प्यासी दुल्हन -4
(Pyasi Dulhan -4)
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हमने एक दूसरे को बाँहों में भरकर 10-12 प्यार भरी पप्पियाँ गालों पर लीं और मैं उससे बोली- अब तुम ऑफिस जाओ, शाम को अपने लंड को सही जगह घुसाना। मैं और मेरी रानी तुम्हारा इंतज़ार करेंगी।
अमित ऑफिस चला गया और मैं बाथरूम मैं घुस गई।
पूरे दिन मेरी चूत की आग भड़कती रही। शाम को सजधज कर लाल साड़ी ब्लाउज पहन कर मैं नीचे भाभी के पास आ गई, हम लोग बातें करने लगे। शाम को 7 बजे अमित आया। हमें 9 बजे मुझे मूवी देखने जाना था। मैंने भाभी को बताया तो भाभी हँसते हुए बोलीं- अमित तुम्हें चुदाई हाल में प्यासी दुल्हन दिखाने ले जाएगा।
मैं भी खुल गई थी, बोली- बड़ा मज़ा आएगा, आज प्यास भी बहुत लग रही है। पूरी प्यास बुझा कर आऊँगी।
हम सबने खाना खाया। मैं और अमित 8 बजे मूवी देखने निकल गए। हाल एक सुनसान इलाके में था। बालकनी में 8-10 जोड़े ही थे। हम जहाँ बैठे थे, वहाँ से सिर्फ एक जोड़ा ही दिख रहा था जो हमारे पास 4 सीट छोड़कर बैठा था।
अमित बोला- यहाँ बालकनी में सिर्फ जोड़े ही आते हैं, रात में मूवी कम और मस्ती ज्यादा करते हैं। 500 रुपए एक जोड़े का टिकट है।
अमित की बात सुनकर मूवी शुरू होने से पहले मैं बाथरूम गई और अपनी ब्रा और पेंटी उतार कर पर्स में रख ली। मूवी का नाम ‘प्यासी दुल्हन था’ ही था। मूवी शुरू होने के 5 मिनट बाद ही एक नामर्द की बीबी की चुदाई पड़ोस के लड़के के साथ दिखाई जाने लगी, नंगे सीन देखते ही अमित और मैं शुरू हो गए।
पहले हमने एक दूसरे के होंठ चूमे, उसके बाद अमित ने मेरी चूचियाँ ब्लाउज खोलकर दबानी शुरू कर दीं। हमारे पास वाला जोड़ा भी आपस में गुथा हुआ था। हम दोनों एक दूसरे को देखकर मुस्कराए भी थे। इसके बाद मेरे पड़ोस वाली लड़की ने अपने यार का लंड निकाल कर चूसना शुरू कर दिया। मूवी में ब्लू फिल्म जोड़ दी गई थी एक लड़की पर तीन हब्शी चढ़े हुए थे। अमित ने अपना लौड़ा खोलकर मेरे हाथों में दे दिया, मैं उसे सहलाने लगी। पास वाला जोड़ा 5 मिनट बाद उठकर बाहर चला गया।खुला नंगा चुदाई का खेल परदे पर चल रहा था। अमित ने मेरे पेटीकोट का नाड़ा खोल रखा था और मेरी चूत सहला रहा था। चूत बुरी तरह पानी पानी हो रही थी, मुझसे रहा नहीं गया, मैंने अमित की सीट के नीचे बैठकर अमित का लोड़ा मुँह में डाल कर चूसना शुरू कर दिया।
तभी दूसरा जोड़ा अंदर आ गया तो मैं हट गई।
इंटरवल में पूरा हाल रोशनी से नहा गया। अमित और पास वाला आदमी बाहर चले गए, लड़की मेरे पास आई और बोली- हट क्यों गईं? चूसती रहतीं, यहाँ तो सब खुला होता है, लगता है पहली बार आई हो, शर्म आ रही है। महिला बाथरूम के पास जो आंटी बैठी है, उन्हें 200 रुपए कमरे के दे दो, ऊपर कमरे बने हैं आराम से चुदवा लेना। मैं भी ऊपर से लगवा कर आ रही हूँ। कितने रुपए लेती है तू एक रात के?
