माधुरी दीक्षित जैसी भाभी की चूत चुदाई
(Pyari bhabhi Ki Kasi Chut Chodi)
प्यारी भाभी की कसी चुत चोदकर मैंने चुदाई का ऐसे मजा लिए जैसे कि मैं माधुरी दीक्षित को चोद रहा हूँ. मेरी बुआ के बेटे की पत्नी बॉलीवुड अभिनेत्री जैसी दिखती है.
नमस्कार दोस्तो, मैं आकाश आपका इस कहानी में स्वागत करता हूँ.
इस साइट की कहानियां मैं पिछले कई सालों से पढ़ता आ रहा हूं.
मुझे इधर प्रकाशित सभी सेक्स कहानियां काफी पसंद आती हैं.
यह सेक्स कहानी मेरे और मेरी प्यारी भाभी की कसी चुत की चुदाई की कहानी है.
मेरी भाभी का नाम रानी (बदला हुआ) है. मेरी भाभी की उम्र 34 साल है. उनका साइज 38-34-36 का है.
वे एक सेक्सी बदन की मालकिन हैं. मेरी भाभी मेरी ख़ास बुआ के लड़के की पत्नी हैं.
मैं एक 21 साल का नवयुवक हूं. मैं आगरा में रहता हूं. मेरा शरीर साधारण ही है. मैं न ज्यादा मोटा हूँ, न ज्यादा पतला हूँ. मेरी हाइट 5 फीट 10 इंच है.
लंड का नाप तो मैंने कभी लिया नहीं है, इसलिए मैं यहां पर साइज नहीं लिख पा रहा हूं. किंतु मुझे इतना पता है कि मैं किसी भी औरत या लड़की को बिस्तर पर खुश कर सकता हूं. जैसे मैं अपनी प्यारी भाभी को करता हूँ.
मैं काफी समय से अपनी भाभी को चोदना चाहता था, पर मुझे कभी मौका ही नहीं मिला.
मेरी बुआ का घर हमारे घर से 50 किलोमीटर दूर है. वो उधर एक कस्बे में रहती हैं. उनके साथ भैया और मेरी प्यारी बला की खूबसूरत रानी भाभी रहती हैं.
दोस्तो, क्या ही बताऊं उस हुस्न की परी के बारे में, एकदम दूध जैसा सफ़ेद रंग, भरा हुआ शरीर और सेक्सी स्माइल देख कर मेरे लंड का बुरा हाल हो जाता है.
वो जब रेड साड़ी पहनती हैं, तब वो एकदम हुस्न की परी लगती हैं.
भाभी की शक्ल कुछ कुछ माधुरी दीक्षित के जैसी लगती है, आप लोग अंदाजा लगा सकते हैं कि किस तरह का माल होंगी. भाभी का फिगर भी लगभग माधुरी दीक्षित के जैसा है.
मेरे भैया की शादी को 14 साल हो चुके हैं और उनका एक बच्चा है.
एक बार भाभी घर का कुछ सामान लेने के लिए आगरा आईं क्योंकि कस्बे में सामान सही नहीं मिलता है.
उन्हें आगरा से घर लौटने में काफी रात हो गयी थी.
भाभी रात को रुकने के लिए हमारे यहां आ गईं.
उस दिन पापा एक रूम में सो गए और मैं भाभी और मम्मी एक रूम में सोने वाले थे.
भाभी ने अपने कपड़े चेंज कर लिए और एक पिंक कलर का गाउन पहन लिया. उसका गला काफी बड़ा था, जिससे उनकी भरी हुई चूचियों का क्लीवेज बड़ा शानदार दिख रहा था.
उन्होंने ब्रा और पैंटी नहीं पहनी थी, ये बात मुझे बाद में पता चली थी.
उस रूम में एक बेड पर मम्मी और भाभी लेटी हुई थीं.
मैं एक फोल्डिंग पलंग पर लेटा हुआ लैपटॉप में मूवी को देखने का बहाना कर रहा था.
मेरी नजरें भाभी के क्लीवेज पर टिकी थीं और मैं उनके मदमस्त चूचे देख रहा था.
तब गर्मियों का टाइम था और कूलर की हवा सिर्फ बेड पर ही आती थी.
भाभी ने कहा- आकाश, तुम वहां क्यों सो रहे हो, वहां तुम्हें गर्मी लग रही होगी, यहां आकर लेट जाओ न!
