नंगी चूचियाँ दिखा कर पड़ोसन भाभी ने मुझे पटाया

(Nangi Chuchi Dikha Kar Padosan Bhabhi Ne Mujhe Pataya)

अपनी नंगी चूचियाँ दिखाकर पड़ोसन भाभी ने मुझे मुझसे अपनी चूत चुदा ली, यह उसी सेक्सी मम्मों वाली पड़ोसन भाभी की चूत चुदाई की कहानी है।

हाय फ्रेंड्स, मैं निशांत राणा मेरी उम्र 20 साल है और मैं बहुत ही सेक्सी किस्म का इंसान हूँ, अपनी सेक्स कहानी बता रहा हूँ, उम्मीद करता हूँ आपको पसंद आएगी।

एक साल पहले हम लोग नए घर में शिफ्ट हुए थे। नवम्बर का महीना था.. हल्की ठंडी चालू हो गई थी।
जहाँ हम लोगों ने नया मकान लिया था.. वो एरिया उतना अच्छा नहीं था और इसलिए मैं वहां के लोगों से ज्यादा बातचीत नहीं करता था।

मेरे मकान के पास एक मकान छोड़ कर एक परिवार रहता था, इस परिवार में एक भैया-भाभी और उनका 8 साल का बेटा था। भैया की सिटी में शॉप थी। मैं सिर्फ इसी फैमिली से कुछ बातचीत करता था, मैं उन्हें भैया-भाभी ही कह कर बुलाता था।
उन लोगों का भी हमारे घर आना-जाना था।

आपको भाभी के बारे में बता दूँ। उनका नाम पूनम था.. उनकी उम्र 30-32 साल से ज्यादा नहीं थी। पतला शरीर और पूरे शरीर से टपकती खूबसूरती बहुत ही जानलेवा थी।

एक दिन भाभी ने कहा- तुम मेरे बेटे राहुल को ट्यूशन क्यों नहीं दे देते.. वैसे भी उसका स्कूल सुबह के समय का रहता है और फिर वो पूरा दिन मस्ती करता रहता है। यदि तुम उसे पढ़ा दोगे.. तो कुछ फायदा ही होगा।

मैंने कहा- ठीक है भाभी.. मैं राहुल को पढ़ा दूंगा, कोई मुश्किल नहीं है। लेकिन मैं दिन में ऑफिस में रहता हूँ इसलिए शाम में ही उसे पढ़ा सकूँगा।
भाभी ने कहा- कोई बात नहीं।

भाभी को अब तक मैंने कभी गलत नजर से नहीं देखा था। अगले दिन से ही मैं राहुल को शाम को 7 से ले कर 8 बजे तक पढ़ाने लगा। जब मैं उसे पढ़ाता था तब पूनम भाभी वहीं बैठी रहती थीं और मुझ से बातें करती थीं।

एक बार उन्होंने मुझसे पूछा- निशान्त तुम्हारी गर्लफ्रेंड है या नहीं?
मैं घबरा गया क्यूंकि इससे पहले हमने ऐसे टॉपिक पर कभी बात नहीं की थी।
मैंने ‘ना’ में सर हिला दिया।

इस पर पूनम भाभी हँस पड़ीं और बोलीं- तुम तो लड़कियों की तरह शर्मा रहे हो यार?
मैंने कहा- नहीं भाभी.. सच में कोई गर्लफ्रेंड नहीं है।
उसके बाद आगे कोई बात नहीं हुई।

फिर एक दिन मैं राहुल को पढ़ा रहा था तो भाभी ने अन्दर से आवाज देकर मुझे अन्दर आने के लिए कहा।
मैंने राहुल को पढ़ने के लिए कहा और खुद अन्दर चला गया।

अन्दर गया तो भाभी गैस सिलिंडर के पास खड़ी हुई थीं, उन्होंने मुझे देख कर कहा- इसका रेग्युलेटर मुझे बदलना है.. लेकिन खुल ही नहीं रहा है।
मैंने कहा- ठीक है.. भाभी मैं बदल देता हूँ।

मैं आगे बढ़ा, भाभी वहीं सिलिंडर के पास खड़ी हुई थीं। पता नहीं कैसे हाथ भाभी की गांड पर टच हो गया, भाभी कुछ नहीं बोलीं।

उसके बाद रेग्युलेटर बदलते वक्त भाभी का हाथ कितनी बार मेरे हाथ से टच हुआ, उनका हाथ भी उनकी गांड की ही तरह नर्म था।
रेग्युलेटर चेंज हो गया और मैं फिर से राहुल को पढ़ाने के लिए बाहर आ गया।

