खोया मोबाइल लौटाने पर चूत का उपहार

(Lost Mobile Lotane Par Chut Ka Uphaar)

मेरा नाम अनिकेत है, मैं मुंबई का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 28, कद 5 फुट 8 इंच है.. और मैं एक प्राइवेट कंपनी में सॉफ्टवेयर डेवलपर के पद पर काम करता हूँ।

मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। इधर की हिंदी सेक्स स्टोरी पढ़ने के बाद मुझे लगा शायद मुझे भी अपनी कहानी आप पाठकों के साथ बाँटनी चाहिए।
अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली और वास्तविक कहानी है।

आज से 6 महीने पहले की बात है, मैं किसी काम से अपने एक क्लाइंट के पास जा रहा था।

स्टेशन के बाहर भीड़ बहुत थी, मेरे आगे कुछ लड़कियाँ भी जा रही थीं।
तभी मेरे पैर से कोई चीज़ टकराई, मैंने देखा किसी का मोबाइल गिरा हुआ था, मैंने उठाया और इधर उधर देखा, मेरी नज़र साइड में खड़ी एक लड़की पर गई जो अपने पर्स में कुछ ढूँढ रही थी।

मुझे लगा शायद यह मोबाइल उसी का है, मैं उसके पास गया और उससे पूछा- क्या आपका कोई सामान खो गया है?
इस पर वो बोली- हाँ मेरा मोबाइल मुझे नहीं मिल रहा है।
मैंने उसे मोबाइल दिखाया और पूछा- यह तो नहीं है?

वो बहुत खुश हो गई और मुझे ‘धन्यवाद..’ देने के साथ ही कॉफ़ी पीने के लिए कहने लगी। पहले तो मैंने मना किया.. मगर उसके बहुत कहने पर मान गया।

मैंने उसे अभी तक ठीक से देखा नहीं था मगर काफ़ी पीते वक़्त ध्यान दिया तो देखा वो शादी-शुदा थी, उसका नाम शिविका (बदला हुआ नाम) था, उसका रंग एकदम साफ था, उसका फिगर 36-34-36 का इतना मस्त था कि देख कर ही मुठ मारने को मन करने लगा। उसे देख कर मेरा लंड एकदम तन गया और पैंट से बाहर निकलने लगा।

हमने इधर-उधर की बातें की, इसके बाद उसने मेरा नंबर लिया और हम दोनों अपने-अपने काम के लिए निकल गए।

तीन दिन बाद उसका मैसेज आया- कैसे हो.. पहचाना क्या?
मैं हैरान रह गया.. मुझे लगा था वो भूल गई होगी।

फिर हम लोगों में बातों का सिलसिला शुरू हो गया। ये सिलसिला अब रोज ही चलने लगा था। धीरे-धीरे हम दोनों खुल कर बातें करने लगे, सेक्स की बातें होने लगीं।

एक दिन उसका मैसेज आया कि वो मुझसे मिलना चाहती है, मैंने उसे वीकेंड में अपने फ्लैट में आने को कहा तो वो मान गई।

मैं बड़ी बेचैनी से शनिवार का इंतजार करने लगा। उसे याद करके मैं एक बार मुठ भी मार चुका था.. मगर उससे कहने की हिम्मत ना हो रही थी।

शनिवार को जब वो मेरे घर आई तो मैं उसे देखता ही रह गया। उसने ब्लू कलर का टॉप और ब्लैक कलर की स्कर्ट पहना हुई थी। उसके बड़े-बड़े चूचे इतने टाइट दिख रहे थे कि मन कर रहा थी कि अभी कि अभी दबोच लूँ।
मैंने उससे पूछा- क्या लोगी?

तो उसने कहा- बीयर पिलाओगे क्या?
यह सुन कर मुझे अपने कानों पर यकीन नहीं हुआ.. मगर यह समझ गया कि आज की रात चूत चुदाई का पूरा पूरा मौका है।

फिर हमने खाना खाया और साथ में बीयर भी पी.. बीयर के नशे में वो थोड़ा बहकने लगी थी। मैं उसे पकड़ कर बेडरूम में ले गया। उसे लेकर मैं जैसे ही कमरे में पहुँचा.. मैंने उसे बिस्तर पर लेटा दिया।

मैं अपनी शर्ट निकाल कर उसकी ज़ांघों के पास बैठ गया और उसको चूमने लगा।

वो बीयर के हल्के नशे के साथ-साथ वासना के नशे में भी थी.. तो उसका पूरा बदन मचल रहा था, उसका मचलता जिस्म देख मेरा लंड और तनने लगा था।

देखते ही देखते उसने उठा कर हल्के से मेरे लंड को मसलना शुरू कर दिया।

उसके ऐसा करने पर मुझे तो यकीन ही नहीं आ रहा था, मुझे भी जोश आ गया, मैंने उसे खुद ही अपनी ज़िप खोल कर अपना लंड उसके हाथ में दे दिया और उसने मेरे लौड़े को मसलना शुरू कर दिया।

मैं तो अपने आपे में नहीं रहा। हम दोनों ने एक-दूसरे के कपड़े निकाले, आज पहली बार किसी औरत को नंगी देख रहा हूँ, उसने अपने चूत के बाल आज सुबह ही साफ किए लग रहे थे।

मैंने उसकी मखमली चूत पर हाथ फिराया तो मेरे हाथ में चिकना जूस आ गया।
मैंने उससे पूछा- मुझे लगता है तुम बहुत चुदासी हो।
वो बोली- हाँ.. बहुत… आज तो मेरी जान.. मेरी जी भर कर चुदाई कर दो।

मैंने उसे दोनों हाथों से उठाया और बिस्तर पर चित्त लिटा दिया और उसके होंठों पर चुंबन करने लगा। फिर उसके दोनों मम्मों को हाथों से पकड़ कर बहुत जोर से मसला, उसके चूचुकों को मुँह में लेकर खूब चूसा।

अब तो शिविका भी बहुत चुदासी हो गई और बोली- मेरी चूत चाटो ना!