मैं तो इसी बात का इंतजार कर रहा था कि कब मुझे मौक़ा मिले. मैं झट से उठा और जाकर बेड के एक किनारे में लेट गया.
मेरे बगल में भाभी लेटी हुई थीं. उनके बदन की खुशबू मुझे पागल कर रही थी.
मेरा मन कर रहा था कि भाभी से अभी चिपक जाऊं और उनके साथ अपनी प्यास बुझा लूँ.
भाभी के दूसरी तरफ मम्मी लेटी हुई थीं.
थोड़ी देर बाद मम्मी और भाभी सो गईं.
मैंने भी लैपटॉप बंद कर दिया, पर मुझे नींद कहां आने वाली थी.
मेरे मन में भाभी के नाम के लड्डू फूट रहे थे.
फिर मैंने सोचा कि कोशिश करता हूँ.
मैंने धीरे से अपना हाथ भाभी के हाथ पर रख दिया और सहलाने लगा.
कुछ देर बाद मैंने उनका हाथ थोड़ा दबा दिया.
भाभी का कोई रिएक्शन नहीं आया.
पहले मुझे डर लग रहा था पर जब उनका कोई रिएक्शन नहीं हुआ तो इसके बाद मेरी हिम्मत और बढ़ गयी.
मैंने भाभी की तरफ करवट ले ली.
भाभी सीधी लेटी हुई थीं, उन्होंने अपने पैर घुटने से मोड़े हुए थे.
मैं अपना चेहरा भाभी के और करीब ले गया जिससे मैं भाभी के बदन की खुशबू से और मदहोश होने लगा.
उसके बाद मैं अपना हाथ भाभी के पेट पर रख कर सहलाने लगा और धीरे धीरे अपने हाथ को उनके बूब्स की तरफ ले गया.
पहले मैंने अपने एक हाथ को भाभी के एक मम्मे के ऊपर रखा और हल्के से उनकी चूची को दबाने लगा.
दोस्तो, कमरे में बहुत अंधेरा था. अंधेरे के कारण मम्मी मेरी कारगुजारियों को देख नहीं सकती थीं.
मैंने जैसे ही भाभी का दूध दबाया तो मुझे समझ आ गया कि उन्होंने ब्रा नहीं पहनी हुई थी.
भाभी के एकदम कसे हुए बूब्स दबाने में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
मैं हौले हौले से उनके दूध को दबा रहा था.
कुछ देर बाद मैंने इस बात को समझ लिया कि भाभी मेरे हाथ से दूध दबवाने का मजा ले रही हैं और सोने नाटक कर रही हैं.
चूंकि भाभी की तरफ से अभी तक कोई रिएक्शन नहीं आया था, इससे मेरी हिम्मत और बढ़ गयी थी.
अब मैंने धीरे धीरे भाभी के गाउन को ऊपर उठाना शुरू किया और गाउन को उनकी गोरी चिकनी जांघों तक ले आया.
मेरी सांसें एकदम तेज हो गई थीं. मेरी गांड फट रही थी मगर वासना का ज्वर मुझे लगातार हरकत करने की हिम्मत दे रहा था.
मैंने उनके गाउन को और ऊपर उठाया और भाभी की गुलाबी चूत तक कर दिया.
उनकी चूत नंगी थी, मेरा स्पर्श चूत की झांटों से हुआ तो यह बात समझ में आ गई कि चूत बिना पैंटी की है.
मैंने धीरे से उनकी चूत की फांक में उंगली फेरी तो मुझे हल्की सी नमी सी महसूस हुई.
मैं समझ गया कि भाभी चुदासी होने लगी हैं और मजा ले रही हैं.
ये समझ में आते ही मैंने उंगली पर दबाव बढ़ा दिया और उंगकी चूत में घुस गई.
आह … एकदम तप्त चूत का अहसास हुआ और ऐसा लगा कि कहीं मेरी उंगली जल ही न जाए.
मैं धीरे धीरे भाभी की चूत में उंगली करने लगा.
भाभी की चूत बहुत कसी हुई थी.
मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि उनका एक बच्चा होने के बावजूद भी उनकी चूत इतनी कसी हुई है.
यह बात बाद में भाभी ने मुझे बताई थी कि भैया उनको महीने में एक दो बार ही पेलते हैं और वो भी भाभी ही उनके ऊपर चढ़ जाती हैं, तब चोदते हैं.
