भाभी ने अपने घर बुला कर चूत मरवाई
(Jawan Bhabhi Ki Hawas)
जवान भाभी की हवस मैंने पूरी की. वे हमारे पड़ोस में नयी आई थी. मैं उनके चूतड़ और चूचियों को देखा करता था. एक दिन भाभी ने बहाने से मुझे बुलाया और पूछा कि मैं उन्हें क्यों घूरता हूँ.
दोस्तो, मेरा नाम अरविंद (बदला हुआ नाम) है. मेरी हाईट 5 फुट 4 इंच है और मेरा लंड 6 इंच के आस-पास का है, मैंने कभी इसका नाप नहीं लिया है, इसलिए यह अंदाजा है.
मैं आज जो सुनाने जा रहा हूँ, वह एक सच्ची घटना पर आधारित वाकिया है.
यह मेरी पहली जवान भाभी की हवस की कहानी है. यदि कुछ गलत हो जाए तो माफ़ करना.
दरअसल हुआ यूं कि हमारे पड़ोस में एक कपल रहने आया था.
उन दोनों की जोड़ी बहुत ही सुन्दर दिख रही थी.
वे लोग जैसे ही रिक्शा से उतरे तो मैंने अपनी पहली नजर भाभी पर डाली.
आह क्या हुस्न की मलिका थीं. उन्होंने हरे रंग की साड़ी पहनी हुई थी. उसमें वे कमाल की आइटम लग रही थीं.
मैं आपको भी भाभी के बारे में बता देता हूँ. उनकी हाईट 5 फुट 2 इंच थी.
उनका दूध जैसा गोरा रंग अलग ही चमक रहा था. उनकी बॉडी के बारे में बताऊं तो वे 34-32-36 के फिगर वाली हसीना थीं.
उन्हें देख कर मैं तो समझो एकदम से पागल हो गया था.
हम उनके पड़ोसी थे, तो मेरी मां और दूसरे लोग उनसे मिले.
मैं तो अब हर रोज भाभी को ही देखता था.
वे अपनी बालकनी में बाल सुखाने के लिए आती थीं.
जब वे अपने बाल सुखाती थीं, तब वे झुक कर सुखाती थीं और उनका मुँह हमारी बालकनी की तरफ ही होता था तो मुझे उनके बूब्स के दीदार हो जाते थे.
फिर एक दिन हुआ यूं कि भाभी गाउन पहन कर बाहर आई थीं.
उनका यह गाउन काफी पतले कपड़े का और जालीदार था.
उसी वजह से मुझे उनकी ब्रा पैंटी साफ साफ दिखाई दे रही थी.
उन्होंने काले रंग की ब्रा और काले कलर की ही पैंटी पहनी हुई थी.
मैं उन्हें देखने के लिए पहले से ही खड़ा था.
जैसे ही वे झुकीं, मुझे उनके बूब्स के दीदार हुए.
मैं घूर कर उनके दूध देखने लगा और यह तो आपको पता ही है कि नारी को कुछ आभास जल्द हो जाता है कि उसे कोई देख रहा है.
वही हुआ.
उन्होंने मुझे अपने दूध घूरते हुए पकड़ लिया और वे बिना कुछ कहे अन्दर चली गईं.
अब मुझे डर लगा तो मैं भीतर चल गया और अपनी बालकनी में कुछ दिन गया ही नहीं.
फिर एक दिन शाम को जब मैं बालकनी में बैठा था.
तो भाभी ने मुझे मेरे नाम से पुकारते हुए बुलाया ‘अरविंद!’
तो मैंने भाभी से कहा- जी भाभी, बोलिए!
भाभी- जरा घर पर आना तो, मुझे एक काम है!
मैं- क्या काम है भाभी?
तो उन्होंने कहा- मुझे कुछ सामान उतरवाना है अलमारी के ऊपर से!
मैं अपनी मां को बोल कर भाभी के घर चला गया.
उस वक्त मैंने लोअर पहना हुआ था और लोअर के अन्दर कुछ नहीं पहना था. ऊपर टी-शर्ट डाली हुई थी.
मैं उनके पर गया तो उन्होंने दरवाजा खोला.
उन्होंने गुलाबी रंग की साड़ी पहनी हुई थी.
दूध जैसी गोरी चमड़ी पर पिंक साड़ी … भाभी गजब लग रही थीं.
मेरी नजर उनके ब्लाउज पर गई तो मैंने देखा कि ब्लाउज का गला काफी गहरा था.
उनकी चूचियों की क्लीवेज साफ दिखाई दे रही थी.
बस मेरी नज़र उनके बूब्स पर ही टिक कर रह गई.
जब भाभी ने कहा- अरे अन्दर तो आओ!
