प्यासी जवानी के अकेलेपन का इलाज़-3

(Pyasi Jawani Ke Akelepan Ka Ilaj- Part 3)

This story is part of a series:

इस सेक्स स्टोरी में अब तक आप पढ़ चुके हैं कि इंडियन भाभी पूजा के संग मैं एक बार चुदाई का खेल खेल चुका था और दोनों सेक्स से तृप्त होकर एक दूसरे से लिपटे पड़े थे.
अब आगे..

जब पूजा की सांस कुछ ठीक हुई तो वो मेरे लंड के ऊपर से उठ गयी और मुझसे बोली- वाह मेरे राजा, तुमने तो आज मुझे पूरा का पूरा स्वर्ग का आनन्द दिया. अब तुम चुपचाप लेटे रहो और मैं अभी आती हूँ.

इतना बोलकर पूजा गाउन डाल कर कमरे के बाहर चली गयी.

मैं पूजा का कहा मान कर चुपचाप बिस्तर पर ही लेटा रहा और आज शाम से जो जो घटनाएं हुई थीं, उसके बारे में सोचने लगा. मैं जितना सोचता, उतना ही लगता कि आज की रात कभी खत्म ना हो और मैं जी भर के पूजा को चोदता रहूं. मैं यह भी सोच रहा था कि अब आगे क्या करना चाहिए.

मैं यही सब सोच रहा था कि पूजा वापस आ गयी. पूजा के हाथ में गरम पानी और तौलिया था और चेहरे पर एक अनोखी मुस्कान थी.

पूजा मेरे पास बिस्तर पर आकर बैठ गयी. फिर उसने तौलिए को गरम पानी में भिगाकर पहले पूरे बदन को पौंछा और फिर मेरे लंड को रगड़ रगड़कर गरम पानी से भीगा हुए तौलिए फेरा. खूब अच्छी तरफ से लंड को साफ किया और फिर पानी और तौलिया नीचे एक तरफ रखकर मेरे बगल में आकर लेट गयी.
इसके बाद पूजा ने मुझे अपनी बांहों में लपेट लिया और अपना एक पैर मेरी कमर पर चढ़ा दिया.

मैंने पूजा से पूछा- रानी अब तो तुमने अच्छी तरफ से साफ सुथरा कर दिया, अब क्या इरादा है?
पूजा मुझे अपनी बांहों मे लपेट कर हंसते हुए बोली- राजा, आज तो तुमने मुझे स्वर्ग का पूरा आनन्द दे दिया.
मैंने उसे चूम लिया.

फिर वो शर्मा कर मेरे कान में बोली- राजा, तुम्हारी चुदाई से आज मैं पहली बार एक साथ तीन तीन बार लगातार झड़ी. शादी के बाद ऐसा कभी नहीं हुआ था. पता नहीं तुममें या तो तुम्हारे लंड में कोई जादू है.

मैं पूजा की बातों को सुनकर हॅंस दिया और फिर उसको चूमते हुए बोला- मुझे पता है कि यह तुम्हारा पहली बार किसी मर्द के ऊपर चढ़कर चुदाई करना नहीं था, क्योंकि तुम बहुत ही सधे हुए तरीके से अपनी चूत से मेरे लंड पर धक्का मार रही थीं.. और हां, अभी तुमने बोला कि शादी बाद तुम लगातार तीन तीन बार नहीं झड़ीं, इसका मतलब तुम शादी के पहले एक साथ तीन तीन बार झड़ी हो?

मेरी बातों को सुनकर पूजा शरम से लाल हो गयी और बोली- छोड़ो ना ये बात.. फिर कभी सुनना मेरी शादी के पहले वाली बातें.
इतना बोल के पूजा ने मेरे सीने में अपना चेहरा छुपा लिया.

मैंने फिर से मुस्कुराते हुए पूजा से बोला- ठीक है, लेकिन अब यह बताओ कि तुम्हारे पास अब और कोई शरारत बची है कि नहीं?
पूजा तब मेरे सीने पर से अपना चेहरा उठाते हुए कुछ हिचकिचाते बोली- राजा, क्या मैं तुम्हारे इसको धीरे धीरे खड़ा होना देख सकती हूँ? मुझे इसका धीरे धीरे खड़ा होना देखना बहुत अच्छा लगता है.

