कामुक भाभी की चुदाई का सुख-4
(Kamuk Bhabhi Ki Chudai Ka Sukh- Part 4)
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अब तक आपने पढ़ा कि सेजल भाभी के साथ मेरी जंगली चुदाई चल रही थी.
अब आगे..
अब मैं भाभी की टांगों के बीच में आ गया और अपने लंड को उनकी चूत पे रगड़ने लगा. मेरे लंड के सुपारे पर उनकी चूत के कोमल होंठों का अहसास पा कर मुझे एक अलग ही नशा चढ़ गया. उसी नशे में मैंने लंड सेजल भाभी की चूत के छेद पे रख के एक ज़ोरदार धक्का दे मारा. मेरा आधा लंड फच की आवाज़ के साथ भाभी की चुत में अन्दर तक घुस गया.
भाभी फ़िर से चिल्लाईं- ओ मारी माडड़ड़ड़ड़ड़ी मारी पिकी फाटी गययययययई.. मारे नथी चोदावु तारो लोडो काढ बारे कयू छू.
मैंने भाभी की चिल्ल पों को इग्नोर करते हुए एक और तेज धक्का दे मारा और मेरा पूरा लंड अन्दर घुस के उनकी बच्चेदानी को ठोकर दे गया
“ओये रे ओये रे.. तारी माँ नो पिको मारे लंड भड़वा फाड़ी नाखी मारी पिकी आहहह्ह्ह उफ..” वो फ़िर चिल्ला के मुझे गालियां देने लगीं.
अब मैंने एक ही झटके में अपने लंड को बाहर खींच लिया और उसको पोंछ कर दोबारा चूत के छेद पे रखा और फुल फोर्स से धक्का दे मारा. इस बार मेरा लंड एक ही झटके में पूरा अन्दर चला गया.
“आह.. मर गई समीर प्लीज छोड़ दो अभी नहीं.. कल चोद लेना प्लीज मेरी चूत बहुत दुख रही है.. मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है.”
लेकिन मैं कहां मानने वाला था. वो रोने लगीं और मैं उनकी सूखी चूत में जोर जोर से धक्के मारने लगा. मेरे सर पर वासना का भूत सवार हो गया था. मैं अपना पूरा लंड बाहर निकालता और फ़िर झटके के साथ वापस डाल देता. मेरे हर धक्के के साथ भाभी चिल्ला उठतीं. मुझे उनके दर्द से कोई लेना देना नहीं था.
थोड़ी देर ऐसे चोदने के बाद वो अब मुझे सामान्य लगीं तो मैंने उनको खोल दिया.
जैसे ही मैंने भाभी को खोला वो उठ कर बैठ गईं और बहुत ही जोर से मेरे गाल पे थप्पड़ जड़ दिया.
मैंने गुस्से से उनके बाजू पकड़े और उनको बेड पे पटक कर लंड फ़िर से उनकी चूत में डाल दिया और जोर जोर के झटके देने लगा. वो दर्द से कराह रही थीं.
मैं उनके होंठ बेरहमी से काटने और चूसने लगा. मैं किसी प्यासे शैतान की तरह उनको चोद रहा था. मैं हर धक्का इतनी जोर से मार रहा था, जैसे मेरे लंड को उसके मुँह से निकाल देना चाहता हूँ. उसके साथ साथ मैं उनके निप्पल अपनी चुटकी में लेकर बेरहमी से मसल रहा था.
भाभी के निप्पल एकदम लाल हो चुके थे.. और उनके होंठ भी सूजने लगे थे.
थोड़ी देर बाद उनको भी इस जंगली सेक्स में मज़ा आने लगा और वो मेरे लंड का स्वागत चूतड़ उठा कर करने लगीं. अब सेजल भाभी के हाथ मेरी पीठ को सहला रहे थे और वो मेरे कंधों में अपने दाँत गड़ाए जा रही थी.
फ़िर वो मेरे कान में बोलीं- थोड़ी मेहनत मुझे भी करने दो अब!
मैं तुरंत रुक गया और उनके ऊपर से उतर कर साइड में बैठ गया और एक तेज थप्पड़ फ़िर से उसकी चूत पे जड़ दिया.
वो चीख के बोलीं- जंगली छो तू तो साव यार..