तब मैं होश में आया और उनके पीछे पीछे चल पड़ा और उनकी मटकती हुई गांड को देखते देखते अन्दर चला गया.
भाभी ने कहा- पानी पियोगे?
मैंने मना कर दिया.
भाभी बोलीं- मुझे अलमारी के ऊपर से सामान उतारना है, तुम उतार दो. मुझे गिरने का डर लग रहा है.
मैंने भाभी से कहा- आप चढ़ने के लिए एक टेबल ले आइए.
वे टेबल लेकर आईं.
मैं उस पर चढ़ गया.
ऊपर से मैंने एक सामान भाभी को दिया तो मुझे भाभी के आधे बूब्स साफ दिखाई दे रहे थे.
हॉट सीन देख कर मेरा 6 इंच का लंड धीरे धीरे बड़ा होने लगा.
मैंने नीचे चड्डी नहीं पहनी थी.
उस वक्त भाभी का सर मेरे लंड के पास था, तो उन्हें पता चल गया कि मेरा खड़ा हो गया है.
पर भाभी ने कुछ कहा नहीं और वे अपना सामान मुझसे लेने लगीं.
अब वे अपने बूब्स और भी ज्यादा दिखाने लगी थीं और मेरा लंड उनके सामने उछल रहा था.
मैं अपने आपको कण्ट्रोल करने की कोशिश कर रहा था.
पर आप तो जानते ही हैं कि मन को समझाया जा सकता है, पर लंड को नहीं.
भाभी ने लंड को उछलते हुए देख लिया था और वे थोड़ी शर्मा भी रही थीं, पर वे वहां से जा नहीं सकती थीं.
उन्हें अपना सामान लेना था, तो सामान उतरवाने के बाद भाभी ने कहा- सोफे पर बैठो, मैं चाय बना कर लाती हूँ!
तो मैं सोफे पर बैठ गया था और अपने लंड महाराज को कंट्रोल कर रहा था.
थोड़ी देर बाद भाभी चाय लेकर आईं और उन्होंने चाय का एक कप मुझे पकड़ा दिया.
एक कप उन्होंने ले लिया और मेरे बगल में बैठ गईं.
अब भाभी मुझसे बातें करने लगीं.
उन्होंने मेरी पढ़ाई के बारे में पूछा और बाकी सबके बारे में जानकारी लेने लगीं.
बातों ही बातों में भाभी ने मुझे उस दिन के बारे में पूछ लिया, जब मैं उनके बूब्स को देख रहा था.
भाभी- तो उस दिन तुम क्या देख रहे थे?
मैं- कुछ भी तो नहीं भाभी!
भाभी- सच सच बताओ वर्ना मैं तुम्हारी शिकायत तुम्हारी मां से कर दूंगी कि ये मुझे छेड़ता है!
भाभी की इस बात से मैं डर गया था कि अगर मां को पता चला तो मुझे वह मारेंगी और घर से निकाल देगी, वह अलग लफड़ा!
मैं- नहीं भाभी, मैं सब बताता हूँ. दरअसल उस दिन मैं आपके वह देख रहा था!
भाभी ने थोड़ी आवाज भारी और ऊंची करके बोला- वह क्या?
तो मैंने कहा- मैं आपके आम देख रहा था!
भाभी- अच्छा बच्चू इतने बड़े हो गए हो … गर्लफ्रेंड है तुम्हारी?
मैंने कहा- नहीं भाभी!
भाभी- इतने खूबसूरत हो और गर्लफ्रेंड नहीं है. मुझे नहीं लगता. झूठ तो नहीं बोल रहे?
मैं- नहीं भाभी, सच में मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है!
भाभी- अच्छा, तो ये बता कि कैसे लगे मेरे आम!
मैं यह सुनकर थोड़ा शॉक हो गया था कि भाभी यह क्या पूछ रही हैं.
मैंने बोला- बहुत अच्छे लगते हैं.
भाभी- अच्छा बेटा, अच्छे लगते हैं … लेकिन इन्हें आम नहीं, बूब्स कहते हैं … वैसे और क्या क्या पसंद है?
यह सुन कर मैं टेंशन से थोड़ा बाहर हो गया था और मैंने अब बिंदास बोल दिया कि और आपकी गांड अच्छी लगती है!
वे मादक भाव से बोलीं- अच्छा, वह भी पसंद है!
मैंने हां कहा.
उसके बाद उन्होंने झुक कर अपने बूब्स दिखाते हुए कहा- तो करना क्या चाहते हो इनके साथ?
मैंने उनके दूध देखते हुए कहा- इनको मसलना है और गांड भी मारना है!
उन्होंने कहा- अच्छा फिर!
