सगी भाभी को चोदने की सच्ची कहानी
(Hot Bhabhi Devar ki Chudai)
हॉट भाभी देवर की चुदाई का मजा मुझे सगी भाभी ने दिया. भाभी ने खुद से पहल करके मुझे लाइन मारी तो मैं क्यों पीछे रहता. भाभी को मैंने कैसे चोदा, खुद पढ़ कर मजा लें.
दोस्तो, मेरा नाम राहुल है और मैं उत्तर प्रदेश से हूं।
आज मैं आपको अपनी हॉट भाभी देवर की चुदाई की सच्ची कहानी बताऊंगा।
ये मेरी पहली स्टोरी है तो प्लीज़ पूरा इंजॉय करिएगा।
मैं 22 वर्ष का हूं, मेरी हाइट 5 फुट 10 इंच की है और गठा हुआ शरीर है.
मेरा लन्ड 6.4 इंच का है और मोटाई लगभग 3 से 3.7 इंच की है।
साल भर पहले की बात है जब मैं सुबह 5:00 बजे उठा तो देखा कि भैया 2 दिन के लिए कहीं बाहर बिजनेस के सिलसिले में जाने की तैयारी कर रहे थे।
मैं किचन में पानी पीने के लिए गया तो देखा कि भाभी मुझे देख कर मुस्कुरा रही हैं.
पर मैं समझ नहीं पाया।
मैं भैया को बस स्टैंड पर छोड़ कर चला आया।
मेरी मम्मी पापा पहले ही आज ही के दिन गांव जाने की तैयारी कर चुके थे लेकिन भाभी कह रही थी कि उनका सर थोड़ा दुख रहा है तो वे लोग जाने को मना कर रहे थे.
लेकिन भाभी नहीं मानी और लगभग 9:00 बजे वे लोग भी चले गए।
तब मैं भाभी के कमरे में गया- भाभी, मैं आपके लिए दवा लेने जा रहा हूं.
“नहीं, दवा नहीं चाहिए. एक कप चाय बना दोगे? अपने लिए भी बना लेना!”
मैं चाय बना कर उनके पास गया.
वे मुस्कुरा रही थी.
मैं अभी भी नहीं समझ पाया.
मैंने चाय उन्हें दी।
भाभी ने पूछा- तुमने अपने लिए चाय नहीं बनाई?
“नहीं … मैं चाय नहीं पीता।”
“हां … जानती हूं, तुम तो दूध पीते हो!” उन्होंने तिरछे देखते हुए कहा।
हम दोनों हंसने लगे।
मेरी भाभी की हाइट 5 फुट है, गोरा बदन, गोल चेहरा, छोटे छोटे बाल, छाती उभरी हुई और बड़ा से चूत… एकदम मस्त फिगर है।
उनको देखकर मेरा मन हमेशा से खुश हो जाता था, उनके बड़े बड़े बूब्स को चूसने का सपना मैं देखता रहता था.
भाभी के बूब्ज़ को देखकर मेरा लन्ड तन जाता था लेकिन मैं अपने को कंट्रोल में रखता था।
हम लोग दोस्तों की तरह आपस में डबल मीनिंग और सेक्सी बातें भी किया करते थे।
लेकिन उस दिन कुछ अलग होने वाला था।
“वहां अलमारी में नारियल तेल होगा ले आओ और मेरा सर दबा दो थोड़ा सा!” भाभी ने कहा।
मैं बिस्तर पर चला गया और उनका सर दबाने लगा।
भाभी लेटे लेटे हुए बोली- तुम्हारी बीवी जो भी होगी बहुत खुश होगी।
“क्यों?”
“तुम्हारी बॉडी भी अच्छी है, तुम पढ़ाई भी करते हो, घर का काम भी कर लेते हो, चाय भी बनाना आता है, सिर दबाना भी आता है … पर एक चीज नहीं आता।”
“क्या?” मैंने पूछा ही था.
कि भाभी से मेरे हाथ पकड़ कर अपने बबलों पर रख दिया।
मैंने घबरा कर उनको देखा तो वे मुझे ऐसे देख रही थी जैसे कोई बच्चा अपना पसंदीदा खिलौना देखता है।
अब मुझे समझ आ गया कि वह सुबह से क्यों मुस्कुरा रही थी.
एकटक मेरी आंखों में देखते हुए वह बोली- ये आता है क्या?