भाभी मुझे लेटा कर मेरे ऊपर आ गईं और मेरे लंड को अपनी चूत पे सैट कर के धीरे धीरे बैठने लगीं. लंड को लीलने के बाद भाभी ने अपने पैरों को सीधा कर दिया. अब उनके पैर मेरे कंधों के पास थे.
फ़िर सेजल भाभी ने मुझे कंधों से पकड़ के बैठा कर दिया और अपनी टांगों को मेरी कमर पे लपेट कर धीरे धीरे धक्के लगाने लगीं. साथ ही मेरे मुँह को अपने मम्मों से लगा दिया.
मैं भाभी का एक दूध मुंह में भर के पीने लगा. वो धीरे धीरे चुत से धक्के लगा रही थीं और मेरे बालों को सहला रही थीं. गजब का रगड़ सुख मिल रहा था.
फ़िर थोड़ी देर बाद वो बोलीं- तुम अपने हाथों के बल बैठ जाओ.
मैं अपने हाथ पीछे ले गया और हाथ के बल बैठ गया और वो मेरे घुटनों पे हाथ टिका कर बैठ गई और जोर जोर से आगे पीछे होने लगीं.
उनके चेहरे के भाव लगातार एक्साइटमेंट में चेंज होते देख मुझे जोश आ गया. मैंने उनको उठने को बोला.
वो उठ कर बिस्तर के नीचे उतर के खड़ी हो गईं, मैं बिस्तर के नीचे उतरा, उनको एक पैर बिस्तर पे रख के घोड़ी बनने को कहा.
उन्होंने ठीक वैसा ही किया.
फ़िर एक थप्पड़ जोर से उनकी चूत पर मारा, इस बार वो कुछ नहीं बोलीं, सिर्फ उनके मुँह से एक दर्द भरी आहह निकली. फ़िर मैंने भाभी की चूत पर अपना लंड सैट किया और एक ही झटके में पूरा लंड उनकी चूत में घुस गया.
भाभी जरा से चिल्लाईं और फिर लंड का मजा लेने लगीं. अब मैं जोर जोर से भाभी की चूत चोदने लगा.
इसके बाद तो बस आऽऽह.. धीरे.. आऽऽह.. आऽऽह..आऽऽह.. रुक जरा.. हाँ.. आऽऽह… जोर से.. आऽऽह.. आऽऽह.. आऽऽह.. ह्म्म.. हाँऽऽअः का मधुर संगीत गूँजने लगा. हम दोनों की एक जैसी आवाजें निकल रही थीं.
भाभी की चूत लगातार पानी छोड़ रही थी और मेरा लौड़ा बड़े आराम से अन्दर बाहर आ जा रहा था.
मेरा पूरा लंड अन्दर-बाहर हो रहा था. भाभी के चूतड़ों को मजबूती से पकड़ के बहुत जम के मैं भाभी की चुत की चुदाई कर रहा था. सेजल भाभी की मीठी-मीठी सिसकारियां निकल रही थीं.
सेजल भाभी एक हाथ से नीचे से मेरे लंड की गोटियों को सहला कर जोश में “उम्म्ह… अहह… हय… याह…” कह देतीं, तो मैं अपनी स्पीड बढ़ा देता.
मैंने उनसे कहा- सेजल भाभी, आपकी चूत बहुत कसी हुई है?
उन्होंने कहा- तेरे जैसा कोई मिला नहीं जो इससे फाड़ डाले.
मैंने कहा- अब तो आप मेरी रखैल बन गई हैं और अब मैं आपको रोज़ रंडी की तरह चोदूँगा.
सेजल- इसीलिए तो मैंने तुझे ट्रेंड किया है मेरे राजा..
मैं 20 मिनट तक उनको चोदता रहा, इस दौरान वो दो बार झड़ चुकी थीं.
अब मैं भी चरम तक पहुंचने लगा था. मैं सुपर फास्ट स्पीड से सेजल भाभी के मुलायम चूतड़ों में अपनी उंगलियां घुसेड़ कर जोर जोर से धक्के लगाने लगा.