यह कह कर उन्होंने मेरा हाथ अपने बूब्स पर रखवा लिया और मसलवाने लगीं.
उनकी इस हरकत से मुझे पता चल गया कि भाभी की चूत को आज मेरा लौड़ा चाहिए.
मैंने उनके चेहरे को अपने पास खींचा और किस करना शुरू कर दिया.
मैंने भाभी को 5 मिनट तक किस किया.
कभी मैं उनकी जीभ को चूसता तो कभी वे मेरी जीभ को चूसतीं.
किस करते समय मैंने अपना हाथ उनके मम्मों पर रख दिया और जोर से मसला, जिससे वे थोड़ी ऊपर की ओर हो गईं.
मैंने अपना हाथ कपड़ों के ऊपर से भाभी की चूत पर रखा और सहलाने लगा.
वे गनगनाने लगीं.
फिर मैंने उनकी साड़ी, ब्लाउज और पेटीकोट को निकाल दिया था.
उनके कपड़े निकलते ही वे मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पैंटी में आ गई थीं.
भाभी बड़ी मस्त आईटम लग रही थीं.
मैंने अपना मुँह आगे किया और उनकी एक चूची पर रख कर ब्रा के ऊपर से ही चूसने लगा, दूसरे हाथ से दूसरे चूचे को दबाने लगा.
कुछ देर बाद मैंने भाभी की ब्रा को भी निकाल दिया और देखा कि भाभी के बड़े बड़े सफेद चूचे और उन पर काले निप्पल क्या कमाल लग रहे थे.
मैंने तुरंत एक को मुँह में ले लिया और चूसने लगा.
फिर दोनों चूचों को खूब मसला और चूसा.
उसके बाद मैंने अपना एक हाथ पैंटी में डाल कर उनकी चूत पर रख दिया.
भाभी की चूत ने पानी छोड़ दिया था.
मैंने उनकी चूत में उंगली करना शुरू कर दिया.
उनकी चूत के दाने को जैसे ही मसला, वे चिहुंक उठीं.
उसके बाद मैंने चूत में धीरे से उंगली डाली और आगे पीछे करने लगा.
अब भाभी को भी मजा आने लगा.
उन्होंने मेरे लौड़े पर हाथ रखा और मसलने लगीं.
फिर उन्होंने मुझे अलग किया और मेरे लौड़े को बाहर निकाल कर सीधा मुँह में डाल लिया.
पता नहीं क्यों … वे इतनी भूखी थीं कि उनसे रुका ही नहीं जा रहा था.
जैसे ही भाभी ने लौड़ा मुँह में लिया, मुझे स्वर्ग का अनुभव हुआ.
मैंने ऐसी फीलिंग कभी नहीं पाई थी.
भाभी ने दो मिनट में ही मेरे लंड का पानी निकाल दिया और पी लिया.
अब मैंने भाभी को बेड पर लिटाया और उनकी पैंटी निकाल कर चूत पर मुँह रख दिया.
भाभी अपनी चूत पर मेरी जीभ के स्पर्श से पहले तो चिहुंक उठीं.
पर अगले ही पल वे सयंत हुईं और अपनी टांगों को मोड़ कर चूत को फैला दिया.
इससे मुझे उनकी चूत में अपना मुँह लगाने की पूरी सुविधा मिल गई और मैं सही से चूत चाटने लगा.
भाभी अपनी गांड को नीचे से उठा कर मुझे चूत देने लगीं और मैं जीभ अन्दर तक पेल कर चूत रस का स्वाद लेने लगा.
मुझे बड़ा मजा आ रहा था.
मैंने पूरी शिद्दत से चूत चाटना जारी रखा और उनके दाने को अपने होंठों में दबा कर खींचते हुए मजा लेने लगा.
इससे भाभी की आह निकली जा रही थी.
उन्होंने मेरा सिर अपनी चूत पर जोर से दबा दिया और झड़ने लगीं.
चूत से पानी का झरना छूट कर मेरे मुँह में ही आने लगा और मैं भी उस रस को पीता चला गया.
भाभी के झड़ जाने के बाद भी मैंने उनकी चूत को चाटना जारी रखा और इसका नतीजा यह निकला कि भाभी फिर से तैयार हो गईं.
मेरा लौड़ा भी उनकी चूत की मां बहन एक करने के लिए तैयार हो गया था.
मैंने लंड को चूत के मुँह पर रखा और अपने दोनों होंठ भाभी के होंठों से मिला कर किस शुरू कर दी.
भाभी गांड उठा कर लंड लीलने को मचल रही थीं.
तो मैंने एक जोर से झटका दे मारा.
भाभी की आंखें खुल गईं और आंसू निकलने लगे.
वे छटपटाने लगीं, पर मैंने उनको नहीं छोड़ा.