मैंने तब पूजा की नंगी पीठ और चूतड़ों पर हाथ फेरते हुए बोला- ज़रूर मेरी रानी.. आज के लिए मेरा लंड तुम्हारा है. तुम इसे जैसे चाहो खेल सकती हो. तुम चाहो तो इसको अपने हाथों से खड़ा कर सकती हो या फिर इसे अपने मुँह में लेकर चूस चूसकर खड़ा कर सकती हो.
पूजा मेरी बातों को सुनकर अपने आपको उठाकर मुझसे बोली- हां मेरे राजा, तुमने अभी अभी जो कुछ भी बोला, मैं वो सब का सब करना चाहती हूँ.

फिर वो थोड़ी सी नीचे झुककर मेरे लंड को गौर से देखने लगी.
थोड़ी देर देखने के बाद बोली- मैंने अब तुम्हारे लंड को ठीक से देखा. पहले तो ठीक से देखने के लिए मौका ही नहीं मिला था.
इतना बोलकर पूजा जोर से हंस पड़ी. फिर मेरे लंड को देखते हुए पूजा मुझसे बोली- लगता है कि तुम्हारे लंड में अभी काफ़ी दमखम है और तुम अभी भी शरारत करने के लिए तैयार हो. चलो अब तुम ठीक तरीके से लेट जाओ.

इतना बोलकर पूजा ने मुझे हाथ से पकड़ कर बिस्तर के ठीक बीचों बीच लेटा दिया. फिर पूजा एक झटके के साथ मेरे ऊपर आकर मेरी छाती पर बैठ गयी. अब उसका मुँह मेरे पैरों की तरफ था. मेरे ऊपर बैठ कर पूजा कुछ देर तक मेरे लंड से खेलती रही और फिर वो मेरे ऊपर लेट गयी. अब पूजा का मुँह मेरे लंड पर था और मेरे मुँह के पास उसकी चूत थी.

मेरे ऊपर लेट कर पूजा थोड़ी देर और मेरे लंड और मेरे अंडों के साथ खेलती रही और फिर मुझसे बोली- राजा, अब तुम मेरी चूत को और मैं तुम्हारे लंड को अच्छी तरह से देख लूँगी और उसका स्वाद भी ले लूँगी.. ठीक है ना?

मैं पूजा के नंगे चूतड़ों को सहलाते हुए बोला- मेरी रानी, तुमने तो मेरे मन की बात बोल दी. मैं सोच ही रहा था कि जिस चूत को चोदने में इतना मज़ा आया, उसका रस कितना मीठा होगा.

मैं तो कब से तुम्हारी रसीली चूत का रस का स्वाद लेना चाहता हूँ. पूजा मेरी बातों को सुनकर बहुत खुश हो गयी और उसने अपने आपको मेरी ऊपर ठीक से सैट करने के बाद मेरे लंड को अपने हाथों में ले लिया.

थोड़ी देर तक पूजा मेरे लंड के सुपारे को खोलती और बंद करके खेलती रही. बीच बीच में वो सुपारे को चूम भी रही थी. थोड़ी देर में पूजा ने अपना मुँह खोलकर मेरे सुपारे को मुँह के अन्दर कर लिया और हल्के हल्के चूसना शुरू कर दिया. उसे मजा आया तो उसने मेरे लंड को अन्दर तक लंड लेकर जोर जोर से चूसना शुरू कर दिया. कभी कभी वो मेरे लंड को अपने मुँह से निकालकर अपनी जीभ से चाटने भी लगी. पूजा कभी कभी मेरे सुपारे को अपने आंखों से लगाती या फिर उसे अपने मुँह से निकालकर अपने गालों पर रगड़ती.

मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे पूजा को कोई अच्छा सा खिलौना मिल गया हो. कभी कभी पूजा मेरी झांटों से खेल रही थी.

थोड़ी देर बाद मुझे लगा कि पूजा के सारे बदन में कम्पकपी सी होने लगी है. मैंने पलंग के पैरों के पास शीशे में देखा तो पाया कि पूजा मेरे लंड अपने आंखों के सामने रखकर मंद मंद मुस्कुरा रही है. ऐसा लग रहा था कि जैसे पूजा के दिमाग़ के अन्दर कुछ हलचल मची हुई हो. लेकिन पूजा मेरे लंड को पकड़कर मुस्कुराती रही.