दूसरे दिन भाभी ने मुझे फिर अन्दर बुलाया और कहा- तुम्हारे भैया कुछ बुक्स पढ़ने को लाए थे.. अगर तुम्हें पढ़नी हो तो वहां से ले लेना।

उन्होंने यह कहते हुए टेबल की ओर इशारा किया। मैंने देखा कि वहाँ 4-5 किताबें रखी थीं। उसमें एक बुक हॉट पिक्स और स्टोरीज की थी। मैंने कुछ नहीं कहा और किताबें लेकर वापस आ गया।

दूसरे दिन मेरे ऑफिस में कुछ कंस्ट्रक्सन का काम था.. इसलिए सभी का हाफ-डे था।

मैं 12 बजे घर आ गया था.. मैंने बुक्स पढ़ने के लिए निकालीं। सबसे पहले मैंने हॉट पिक्स और स्टोरीज़ वाली किताब पूरी पढ़ी। दूसरी किताब कुछ ख़ास नहीं थी।

मैंने सोचा कि चलो भाभी की बुक्स उन्हें वापस कर दूँ। तब दोपहर के लगभग 2 बजे हुए थे।

मैं दरवाजे को दस्तक दिए बिना ही अन्दर घुस गया। अन्दर का सीन देख कर मैं चौंक पड़ा। अन्दर भाभी सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में खड़ी हुई थीं। ऊपर से उनके ब्लाउज के दो बटन भी खुले हुए थे। उनकी चूचियां साफ़ दिख रही थीं।

उन्हें इस हालत में देख कर मेरे लंड में जैसे करंट दौड़ उठा। भाभी ने भी मुझे देखा.. लेकिन बाद में ऐसा रिएक्ट किया कि उन्होंने मुझे नहीं देखा।

फिर अचानक मेरी ओर देख कर बोलीं- अरे तुम कब आए, मैंने तो तुम्हें देखा ही नहीं.. आओ अन्दर आ जाओ।

मैं अन्दर जाकर बैठ गया। भाभी ने ब्लाउज सही किया और मेरे पास बैठते हुए बोलीं- तुमने कभी किसी औरत को नंगी देखा है?
मैंने कहा- नहीं, भाभी किसी को ऐसे नंगी नहीं देखा है।

वो मेरे बगल में बैठी थीं और मैं बार-बार उनके मम्मों की तरफ देख रहा था। भाभी ने मुझे अपने मम्मों को देखते हुए देख लिया था।
उसके बाद उन्होंने बम फोड़ा- तुम कहो तो मैं तुम्हें कुछ और दिखा सकती हूँ।

मैं कुछ नहीं बोला और चुप ही रहा, मैं घबरा गया था कि भाभी क्या बोल रही हैं।

उसके बाद भाभी ने मेरे चेहरे पर हाथ रखा और वासना भरी आवाज में बोलीं- कभी किसी के साथ कुछ किया है या नहीं?
मैं बौखलाया हुआ था।
भाभी के हाथ अब मेरे चेहरे और सीने पर घूमने लगे।
अब मैंने भाभी से कहा- भाभी मैं आपको किस करना चाहता हूँ।

भाभी ने यह सुनकर तुरंत अपने होंठों को मेरे होंठों पर लगा दिए। भाभी के मुलायम होंठों से मेरे होंठ लड़ाई करने लगे। वो मेरे होंठों को चूसने लगी थीं।
भाभी के होंठ बहुत ही रसीले थे। पूरे 2 मिनट तक हम लोग ऐसे ही किस करते रहे।

अब भाभी बोलीं- तुम तो कह रहे थे कि तुमने कभी कुछ नहीं किया है.. लेकिन किस तो बड़े सही से कर लेते हो।
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मैं हँस पड़ा और भाभी के ब्लाउज के ऊपर के बटन के खोल कर उनके मम्मों को हल्के-हल्के से दबाने लगा।
भाभी को भी अच्छा लग रहा था। मैंने अब ब्लाउज को पूरा खोल दिया तो भाभी बोलीं- तुम तो बड़े तेज हो।
मैं कुछ नहीं बोला और भाभी के मम्मों को सहलाता रहा।

भाभी आगे बोलीं- पहले सिर्फ किस की बात की थी और अब मेरे चूचों तक पहुँच गए हो।
मैं भाभी का एक आम अब अपने मुँह लेकर चूसने लगा।
मैं भाभी के दूसरे बूब को दूसरे हाथ से दबा रहा था और पहले वाले को मस्ती से चूस रहा था।

