मेरी चालू बीवी-6

इमरान 2014-05-05 Comments

This story is part of a series:

लेखक : इमरान
पारस- वाह यार… तुम्हारा काम तो बहुत मजेदार है।
लड़का- क्या साहब… बहुत मेहनत का काम है…
पारस- वो तो है यार देख मेरे कैसे पसीने छूट गए…
और तेरे भी जाने कहाँ कहाँ से, सब जगह से गीला हो गया तू तो…
सलोनी- बस अब तो हो गया ना
पारस- हाँ जानेमन हो गया… अब स्कर्ट तो नीचे कर लो, क्या ऐसे ही ऊपर पकड़े खड़े रहोगी… हा हा?
लड़का- हा हा… क्या साहब?
सलोनी- उउऊऊनन्न्न मारूंगी मैं अब तुमको.. चलें अब…?
पारस- अभी कहाँ जान, क्या ब्रा नहीं लेनी?
लड़का- हाँ मैडमजी, मम्मो का तो सही नाप आपको बहुत सेक्सी दिखाता है।
सलोनी- अब क्या यहाँ इसके सामने खुले में पूरी नंगी होऊँ मैं?
पारस- अरे क्या जान… बस ऊपर से टॉप कन्धों से नीचे कर लो, ऐसे… ठीक है मास्टरजी… इतने मम्मों से काम चल जायेगा ना?
लड़का- हाँ साहब, पहले मम्मों के ऊपर और नीचे वाले हिस्से से कमर का नाप लीजिये।
पारस- ओह जान, कितना हिल रहे हैं तुम्हारे मम्मे…
लड़का- नहीं साहब… यह तो पूरा फीता हिल गया।
पारस- यार तू ले ये नाप, मैं इन मम्मो को पकड़ कर रखता हूँ।
सलोनी- ओह नहीं पारस, यह तुम क्या कह रहे हो?
पारस- कुछ नहीं जान… मैं हूँ न, मैं अपना हाथ रखे रहूँगा, वो केवल फीता पकड़ेगा।
लड़का- हाँ साहब, बस ये ऐसे… इतना ही… ये यहाँ 32… और……यहाँ 30…
वाह बहुत सेक्सी नाप है मैडमजी आपका…
साहब जरा हाथ हटाइये… अब ये ऊपर से बस यहाँ से…
पारस- यहाँ से?
सलोनी- ऊऊऊऊउईईईईईईईई क्या करते हो…
पारस- ओह सॉरी डियर !
लड़का- वाओ साहब… ऊंचाई 37… बहुत मस्त है…
…मैडम जी… आप देखना अब… ये वाली ब्रा पहनकर आपकी सभी कपड़े कितने मस्त दिखेंगे…आप पूरी हिरोइन दिखोगी…
पारस- चल वे चल… मेरी जान तो हमेशा से ही हिरोइन को भी मात देती है…
सलोनी- अच्छा ठीक है… अब हो गया…
लड़का- बस मैडमजी… इन दोनों की गोलाई का नाप और ले लूँ।
सलोनी- वो क्यों?
लड़का- अरे मैडम जी… दोनों का नाप अलग-अलग होता है… फिर देखना आपको कितना आराम मिलेगा।
पारस- अरे यार… यह सही ही तो कह रहा होगा, कौन सा तुम्हारे मम्मों को खा जायेगा।
सलोनी- धत्त… जल्दी करो अच्छा…
लड़का- साहब जरा यहाँ से पकड़ लीजिये… बस देखा आपने साहब पूरे एक इंच का फ़र्क है। किसी किसी का तो 3-4 इंच तक का होता है
सलोनी- अब तो ऊपर कर लूँ कपड़े… हो गया ना?
पारस- तुम्हारी मर्जी जान, वैसे ऐसे ही बहुत गजब ढा रही हो। चाहो तो ऐसे ही चलें घर…?
सलोनी- हो हो… बड़े आये… तुम तो घर चलो फिर बताती हूँ…
लड़का- हा…हा…हा… क्या साहब… आप भी बहुत मजाकिया हो…
मेमसाब आपकी निप्पल बहुत सेक्सी हैं… मैं आपको नोक वाले ब्रा दिखाऊंगा…आप वही पहनना…देखा कितनी मस्त दिखोगी…
सलोनी- हाँ, मैंने देखी थीं वो एक अपनी सहेली के पास… मैं तो उस जैसी ही चाहती थी, अच्छा हुआ तुमने याद दिला दिया… चलो अब… जल्दी से दो…
लड़का- मैडम जी, ये वाली तो मैं तैयार करवा दूंगा… 2-3 दिन लगेंगे…
सलोनी- तो अभी मैं क्या लूँगी?
पारस- तब तक जान ऐसे ही घूमो, किसे पता चलता है कि तुमने पहनी या नहीं पहनी।
सलोनी- मारूंगी अब मैं तुमको…
लड़का- हा…हा… साहब मुझे पता है…साहब एक बात बताऊँ…हमारे पहनने या न पहनने से किसी को फर्क नहीं पड़ता, पर लड़की का सबको पता चल जाता है, क्योंकि सब घूर घूर कर वहीं देखते हैं…
सलोनी- हाँ तो अब मैं क्या लूँ?
लड़का- मैडमजी जो, पहले आपने देखे थे उसी में से पसन्द कर लीजिये।
सलोनी- ठीक है…
पारस- ये और ये ले लो…
सलोनी- ओके भैया… ये वाले दे दो…
ओके… फिर चलते हैं.. मैं 3-4 दिन बाद आऊँगी.. आपके पास सही नाप लेकर आ जायेंगे।



पारस- ओह भाभी… फिर भूल गई वैसे ही बैठो न…
सलोनी- हाँ हाँ, मगर सब इधर ही देख रहे हैं, कितनी भीड़ है यहाँ…
पारस- तो क्या हुआ?