मैं बोली- मैं तो इनकी की पत्नी हूँ।
उस लड़की का नीलम था, नीलम हँसती हुई बोली- शर्माती क्यों है? यहाँ सभी रंडियाँ हैं, बीवियाँ तो घर में चुदती हैं, मैं तो 1000 रु हॉल में आने के लेती हूँ और रात को घर और होटल जाने के 2000 रुपए लेती हूँ।
मैंने उससे झूठ बोल दिया- 1500 रु एक रात के लिए हैं।
नीलम ने एक कार्ड दिया, उस पर उसका नंबर लिखा था, बोली- कभी ग्राहक न मिले तो मुझे फ़ोन कर देना 3000 रु दिलवा दूँगी पूरी रात के।
मैंने अमित को जब कमरे के बारे में बताया तो अमित बोला- मुझे बात पता है, रजनी भाभी के कहने पर ही तुम्हें इस हाल में एक नया मज़ा देने के लिए लाया हूँ।
मैं बोली- सच अमित, बड़ा मज़ा आ रहा है, चलो ऊपर चलते हैं, चुदने का बड़ा मन कर रहा है।
इंटरवेल के 5 मिनट बाद हमारे पास वाला जोड़ा बाहर चला गया। उसके 5 मिनट बाद मैं और अमित भी बाहर आ गए। हम लोग बाथरूम की तरफ गए तो आंटी मुस्करा रहीं थीं। आंटी मुस्कराते हुए अमित से बोलीं- आज बहुत सुंदर माल पकड़ कर लाया है।
अमित ने 200 रुपए आंटी को दे दिए वो हमें छत पर ले गईं। वहां तीन कमरे थे तीनों बाहर से बंद थे। अंदर से चुदने की आह ऊह ऊह की आवाजें आ रहीं थी, अंदर चुदाई चल रही थी।
तम्बाकू चबाते हुए आंटी बोली- तेरी सहेलियां बज़ रहीं हैं, थोड़ा रुकना पड़ेगा।
आंटी ने अंदर एक दरवाजे को खोला और बोली- कुत्ते, अब तू बाहर आ जा ! एक घंटे से लगा पड़ा है।
थोड़ी देर में एक लड़की अपने यार के साथ बाहर निकल कर आ गई। आंटी तम्बाकू चबाते हुए बोलीं- रंडी, अब तू जाकर चुदवा ले ! आधे घंटे बाद दरवाज़ा खोल दूंगी।
मैं और अमित कमरे के अंदर आ गए, उसमें सिर्फ एक बल्ब था और एक तख्त पड़ी हुई थी। बगल वाले कमरे से चुदाई की आवाजें आ रही थीं। आंटी ने बाहर से सांकल लगा दी। मैं चुदने के लिए पागल हो रही थी, मैंने अपनी साड़ी उतार दी और ब्लाउज के बटन खोल दिए और पेटीकोट ऊपर चढ़ा कर तख्त पर लेट गई।
मैं बोली- अमित, जल्दी से चोद दो, सिर्फ आधा घंटा है।
अमित ने मेरा पेटीकोट ऊपर उठा दिया और मेरी चूत चूसने लगा।
मैं पूरी गर्म थी, बोली- अमित, चोद दो ! जल्दी चोद दो ! बहुत मन कर रहा है।
अमित के भी आग लगी हुई थी, उसने अपनी जींस और टीशर्ट उतार दी थी। आह ! उसका कितना सुंदर लोड़ा था जो मुझे पगलाए जा रहा था। मुझसे रहा नहीं जा रहा था, मैं चिल्ला उठी- कुत्ते डाल दे न।
अमित भी अब पूरा कुत्ता बन गया था, वो भूल गया था कि मैं उसकी भाभी हूँ, अब मैं सिर्फ एक औरत थी उसने मेरी ब्लाउज उतारी और चूचियाँ निचोड़ते हुए बोला- कुतिया, तूने दो दिन से पागल कर रखा है, आज तेरी चूत की भोंसड़ी बना कर ही छोडूँगा। आज लाया ही तुझे चुदाई हाल मैं इसलिए था कि तेरी चूत बजा सकूँ। अमित से जो भी एक बार चुद ली है बार बार चुदने आती है।