मैंने उसकी दोनों टाँगें फैलाईं और बीच में मुँह लगाया और चूत की गुलाबी पंखुरियों को चूसने लगा।

मैंने पूरी ज़ुबान उसकी चूत में डाल दी और क्लाइटॉरिस को दोनों होंठ में दबा कर खींचते हुए चूसने लगा.. वो गनगना गई।

मैंने कुछ देर उसकी चूत चाटी और उसके दाने को मुँह में लेकर खींचा.. तो वो मेरा सिर अपनी चूत पर दबाने लगी और झटके मारने लगी।

मैं लगातार उसकी चूत को चाटता रहा, उसकी चूत ने झटके मारे और पानी छोड़ दिया। अब निढाल हो गई थी और बहुत मस्त होकर चित्त पड़ी थी। मैं भी उसकी चूत को चूस कर उसके बगल में लेट गया।

फिर उसने मेरा लंड मुँह में लिया और मजे से चूसने लगी। चारों तरफ अपना हाथ लंड पर फिराने लगी और मेरा आधा लंड मुँह में ले लिया।

फिर वो ज़ुबान से पूरा लौड़ा चाटने लगी और बोली- राजा, अब तेरा लंड पूरा तन गया है जल्दी से मेरी चूत की चुदाई कर दो.. मैं बहुत तड़प रही हूँ।

मैंने उसकी दोनों टाँगें फैला दीं और आहिस्ता से लंड को चूत में डालने के लिए जोर दिया तो सुपारा चूत में अन्दर फंस गया, दर्द से उसकी आँखें बड़ी हो गईं।

मैंने पूछा- कोई तकलीफ़ तो नहीं हो रही है?
वो दर्द से कलप कर बोली- साले मूसल ठूँस दिया और पूछते हो कि तकलीफ तो नहीं है.. मैं तो मरी जा रही हूँ।

मैंने हँस कर और जोर दे दिया और आधा लंड चूत में डाल दिया।
फिर मैं शिविका के होंठों पर चुम्बन करने लगा और आहिस्ता आहिस्ता लंड अन्दर बाहर करके चोदना शुरू किया।
मैंने जबरदस्त चार स्ट्रोक और मारे और अपना पूरा लम्बा लंड उसकी चूत में घुसा दिया।

शिविका ने एकदम से मेरे कूल्हे पकड़ कर लंड को चूत में जाने से रोका और बोली- आह्ह.. ठहरो अभी.. ऐसे ही चूत में थोड़ी देर रखो.. बहुत दर्द हो रहा है।

मैंने लंड को चूत में फंसा कर धक्के रोक दिए और उसके चूचे को चूसना और मसलना जारी रखा।
दो मिनट के बाद शिविका नीचे से चूतड़ उठाते हुए बोली- बस अब जी भर कर मेरी चुदाई करो।

मैं अपना लंड आधा से ज़्यादा अन्दर-बाहर करके चुदाई करने लगा। पूरी दस मिनट चुदाई की और अब शिविका का बदन अकड़ने लगा। वो मुझे बहुत जोर से पकड़ कर झटके लेने लगी।

मैंने आहिस्ते आहिस्ते चुदाई चालू रखी। दो मिनट तक शिविका का शरीर अकड़ता रहा और वो जोर जोर से सीत्कार करने लगी- उम्म्ह… अहह… हय… याह…

फिर वो अपना दोनों हाथ बिस्तर पर फैला कर झड़ गई और नशीली आवाज में बोली- माय गॉड.. मुझे ऐसे तो कभी मेरे पति ने भी नहीं चोदा।

मैंने कहा- शिविका रानी.. अभी चुदाई खत्म नहीं हुई है.. मेरा माल निकलेगा तब मुझे पूरा मजा आएगा।
शिविका बोली- हाँ.. मूझे मालूम है, बस तुम अपनी शिविका को जी भर के चोदो.. मुझे बहुत मज़ा आ रहा है।

अब तो मैं लम्बे-लम्बे स्ट्रोक मारने लगा।
शिविका दोबारा से बहुत रसीली हो गई और बोलने लगी- फाड़ दो मेरी फाड़ दो मेरी चूत.. पूरा लंड अन्दर डाल दो..!

पूरे दस मिनट मैंने खूब चुदाई की, बाद में बोला- शिविका मैं आ रहा हूँ।
शिविका बोली- हाँ अन्दर ही आना।

और मैं लौड़े की पिचकारियों को चूत में छोड़ने लगा.. मैंने आठ-दस गरम-गरम पिचकारियां उसकी चूत में मार दीं। वो भी साथ में झड़ गई और उसका पूरा बदन झटके खाने लगा।

दो मिनट तक हम दोनों झड़ते रहे और आख़िर में निढाल होकर मैं शिविका के ऊपर ही ढेर हो गया, मेरा लंड नर्म होने लगा, मैंने उठ कर लंड बाहर निकाला, पूरा लंड कामरस से भरा हुआ चमक रहा था।

आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी। मुझे जरूर लिखें.. आपके प्यार भरे इमेल का इन्तजार रहेगा।
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