नंगी भाभी को देखा तो कामुकता जागी
(Nangi Bhabhi Ko Dekha To Kamukta Jagi)
दोस्तो, अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा प्रणाम. मैंने पहले भी अन्तर्वासना में फ्री सेक्स कहानी पोस्ट की हैं, जो मेरी सच्ची आपबीती थीं. मेरी कहानियां
मेरी गर्लफ़्रेण्ड की जोरदार चूत चुदाई
तनीशा के बाद सुनीता की चूत मारी
के लिए आप लोगों के भरपूर मेल आए, आपका धन्यवाद!
मैं आर्या, उम्र 29 साल है, महाराष्ट्र का रहने वाला हूँ, मेरी हाइट 5 फीट 5 इंच की है और मेरे बाबूराव का साइज़ 6 इंच का है.
यह कहानी करीब 4 साल पुरानी है, तब मैं 25 साल का था, कहानी नहीं, ये एक सच्ची घटना है. हमारे पड़ोस में एक नवविवाहित जोड़ा रहने आया था.
विशाल भैया और वैशाली भाभी, दोनों काफी पढ़े लिखे और खुश मिजाज कपल थे, उनका प्रेम विवाह हुआ था. विशाल भैया से मेरी काफ़ी अच्छी दोस्ती हो गई थी और इसी के चलते वैशाली भाभी भी मेरी काफ़ी अच्छी दोस्त बन गई थीं.
वैशाली भाभी की उम्र 28 साल की थी. उनका 5 फीट 2 इंच का कद, गोरी और दिखने में बहुत ही सुन्दर थीं. उनकी 32-28-34 की फिगर बड़ी ही दिलकश थी. भाभी के स्तन छोटे थे, मगर गोल आकार के थे. भाभी की गांड मानो आप को चोदने के लिए इन्वाइट कर रही हो, ऐसी लगती थी. सच में भाभी काफ़ी सुन्दर दिखती थीं.
विशाल भैया मेडिकल रिप्रेज़ेंटेटिव का जॉब करते थे, तो उन्हें काफ़ी बार ऑफिस के काम से सिटी के बाहर जाना पड़ता था. उस दौरान भाभी अकेली रह जाती थीं. कभी कभी वैशाली भाभी हमारे घर पे मेरी माँ से बातें करने आ जाती थीं, जब वो अकेली महसूस करतीं.
एक दिन ऐसे ही विशाल भैया कंपनी के काम से बंगलौर गए थे और जाते वक़्त मुझ यह बताते गए कि अगर वैशाली को किसी चीज़ की ज़रूरत पड़ जाए तो उन्हें मार्केट लेके चले जाना.
मैंने हां कर दी. दोपहर को वैशाली भाभी मुझको बुलाने हमारे घर पर आईं और हम वहां से मार्केट चले गए. उन्हें घर का कुछ सामान खरीदना था. मार्केट का काम खत्म होते होते शाम हो गई.
जैसे ही हम घर पहुँचे, मैंने देखा मेरे घर पर ताला लगा है, मेरी माँ और पापा मेरे किसी रिश्तेदार के घर गए थे और मेरे पास घर की दूसरी चाभी नहीं थी.
वैशाली भाभी ने कहा कि उनके घर पे रुक जाओ, मैंने वैसा ही किया.
वैशाली भाभी बोलीं- मैं बहुत थक गई हूँ, तो नहा कर फ्रेश हो जाती हूँ और फिर चाय बनाती हूँ.
मैंने हां कर दी.
अब तक़ मेरे दिल में उनके लिए कोई ग़लत विचार नहीं थे. भाभी नहाने चली गईं, मैं बाहर हॉल में बैठ कर टीवी पर कुछ देख रहा था.
तभी अचानक बाथरूम से धड़ाम की आवाज़ आई और साथ ही भाभी के चिल्लाने की आवाज़ आई.
मैं हड़बड़ा गया और सीधा अन्दर भागा और बाथरूम के बाहर से भाभी को आवाज़ लगाई, भाभी ने दरवाजा खोला और बाहर आ गईं.
मैं उनको देखता ही रह गया, वो बिल्कुल नंगी थीं, उनका गोरा बदन, गोल गोल चुचियाँ, दायीं चुचि पे काला तिल, कामुक करने वाली पतली कमर और उनकी पानी की वजह से हुई गीली चुत, ये सब देख कर मैं हक्का बक्का रह गया.