मेरा लन्ड छटपटाने लगा, मन कर रहा था कि इनको अपने लन्ड पर टांग दूं.
पर मैंने कंट्रोल किया।
भाभी उठकर मेरे सामने बैठ गई और अपने हाथ से मेरा गाल सहलाने लगी- तुम अपनी बीवी को बिस्तर में खुश कर पाओगे?
मैं एकदम चुप रहा।
“कल छत पर तुम क्या कर रहे थे?” भाभी ने हंसते हुए पूछा.
“कुछ नहीं!”
“ज्यादा तेज ना बनो, मैंने कल तुम्हें छत पर पोर्न देख कर हिलाते हुए देखा था, तुमने इयरफोन लगाया था इसलिए तुम्हें पता ही नहीं चला। मैं किसी से कहूंगी नहीं अगर … तुम मुझे अपना हथियार दिखाओ तो!” धीरे-धीरे नीचे होते होते उन्होंने मेरे लोअर के उपर अपना हाथ फिराना शुरू किया।
मेरा लंड फुदक फुदक के बाहर आने की कोशिश कर रहा था.
मेरे लन्ड पर अपना हाथ मलते हुए वे मुझे किस करने के लिए झुक रही थीं.
मेरे अंदर करंट दौड़ गया.
मैंने उनकी कमर पकड़कर अपनी तरफ खींचा और अपनी जाँघों पर उन्हें बैठा लिया.
उसी अवस्था में उनके होठों से मैंने अपने होंठ चिपका दिए और उनके ऊपर पूरी तरह चढ़ गया।
अब वे मेरे नीचे आ गई थी।
मैं पागलों की तरह उनके पूरे चेहरे पर चूम रहा था.
नीचे मैं हल्के हल्के झटके भी दे रहा था और उनके मटके जैसे चूतड़ों को सहला रहा था.
वे भी पूरे मन से मेरा साथ दे रही थी।
“भाभी, मैं हमेशा आपके साथ सेक्स करने के बारे … ”
“शःह्स … चुप रहो, मैं जानती हूं!”
“भाभी आई लव यू!”
“कुछ करोगे भी या बस आई लव यू बोलोगे?”
मैं उठा और अपना टीशर्ट और लोअर निकाल के भाभी का भी कुर्ती और पैजामा निकाल दिया।
नीले पैंटी और ब्लैक ब्रा उनका गोरा बदन केक की तरह लग रहा था।
मैं तुरंत उनकी चूचियों पर टूट पड़ा और काट लिया और दबा दबा के पीने लगा.
वे किसी भी चीज के लिए मना नहीं कर रही थी.
उनके मुंह से ‘सीईई ई … अह्हह … आह … अह्ह … अह्ह’ आवाज आ रही थी।
हमारी सांसें गर्म हो चुकी थी.
मैंने उनके पूरे बदन को मसल-मसल के और चूम-चूम के उनको गर्म कर दिया था।
अब मैं नीचे की ओर बढ़ रहा था, मैंने उनके पेट पर किस किया और उनकी नाभि को जीभ से चाट लिया.
भाभी एकदम से सिहर गई- सीईईई … हह्ह!
नाभि की सीध में मैं किस करते नीचे आया और अपना मुंह उनके पैंटी पर रख दिया.
वे ज़ोर से बोली- उह्ह ह्हह!
और हंसने लगी.
गुदगुदी के कारण उनके दोनों पैर उठ गए.
मैंने तुरंत भाभी की पैंटी निकाल कर फेंक दी.
उनकी चूत की दोनों फांकें फूल के लाल हो गई थी।
मैंने उनकी जाँघों को पकड़ के खींच के उनको बिस्तर के बीच में कर दिया.
जब मैंने उनकी टांगों को फैलाया तो चूत की दोनों फांक खुल गई.
भाभी की गीली चूत को देखकर मेरा लवड़ा फनफनाने लगा, लग रहा था कि चड्डी फाड़ देगा।
अब भाभी तो मुझसे अक्सर चुदवाएंगी ही … लेकिन मैंने मन में सोच लिया था कि भाभी को ऐसा चोदना है कि आज का दिन वे जीवन भर याद रखें।
मैंने अपने दोनों अंगूठों से पहले चूत का मसाज किया.
भाभी बार-बार सी … हहह … सी … ह्हह … की मदहोश आवाज निकाल रही थीं।
फिर मैं भाभी की जाँघों को किस करते हुए उनकी चूत को चाटने लगा.