भाभी भी ‘आह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… ऊह्ह्ह..’ कर रही थीं, वो बोल रही थीं- आह्ह.. चूसो इसे.. और जोर-जोर से.. अहह.. मजा आ रहा है।

मैं अपनी पूरी स्पीड से भाभी की चूचियां चूसता रहा। अब चूचियों को चूसते हुए ही मैंने अपना हाथ भाभी के पेटीकोट में घुसा दिया। मैं भाभी की जांघों को सहलाने लगा, तब तक भाभी भी मस्त हो चुकी थीं।

भाभी की जांघें सहलाते हुए मैं अब धीरे से भाभी की चूत के ऊपर अपना हाथ ले गया।
भाभी की चूत को छूते ही भाभी के मुँह से ‘आह्ह्ह.. ऊऊऊई.. उफ्फ..’ निकल गया।

भाभी ने कहा- निशान्त तुम तो बड़े एक्सपर्ट लग रहे हो.. मुझसे पहले कितनों के साथ मजे ले चुके हो.. सच सच बताना।
मैंने कहा- भाभी मैंने अब तक 4 को चोदा है.. लेकिन आपके मम्मे ऐसे मस्त हैं कि अब तक उन चारों के भी ऐसे नहीं थे। आपके मम्मे बहुत ही टेस्टी हैं।

यह कह कर मैंने भाभी की पेंटी नीचे की और धीरे से मेरी उंगली भाभी की नंगी चूत में चली गई।
भाभी ‘श्ह्हह्ह्ह..’ करने लगीं, उन्होंने मुझसे कहा- बहुत अच्छा लग रहा है.. यार.. और करो ना प्लीज़।

फिर मैंने झटके से भाभी की पेंटी उतार दी और कहा- भाभी आप सच में बहुत ही सेक्सी हो।
यह सुनकर भाभी बोलीं- क्या भाभी भाभी की रट लगा रखी है.. तुम मुझे पूनम कहो ना।
मैंने कहा- नहीं.. भाभी में बड़ा सेक्स रहता है।
भाभी ने मेरे गाल पर हाथ फेरा और बोली- ओके मेरे भाभीचोद..

अब तक मैं भाभी के सभी कपड़े उतार चुका था और उन्हें बेड के ऊपर धकेल दिया। मैं भी अपने कपड़े उतार कर बिस्तर में उनके बगल में आ गया। भाभी ने करवट ली और वो मेरे ऊपर चढ़ गईं और मेरा लंड उनके हाथ में आ गया।

भाभी लंड सहलाने लगीं और फिर भाभी ने धीरे से सुपारे को चूमा।
मैंने कहा- चूमने से क्या होगा भाभी.. ऐसे नहीं.. पूरा लंड मुँह में लो ना।

भाभी हंस दीं और उन्होंने मुँह खोल के लंड को पूरा गले तक ले लिया। मेरे टट्टे भाभी के होंठों को स्पर्श कर रहे थे। उनके गले में सुपारे को टच करवाना बड़ा ही सेक्सी लग रहा था।
भाभी अब मेरे लंड को जोर-जोर से चूसने लगीं।

बाप रे भाभी की चूत की तरह ही उनके मुँह में भी बड़ी गर्मी थी। भाभी लौड़ा बड़े ही सेक्सी तरीके से चूस रही थीं, इसलिए मैं तुरंत ही हल्का होने वाला था।

वैसे भी इतने दिन से किसी की चुदाई नहीं की थी.. इसलिए बहुत माल भरा हुआ था। भाभी ने जैसे ही सुपारे को मस्ती से चूसा.. मेरा छूटने को आया।

मैंने भाभी से कहा- मेरा लंडरस निकलने वाला है।
भाभी बोलीं- कोई बात नहीं.. अपना माल मेरे मुँह में ही डाल दो।

वो फिर से लौड़ा जोर-जोर से चूसने लगीं। मेरा फव्वारा निकल पड़ा और वीर्य भाभी के मुँह में ही निकल गया। भाभी मेरे लंड से निकले वीर्य की एक-एक बूंद को पी गईं।
भाभी ने लंड को पूरा चाट के साफ़ कर दिया और फिर नंगी ही बाथरूम में चली गईं।

मैं भाभी की ऊपर-नीचे होती हुई गांड को देख रहा था। बाथरूम से आकर भाभी ने मेरे लंड को सहलाया और बोलीं- फिर चूसूँ इसे..?

