पड़ोसन भाभी की माँ बनने की इच्छा

(Desi Bhabhi Ki Maa Banne Ki Ichha)

अन्तर्वासना पर हिंदी सेक्स कहानी पढ़ने वाले मेरे अजीज दोस्तो, मैं रॉनित एक बार फिर आपकी सेवा में उपस्थित हूँ. मेरी पिछली सेक्स से भरी कहानी
पड़ोस की सेक्स की भूखी भाभी की नंगी चूत
आप सभी ने पढ़ी और आप सभी पाठकों का बहुत अच्छा रेस्पॉन्स भी मिला.

मैं आज आपको एक कहानी बताने जा रहा हूँ, जिसमें मैंने पूनम भाभी की इच्छा पूरी की. दरअसल तीन साल पहले जब मैं दिल्ली में नौकरी करता था, तो मेरे पड़ोस में रहने वाली पूनम भाभी के साथ मैं अच्छा घुल मिल गया था. उनके पति दुबई में बिजनेस करते थे. पूनम भाभी के बारे में मैं पहले ही अपनी पिछली कहानी में बता चुका हूँ क़ि कैसे मैंने देसी भाभी को चोदा था, तो अब ये उसी का आगे का भाग है.

जब भाभी और मैं एक दूसरे से मिलते थे तो उन्होंने मुझसे कहा कि उनकी शादी को 4 साल हो गए हैं, पर उन्हें अब तक कोई बच्चा नहीं है.
मैंने उनसे इसका कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि उनके पति साल में एक या दो महीने के लिए आते हैं और वो उन्हें ठीक से संतुष्ट भी नहीं कर पाते हैं… बच्चा करना तो दूर की बात है.

फिर मैंने उनसे पूछा- भाभी, इसमें मैं आपकी क्या मदद कर सकता हूँ बताइए?
उन्होंने कहा- मेरी इच्छा है कि मैं तुम्हारे बच्चे को अपने गर्भ से जन्म दूँ. तो क्या तुम मुझे माँ बनने का सुख दोगे?
मैंने कहा कि इससे आपके घर वालों को शक नहीं हो जाएगा?
उन्होंने कहा- नहीं होगा.. जब मेरे पति आएंगे, उस महीने में हम दोनों सेक्स करके बच्चा पैदा कर ही सकते हैं.
मैंने हाँ कर दी.

उनके पति को दो महीने बाद आना था तो तक तक मैं देसी भाभी के साथ पूरी सुरक्षा के साथ यानि कन्डोम लगा कर सेक्स करता था. क्योंकि अगर इस दौरान गर्भ ठहर गया था तो उनके पति और घर वालों को शक हो जाएगा.

जब उनके पति आए तो भाभी मुझसे कुछ दिन नहीं मिलीं, पर एक दिन उनका फोन आया कि उनके पति को किसी रिश्तेदार के यहां जाना है और उनके साथ घर वाले भी जाएंगे, तुमको मैं फोन करूँगी, तो तुम आ जाना.
मैंने कहा- ठीक है.

शाम को उनके पति और परिवार वालों के जाने के बाद फोन आया और मैं भाभी के घर पहुँच गया. उनके घर जाकर मुझे रहा नहीं जा रहा था.. तो मैंने भाभी को उनके कमरे में पीछे से पकड़ लिया और उनकी गर्दन को चूमने लगा. भाभी मुझसे लता सी लिपट गईं और हम दोनों एक दूसरे को प्यार करने लगे.

थोड़ी देर बाद भाभी ने मेरी तरफ अपना चेहरा किया तो मैंने उनके होंठों को चूमना शुरू किया. वैसे भाभी ने उस समय गाउन डाल रखा था तो मैंने उनके होंठों को चूमते हुए अपना हाथ उनके गाउन में हाथ डाल दिया. मैं उनकी पीठ पर अपने हाथ को ले गया और उनकी पीठ को सहलाने लगा.

भाभी जी को धीरे धीरे चुदाई की खुमारी सी छाने लगी. मैं धीरे धीरे अपने हाथ को उनकी पीठ से सरकाते हुए उनके नितंब यानि गोल गोल चूतड़ों पर ले आया और उन्हें कस कर दबा दिया.

साथ ही मैंने भाभी को कस कर अपनी बांहों में भर लिया, जिससे भाभी के मोटे चुचे मेरी छाती पर पिस कर रह गए.

अब मैंने उनका गाउन उतारा और भाभी को बेड पर लिटा कर उनके ऊपर चढ़ गया. मैंने भाभी की दूधिया चुचियों को उनकी ब्रा से आज़ाद कर दिया.. और उन पर अपने हाथ से हल्के हल्के से चपत लगाना शुरू कर दिया. उनके शरीर की गरमी मुझमे आग सी भरे दे रही थी. मुझे आज भाभी के साथ लिपटना कुछ अलग ही सुख दे रहा था क्योंकि आज मेरे लंड को मालूम था कि आज बिना कंडोम के भाभी की चुत में गोता लगाने का मौका मिलने वाला है.

