नर्स भाभी की चुत चुदाई की देसी सेक्स स्टोरी
(Nurse Bhabhi Ki Chut chudai Ki Desi Sex Story)
दोस्तो, मैं मिहिर बड़ौदा (गुजरात) से हूँ, मेरी हाईट 5’8″ है, उम्र 25 की है. मेरा शरीर औसत है. मैंने अन्तर्वासना साइट पर लगभग सभी चुदाई की देसी सेक्स स्टोरी पढ़ कर बहुत मस्ती की है. मुझे अधिकतर भाभियों की चुदाई की कहानी पसंद आती हैं.
मैं एक अपार्टमेंट में रहता हूँ. मेरे पड़ोस में 3 भाभियां रहती हैं. उनमें से एक भाभी नर्स हैं. वो दिखने में बहुत ब्यूटीफुल हैं. उनकी हाईट 5’3″ है.. और फिगर 34-28-35 का है. नर्स भाभी का रंग एकदम दूध सा गोरा है. भाभी दिखने में एकदम सेक्स बॉम्ब लगती हैं.
एक बार बारिश का मौसम था. बारिश की वजह से उनके गेट के बाहर पानी भर गया था. वो पानी साफ करने के लिए बाहर आईं तो मैं भाभी को देखता ही रह गया.
वो उस वक्त एक पिंक कलर का पारदर्शी नाइटी पहन कर बाहर आई थीं. जब वो पानी साफ़ करने के लिए झुकीं तो उनकी नाइटी में से उनकी रेड ब्रा एकदम साफ़ दिखने लगी थी. लाल रंग की ब्रा में से भाभी के गोरे मम्मे भी कसे हुए दिख रहे थे. भाभी के मम्मों को देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया.
भाभी ने अचानक से मुझे यूं नाइटी के अन्दर झाँकते हुए देखा तो वो मुझे घूर कर देखने लगीं. क्योंकि भाभी को मेरे शॉर्ट में से मेरा लंड एकदम तंबू बना हुआ दिखाई दे रहा था. भाभी मेरा खड़ा लंड देख कर मुस्कुराते हुए वापस घर में जाने लगीं.
जैसे ही वो घर के अन्दर जाने के लिए मुड़ीं, तो उनकी पेंटी की झलक भी भाभी की नाइटी में से साफ़ दिखने लगी थी. मैं भाभी की पेंटी देख कर पागल सा हो गया. भाभी के अन्दर जाते ही मैं भी मेरे रूम में आ गया.
मैं कामुक भाभी की जवानी को देख कर इस वक्त एकदम पागल ही हो रहा था. मैं सोच रहा था कि काश आज भाभी चोदने को मिल जाएं. मैं बस भाभी की याद में अपने लंड को सहला रहा था.
थोड़ी देर में मेरी डोरबेल बजी, मैंने डोर खोला तो देखा कि वही भाभी थीं. उन्होंने मुझे देखा और बोला- मेरा गैस सिलिंडर बदल दो प्लीज़.
मैं भाभी के साथ उनके किचन में चला गया और सिलिंडर चेंज करने लगा. उतने में भाभी का पैर स्लिप हुआ और वो मेरे ऊपर गिर गईं. मैंने उन्हें पकड़ लिया, पर हम दोनों एक-दूसरे को कंट्रोल नहीं कर पाए और एक-दूसरे के होंठों को लड़ा बैठे.
एक पल बाद मैं भाभी के होंठों को चूमने लगा और भाभी भी मुझे सहयोग करने लगीं. हम दोनों ने बिना रुके लगभग 5 मिनट तक होंठों का चुम्बन किया. किस करते-करते मैंने भाभी के मम्मों को पकड़ लिया और दबाने लगा.
ओ माय गॉड… क्या चूचे थे भाभी के.. दिखने में ठोस और पकड़ने में एकदम मुलायम थे. मैं तो भाभी के मम्मों को मस्ती से दबाने लगा और उनकी ब्रा खोल कर एक निप्पल अपने होंठों से दबा कर चूसने में लग गया.
कुछ मिनट तक मैंने भाभी के चूचे चूसे और साथ में उन्हें किस करता रहा.
भाभी इस सबसे पागल सी हो गई थीं और उन्होंने भी मेरा शॉर्ट्स निकल दिया. भाभी मेरे खड़े लंड को देख कर खुश हो गईं और बोलीं- वाह क्या लंड है.
वो लंड के सुपारे के करीब अपने होंठ लाईं और लंड को ऐसे चूसने लगीं, जैसे भूखी कुतिया को हड्डी मिल गई हो.
वो मेरा लंड को कुछ मिनट तक चूसती रहीं. भाभी ने लंड चूस-चूस कर लाल कर दिया था. उसके बाद भाभी रसोई में गईं और वहां से वो फ्रिज से डेरीमिल्क सिल्क लेकर आ गईं.