कोई दूर से आवाज आ रही थी… जैसे कोई पीछे से बोल रहा हो…
अन्जान आवाज- …ओययय…ईईईए… बो देख उसने कच्छी नहीं पहनी…
कोई दूसरा- …क्याआआआ…?
पहला- …हाँ यार… मैंने उसकी फ़ुद्दी देखी… पूरी नंगी थी यार…
…चल पीछा करते हैं…
सलोनी- …देखा मना कर रही थी ना… क्या कह रहा है वो…
पारस- हा… हा… हाहाहाहा… मजा आया या नहीं… आपने सुना नहीं… कह रहा था कि ‘मैंने उसकी फ़ुद्दी देखी’ हा… हा… हाहाहा…
सलोनी- तू आज सबको मेरी चूत दिखा दिखा कर ही खुश होते रहना… पागल… सरफिरा…
पारस- भाभी… वो पीछे आ रहे हैं… जरा कस कर पकड़ लो, मैं बाइक तेज भगाने वाला हूँ…
सलोनी- माए गॉड, तू मरवा देगा आज… जल्दी चला…
पारस- अरे कुछ नहीं होगा भाभी… बस कसकर चिपक जाओ…
सलोनी- देख कितना चिल्ला रहे हैं वो…
पारस- भाभी अपनी स्कर्ट पकड़ो… वो गांड…गांड..क्या मस्त गांड है करके चिल्ला रहे हैं…
सलोनी- अब तुझे पकड़ू या स्कर्ट, तू तो भगा जल्दी और इन सबसे पीछा छुड़वा…
पारस- ओके भाभी… ये लोऊऊऊ…ओ… आआआआआ…


पारस- अब तो ठीक है ना भाभी, जरा देखो पीछे, अब तो नहीं आ रहे…
सलोनी- हाँ अब तो कोई नहीं दिख रहा… थैंक्स गॉड..
…आज तो बच गई…
पारस- हा… हा… क्या भाभी, आप या आपकी गांड…
सलोनी- हाँ हाँ तुझे तो बहुत मस्ती सूझ रही है ना… ही ही… वैसे दोनों ही बच गई… कितना चिल्ला रहे थे वो, ना जाने क्या हाल करते…
पारस- यहाँ पर आप गलत हो भाभी, आप तो बच गई परन्तु गांड नहीं बचेगी… देखो मेरे लण्ड का क्या हाल है…
सलोनी- माई गॉड, ये जनाब तो पूरे टनटना रहे हैं…
पारस- हाँ भाभी प्लीज, जरा चैन खोलकर सहला दो न… अंदर दम घुट रहा है बेचारे का…
सलोनी- इस चलती रोड पर…
पारस- तो क्या हुआ भाभी… टी-शर्ट तो है न ऊपर…
सलोनी- वाओ… ये साहब तो कुछ ज्यादा ही बड़े और गर्म हो गए हैं…
पारस- आःआआ… हा… ह्ह्ह्हह्ह… कितना नरम हाथ है आपका… मजा आ गया…भाभी इसे अपनी गांड में ले लो न…
सलोनी- तो घर तो चल पागल… क्या यहीं डालेगा…
पारस- काश भाभी… आप आगे आकर दोनों पैर इधर-उधर कर मेरी गोदी में बैठ जाओ और मैं तुमको चोदता हुआ बाइक चलाऊँ… …आःआआ ह्ह्हह्ह्ह्ह…
सलोनी- अच्छा अच्छा… अब न तो सपना देख और ना दिखा… जल्दी से घर चल मुझे बहुत तेज सू सू आ रही है…
पारस- वाओ भाभी… क्या कह रही ही… आज तो आपको खुले में मुत्ती करवाएँगे…
सलोनी- फिर सनक गया तू… मैं यहाँ कहीं नहीं करने वाली…
पारस- अरे रुको तो भाभी, मुझे एक जगह पता है… वहाँ कोई नहीं होता… आप चिंता मत करो…
सलोनी- तू तो मुझे आज मरवा कर रहेगा.. सुबह से न जाने कितनों के सामने मुझे नंगी दिखा दिया… और तीन अनजाने मर्दों ने मेरे अंगों को भी छू लिया…
पारस- क्या… किस किस ने क्या क्या छुआ…झूठ मत बोलो भाभी…
सलोनी- अच्छा बच्चू… मैं कभी झूठ नहीं बोलती…
सुबह उस कूरियर वाले ने मेरी चूची को नहीं सहलाया..? और फिर रास्ते में उस कमीने ने कितनी कसकर मेरे चूतड़ों पर मारा.. अभी तक कूल्हा लाल है… फिर तूने उस दुकानदार लड़के से… शैतान कितनी देर तक मेरे सभी अंगों को छूता रहा… उसने तो मेरी चूत को सहलाया था…
…देख़ा था ना तूने…
पारस- …हाँ भाभी… सच बताओ… मजा आया था ना…
सलोनी- अगर अच्छा नहीं लगता.. तो हाथ भी नहीं लगाने देती उसको… हा…हा… उस सबको सोचकर अभी भी रोमांच आ रहा है…
पारस- ओके भाभी… ठीक है… चलो उतरो.. वो जो पार्क है ना… वहाँ इस दोपहर में कोई नहीं होता, आओ वहीं झाड़ियों में मुत्ती करते हैं दोनों…
सलोनी- पागल है, अगर किसी ने देख लिया तो…
कहानी जारी रहेगी।

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