वे मचल उठीं- उम्म … हाह्हह!
मैं अपनी जीभ और तेजी से फेरने लगा, कभी दाएं-बाएं, कभी ऊपर-नीचे, कभी उनकी फांकों के बीच में पूरी जीभ अंदर तक घुसा कर खाने लगा.
वे पागल होती जा रहीं थीं- हाहह … उम्म … आह्हहह … सीस्स्स आहह … उम्मम … सीईईई … हाहह!
भाभी मचल-मचल के करवट बदलने की कोशिश कर रही थीं.
वे पहले तो उठने की कोशिश कर रही थी, फिर भाभी ने हाथों से आंखें ढक ली क्योंकि मैंने दोनों हाथों से भाभी की कमर और पेट को दबाया हुआ था. मैं उन्हें उठने नहीं दे रहा था और उनका सारा रस चूस रहा था।
अब मैंने और जोर से जीभ फिराना शुरू कर दिया.
वे और तड़प उठी, उनके दोनों हाथ मेरे बालों को नोचने लगे.
भाभी अपनी गांड उठा उठा कर मेरे मुंह पर चूत रगड़ने लगी और एकदम उत्तेजित हो कर चीखने लगी- आहह … उम्मम … यस यस यस … यअअअ!
मैंने जीभ फिराना जारी रखा.
वे उत्तेजना में झटके दे रही थी.
भाभी को संभालना मुश्किल हो रहा था लेकिन मैंने भाभी के एक पैर को कस के पकड़े रखा और दूसरे हाथ से उनका दूसरा पैर को फैला करके चाटने में जुटा रहा।
“मैं झड़ जाऊंगी … राहुल आह्हह … राहुल … मैं झड़ जाऊंगी … मैं झड़ जाऊंगी … मैं झड़ जाऊंगी … उम्म्म … अरे बाप रे … ऊह … राहुल … यस यस यस … मैं झड़ने वाली हूं … झड़ने वाली हूउउ!
और इतने में ही भाभी का झरना बह गया।
मैंने अपना हाथ लगा कर रोकना चाहा लेकिन तब तक फच्च-फच्च से उन्होंने मेरे मुंह को अपने नमकीन पानी से भीगा दिया.
तुरंत लपक के मैंने अपने टी-शर्ट को उनके छेद पर रख दिया, मेरा टी-शर्ट भाभी के झरने से भीग गया।
भाभी की टांगें कांप रही थी, उनकी सांस तेज चल रही थीं लेकिन उनका चेहरा एकदम खिल गया था, भाभी मुस्कुरा रही थी।
मैंने उनको रिलैक्स करने के लिए उनके पैरों का सहलाया और उनके छेद के इर्द गिर्द किस किया.
उसके बाद उनके ऊपर जा के चूचियों से चूमता हुआ उनके कान में बोला- भाभी … अब बताइए क्या लगता है आपको मैं अपनी बीवी को बिस्तर में खुश कर सकता हूं या नहीं?
अब वे मेरे ऊपर आ गई और मेरे सीने पर निढाल हो गई.
“कैसा लगा भाभी? मज़ा आया?”
“हम्म्म … बहुत … इतना मज़ा मुझे कभी नहीं आया!” यह कह कर भाभी ने मुझे चूम लिया।
“अभी तो शुरुआत है भाभी, आज सारा दिन, सारी रात आप मेरी हो।”
भाभी बोली- तुम ये बताओ कि तुमने पहले भी ये किया है ना?
“नहीं भाभी।”
“सच बोल … पहली बार में कोई इतना अच्छा कैसे कर सकता है? तूने पड़ोस वाली मानसी (मेरी जीएफ) के साथ भी किया है ना?”
“क्या भाभी!” मैंने हंसते हुए कहा।
“किया है ना?”
“हां, 4-5 बार किया है पर … आप के साथ जो मज़ा है वह उसके साथ नहीं है. वह ठीक से नहीं करवा पाती है, आधा अंदर जाते ही चिल्लाने लगती है।”
“कितना बड़ा हो गया है तुम्हारा कि वे चिल्लाने लगती है?” भाभी ने नटखट अंदाज़ में पूछा.
“अभी जब आपके अंदर जाएगा तो देख लेना।”
“दिखाओ … अभी दिखाओ!”
भाभी मेरे ऊपर नंगी लेटी थी, मैं उनको सहला रहा था.