भाभी घबराते हुए बोलीं- पानी गरम करने वाला गैस गीजर नीचे गिर गया और मैं घबरा गई.
भाभी के पैर को चोट लगी थी और वो बहुत डर गई थीं.
मैं भाभी के नंगे बदन को ऊपर से नीचे तक़ घूर रहा था. अब भाभी ने होश संभाला और तुरंत अपने कमरे में चली गईं. लेकिन वो नज़ारा देख के मेरा दिमाग़ सुन्न हो गया था.
भाभी अपना गाउन पहन कर बाहर आईं और बोलीं- मैं चाय बनाती हूँ, तुम बाहर बैठो.
वो किचन में चली गईं. मेरा दिमाग़ काम नहीं कर रहा था और लंड पेंट में फुंफकार रहा था, लंड खड़ा होकर फुल गया था जिससे पेंट में तंबू बन गया था. मैं उनके पीछे पीछे किचन में गया और भाभी के पीछे जाके खड़ा हो गया.
भाभी ने मुझको देखा और कहा- कुछ चाहिए?
मैंने कहा- भाभी, आप बहुत सुन्दर दिखती हो.. मैंने आज तक़ कभी आपके लिए ऐसा महसूस नहीं किया, पर आज जो देखा वो कभी भुला नहीं सकता.
भाभी- देखो आर्या, वो एक एक्सिडेंट था, तुम्हारे लिए उसे भूल जाना ही बेहतर है.
मैंने कहा- भाभी, मैं आपको उस हालत में देख कर वो चीज़ नहीं भूला पाऊंगा और ना मैं वो भूलना चाहता हूँ. मैं आपको चाहने लगा हूँ.. और आपके साथ…
इतना कह कर मैं वहां से बाहर आ गया और उनके घर से निकल गया. मेरे दिमाग़ में कई तरह के विचार चल रहे थे, बदन पे चींटियां जैसे काट रही थीं, दिमाग़ सुन्न हो गया था.
आप यकीन करो दोस्तो.. ग़ज़ब की सुन्दर लड़की और वो भी अचानक सामने आए, वो भी नंगी, तो बंदा कितना सहन कर पाएगा?
मैं सिग्गी लेने के लिए बाहर निकल गया, सिग्गी पीते वक़्त उनका फोन आया, मैंने नहीं उठाया.
वैशाली भाभी ने दोबारा फोन किया, मैंने उठाया तो उन्होंने घर आने को कहा. मैं जैसे उनके घर पहुँचा, भाभी बोलीं- गुस्सा हो?
मैंने न में सर हिलाया, उन्होंने जो चाय बनाई थी, वो चुपचाप पीने लगा.
वो कुछ बात कर रही थीं और मेरे दिमाग़ में उनका सेक्सी, नंगा बदन घूम रहा था. जीन्स में खड़ा लंड तंबू बना हुआ था और मैंने चुपचाप उससे छुपाते हुए चाय पी रहा था.
“तुम चुप क्यों हो? मैं क्या बोल रही हूँ, कुछ समझ आ रहा है?” भाभी ने पूछा.
मैंने ना में सर हिलाया.
भाभी फिर से बोलीं- तुम्हारा ध्यान कहां है? मैं कुछ बोल रही हूँ?
अब मैं अपने विचारों से बाहर आया और भाभी से बोला- भाभी आई लव यू, मैं आपसे प्यार करने लगा हूँ, आपको जिस हालत में देखा वो अभी तक़ मेरे दिमाग़ में चल रहा है.
और इतना कह के मैंने भाभी के पास जाकर उनके होंठों को किस कर दिया.. और उन्हें गले से लगा लिया. अब मैं भाभी के गले को चूमने लगा.
भाभी ने मुझ दूर धकेल दिया और वो बेडरूम में चली गईं.
मैं उनके पीछे उनके बेडरूम में आ गया. वो बेड के कोने में खड़ी थीं, मैंने उनको पीछे से पकड़ लिया और उनकी गर्दन को चूमने लगा और उनके पेट को सहलाने लगा. उन्होंने ढीला गाउन पहन रखा था.
भाभी ने दुबारा मुझे खुद से दूर धकेल दिया और कहा- तुम होश में तो हो? यह सब ग़लत है.
“भाभी आई लव यू, ग़लत है या सही.. मुझे नहीं पता, बस मैं पागल हो रहा हूँ…” इतना कह कर मेरी आँखों से आँसू टपक गए.