दोस्तो, ये बात एकदम सही है कि जब चुत में लंड बिना किसी आवरण के अंदर जाता है तो जो प्राकृतिक रगड़ का सुख मिलता है, वो लंड और चुत दोनों को ही एक अलग सा सुख देता है. आज मुझे भी इसी बात का अहसास था कि आज भाभी की चुत मेरे लंड का पानी पिएगी.

इसी बात को सोच सोच कर मेरा लंड अकड़ा जा रहा था.

मेरे स्पर्श से उनकी कामुक सिसकारी निकलना शुरू हो गई और वो बोलीं- प्लीज़ रॉनित ऐसे मत करो.. इन्हें प्यार से चूसो.

मैंने भाभी के एक चुचे को मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया और दूसरे चुचे को अपने हाथ से दबाना शुरू किया.

भाभी अब मस्ती से सिसकारी ले रही थीं- और जोर से आहह आ.. आह औ..र ज़ोर से चूसो मेरे राजा.. आह मज़ा आ रहा है.. प्लीज़ रॉनित और ज़ोर से चूसो!

भाभी चुदासी रंडी की भाषा बोल रही थीं. मैंने उनके एक काले अंगूर से कड़क निप्पल को अपने मुँह में लेकर काट दिया तो उनकी मादक सिसकारियां और तेज हो गईं.

कुछ देर यूं ही चूसते हुए मैंने अपने दूसरे हाथ से उनके पेट पर से होते हुए उनकी पेंटी पर रख दिया और उनकी चूत को दबाने लगा. तो उन्हें मज़ा आने लगा. मेरा हाथ महसूस कर रहा था कि भाभी की चूत पानी छोड़ रही थी.

मैंने उनकी पेंटी निकाल कर अपनी एक उंगली उनकी चूत में डाल दी, तो वो तो एकदम पागल सी हो गईं. अब भाभी अपनी कमर उठाकर मेरी उंगली अपनी चूत में अन्दर तक ले रही थीं.

भाभी इस सब का मजा लेते हुए बीच में बोलीं- अब उंगली को निकालो और अपना लंड डाल दो.. प्लीज़ मुझे और मत सताओ.. मेरी चूत लंड लेने को छटपटा रही है.
मैंने उनके दूध को जोर से खींच कर चूसा और कहा- भाभी ऐसी भी क्या जल्दी है.. ज़रा मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसो तो सही..

तो उन्होंने बिल्कुल भी देरी ना करते हुए मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ लिया और मुझे अपने ऊपर आने को कहा.

मैंने अपना लंड उनकी मुँह की तरफ कर दिया तो उन्होंने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगीं.

मैंने भी अपना मुँह उनकी चूत पर लगाकर उनकी रसीली चूत को चूसना और चाटना शुरू किया. इस जोरदार ओरल सेक्स से तो वो पागल सी हो गई और दो मिनट में ही मेरी चूत चूसाई से वो झड़ गईं. कुछ देर में मैं भी उनके मुखचोदन से एक बार उनके मुँह में ही झड़ गया. मेरे वीर्य को उन्होंने गटक लिया और अब भी मेरा लंड चूसे जा रही थीं.

फिर मैं उनके बगल में लेट गया.. लेकिन भाभी ने मेरा लंड हाथ से सहलाना नहीं छोड़ा. थोड़ी देर बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया तो मैंने उन्हें चित लिटा कर उनकी चूत के नीचे तकिया लगा दिया; फिर अपने लंड का सुपारा उनकी चूत पर रख कर रगड़ा, तो वो बोलीं- मेरे राजा मुझे इस लंड के लिए अब कितना तरसाएगा.. इसे जल्दी से डाल दे ना.

मैंने देसी भाभी की चूत में निशाना साध कर अपना लंड घुसाते हुए कहा- ले.. मेरी जान.. लंड खा ले..

मैंने लंड घुसेड़ा तो भाभी एकदम से चिहुंक उठीं लेकिन उनकी चुत मेरे लंड की सहेली थी तो अपने यार को उनकी चुत ने जज्ब कर लिया और भाभी मेरा साथ देने लगीं.

अब मैं ज़ोर ज़ोर से भाभी की चुत चुदाई करने लगा. वो भी अपनी गांड उठा कर मेरा पूरा साथ दे रही थीं और अपनी कमर उठा उठाकर मेरे लंड को अपने अन्दर तक ले रही थीं. भाभी की मादक सिसकारियां कमरे का माहौल कामुक कर रही थीं.

भाभी चिल्ला रही थीं- आह.. आहह आह उई माँ और ज़ोर से चोदो.. आह.. बड़ा मज़ा आ रहा है मेरी जान.. फाड़ दे मेरी चूत और भर दे इसे अपने बीज से.. मैं तेरे बीज को अपने अन्दर लेना चाहती हूँ चोद दे मुझे… और ज़ोर से आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… आहह ऐसे ही आहह आह आहह आ आ आहह आहह मज़ा आ रहा है.