भाभी की चूत में मैं उंगली कर ही रहा था कि तभी वो एकदम से जाग गईं और मुझसे चिपक गईं.
मैं भी उनसे चिपक गया.
मुझे यकीन हो गया था कि आज भाभी चूत देने के लिए ही जागी हैं.
कुछ 15 सेकंड बाद भाभी एकदम से मुझसे अलग हो गईं और फुसफुसा कर बोलीं- मुझे लगा ये हैं.
हमारे यहां औरतें अपने पति का नाम नहीं लेती हैं.
अब मैं डर गया क्योंकि भाभी गहरी नींद में सो रही थीं इसी लिए वो रियेक्ट नहीं कर रही थीं.
मुझे लगा कि अब भाभी मेरी मां को सब कुछ बता देंगी.
भाभी मुझसे दूर हुईं और बोलीं- तुम ये सब क्या कर रहे थे?
मैं- भाभी सॉरी, आगे से ऐसा कभी नहीं होगा सॉरी भाभी सॉरी.
भाभी- तुम ये सब क्या कर रहे थे? मैं तुम्हारी भाभी हूँ, बीवी या गर्लफ्रेंड नहीं!
मैं- सॉरी भाभी, मैं आपको बहुत टाइम से लाइक करता हूँ, इसलिए ऐसा हो गया.
भाभी अचानक से मुस्कुरा दी और बोलीं- तुम्हारी मम्मी से बोल कर शादी करवानी पड़ेगी, तुम बड़े हो गए हो!
मैं- सॉरी भाभी.
भाभी- ठीक है, अब चुपचाप सो जाओ, सुबह देखती हूँ तुमको!
भाभी मेरी तरफ मुँह करके ही लेटी रहीं और मैं एकदम सिकुड़ कर लेट गया था.
मैं और भाभी इतने करीब थे कि हम दोनों एक दूसरे की सांसों की आवाज सुन सकते थे.
फिर भाभी ने एक मिनट बाद अपने एक हाथ को मेरे हाथ से टच करके हटाया तो मुझे लगा कि एक बार और ट्राय मारना चाहिए.
मैंने उनका हाथ पकड़ लिया और अपने होंठ उनके होंठों पर ले जाकर टच कर दिए.
भाभी ने अपनी आंखें बड़ी कर लीं और वो कुछ सेकंड तक मेरी आंखों में देखती रहीं.
फिर अपना चेहरा दूर करके बोलीं- मैं इनसे बहुत प्यार करती हूँ. ये सब नहीं हो सकता … सो जाओ शांति से, नहीं तो तुम्हारी मम्मी जाग जाएंगी.
मैंने सोचा कि अब ठीक नहीं है, मम्मी जाग सकती हैं.
मैं भाभी के हाथ के ऊपर हाथ रखकर लेट गया.
मुझे नींद तो आने वाली थी नहीं, मैं सुबह के 4 बजने का इंतज़ार करने लगा.
मैंने अभी भी हार नहीं मानी थी क्योंकि जब मैंने भाभी को किस किया था, तो मैंने उनकी आंखों में सेक्स की भूख देखी थी.
मुझे ये भी मालूम था कि मेरी मां थोड़ी गहरी नींद में सोती हैं और रोज सुबह 4 बजे उठ जाती हैं.
वो नहा-धोकर 5 बजे मंदिर चली जाती हैं और सुबह 7 बजे तक वापस आती हैं. पापा भी तभी सो कर उठते हैं.
फिर जैसे ही सुबह के 4 बजे, मम्मी का अलार्म बजा.
उन्होंने मुझे उठा कर कहा- रूम की कुण्डी अन्दर से लगा ले. मैं नहाने जा रही हूँ. उधर से ही मन्दिर चली जाऊंगी.
दोस्तो, जिस रूम में हम सोये हुए थे, वो ऊपर था और रूम के बाहर खुली छत थी. जहां रोज सुबह छत पर 5:00 से 6:00 के बीच बन्दर आ जाते थे, इसलिए हम उस रूम को हमेशा अन्दर से बंद ही रखते थे.
मम्मी के जाते ही मैं उठा और दरवाजा बंद करके मैंने अन्दर से कुण्डी लगा दी. मैं इसी टाइम का वेट कर रहा था.
उधर अलार्म की आवाज से भाभी भी उठ गयी थीं.
मैं वापस अपनी जगह पर लेट गया और अपना चेहरा भाभी की तरफ कर लिया.
वो आंख बंद करके सोने का नाटक कर रही थीं.