वो फिर से अकड़ने लगी थीं. कुछ 10-15 धक्कों के बाद वो झड़ गईं और उनके थोड़ी देर बाद मैंने एक जोरदार धक्का मारा और वो बेड पर गिर गईं.. तभी मेरा वीर्य भी सेजल भाभी के चूतड़ों पे गिरने लगा.
भाभी पूरी तरह थक चुकी थीं और उनमें खड़े होने की भी ताक़त नहीं थी. वो ऐसे ही लेटी रहीं, मैं भी उनपे गिर गया.
थोड़ी देर मैं उनपर ही लेटा रहा. फ़िर उठा और सेजल भाभी को उठाने लगा.
मैं- उठिये सेजल भाभी.. ठीक से सो जाईए!
“उम्म्म्मम छोड़ो ना.. सोने दो ना…”
भाभी ऐसा बोल के फ़िर से सो गईं.
फ़िर मैंने उनको अपनी बांहों में उठाया और बेड पे सीधे लेटा दिया, वो बहुत ही मासूम लग रही थीं. उनके बेडरूम से अटैच बाथरूम है. मैं बाथरूम में गया, एक टावल गीला करके वापस आकर सेजल भाभी के जिस्म को साफ़ करने लगा. जैसे ही गीला टावल उसके जिस्म को टच हुआ, वो थोड़ी सी कसमसाई, फ़िर सामान्य हो गईं.
मैं उनके पूरे जिस्म को पोंछ रहा था. उनके दूध से गोरे जिस्म पे जगह जगह लाल निशान पड़ गए थे. भाभी की चूत सूज गई थी, उनके मम्मों पर मेरे दाँत के निशान पड़ गए थे.
सेजल भाभी के जिस्म को साफ़ करने के बाद मैंने उनको कंबल ओढ़ाया और उनके पास लेट के उनके मासूम चेहरे को देखने लगा.
सोते हुए में कितनी मासूम और भोली लग रही थीं मेरी सेजू डार्लिंग.. उनको देखते देखते मैं कब नींद के आगोश में चला गया, पता ही नहीं चला.
सुबह उठा तो नंगा ही बेड पे लेटा हुआ था. सेजल भाभी नहीं थीं. मैं उठा और सीधा बाथरूम में चला गया. वहां पे एक पैकेड ब्रश रखा था, मैं समझ गया कि ये सेजल भाभी ने मेरे लिए रखा है.
मैंने दूसरा ब्रश इस्तेमाल किया, नहाया और रूम में वापस आके कपड़े देखे. मेरे पैंट की जिप और बटन दोनों टूट चुके थे. मैंने भैया के कपड़े अल्मारी से निकाले और पहन कर हॉल में आ गया. वहां से किचन साफ़ दिखता है. वहां सेजल भाभी चाय बनाती दिखीं.
उन्होंने एक फिट नाइट ट्रैक पहना हुआ था. मैंने जाकर उनको पीछे से पकड़ लिया, वो कसमसाने लगीं- उफ्फ्फ्फ समीर.. छोड़ो ना… कल रात को इतनी जोर से बजाने के बाद भी तुम्हारा दिल नहीं भरा क्या??
मैं- जान, तुम चीज़ ही ऐसी हो कि दिल नहीं भरता.
मेरा लंड खड़ा होके उनकी गांड की दरार में घुसा जा रहा था. उन्होंने अपना सर पीछे झुका कर मेरे कंधे पे रख दिया और आंखें बंद कर लीं. मैं उनकी नेक और कंधों पे अपने होंठ घुमाने लगा.
सेजल भाभी- चाय तो बना लेने दो.
मैं- चाय छोड़ दो भाभी.. दूध पिला दो.
सेजल भाभी- कल इतना दूध पीकर तुम्हारा दिल नहीं भरा.. दूध पी कर मेरे बूब्स सुजा दिए हैं.. साले जंगली कहीं के..
मैं- तुम्हें अच्छा नहीं लगा क्या??
सेजल भाभी- सच कहूँ तो इतना मज़ा लाइफ में कभी नहीं आया यार.
इतना सुनते ही मैंने गैस ऑफ़ कर दी और उनको थोड़ा सा पीछे खींच कर झुका कर खड़ा कर दिया.. अब उनकी पेंट को नीचे खिसका दिया. उनकी चूत पर एक जोर का थप्पड़ मारा वो चिल्लाईं- जंगली कुत्रा दुखे छे मने..