वो इस तरह ही चिल्लाती रहीं और पूरे कमरे में फ़चफ़च की आवाज़ गूंजने लगीं.

फिर 15 मिनट तक उनकी चूत को चोदते हुए उनकी चूत को अपने वीर्य से भर कर उनके ऊपर ही लेट गया. कुछ देर बाद मैंने भाभी से कहा कि भाभी अब इस रस को बाहर मत आने देना.
भाभी मुझे चूमते हुए बोलीं- नहीं आएगा मेरे राजा.. और अगर आ गया तो तू कहां चला गया, फिर से भर देना मेरी चूत को.

उस रात हम दोनों प्यार के रस को बार बार बहा देना चाहते थे. एक घंटे बाद मैंने भाभी को उनके कमरे में रखी बड़ी टेबल पर लिटाया और नीचे खड़ा होकर मैंने एक बार फिर उनकी चुत में लंड डाला. इस बार ये चुदाई का मजा कुछ अलग था क्योंकि मैंने और भाभी ने टेबल पर पहली बार चुदाई की थी. मैंने उनके चूचों को कसकर पकड़ा और उनकी चुदाई शुरू की.

जब मैं थक गया तो मैंने उन्हें अपने ऊपर आने को कहा. अब मैं टेबल पर लेट गया और भाभी को अपने ऊपर बिठाकर उनकी चूत में लंड डालकर चुदाई शुरू करने का इशारा किया. भाभी मेरे लंड पर उछलने लगीं और उन्होंने मेरे लंड को अपनी चूत में कसकर जकड़ लिया था. इसी समय साथ भाभी लंड कहते हुए अपने हाथों से अपने चूचों को दबाए जा रही थीं. कभी वो मेरे ऊपर झुक कर अपने चुचे मेरे मुँह में डाल रही थीं.

जब मैं उनके चूचों को चूसते हुए उन्हें चोदता तो वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगतीं- आ आहह मज़ा आ रहा है.. कमीने कुत्ते.. ऐसे ही चोद अपनी प्यारी भाभी को.. बहुत अच्छी चुदाई हो रही है मेरी आज.. टेबल के ऊपर आह उहह आअहह आ.. हह आह उहह..

मैंने कमर उठा कर लंड को भाभी की चुत की जड़ तक ठेलते हुए कहा- क्यों नहीं भाभी.. ऐसी भाभी मिलती बहुत मुश्किल से है.. आज तो तुझे जी भर के चोदूँगा और तुझे अपने बच्चे की माँ बना दूँगा..

ऐसे ही बात करते करते हम 20 मिनट बाद एक साथ झड़ गए और एक दूसरे से चिपक कर नंगे ही सो गए.

सुबह आँख खुली तो हम टेबल पर पड़े थे और उनकी चूत से मेरा वीर्य निकल रहा था. भाभी लंगड़ाते हुए उठीं और बाथरूम में जाकर अपने आपको साफ करने लगीं.
उनके पीछे पीछे मैं भी चला गया और उन्हें बाथरूम में फिर से पकड़ लिया; वहाँ हम दोनों साथ में नहाए और फिर मैंने भाभी को बाथरूम में घोड़ी बना कर चोदा.

भाभी ने मुझे बहुत प्यार किया. दरअसल ऐसा लग रहा था कि भाभी का मन मुझे छोड़ने का हो ही नहीं रहा था. वे बार बार मुझसे कह रही थीं कि जान.. मेरा सपना पूरा हो जाएगा न.
मैंने भाभी को पूरा भरोसा दिलाया कि भाभी मैं आपको माँ बना कर ही छोडूंगा.. जल्दी ही आप मुझे खुद फोन करोगी कि आप माँ बन गई हो.
भाभी ने कहा- हां, मुझे लगता है कुछ दिन बाद मेरा पीरियड आने वाला है, मुझे मालूम हो जाएगा.

कुछ देर बाद मैं अपने घर आ गया. दस दिन बाद भाभी का फोन आया कि इस बार मेरा मासिक नहीं हुआ है, मैं माँ बनने वाली हूँ.
मैंने उन्हें बधाई दी, तो वो बोलीं- धन्यवाद ये सब तुम्हारी वजह से हुआ है, जिसके लिए मैं तुम्हें दिल से शुक्रिया करती हूँ कि तुमने मेरी इच्छा पूरी की और मेरी गोद भरी.

करीब 9 महीने बाद भाभी ने एक सुंदर लड़की को जन्म दिया. भाभी के घर वाले सब बहुत खुश थे और उनके पति की खुशी का तो ठिकाना ही नहीं था.
देसी भाभी की अपनी हिंदी सेक्स कहानी पर आपके विचारों से भरे आपके मेल की प्रतीक्षा में.
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