मैंने धीमे से बोला- भाभी सॉरी.
भाभी ने आंखें खोल दीं और बोलीं- बड़े हो गए हो अब तुम, चलो इस उम्र में ये गलती हो जाती है. कोई बात नहीं, आगे से ध्यान रखना.
मैं बस उन्हें देखने लगा.
भाभी आगे बोलीं- एक बात बताओ, तुम्हारे मन में मेरे लिए ये सब आया कैसे?
मैं- भाभी, मैं आपको बहुत समय से पसंद करता हूँ, पर कभी कहने की हिम्मत नहीं हुई.
भाभी- मैं किसी और की हूँ, ये पता है ना!
मैं- हां पता है, तभी तो अभी तक कुछ नहीं बोला.
भाभी हंस कर बोलीं- तुम्हारी शादी करानी पड़ेगी. हम्म … बताओ करोगे शादी?
फिर एक पल बाद बोलीं- अच्छा एक बात बताओ, तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैं- थी भाभी, पहले थी. पर अब ब्रेकअप हो गया.
उसे मैंने कई बार चोदा भी था.
भाभी- तो दूसरी बना लो.
मैं- भाभी मिल ही नहीं रही, कोई आपके जैसी हॉट मिले तो बनाने की सोचूँ.
भाभी- अच्छा जी, मैं हॉट हूँ?
मैं- हम्म.
भाभी- शर्म नहीं आती भाभी को हॉट बोलते हुए!
मैं- भाभी, जिसने करी शर्म, उसके फूटे करम!
ये कह कर मैंने भाभी को आंख मार दी और कहा- अब आप मुझे पसंद हो, तो बोलना पड़ेगा न!
भाभी- अच्छा जी.
भाभी मेरे सर पर हाथ मारती हुई बोलीं- तुम जो कर रहे थे अभी, अगर मम्मी जी उठ जातीं, तो हम दोनों की शामत आ जाती.
मैं- सॉरी भाभी, मगर मम्मी उठी तो नहीं न … आगे से ध्यान रखूँगा.
भाभी- अच्छा, इसका मतलब आगे फिर करोगे?
मैं- अगर आप चाहो तो!
ये कहता हुआ मैंने भाभी को अपनी बांहों में भर लिया और उनके होंठों को हल्के हल्के से चूसने लगा.
भाभी अपने आपको मेरी बांहों में से छुड़ाने की कोशिश करने लगीं.
भाभी- छोड़ो मुझे. तुम फिर शुरू हो गए? देखो आकाश ये सब ठीक नहीं है, मम्मी जी आ जाएंगी, तो बहुत प्रॉब्लम हो जाएगी.
मैं- नहीं भाभी, अन्दर से दरवाज़ा बंद है और वो अभी नहीं आएंगी.
भाभी- नहीं आकाश, छोड़ दो मुझे.
पर मैंने भाभी की एक न सुनी और उनके ऊपर चढ़ कर एक हाथ से उनके मम्मों को दबाने लगा और उनके होंठों को चूसने लगा.
फिर कुछ मिनट बाद भाभी भी ढीली पड़ गईं. अब वो विरोध नहीं कर रही थीं.
मैं करीब 10 मिनट से भाभी के होंठों को इसी पोजीशन में चूसता रहा था.
फिर भाभी भी धीरे धीरे मेरे बालों को सहलाने लगीं.
मैं उनके गले को चूसने लगा और उनकी चूत में उंगली करने लगा.
भाभी सिसकारियां लेती हुई बोलीं- तू नहीं मानेगा … आज तो तू मुझे चोद कर ही रहेगा.
और भाभी जोर जोर से मेरे सर को अपने सीने पर दबाने लगीं.
मेरा बरसों पुराना सपना आज सच हो रहा था.
मैं पागलों की तरह कभी उनके गुलाबी होंठों को, कभी उनकी गर्दन को, कभी उनके बूब्स को चूसता जा रहा था.
भाभी भी कामुक हो गई थीं और जोर जोर से सिसकारियां ले रही थीं, मदमस्त आहें भर रही थीं.
थोड़ी देर में भाभी की चूत से पानी निकलने लगा.
वो पूरी गीली हो गयी थीं.
मैंने वो पानी भाभी के होंठों पर लगा कर उनके होंठों को चूसने लगा.
भाभी ने मुझे कसके अपने दोनों हाथों से पकड़ा और एक झटका लगा दिया.