लेकिन अब मेरे लन्ड दुबारा खड़ा होने लगा था और भाभी को महसूस होने लगा.
भाभी भी राउंड 2 के लिए तैयार हो गई थी.
वे उठ कर मेरे लौड़े को रगड़ने लगी और तभी भाभी ने मेरी चड्डी उतार दी.
मेरा लवड़ा झटके से बाहर निकल कर सलामी देने लगा।
इतना बड़ा लंड भाभी देखकर खुश हो गई.
उन्होंने अपने दोनों हाथों से मेरा लन्ड पकड़ लिया, उनकी मुट्ठी भर गई।
“तेरे भैया का इससे छोटा है और पतला भी है.” मेरे लन्ड को सहलाते हुए भाभी बोली.
“ठीक है भाभी … अब मैं हूं ना!”
थोड़ी देर बाद मैं उठ गया और अपना लन्ड उनके चेहरे पे रगड़ने लगा और उनके मुंह में देने लगा।
“मैं मुंह में नहीं लूंगी!”
“भाभी, प्लीज़ एक बार!”
कुछ देर में भाभी मान गई.
मैं हाथ पीछे कर के घुटने पर खड़ा था और वे मेरी कमर पकड़ कर लंड चूस रही थी.
मेरा लन्ड लोहे का हो गया था.
मैं भाभी का कान पकड़ के हल्का हल्का मुंह में दे रहा था.
भाभी भी मस्ती से चूस रही थी और सेक्सी आवाजें निकाल रही थी- अम्म्म आम्म आम्म अम्म् आह हह हह्ह आम्म उम्म!
अब मैं उत्तेजित हो गया और मैंने स्पीड बढ़ा दी. मैं दोनों हाथों से उनके सिर और छोटे बालों को पकड़कर पूरा लन्ड अन्दर देने की कोशिश करने लगा.
भाभी की सांस फूलने लगी.
मैं भी झड़ने ही वाला था भाभी के मुंह से आवाज आ रही थी- ग्लॉक … ग्लॉक ग्लॉक … ग्लॉक ग्लॉक… ग्लॉक… ग्लॉक ग्लॉक! आह हह्ह अह्ह ओह हह्हह!
कुछ ही देर में मैंने अपना सारा वीर्य उनके मुंह में ही छोड़ दिया भाभी और मेरा दोनों का मुंह लाल हो गया; मेरा मुंह में देते देते, भाभी का मुंह में लेते लेते।
मेरा लन्ड और उनका पूरा मुंह लार से भीग गया था.
मैं भाभी के ऊपर लेट गया और उन्हें किस करने लगा.
थोड़ी देर में मेरा लन्ड फिर जाग गया.
“भाभी … अभी भूख मिटी नहीं है इसकी!”
“आराम से करना, धीरे धीरे!”
भाभी को मैंने कहा था कि मुंह में धीरे धीरे डालूंगा और मुंह में नहीं गिराऊंगा.
लेकिन जोश जोश में अपना पूरा लंड उनके मुंह में घुसेड़ के उनको मंजन करा दिया था और अपना वीर्य भी गिरा दिया.
इसीलिए वे ऐसे कह रही थीं।
“अच्छा ठीक है, धीरे धीरे से करूंगा।”
“सिर्फ बोल ही रहे हो … बहुत बेदर्द हो तुम इसीलिए चिल्लाती होगी रेती जी ऍफ़ मानसी!”
“आपको दर्द अच्छा लगा या नहीं?”
“अच्छा लगा … लेकिन पहले आराम आराम से करना।”
“भाभी कंडोम तो है नहीं!”
“तुम करो आज बस … बाकी मैं देख लूंगी।”
“ओके!” कह कर मैंने भाभी की टांगें फैलाई और अपना सुपारा उनकी फांकों के बीच में रगड़ने लगा.
वे सिसकारियां लेने लगी- सी सी!
मैंने भाभी को गर्म कर के हल्का हल्का झटका देकर सुपारी को फिट कर दिया.
भाभी तो मेरे सोच से ज्यादा टाईट माल निकलीं.
मैंने जोर से एक झटका दिया.
गच्च से आधा लंड चूत के अंदर चला गया था.
“आशह …” आराम से भाभी तुरंत छिटक के पीछे चली गई.
मेरा लंड छेद से बाहर आ गया.