थोड़ी देर बाद फिर से मेरे लंड को पकड़कर अपने मुँह में घुसेड़ लिया और जोर जोर से चूसने लगी. पूजा जैसे जैसे मेरे लंड को चूस रही थी, उसके मुँह से घुटी घुटी आवाज़ निकल रही थी.

तब मैंने अपने हाथों से पूजा की चूत को खोलकर उसकी खुली चूत पर एक लंबा चुम्मा जड़ दिया. मेरे चुम्मे के साथ ही पूजा का शरीर एक बार फिर से कांप उठा. मैंने तब अपनी जीभ निकालकर पूजा की चूत को ऊपर से चाटना शुरू किया और धीरे धीरे अपनी जीभ को पूजा की चूत के अन्दर डालना चालू किया.

मेरी जीभ जैसे ही पूजा की चूत के छेद के अन्दर गयी, तो पूजा ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ कर उठी और वो बोलने लगी- हाय मेरे राजा, चूसो चूसो मेरी चूत को.. आज से पहले किसी ने मेरी चूत को ना तो चाटा है और न ही चूसा है. बहुत अच्छा लग रहा है. औरत के कैसे खुश किया जाता है, तुम बहुत अच्छी तरह से जानते हो.. आह मुझे एक नशा सा छा रहा है.

इतना बोल कर पूजा फिर से मेरे लंड को अपने मुँह में डालकर चूसने लगी. अब तक की चुसाई से पूजा की चूत ने मीठा मीठा पानी छोड़ना शुरू कर दिया था और मैं अपनी जीभ से पूजा की चूत खूब जोर जोर से चाट रहा था और चूस रहा था.

अब मेरा लंड का सुपारा बहुत फूल गया था और उसको पूजा अपने मुँह के अन्दर डालने में कुछ दिक्कत महसूस कर रही थी. इसलिए वो लंड को अपने हाथ से पकड़कर चाट रही थी. मुझसे अब नहीं रहा गया और मैंने पूजा की चूत को अपने होंठों से चूमने के बाद उसको धीरे धीरे चाटना शुरू किया. जैसे ही मेरी जीभ पूजा की चूत के छेद को छुई तो पूजा मानो पगला गयी और जोर जोर से मेरे मुँह पर अपनी चूत रगड़ने लगी.

वो मादक स्वर में बोली- हाय मेरे चोदू राजा, क्या कर रहे हो.. इतना धीरे धीरे क्यों चाट रहे हो मेरी चूत को? जोर जोर से चाटो ना मेरी चूत. देखो उसमें से कितना ढेर सारा रस रिस रिस कर निकल रहा है. मेरी चूत के छेद में अपनी जीभ घुसा कर चूसो मेरी चूत को.

अब मैं भी ज्यादा गर्म हो गया था और पूजा से बोला- हाय, मेरी चुदक्कड़ रानी, क्या चूत है तुम्हारी. मन करता है जैसे इसको कच्चा ही चबा जाऊं.. आह बहुत ही रसीली चूत है तेरी. इतना रस कहां छुपा रखती है अपनी चूत के अन्दर? मुझे तेरी चूत देखकर लग रहा है कि अब तक तू ठीक तरीके से चुदी ही नहीं. तेरी चूत का छेद अभी पूरा का पूरा खुला ही नहीं है.

मेरी बातों को सुनकर पूजा अपने मुँह से मेरे लंड को निकालते हुए बोली- हाय मेरे चोदू राजा, तुमने ठीक ही कहा है.. मैं शादी के बाद से अभी तक ठीक से नहीं चुदी हूँ. क्या करूँ मेरे पति का लंड बहुत छोटा है और वो चूत में घुसते ही झड़ जाता है. आज तू मेरी चूत को चोद चोदकर उसका भुर्ता बना दे. मेरी चूत को अपने लंड के धक्कों से भोसड़ा बना दे. आह.. क्या मस्त कर दिया है तूने मुझे. तेरी बीवी तुमसे बहुत खुश रहती होगी और क्यों ना हो.. रोज रात को तेरे लंड से उसकी चूत खूब चुदती है.

