?)

मैं कुछ नहीं बोला और उनका हाथ पकड़ कर उन्हें दीवान पर लेटा दिया और उनके ऊपर लेट कर मैंने अपने होंठ उनके होंठों पर लगा दिए.

ये मेरे लिए एक सपने जैसा था.

मैं उनके चेहरे को पकड़ कर उनके होंठों को बहुत देर तक चूसता रहा.
उनके नर्म नर्म मम्मों को मैं अपने सीने पर महसूस कर रहा था.
मेरे लिए ये स्थिति ज़न्नत जैसी थी.

करीब 15 मिनट बाद भाभी मुझसे अलग हुईं. हम दोनों एक दूसरे की आंखों में देखते रहे और हम आपस में कुछ नहीं बोले.

मैंने भाभी से पूछा- आप और ड्रिंक लेंगी?
वो उठ कर खड़ी हुई और मेरे लिए बियर और खुद के लिए वोडका ले आईं.

हम दोनों ने प्यार भरी बातें करते हुए ड्रिंक्स लेना शुरू कर दिया.
भाभी सोफे पर मुझसे सट कर बैठी थीं और मैं एक हाथ से उनकी जांघ को सहला रहा था.

हम दोनों बहुत गर्म हो चुके थे, दोनों की आंखें लाल और उत्तेजना के कारण चेहरे भी लाल हो चुके थे.

मैंने उनकी जांघों को सहलाते हुए फिर से उनके होंठों को चूमना शुरू कर दिया.
भाभी ने आंखें बंद कर लीं और समर्पण कर दिया.

मैंने उन्हें चूमते हुए उनका साड़ी का पल्लू गिरा दिया और ब्लाउज के ऊपर से उनके मम्मों को सहलाना शुरू कर दिया.

कुछ देर बाद हम दोनों अलग हुए और खड़े हो गए.
मैंने अपनी टी-शर्ट को उतारा फिर जींस.

अब मैं सिर्फ अंडरवियर में था और मेरा लंड उभार लिए हुआ था जिसे भाभी देख रही थीं.

मैंने आगे बढ़ कर भाभी को फिर से अपनी बांहों में ले लिया और एक हाथ से उनकी साड़ी खोल दी.
अब वो मेरे सामने सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में थीं.

नशे में होने के कारण वो और भी सेक्सी और चुदास से भरी हुई लग रही थीं.
मैं उनकी अधनंगी जवानी को देखता जा रहा था.

मेरा 6 इंच लम्बा और मोटा लंड कड़क हो चला था.

फिर भाभी ने मेरे पास आईं और मेरे अंडरवियर में हाथ डाल कर लंड को दबाने और सहलाने लगीं.
नशे में होने के कारण मेरी हालत ख़राब हो रही थी.

मैंने उनके ब्लाउज और ब्रा को भी हटा दिया.
उनके बड़े बड़े स्तन मेरे सामने नंगे लहरा रहे थे.
मैंने झुक कर उन्हें गोद में उठा लिया और बिस्तर पर लेटा दिया.

फिर मैं देर ना करते हुए उनके पेटीकोट में घुस गया और चूत की खुश्बू लेने लगा, पैंटी को चाटने लगा.

भाभी नशे में होश खोकर अपनी चूत चटवाने लगीं.
मैंने पेटीकोट उनकी कमर तक उठा दिया था.
मैं फिर से उनकी मोटी गांड और जांघों को चूमने और चाटने लगा.

मैंने देर ना करते हुए उनकी पैंटी भी उतार दी.

डॉक्टर भाभी की नंगी जांघों को फैला कर मैंने उनकी चूत को सूंघा और अगले ही पल जीभ लगा कर उनकी चूत को बेतहाशा चाटने और काटने लगा.
उनकी चूत को अब मैं जीभ से चोद रहा था.

भाभी मस्त हो गई थीं और ज़ोर ज़ोर से सीत्कार भर रही थीं.
कभी मैं चूत के दाने को काटता, तो कभी फांकों को चूसता.

भाभी ने थोड़ी ही देर मैं तेज आवाज के साथ पानी छोड़ दिया, जिसे मैं सारा पी गया.

वो हांफ रही थीं … लेकिन मैंने अपना काम जारी रखते हुए उनके स्तनों को चूमना चूसना और निप्पलों को काटना जारी रखा.

भाभी फिर से चुदास से भरने लगीं और आहें भरने लगीं.

मैंने उनकी चूत को छूकर देखा, तो वो फिर से गीली हो गयी थी.

अब भाभी ने मुझसे कहा- पहले एक बार जल्दी से चोद कर मेरी चूत की खुजली मिटा दो, फिर जो चाहे करते रहना!

मैंने अपना अंडरवियर हटा दिया और भाभी अपने दोनों पैर फैला कर अपनी नंगी चूत से मेरे लंड को आमंत्रण देने लगीं.

मैंने उनकी गांड के नीचे तकिया रखा और उनकी चूत के छेद पर लंड टिका दिया.
फिर धीरे धीरे उनकी चूत में अपना लंड उतारता चला गया.

भाभी की चूत में लंड सालों से नहीं गया था जिससे चूत एकदम कसी सी हो गई थी.
लंड की चोट ने भाभी को कराहने पर मजबूर कर दिया था.