मैंने अनसुना करके अपनी पेंट उतार दी और अंडरवियर भी निकाल दी, अपना लंड भाभी की चूत पर सैट किया और एक ही झटके में उनकी चूत में पूरा पेल दिया.
वो चिल्ला उठीं- साले धीरे डाल.. कल रात की रगड़ से चुत सूज चुकी है.
मैं लंबे लंबे धक्के देने लगा और वो चिल्ला रही थीं. मैंने धक्का देते हुए ही पास पड़ी एक छोटे स्टूल को खिसका कर उनके आगे रखा और उनका एक पैर उठा के उसपे रख दिया. अब मैं जोर जोर से भाभी को चोदने लगा.
दस मिनट ऐसे ही उनको चोदने के बाद वो झड़ गईं. मैं रुका, उनको ऐसे ही खड़े रहने को बोला. फिर फ्रिज खोल के उसमें से एक आइसक्यूब लिया और उनके पास जाकर आइस क्यूब उसकी चूत में जल्दी से डाल दिया.
अभी भाभी कुछ समझ पातीं कि मैंने जल्दी से अपना लंड उनकी चूत में ठेल दिया. जब तक उनको अंदाज़ा हो कि क्या हुआ, उससे पहले ही बर्फ का टुकड़ा उनकी चूत की गहराई में उतर गया.
मैंने उनके कूल्हे मजबूती से पकड़ लिए.
पहले तो वो नॉर्मल रहीं, फ़िर ठंडक का अहसास होते ही भाभी उछल पड़ीं- भैनचोद, क्या डाला तूने चूत में.. आआहहब माडी जलन हो रही.. निकाल जल्दी भैनचोद प्लीज निकाल!
पर मैं कहां सुनने वाला था, मैंने धक्के मारना स्टार्ट कर दिया. थोड़ी देर में बर्फ उनकी चूत में पिघल गई.
वो फ़िर गर्म होने लगी थीं और मैं जोर जोर से उनकी चूत चोद रहा था. थोड़ी देर में वो फ़िर से अकड़ने लगी और मेरा लावा भी फटने को था.
मैंने स्पीड बढ़ा दी, करीब 20-25 धक्कों के बाद वो चीख कर झड़ने लगीं और कुछ मुझे भी लगा कि मैं भी जाने वाला हूँ, तो मैंने उनको पलट कर बैठा दिया और उनके मुँह में लंड पेल दिया कर जोर जोर से सजा भाभी का मुँह चोदने लगा. कुछ ही मिनट में मेरे लंड में से वीर्य की पिचकारी निकल पड़ी. थोड़ा उनके मुँह में चला गया.. बाक़ी का उनके चेहरे पर गिरा दिया.
उनका पूरा चेहरा वीर्य की बूँदों से सन गया और उनके होंठों पर लगे माल को वो जीभ निकाल कर चाटने लगीं. मैंने उनको खड़ा किया और किस करने लगा.
सेजल भाभी- मैं मुँह धोके आती हूँ.
मैं- ओके.
फ़िर वो थोड़ी देर बाद आईं और चाय बनाने लगीं. मैं भी अपने कपड़े पहन चुका था.
वो चाय बनाते हुए बोलीं- सुनो.
मैंने बोला- जी बोलिए भाभी.
सेजल भाभी- तुम बहुत बेदर्द हो.. मुझे ऐसी चुदाई अच्छी लगती है. आज रात को मुझे इतना दर्द चाहिये, जो बर्दाश्त के बाहर हो. क्या ये करोगे मेरे लिए??
मैं- जैसी आपकी इच्छा भाभी.
सेजल भाभी ने दो चाय के कप भरे और एक मुझे दिया और एक से खुद चाय पीने लगीं.
हम दोनों चुपचाप चाय पी रहे थे. मैं खामोशी तोड़ते हुए बोला- भाभी आपको ये दर्द भरी चुदाई क्यों चाहिये?
सेजल भाभी मुस्कुराईं.
दोस्तो, मेरी इस हिंदी सेक्स स्टोरी में मजा आ रहा हो तो मुझे ईमेल जरूर कीजिएगा.
[email protected]
कहानी जारी है.
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