इतना बोलने के बाद पूजा ने फिर से मेरा लंड अपने मुँह में भरकर चूसना शुरू कर दिया. अब मेरा लंड इतना तनकर अकड़ रहा था कि मेरे लंड में दर्द सा होने लगा.
मैं तब पूजा से बोला- ओह मेरी रानी, तुम्हारा खेल खत्म हो गया हो तो अब में तुम्हें फिर चोदना चाहता हूँ. अब चलो मेरी बगल में अपने पैरों को फैलाकर लेट जाओ, मैं तुम्हारे ऊपर चढ़कर तुम्हें चोदता हूँ.
पूजा मुझसे बोली- नहीं अभी नहीं, मुझे अभी और थोड़ी देर तक तुम्हारा लंड चूसना है. मुझे लंड चूसने में बहुत मज़ा आ रहा है, प्लीज़ थोड़ी देर और रूको ना?

मैं तब पूजा से बोला- अरे मेरी चुदासी रानी, मान जाओ.. नहीं तो मैं तुम्हारे मुँह में ही झड़ जाउंगा और तुम्हारी चूत प्यासी रह जाएगी. चलो अब उठो और मुझे तुम्हारी चूत के अन्दर अपना लंड डालकर चोदने दो.
तब पूजा मेरी ऊपर से उठते हुए बोली- ठीक है, अभी तुम मुझे चोद लो.. लेकिन अगली बार मैं तुम्हारे लंड को खूब चूसूंगी और तुम्हारे लंड का पानी भी पियूंगी, समझे मेरे राजा?

अब पूजा मेरी बगल में अपनी पीठ के बल चित्त लेट गयी और अपने पैरों को फैलाकर अपने हाथों से पकड़ कर बोली- अब आओ ना, क्यों देर लगा रहे हो? अभी तो बहुत चुदास चढ़ी थी.. अब क्या हो गया है? देखो मैं अपनी चूत खोलकर लेटी हुई हूँ, अब आओ और मुझे रगड़कर एक रंडी के तरह चोदो.

पूजा की चुदासी चुत को देखकर मेरी वासना सीमा लांघ रही थी, मैं पूजा से बोला- रूको मेरी छिनाल रानी, अभी मैं तेरी चूत को मेरे लंड से चोद चोदकर भोसड़ा बनाता हूँ. आज तुम्हारी चूत की खैर नहीं. आज तुम्हारी चूत इतनी चुदेगी कि कल सुबह तुम ठीक से चल नहीं पाओगी और तब तुम्हें देखकर सारे के सारे लोग समझ जाएंगे कि तुम्हारी चूत में कोई लम्बा और मोटा लंड खूब पेला गया है.
चुदाई की प्यासी पूजा मेरी बातों को सुनकर बोली- अरे यार कल का कल देखा जाएगा, आज तो मुझे जी भरकर अपनी चूत चुदवाने दो. चलो अब ज़्यादा बातें नहीं, अब जो भी बात करनी है मेरे ऊपर चढ़कर अपने लंड से मेरी चूत से कहो.

इतना सुनने के बाद मैं झट से पूजा के ऊपर चढ़ गया और अपने दोनों हाथों से उसकी दोनों चूचियों को पकड़कर मसलते हुए पूजा से बोला- अरे मेरे लंड की रानी, ज़रा अपने नाजुक हाथों से मेरे लंड को अपनी चुत के छेद से लगा दो, प्लीज़.

मेरी बात सुनकर पूजा ने मेरे लंड को अपने हाथों से पकड़ अपनी चूत के छेद से लगा दिया और बोली- लो मेरी चूत के राजा, अभी तुम जो भी बोलोगे मुझे सब मंजूर है, बस जल्दी से मेरी चूत में अपना लंड पेलकर मुझे रगड़ रगड़कर चोदो.. और खूब चोदो.. तब तक चोदो.. जब तक मैं चिल्ला चिल्ला कर रुकने के लिए ना कहूँ.. तुम मुझे बस चोद दो.

प्रिय पाठको, मुझे आशा है कि आपको इस हसीन और प्यासी भाभी की रंगीन जवान चूत चुदाई कहानी मजा दे रही है. आप मुझे अपने विचार मेल कर सकते हैं.
कहानी जारी है.
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top