कुछ देर बाद हम दोनों सामान्य हो गए और अब मैं भाभी को ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा.

भाभी चुदाई के साथ आहें भरने लगीं.
उनके स्तन ज़ोर ज़ोर से हिल रहे थे. बहुत कामुक नज़ारा था.

भाभी पहले से चुदास से भरी थीं, ज्यादा देर ना करते हुए वो झड़ गईं और मैं भी उनकी चूत में निकल गया.

हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर लेटे रहे.
नशे में होने के कारण दोनों ही नंगे एक-दूसरे को बांहों में कब सो गए, पता ही नहीं चला.

सुबह मेरी आंख मोनू की और भाभी की आवाज सुनकर खुली.
भाभी चाय लेकर आईं … तो मैंने कपड़े पहने और हम साथ साथ चाय पीने बैठ गए.

भाभी की शर्म निकल चुकी थी, वो बोलीं- मैं मोनू को स्कूल बस तक छोड़कर आती हूँ.

मोनू के स्कूल चले जाने के बाद वो वापस आईं तो मैंने उन्हें बांहों में जकड़ लिया और हमारे होंठ मिल गए.

कभी मैं उनके निचले होंठ को चूसता, तो कभी उनकी मीठी जीभ को चूसता.

मैंने भाभी से पूछा- अब क्या इरादा है?
तो उन्होंने कहा- साथ में शॉवर लेते हैं.

फिर हम दोनों साथ शॉवर लेने बाथरूम में आ गए. उन्होंने नाईट ड्रेस पहनी हुई थी. मैंने उनके और उन्होंने मेरे कपड़े शरीर से अलग कर दिए और हम नंगे साथ नहाने लगे.

मैंने भाभी के शरीर को अच्छे से रगड़ा. उनके स्तन बहुत सुन्दर लग रहे थे, जिन पर भूरे निप्पल क़यामत ढा रहे थे.

मैं बारी बारी से कभी एक निप्पल को चूसता और दूसरे हाथ से दूसरे स्तन को दबाने लगता.

जल्दी ही सेक्सी भाबी फिर से चुदास से भर उठीं और घुटनों के बल बैठ कर वो मेरे लंड को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगीं.
मैं मज़े से आहें भरने लगा.

जब मेरे लंड से वीर्य निकलने को हुआ तो मैंने पिचकारी उनके स्तनों पर छोड़ दी.
फिर मेरी बारी थी उनकी चूत चूसने की … जो मुझे सबसे अच्छा लगता है.

मैं ज़ोर ज़ोर से उनकी चूत को चाटने लगा.
भाभी की सीत्कारों के बीच वो कब दो बार झड़ गईं … कुछ पता ही नहीं लगा.

हम दोनों ने बाहर आकर शरीर को पौंछा और एक दूसरे की बांहों में चिपक कर लेट गए.
मैंने उनके स्तनों को दबाना और निप्पलों को चूसना जारी रखा. उनके मम्मों को मैं बहुत देर तक दबाता रहा.

मेरा लंड फिर से कड़क होना शुरू हुआ, तो मैंने उनकी चूत को जीभ से चोदना शुरू कर दिया. अब मैं उनकी चूत को काटने, चूसने और चाटने लगा.

भाभी को मैंने पेट के बल लेटने को कहा, तो वो उलटी लेट गईं.
मैं चुपचाप उनकी नंगी खूबसूरती को निहारने लगा.

फिर मैंने उनके ऊपर लेट कर उनकी गर्दन और दोनों कानों को चूमने लगा.
भाभी और कामुक हो उठीं.

इसके बाद मैंने उनकी गांड को सहलाया और चूमा.
भाभी मदहोश हो गईं और फिर से चोदने की मिन्नतें करने लगीं.

मैं ऊपर आ गया और लंड को उनकी चूत में घुसा कर उन्हें चोदने लगा.

पूरा कमरा भाभी की कामुक सीत्कारों से गूँज उठा था.

काफी देर तक उनकी चूत चोदने के बाद मैं झड़ने को आया, तब तक भाभी 2 बार झड़ चुकी थीं.

मैंने उनकी चूत पिचकारियों से भर दी और आराम करने लगा.

वो सारा दिन हमारे हनीमून की तरह रहा.
शाम को हम जब अलग हुए तो वो चार बार चुद कर न जाने कितनी बार झड़ चुकी थीं.

सेक्सी भाबी और मेरा रिश्ता 2 साल चला. फिर उन्होंने दूसरी शादी कर ली.
मैं आज भी उन 2 सालों को नहीं भूला … और उन्हें याद करता हूँ.

जाने से पहले भाभी ने अपनी एक सहेली से मेरी मुलाकात करवाई थी, जिसे मैंने बहुत चोदा.

इस सेक्सी भाबी हिंदी कहानी पर आपके सुझाव आमंत्रित हैं … मुझे इंतज़ार रहेगा.
भाभी की सहेली की चुदाई की वो घटना मैं अगली कहानी में सुनाऊंगा.
आपके सुझावों से वो सेक्स कहानी और भी दिलचस्प होगी.

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