अमित ने मेरा पेटीकोट ऊपर तक उठाकर दोनों टांगें फ़ैला दीं और लंड का अग्र-भाग मेरी चूत की फलकों पर रगड़ा तो मेरी ऊह आह आहा आहा आह। मज़ा आ गया, घुसा जल्दी घुसा की आवाजें छोटे से कमरे में गूंजने लगीं।
अब मैं अमित की कुतिया बनी हुई थी, मैं मस्ती में नहा रही थी, अगला पल जन्नत की सैर का था, लंड मेरी चूत में झटके से घुस चुका था, अमित को मैंने भींच कर अपने से चिपका लिया, अमित ने मेरे होंटों को चूसते हुए मेरी चूत में धीरे धीरे अपना लंड दौड़ाना शुरू कर दिया। आह, बड़ा मज़ा आ रहा था, आज बहुत दिनों बाद चुद रही थी, कुँवारी औरत तो जिन्दगी भर रह सकती है लेकिन लंड खाई बिना लंड के नहीं रह पाती है और मैं आज दुनिया का सबसे बड़ा सुख लंड सुख अमित से ले रही थी।
अमित ने अब खड़े होकर मेरी टांगें ऊपर उठा दीं थीं, अब वो मुझे टांगें पकड़कर जोरदार शोटों से चोद रहा था, उसका लंड मेरे पति से दुगना मोटा था, मज़ा और दर्द दोनों को मैं महसूस कर रही थी। अमित मेरी संतरियों को भी बीच बीच में कुचल देता था। मैं झड़ चुकी थी, मेरी चूत के पानी से उसका लंड नहा गया था लेकिन पूरा मोटा चूत में घुसा हुआ था। उसने लंड निकाल लिया और मुझे अपनी गोद में बैठा कर होटों से होंट मिला दिए और बोला- अभी तो इंटरवल है, एक राउंड और होगा।
मैं चुद चुकी थी, मेरी चूत शांत हो चुकी थी, मैंने अमित को मना किया लेकिन अमित अब एक मर्द था उसको मेरा और मर्दन करना था। उसने मेरा पेटीकोट खींच कर उतार दिया। अब मैं पूरी नंगी थी, आज मेरी चूत में दूसरा लंड घुस चुका था।
मेरी चूचियाँ मसलते हुए बोला- ज्यादा शरीफ बनने की कोशिश न करो, लंड अब पूरे हफ्ते तुम्हारी चूत में घुसेगा, हर रात नया मज़ा दूँगा। चलो उठो, घोड़ी बनो, पीछे से घुसाने का मज़ा लो। घर पर पता नहीं दुबारा भाभी के पास सो जाओ।
अमित ने मुझे अपना बल दिखाते हुए घोड़ी बना दिया। तख्त पर मेरे दोनों हाथ रखे थे, मैं घोड़ी बनी हुई थी। नीचे मेरी टांगें चौड़ी करके अमित लौड़ा लगाने की कोशिश करने लगा लौड़ा घुस नहीं पा रहा था। अमित बोला- भाभी जान, अपना एक पैर चौड़ा करके तख्त पर रख लो।
उसने मेरा एक पैर चौड़ा करवा के तख्त पर रखवा दिया और मेरा सर तख्त पर झुका दिया। मेरी चूत में उंगली करते हुए बोला- वाह भाभी, क्या मस्त चूत चमक रही है।
उसने मेरी चूत के दाने को मसलते हुए पूछा- भाभी यहाँ सब लोग रंडियां लेकर आते हैं, आप गुस्सा तो नहीं हो इस गंदे हाल में आकर?
मुझे इस समय बहुत आनन्द आ रहा था, बोली- गुस्सा क्यों होऊँगी? यहाँ मुझे कौन जानता है, सब लोग यही समझ रहे हैं कि मैं रंडी हूँ ! यह सोचकर गुदगुदी और हो रही है। अब तुम भी जल्दी से अपनी भाभी रांड को चोद दो और हाल में कोई पूछे तो रंडी ही बताना। अब चोदो, देर न करो !
