भाभी किराएदार

(bhabhi Kirayedar)

समीर रंजन 2004-10-25 Comments

हेलो फ्रेंड्स, मैं समीर लखनऊ वाला फिर हाज़िर हूं दूसरी कहानी लेकर!

यह बात आज से 1 साल पुरानी है जब हमारे मकान में एक किरायदार रहने के लिए आए थे। में उन्हें भैया और भाभी कहता था। धीरे धीरे उनसे अच्छे सम्बंध बनते गये और मैं उनके करीब पहुंचता गया।

भाभी का पति तो ज़्यादातर तौर पर बाहर ही रहता था। एक दिन यूँ हुआ कि भाभी के पति गये हुए थे और मेरे घर वाले भी आउट ऑफ मुंबई गये थे और कमरे की चाबी भाभी को दे गये, मुझे घरवालो ने फोन कर के बता दिया था की चाबी भाभी के पास है।

मैं घर पे आया और सीधा भाभी के कमरे की बेल बजाई तो भाभी निकली उस वक़्त उन्होंने क्रीम रंग का गहरे गले सूट पहन रखा था और सिर पे दुपट्टा भी नहीं था। वैसे भाभी का फिगर 36 32 36 होगा, ब्रा इतनी टाइट पहन रखी थी कि मुमे बाहर आने के लिए फड़फड़ा रहे थे।

मैंने कहा- भाभी चाबी चाहिए!
तो भाभी ने कहा- अंदर आ जाओ! मैं चाबी लाती हूं!

इत्तफ़ाक़ से क्या हुआ कि भाभी चाबी रख कर भूल गई. भाभी थोड़ी देर बाद आई और मुझसे कहा कि चाबी तो पता नहीं कहाँ रख कर भूल गई मैं?

मैंने कहा- भाभी, चाबी तो चाहिए… नहीं तो मैं रात को कहाँ पर लेटूंगा?

तो भाभी ने कहा की ठीक है, मैं और अच्छी तरह से एक बार और देख लूँगी। यह कह कर वो सोफे पर बैठ गई और मुझसे बात करने लगी और फ़्रिज़ में से पेप्सी निकाल कर ले आई। मुझे भाभी ने पेप्सी दी लेकिन खुद नहीं ली।

इस पे मैंने कहा- आप भी लो।

भाभी ने कहा की नहीं मैं नहीं लूँगी मेरे सर में दर्द हो रहा है सुबह से.

तो मैं भाभी के पास उठ कर गया और मैंने कहा कि मैं आपका सर दबा देता हूं भाभी!

वो मना करने लगी कि नहीं तुम तक़लीफ़ मत करो मैं दवाई ले लूँगी तो मैंने कहा- भाभी क्या मुझे इतना भी हक़ नहीं है कि मैं आपका सर दबा सकूं?

मेरे जोर देने पर भाभी मान गई. मैं सोफे पर चढ़ कर भाभी का सर इस अंदाज़ से दबा रहा था कि भाभी की रीड की हड्डी मेरे लंड से छू रही थी।

मेरा लंड भाभी के स्पर्श से ही फ़नफना गया और ऊपर से भाभी के कमीज़ का गला गहरा था जिसके कारण उनकी चूची ऊपर से साफ़ दिखाई दे रही थी। मैं धीरे धीरे सर दबा रहा था। भाभी मदहोश सी होती जा रही थी।

फिर क्या था मैंने भाभी को अपनी आगोश में ले लिया और वहीं सोफे पर लेट गया तो भाभी ने एकदम से उठ कर कहा कि यह क्या कर रहे हो?

तो मैंने भाभी से कहा कि भाभी आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो, मैं आपसे बहुत बहुत प्यार करता हूं, तो भाभी ने इतरा कर कहा कि वाह जी वाह! बड़ा आया प्यार करने वाला प्यार करने वाले इतनी देर नहीं लगाते हैं!

मैंने जो देखा तो भाभी की सलवार नीचे खुली पड़ी थी। मुझे ग्रीन सिग्नल मिलते ही मैं लग गया अपने काम पर।

पहले तो मैंने भाभी के होंठों को चूस चूस कर लाल कर दिया फिर उसके बाद मैंने कहा भाभी से कि भाभी! कभी लंड का भी स्वाद चखा है तुमने?