उसी पल मैंने एक और झटका मारकर अपना पूरा लंड चूत के अन्दर पेल दिया.
बस लंड घुसेड़ कर मैं यूं ही उनके मुँह को अपने मुँह से दबाए हुए ऐसे ही पड़ा रहा.
एक मिनट में ही भाभी को राहत मिल गई और उन्होंने नीचे से धक्का देना शुरू कर दिया.
मैं समझ गया कि भाभी की चूत फैल गई है.
अब मैं भी जोर जोर के धक्के लगाने लगा और मैंने उन्हें किस करना छोड़ दिया.
उनके मुँह से एक लंबी आह निकली और वे गाली देती हुई बोलीं- साले मादरचोद कितना हैवी लंड है तेरा … मेरी चूत का भोसड़ा बना दिया कमीन ने!
मैं हंस दिया और उनके एक दूध को अपने होंठों में भर कर उन्हें धकापेल चोदने लगा. जवान भाभी की हवस मिटाने लगा.
मेरे लंबे लंबे शॉट लग रहे थे, जिस वजह से मेरे हर धक्के में भाभी की आह निकल रही थी.
भाभी- आह मार दिया रे तूने मुझे … ऐसे भी कोई करता है क्या हरामी आह … धीरे चोद न बहन के लौड़े!
मैंने कहा- अरे आप जैसी सेक्सी भाभी को क्या ही दर्द होगा, आप तो बस लंड गपागप लो.
भाभी बोलीं- साले हरामी, मैं चुदी नहीं हूँ दो महीने से … और मेरा पति भी मुझे ज्यादा नहीं चोदता है तो मेरी चूत एकदम टाइट है.
उनकी बात सुनने के बाद भी मैंने तेज तेज झटके देने चालू रखे और अब तो मैं उन्हें और जोर से पेलने लगा.
वे बार बार आह भर रही थीं और कह रही थीं- हां अब आया मजा … और जोर से चोद साले … और जोर से चोद डाल अपनी भाभी जान को आह बना ले अपनी रांड आह आह आह!
मैंने भी उनकी भाषा बोलते हुए कहा- हां मेरी जान, अब से तू मेरी रांड है और मैं जब चाहे तुझे चोदूंगा बहन की लौड़ी छिनाल!
‘आह आह आह हां मेरे राजा, मैं तेरी रंडी हूं … अब से तुझे जो करना है वह कर लेना मेरे साथ!’
कुछ देर बाद मैंने भाभी को डॉगी स्टाइल में खड़ी किया और एक बार में पूरा लंड घुसेड़ कर चोदने लगा.
एक बार में पूरा लंड डाल देने से थोड़ी देर के लिए तो उसकी सांसें थम गईं.
वे वापिस आह भरने लगीं.
डॉगी स्टाइल में चोदने के बाद मैंने उन्हें मिशनरी में किया और ताबड़तोड़ चोदने लगा.
अब भाभी का होने वाला था और मेरा भी निकलने वाला था.
मैंने पूछा- कहां निकालना है?
तो भाभी ने कहा- अन्दर ही निकालना और एक साथ निकलते हैं.
मैंने भी फुल स्पीड में धक्के लगाने शुरू किए और एक साथ झड़ते हुए रस फेंकने लगे.
मैं भाभी की चूत में ही झड़ गया.
झड़ने के बाद मैं उनके ऊपर ही लेट गया और उनके चूचों को चूसने लगा.
वे मेरे बालों को सहलाने लगीं और पूछने लगीं- कैसा लगा मेरे राजा!
मैं बोला- बहुत ही बढ़िया मेरी रानी.
मैंने अपना लंड बाहर नहीं निकाला, थोड़ी देर बाद वह अपने आप ही बाहर आ गया और साथ में भाभी की चूत से मेरा और उनका पानी निकलने लगा.
थोड़ी देर बात करने के बाद हम दोनों फिर से चार्ज हो गए और मैंने भाभी को दुबारा से जम कर चोदा और उसके बाद मैं अपने घर वापिस आ गया.
अब मुझे जब भी मौका मिलता है, तब मैं भाभी की चुम्मी ले लेता हूँ, कभी कभी तो चूचे और गांड भी दबा देता हूँ.
भाभी को चुदने का मौका बहुत कम मिलता है, पर जब भी मिलता है … हम दोनों बहुत मजे करते हैं.
इसी दौरान एक बार मैंने भाभी की गांड भी मारी थी, वह सेक्स कहानी आपको अगली बार लिखूँगा.
यह जवान भाभी की हवस की कहानी कैसी लगी, मुझे जरूर बताइएगा.
नीचे मेरी मेल आईडी लिखी है.
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