भाभी एकदम सेक्सी पोज़ में दूध हिला कर बोलीं- जानू, इट्स फॉर अस फॉर रिमेंबरिंग दिस फकिंग..
उन्होंने धीरे से डेरी मिल्क को खोला और उसके बाद थोड़ी सी डेरी मिल्क मेरे लंड पर लगा दी, कुछ मेरी गोटियों पर मल दी और थोड़ी डेरी मिल्क मेरे मुँह और मेरे निप्पलों पर लगा दी.
फिर भाभी ने बाकी की आधी डेरी मिल्क मुझे दी और बोलीं- अब तुम इसे मुझे लगाओ.
फिर मैंने थोड़ी डेरीमिल्क मेरे अपने हाथों में ली और उसकी चुत के ऊपर रगड़ दी, थोड़ी डेरी मिल्क उसकी चुत के अन्दर और गांड के छेद पर भी मल दी.
तभी भाभी ने अपनी चूचियां हिलाईं तो मैंने बाकी की डेरी मिल्क उनके बड़े मम्मों पर रगड़ दी.
इसके बाद मैंने भाभी के मम्मों से चुसाई शुरू की और धीरे-धीरे भाभी के दूध पर हर तरफ चूसता चला गया, जिधर डेरीमिल्क लगाई हुई थी.
मैं भाभी के एक चूचे को मुँह से चूसता और दूसरे वाले चूचे को अपने हाथों से मसलता रहा.
कुछ मिनट तक मैंने भाभी के मम्मों को खूब दबाया,चूसा और काटा. उसके बाद उन्होंने मेरे मुँह को अपनी चुत तरफ धकेल मारा.. मैं समझ गया. मैंने भाभी की चुत को किस किया और फिर उनकी चुत को चूस-चूस कर लाल कर दिया.
भाभी तो जैसे स्वर्ग में चली गई थीं. उन्हें खूब मजा आ रहा था, जो उनकी कराहों और कामुक सीत्कारों से समझ आ रहा था.
‘आह प्लीज़.. फक मी, फक मी, आ जाओ आह.. फक मी हार्ड.. प्लीज़ फक मी और करो और करो; प्लीज़ मुझे चोद कर मेरी चुत का भोसड़ा बना दो.. चोदो चोद दो मेरे राजा.. अह चोऊऊद दो.’
इसके बाद मैं भाभी की गांड पर लगी हुई डेरी मिल्क चूसने लगा. भाभी की गांड को मैंने बहुत देर तक और मजे से चूसा. भाभी ने भी इसके बहुत मज़े लिए. गांड के बाद मैंने भाभी की चुत को भी खूब चूसा. भाभी तो जैसे पागल सी हो रही थीं. मैंने मेरी पूरी जीभ भाभी की चुत में घुसा दी और चुत चूसने में लग गया.
भाभी की चुत चूस कर उनकी चुत को लाल कर दिया.
अब भाभी बोलीं- मोंटू मुझे चोद दे.. अब मुझसे नहीं रहा जा रहा है.
मैंने अपना लंड भाभी की चुत में घुसेड़ना शुरू कर दिया. भाभी की चुत एकदम गीली थी. जैसे मैंने मेरा लंड उनकी चुत में डाला तो लगा कि मेरा लंड किसी गरम आग की भट्टी में चला गया हो.
लंड घुसते ही भाभी जोर से चिल्ला पड़ीं- आआह.. मैं मर गई!
मैं एकदम से रुक गया, क्योंकि चुदी हुई चुत को चोदने में चिल्लाहट का क्या काम! मुझे लगा कोई गड़बड़ हो गई है. मैं रुक कर भाभी को किस करने लगा. वो कुछ देर बाद जब भाभी वापिस ठीक हुईं तो मैंने अपना पूरा लंड भाभी की चुत में पेल दिया.
अब उनकी आँख से ख़ुशी के आँसू निकल आए.. और मैं भाभी को धकापेल चोदता रहा.
चुत के रस निकलने के कारण चुदाई की मस्त आवाजें आ रही थीं ‘घचर पचर.. सटासट..’
ऐसे ही कई मिनट तक मैंने भाभी को अलग-अलग पोज़ में खूब चोदा. कुछ देर भाभी फिर से झड़ गईं और अब मैं भी झड़ने वाला हो गया था. भाभी का इशारा मिलते ही मैंने अपने लंड का पानी भाभी की चुत में ही निकाल दिया और उनके ऊपर ही ढेर हो गया.
पड़ोसन भाभी की चुदाई चुदाई की देसी सेक्स स्टोरी पढ़ने के बाद आप अपने विचार नीचे कमेंट्स में ज़रूर लिखें, ताकि आपके लिए और भी सेक्स स्टोरी ला सकूँ.
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