तो कहने लगी- छी! मुझे तो घिन आती है!

मैंने कहा- घिन किस बात की? अरे यह तो बाहर के देशों में खूब जम के होता है वो लोग तो पहले लंड ही चूसाते हैं और अगर बिना लंड चूसाए वो चोदेंगे तो उनका खड़ा ही नहीं होगा।

तो भाभी ने कहा- जैसे भी हो मैं नहीं चूसूंगी!

मैंने कहा- ठीक है आज नहीं तो कल पता चलेगा इसके ज़ायके का!

तो मैं खड़ा हुआ। लंड तो खड़ा ही था, मैंने अपनी पैन्ट खोली, लंड निकाला, मेरा लंड तकरीबन 6 इंच लंबा है और 2.5 इंच मोटा है भाभी मेरा लंड देख कर चेहरे पर थोड़ी सी मुस्कुराहट ला कर बोली तुम्हारा लंड तो बहुत तगड़ा है!

मैंने कहा- अरे खाते पीते घर का है ऐसे वैसे थोड़ी ना है!

मैं भाभी के पास जा कर खड़ा हो गया और भाभी भी खड़ी थी। मैंने खड़े ही खड़े भाभी की चूत पर हाथ फेरा और भाभी इतनी उतावली थी कि उसने आव देखा ना ताव, फटाफट लंड को अपनी चूत में डालने के लिए कहने लगी।

मैं खड़े खड़े ही उसकी चूत में लंड डालने की कोशिश कर रहा था मगर मेरी कोशिश नाकाम हो गई। वहीं एक कुर्सी रखी थी। मैं कुर्सी पर बैठ गया। मैंने कहा भाभी से कि अब आओ मेरे ऊपर, तो भाभी एकदम मेरे पास आ कर मेरे लंड पर बैठ गई और अपनी गांड हिलाने लगी।

थोड़ी देर बाद मेरे झड़ने का टाइम आया तो मुझे याद आया कि भाभी ने कहा था कि अन्दर मत झड़ना दिक्कत हो जाएगी मैंने झट से अपना लंड चूत में से निकाला और दीवार पर पिचकारी छोड़ दी।

उस दिन भाभी और मैंने जम कर 5 बार चुदाई की। यह सिलसिला 4 महीने तक चलता रहा।

जब भी मुझे और भाभी को मौका मिलता हम लोग जम के चुदाई करते थे। मगर 2 महीने पहले भाभी ने अपना घर बदल लिया क्योंकि उनके पति को गाड़ी पार्क करने की दिक्कत थी। उन्होंने ऐसी जगह घर ले लिया जहा पार्किंग का हिसाब ठीक था।

अब 15 20 दिन मे एक-आध बार चुदाई का मौका मिलता है तो हम लोग काम कर लेते है नहीं तो वो अपने घर में अपने घर!

मेरी अपनी राय यह है औरतो के बारे में कि औरत के कभी भी साथ सेक्स करो तो उन्हें पूरी तरह नंगा मत करो क्योंकि नंगी औरत कभी भी अच्छी नहीं लगती एक परदा होना चाहिए जो सेक्स को बढ़ाए!

जैसे मैंने जब भी भाभी की चूत मारी मैंने कभी भी उनके पूरे कपड़े नहीं उतारे कभी उनको ब्रा में चोदा कभी सूट पहने ही पहने सूट को उपर करके उनके चूचियों को चूसा। कभी साड़ी का पेटीकोट उपर करके चूत मारी।

सबसे ज़्यादा मज़ा आता है साड़ी में चूत मारने का! साड़ी को उतारो, पेटीकोट के नीचे से पेंटी को उतारो, पेटीकोट को ऊपर चढ़ा कर खड़े खड़े चूत मारो, गोदी में उठा कर चूत मारो, कितना आनंद आएगा!

यह मेरा एक्सपीरियेन्स है, बाकी किसको कैसे लगा?
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