भाभी ने मुझको गले से लगा लिया और बड़े प्यार से सहला कर मुझको समझाने लगीं- देखो यह सब ग़लत है, मैं तुमसे उम्र में बड़ी हूँ और यह प्यार नहीं… बस तुम यही समझ लो कि वो कुछ पल की फीलिंग थी, खुद को थोड़ा वक़्त दो, सब समझ जाओगे.
मैंने भाभी को कस के गले लगा लिया और फिर उनकी पीठ को सहलाने लगा. मेरा लंड उनकी पेट को छू रहा था, कुछ देर ऐसे ही उनके गले लगाने के बाद मैं धीरे धीरे अपना हाथ उनकी गांड पे ले गया और हल्के हल्के सहलाने लगा. उन्होंने कोई विरोध नहीं किया, तो मैंने उनकी गर्दन को चूमना शुरू किया और मेरा लंड उनके पेट के ऊपर रगड़ने लगा.
वो अब धीरे धीरे मेरा साथ देने लगीं. मैंने हिम्मत बढ़ाई और उनके होंठों पर होंठ रख कर किस करने लगा.
भाभी ने भी मेरे किस का जवाब उनकी जीभ मेरे मुँह में देकर दिया. मैं उनकी जीभ को चूसने लगा, काफ़ी देर हम फ्रेंच किस करते रहे और उसी वक़्त मैंने भाभी को और भाभी ने मुझको नंगा कर दिया.
हम दोनों कुछ बात नहीं कर रहे थे, बस हम सेक्स के आधीन हो गए थे. मैं उनके मम्मों को मुँह में लेकर चूसने लगा, निप्पल काटने लगा. वो मेरे सर को अपने हाथों से सहलाने लगीं और बड़ी ही मादक ‘आआ आआहह आह आआहह..’ की आवाज़ निकालने लगीं.
मुझसे ज़्यादा रहा नहीं जा रहा था, सो मैंने देर ना करते हुए मेरा 6 इंच का लंड उनकी गीली चुत में एक ही धक्के में डाल दिया.
उनकी ज़ोर से चीख निकल गई, उनकी चीख दबाने के लिए मैंने उनके होंठों को चूसना शुरू किया और दोनों हाथों से उनकी चुचियां सहलाने और दबाने लगा. मैं उनको किस करते करते ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा, उनकी चुत को ज़ोर ज़ोर से मेरे लंड से पेलने लगा.
मेरा लंड उनकी चुत की गहराई नापने लगा. वो तेज़ तेज़ आहें भर रही थीं और ‘आअहह अहह ह..’ करे जा रही थीं. फुचक फुचक की आवाज़ रूम में गूंजने लगी और हम दोनों सेक्स के अधीन एक दूसरे को ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगे.
करीब 10-12 मिनट तक़ भाभी की चुत में ज़ोरदार धक्के मारने के साथ चुत का मज़ा लेने के बाद मैंने उनको अपना लंड चूसने को बोला.
भाभी ने देर ना करते हुए तुरंत मेरा लंड अपने मुँह में लेके कुल्फी की तरह चूसने लगीं. भाभी मेरा पूरा लंड अपने हलक तक़ उतारने लगीं. मेरे लंड को ज़ोर ज़ोर से हाथों से हिलाने लगीं और गपा गॅप चूसने लगीं. मैं तो मानो जैसे हवा में उड़ रहा था.
मैंने उनको डॉगी स्टाइल में आने को कहा और वो कुतिया जैसी घुटने के बल मेरी तरफ चुत करके चुदाई की पोज़िशन में आ गईं. मैंने तुरंत मेरा मुँह उनकी चुत पे रखा और जीभ से उनकी चुत चाटने लगा. उनकी गीली चुत का स्वाद मेरे मुँह से मेरे बदन में भरने लगा. हल्का हल्का मूत का स्वाद और उनकी चुत का स्वाद के कारण में मदहोश होने लगा. मैंने उनके पीछे से मेरा लंड दोबारा उनकी चुत में पेल दिया और ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा. मेरे धक्कों से उनकी आअहह निकल रही थी. उनकी साँसें तेज़ हो गई थीं और वो मुझको पूरा सहयोग करने लगीं.
काफ़ी देर तक चले इस धक्कापेल से वो 2 बार पानी छोड़ चुकी थीं और मेरा रस भी निकलने की कगार पे था. पर मुझ इतनी जल्दी नहीं झड़ना था. मैंने कहीं पढ़ा था कि सेक्स के दौरान अगर थोड़ा ब्रेक लेकर सांसों पे कंट्रोल करो, तो सेक्स का समय बढ़ जाता है.