मैंने भाभी को पकड़ के वापस से पोजीशन बनाई और अब की बार सुपारे को छेद पर सेट करके उनके उपर लेट गया.
दाएं हाथ को मैंने उनके बायें हाथ के नीचे से ले जा के कंधा दाब लिया.
बाएं हाथ से उनका दाएं हाथ को और अपनी ठुड्डी से छाती को दबा कर भाभी को एकदम जकड़ लिया ताकि अब छटके नहीं.
और मैं धीरे धीरे लंड कोचने लगा.
भाभी एकदम टाईट थीं. ऐसा लग ही नहीं रहा था कि वे पहले भी लंड ले चुकी हैं.
मेरा मोटा लन्ड भाभी की कसी चूत के छेद को और चौड़ा कर रहा था.
4 इंच अंदर जाते जाते भाभी मेरी बाहों में कसमसाने लगी.
उन्होंने अपनी दोनों टांगों से मुझे जकड़ लिया.
उनकी चूत गीली हो गई.
मैंने लंड बाहर निकाल के दुबारा घुसाया, तीसरी बार फिर ऐसा ही किया.
कुछ देर में हम दोनों लय में आ गए फिर हर झटके के साथ मैं और गहराई में डालने लगा.
हर बार भाभी होठों को दबा के अजीब सा चेहरा बना रही थी.
इतना बड़ा लंड उन्होंने कभी नहीं लिया था.
मैं उनको जकड़े हुए उनकी चूत की पूरी गहराई नाप रहा था.
लेकिन मैंने अब स्पीड बढ़ा दी ‘घप घप घप’
भाभी भी आह आह आह कर रही थी.
मैंने उनके होंठों को किस करके बंद कर दिया.
अब वे हर झटके पर उम उम् कर रही थी.
5 मिनट भाभी को जकड़ के धक्कम पेल मचाने के बाद उनके छेद को मेरे लन्ड में अपने हिसाब से चौड़ा कर दिया.
अब मैंने भाभी को छोड़ दिया.
वे थक के निढाल हो गई थी.
मैं रुक रुक के झटके देने लगा और किस करने लगा.
मेरा भी झड़ने वाला था.
अब मैं भाभी की गर्दन पकड़ के घपाघप घपाघप उनको चोदने लगा.
5 मिनट बाद मैं भी थकने लगा तो स्पीड कम हो गई.
भाभी की आंखों में आंखें डाले हुए मैं नीचे उनको चोद रहा था.
आंख मिलते ही हम हंसने लगे.
मैंने फिर स्पीड बढ़ानी चाही लेकिन मैं भाभी के अंदर ही झड़ गया और उनके ऊपर ऐसे गिरा जैसे मुझमें जान ही ना हो।
उनकी धड़कनें मुझे साफ सुनाई दे रही थी और वे मेरे चेहरे पर किस कर रही थी और बाल सहला रही थी.
उनका चेहरा खिल गया था.
यहीं मुझे लग गया कि मैंने भाभी को अपने लन्ड से सच में वे सुख दिया जो वे चाहती थी।
मैंने भी उनको किस किया।
हम 15 मिनट तक वैसे ही पड़े रहे नंगे!
मेरा लन्ड उनके अंदर ही था पर झड़ने के बाद अब वे छोटा हो गया था।
उस दिन भाभी ने मुझे 3 बार और चोदा.
2 बार के बाद ना वे ठीक से चल नहीं पा रही थी ना मैं! उनकी चूत की दोनों फांक फूल गयी थी.
हॉट भाभी देवर की चुदाई से मेरा लन्ड भी सूज गया था.
लेकिन हमने फिर 1 राउंड किया।
5 दिन तक हम दोनों को दर्द होता रहा.
वह दिन भाभी आज भी नहीं भूली है, ना मैं भूलूंगा।
उसके बाद तो भाभी को हर महीने मौका मिलने पर मैं अपने लवड़े पर टांग लेता था.
मैं पूरे घर में भाभी को चोद चुका हूं, हर कमरे में, बाथरूम, किचन हर जगह।
भाभी भी मेरे लन्ड की दीवानी हो गई है और अब उनकी गांड भी मेरे लंड को खा लेती है.
उनकी गांड मारने की स्टोरी अगली बार बताऊंगा.
फिर मिलते हैं।
आपको यह हॉट भाभी देवर की चुदाई की कहानी कैसी लगी? मुझे बताएं.
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