मैंने कहा- नहीं भाभी.. अब मैं आपकी चूत चाटूंगा।

यह सुनकर भाभी ने बिस्तर में लेटते हुए अपनी टांगें खोल दीं।

मैंने अपनी उंगलियों से भाभी की चूत को खोला और अपनी जुबान से उसे चाटने लगा। भाभी की चूत का दाना मेरे जुबान और होंठ से दबा था। मैं भाभी की चूत के दाने को चाटने लगा।
भाभी अपनी कमर को उठा-उठा कर मेरे मुँह पर अपनी चूत को घिसने लगीं। भाभी की चूत बड़ी गीली हो चुकी थी और उनकी चूत का रस मैं बड़ी मस्ती से पी रहा था।

भाभी से अब रहा नहीं जा रहा था, वो बोल पड़ीं- अब मुझे चोदो ना.. मैं और बर्दाश्त नहीं कर सकती हूँ।

यह सुन कर मैंने भाभी की चूत को चाटना बंद किया और अपने लंड को एक हाथ से पकड़ कर मैंने भाभी की चूत के ऊपर रख दिया।

भाभी की चूत में एक झटका देते ही लंड अन्दर घुस गया ‘आह ह्ह्ह्हह.. ओह्ह्ह्ह.. बाप रे.. मस्त लंड है तेरा.. आआहह.. अब तो मुझे जोर से चोद दो.. जोर-जोर से पेलो.. आह्ह्ह.. बहुत मजा आ रहा है मुझे…’

मैं अपनी पूरी स्पीड से भाभी की चूत को चोदने में लगा था, भाभी मुझे और भी जोर जोर से पकड़ कर चोदने को कह रही थीं।
मैंने अब भाभी के गले को अपने हाथ से पकड़ा और लंड को बड़ी ही जोर से उनकी चूत में ठोकने लगा। भाभी की चूत में लंड ‘फक.. फक..’ की आवाज से टक्कर खा रहा था और मैं उन्हें जोर-जोर से लंड की मार दे रहा था।

भाभी की चूत पूरा पानी छोड़ चुकी थी और वो हिल-हिल कर मुझसे चुदने का मजा लूट रही थीं।

दस मिनट ऐसे चोदने के बाद मैंने भाभी से कहा- अब आप जमीन पर लेट जाओ और अपने पांव को उठा कर बेड पर रख लो।

भाभी ने ऐसा ही किया। मैं उनके पैरों के बीच में आ गया और उनकी टाँगों को फैला कर अपने कंधे के ऊपर रख लीं।

मैंने भाभी की चूत के छेद के ऊपर अपने लंड को रखा और एक धक्का लगा दिया। अब की बार तो मेरा लंड चूत के अन्दर जड़ तक घुस गया था।
भाभी ‘आह.. आह..’ करके हिलने लगीं, मैं उनकी चूत को फिर से तेजी से चोदने लगा।

भाभी ‘आह.. उम्म… हय..’ करके चुद रही थीं, मैं भी अपनी पूरी ताकत से लंड को भाभी की चूत में ठोके जा रहा था।

भाभी ने अब अपनी चूत को मेरे लंड के ऊपर दबा दिया और बोलीं- अपना माल मेरी चूत में ही गिरा देना!
मैं समझ गया कि वो फिर से झड़ चुकी हैं, मैं भी जोर-जोर से अपने लंड को चूत में पेलने लगा।

भाभी की चूत की जकड़न की वजह से मेरा वीर्य भी निकल पड़ा। भाभी के छेद में ही माल की एक-एक बूंद निकाल कर मैंने धीरे से लंड को बाहर निकाला।

भाभी ने कपड़े सही किए और मैं कपड़े पहनूं.. उसके पहले भाभी ने मेरे लंड को चाट कर साफ़ कर दिया। मैंने कपड़े पहन लिए और हम लोग फिर सोफे पर बैठ गए। भाभी ने घड़ी की ओर देखा और बोलीं- राहुल क्रिकेट खेल कर आता ही होगा, अब तुम शाम को आना।
मैंने कहा- ठीक है।

मैं निकल गया। शाम को भाभी ने फिर मुझे अन्दर बुलाया। हम दोनों ने किस की और मैंने भाभी के मम्मों को दबाया। भाभी ने मुझसे कहा- मुझे तुम्हारे साथ अपने हसबैंड से भी ज्यादा मजा आया है।
मैंने कहा- मुझे भी भाभी आपकी चूत जैसा मजा पहले कभी नहीं आया।

वो मुस्कुराने लगीं।

मैंने भाभी से कहा- अगले हफ्ते से मैं शनिवार को छुट्टी ले लिया करूँगा ताकि हम मजे कर सकें।
यह सुन कर भाभी बड़ी ही खुश हो गईं।

हम आज भी साथ में मजे ले रहे हैं।
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