मैंने उनको पीठ के बल लिटाया और उनकी चुत को चाटने लगा. हाथों से उनकी चुचियाँ दबाने लगा और सांसों को थोड़ा कंट्रोल करने लगा. फिर उन्होंने मुझ अपने तरफ खींचा और मुझ बेइंतहा चूमने लगीं, मेरे होंठ चबाने लगीं, मेरी जीभ को ज़ोर ज़ोर से मुँह में लेके चूसने लगीं.
उनकी यह हरकत मुझ और तड़पा रही थी.
कुछ देर ज़ोरदार चुम्मा चाटी करने के बाद मैंने बाजू में रखी तेल की शीशी से तेल मेरे लंड पे लगाया और ढेर सारा तेल उनकी गांड में डाल कर उसकी मालिश करने लगा.
फिर 69 की पोज़िशन में आकर वो मेरे लंड की मालिश करने लगीं और मैं उनकी चुत चाटते हुए उनकी गांड में अन्दर तक़ उंगली डाल के मेरे लंड के लिए जगह बनाने लगा. उनको दर्द हो रहा था, पर वो अपने आपको संभाल रही थीं.
मैंने उनकी टाँगों को मेरे कंधे पर रखा और लंड उनकी गांड के छेद पर सैट कर दिया. फिर धीरे से एक ही बार में पूरा लंड भाभी की गांड में उतार दिया, वो ‘आआ आआहह..’ करके रह गईं. उनकी आँख में आँसू आ गए और मैं उनके आंसुओं को पीते पीते धीरे धीरे चोदने लगा.
कुछ देर बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई और ज़ोर ज़ोर से उनकी गांड में लंड डालने लगा. भाभी को बड़ा आनन्द आ रहा था और वो मज़े ले रही थीं. उनको दर्द भी हो रहा था, उनके चेहरे से समझ आ रहा था. पर मुझपे सेक्स का भूत चढ़ा था और आग दोनों तरफ लगी थी. मैं अपने धक्कों की स्पीड बढ़ाने लगा.
भाभी मादक आवाज़ में कहे जा रही थीं- उम्म्ह… अहह… हय… याह… और अन्दर तक चोद दे.. फ़्फ़ाआआड़ दो मेरी गांड.. अह.. और ज़ोर से चोद, मेरी चुत के दाने को सहलाओऊओ..’
“भाभी आपकी गांड बहुत टाइट है, बहुत ही मज़ा आ रहा है आपकी गांड मारते हुए..” मैं सेक्स के नशे में बोल रहा था.
हम एक दूसरे को उकसा रहे थे और करीब 20 मिनट की लगातार गांड ठुकाई के बाद मैं उनकी गांड में झड़ गया. वो इस दौरान एक बार पानी छोड़ चुकी थीं. हम दोनों इतने थक गए थे कि हम एक दूसरे को किस करते हुए सो गए.
जब मेरी नींद खुली तो मैंने देखा भाभी मेरे लिए दूध लेकर आई थीं, उन्होंने कहा- उठो 9 बज गए हैं, तुम्हारे घर वालों का कॉल आया था, वो आने ही वाले हैं.
मैंने अपने कपड़े पहन लिए और भाभी को देखा, उनके चेहरे पे एक अजीब सी खुशी की झलक दिखाई दे रही थी. मैं उनके पास गया और उनके होंठों को क़िस किया. कुछ देर किस करने के बाद हम अलग हुए.
मेरे घर वालों से भाभी ने मुझ रात में सोने के लिए भेजने को बोला और खाना खाने के बाद मैंने और भाभी ने काफ़ी सेक्स किया.
आज भी वो हमारी सिटी में ही रहते हैं और जब भी हम दोनों को मौका मिलता है, या विशाल भैया कहीं बाहर चले जाते हैं तो हम चुदाई का मौका नहीं छोड़ते.
आपको मेरी कहानी पसंद आई या नहीं, मुझ मेल ज़रूर कीजिएगा. मैं तो सेक्स का भूखा हूँ और भाभी को चोदते चोदते काफ़ी अनुभव भी मिले हैं. जो मैं आपके साथ आगे भी लिखता रहूँगा.
आपके मेल की प्रतीक्षा रहेगी.
आपका आर्या
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