अब मैं भाभी के नीचे और भाभी मेरे ऊपर आ गयी थीं.
वो बोलीं- अब मेरी बारी देवर जी.
भाभी ने झट से मेरे शॉर्ट्स उतार दिए.
तो भाभी मेरे कड़क लंड को देख कर दंग रह गईं, बोली- यार, आज मुझे तेरे लंड से चरम सुख की प्राप्ति होगी. आह … कितना मोटा है ये!
मैंने बोला- हां मुझे भी. आज तो सच में फाड़ दूंगा आपकी चूत भाभी जान.
भाभी मेरी जांघों पर बैठ गईं औऱ मेरे लंड को हाथ से ऊपर नीचे करने लगीं.
मैंने भाभी को रोक कर उनका गाउन उतार दिया.
उन्होंने भी मेरी टी-शर्ट उतार दी.
हम दोनों एकदम नंगे थे, एक दूसरे के ऊपर अपने जिस्म रगड़ रहे थे.
भाभी मेरे लंड को अपनी चूत में रगड़ने लगी थीं और मेरे होंठों को जोर जोर से चूसने लगीं.
साथ ही वो आह आह की आवाज निकालने लगीं.
मैंने कहा- थोड़ा धीरे धीरे आवाज निकालो भाभी … कोई सुन सकता है.
भाभी- जैसा तुम कहो जानेमन.
फिर एक मिनट बाद उन्होंने मेरे लंड को अपनी चूत के छेद पर सैट किया और उस पर बैठने लगीं.
मेरा लंड थोड़ा सा ही अन्दर गया था कि भाभी चिल्ला गईं.
मैंने झट से भाभी का मुँह अपने हाथ से दबा दिया.
भले ही उस टाइम किसी के सुनने का चांस कम था, पर था. मैं कोई भी रिस्क नहीं ले सकता था.
फिर कुछ सेकंड बाद मैंने अपना हाथ हटाया.
भाभी कराहती हुई बोलीं- कितना मोटा है ये यार … मेरी तो जान निकल जाएगी. पूरा लेने में तो आवाज़ भी होगी.
मैंने कहा- देखो भाभी, आप धीरे धीरे अन्दर लेना. मैं भी जबरदस्ती नहीं करूँगा. कुछ झटके मारने तक मैं आपके मुँह पर हाथ रख लूंगा, जिससे आवाज बाहर न जाए.
भाभी- ठीक है देवर जी, जैसा तुम चाहो.
और भाभी ने ऐसे ही किया. फिर जैसे ही मैंने अपना हाथ हटाया.
भाभी चीख पड़ीं- आह … मर गयी.
उनकी आंखों से आंसू भी निकल रहे थे.
भाभी- तूने सच में मेरी कसी चूत फाड़ दी.
मैं उन्हें चूम रहा था.
भाभी- अच्छा सुन, तू और मैं अभी चुदाई के टाइम पर तू तड़ाक करके बात करेंगे. यार मुझे ऐसे बात करना अच्छा लगता है.
मैंने कहा- ठीक है.
मैं समझ गया था कि भाभी को थोड़ा डर्टी सेक्स पसंद है.
भाभी मेरे ऊपर बैठ कर ऊपर नीचे होने लगीं और आह आह की आवाज़ निकालने लगीं.
मैंने भाभी को नीचे झुका लिया और उनके होंठों को चूसने लगा.
हम दोनों ऐसे ही चुदाई करते रहे. कभी मैं उनके ऊपर, कभी वो मेरे ऊपर होते रहे.
हम दोनों ने उस दिन सात बजने तक 2 बार चुदाई की.
आखिर में मैंने भाभी को घोड़ी बना कर भी खूब चोदा.
अब मम्मी के आने का समय हो चुका था.
हम दोनों ने अपने अपने कपड़े पहन लिए.
बाद में प्यारी भाभी बोलीं- चोद ली भाभी बेशर्म!
वो एक सेक्सी सी स्माइल देती हुई कमरे से बाहर चली गईं.
तब से जब भी भाभी आगरा आती हैं या मैं बुआ के यहां जाता हूँ, तो हम जम कर चुदाई करते हैं.
दोस्तो, मेरी प्यारी भाभी की कसी चुत की चुदाई स्टोरी कैसी लगी, मुझे जरूर बताइएगा. मैंने अपना ईमेल पता नीचे लिखा है.
आपका अपना आकाश शर्मा
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