अमित ने मेरी एक जांघ पर पीछे से हाथ रखकर टांग को फ़ैलाया और लोड़ा चूत में पेल दिया। एक चीख मेरी निकल गई, अगले ही पल मेरी चूत में लंड दनदनाते हुए घुस गया था। अमित ने मेरी कमर पर दोनों हाथ टिकाए और दनादन कुत्ते की तरह पेलना शुरू कर दिया था। शुरू के 1 मिनट मैं मैं जोर से चिल्ला रही थी, बड़ा जबरदस्त मज़ा था, थोड़ी देर बाद उसने झुककर मेरी चूचियाँ पकड़ ली और उन्हें दबाते हुए धीरे धीरे आहें भरने लगा।
मैं भी अब आनंदित हो रही थी, धीरे धक्कों के कारण मेरा दर्द कम हो गया था। कुछ देर बाद अमित ने फिर मुझे कमर से पकड़ कर जोर से ठोंकना शुरू कर दिया था। तभी दरवाज़ा खोल कर आंटी अंदर आ गईं थीं, अमित से बोलीं- जल्दी इस रंडी को बजा, पिक्चर 10 मिनट में ख़त्म हो जाएगी।
अमित का चोदना जारी था, मैं चिल्ला रही थी- अमित छोड़ो न !
लेकिन अमित मुझे चोदे जा रहा था, गली की कुतिया की तरह मैं चुद रही थी, आंटी बीड़ी पीते हुए मेरी चुदाई का आनन्द ले रहीं थीं, उनके साथ एक बुड्ढा आदमी भी मेरी चुदाई देख रहा था। अब मैं एक सड़क पर चुद रही कुतिया बनी हुई थी। अमित ने मुझे 5 मिनट तक चोदा इसके बाद अमित ने अपना लोड़ा बाहर निकल के सारा वीर्य मेरी गांड के मुँह पर छोड़ दिया। इसके बाद हम दोनों अलग हो गए।
आंटी मेरी और देखकर बोलीं- कुतिया, जल्दी से कपड़े पहन और निकल ले ! इधर शो ख़त्म हो चुका है।
मैं और अमित अपने कपडे पहनने लगे।
कपड़े पहन कर हम लोग बाहर आ गए। अमित की बाइक पर मैं अमित से चिपक कर बैठ गई। अमित मुझसे बोला- भाभी, मैं जब चोदता हूँ तो मुझे सिर्फ चूत और गांड दिखती है। आज चुदाई की मेरी गोल्डन जुबली है, आप 50वीं औरत हो जिसकी मैंने चूत चोदी है।
अमित बोले जा रहा था, अमित बोला- अब तक मैं 10 लोंडियों की गांड मार चुका हूँ और 4 की सील तोड़ चुका हूँ। मैंने नीचे वाली भाभी और उनकी बहन की चूत भी मार रखी है। थोड़ी देर बाद हम घर पर अमित के कमरे में थे। आज मुझे अमित के साथ सोना था।
मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और पलंग पर लेट गई, अमित भी नंगा होकर मेरे पास सो गया। हम दोनों ने एक दूसरे को बाहों में भर लिया, अमित मुझे चूमते हुए बोला- भाभी इन सात दिनों में आपको चूत को एसा मज़ा दूँगा कि आप कभी भूल नहीं पाएँगी। रोज़ नई तरह का मज़ा।
अमित बोला- सुबह आराम से उठना, भाभी को मैसेज कर दिया है कि सुबह 11 बजे से पहले न जगाए। अब सोते हैं, सुबह आपकी चूत में लंड भी तो डालना है।
अमित और मैं एक दूसरे की बाँहों में सो गए।
सुबह 5 बजे अमित ने मुझे अपनी बाँहों में खींच लिया, उसका लंड खड़ा हो रहा था, उसने लंड मेरी चूत में घुसा दिया, हम लोग चिपक कर एक दूसरे से लिपट कर अर्धनिंद्रा में पड़े हुए थे, मेरी चूत में अमित का लोड़ा घुस कर मोटा हो रहा था, बड़ा अच्छा लग रहा था। आधा घंटा इसी तरह निकल गया। इसके बाद अमित मेरे ऊपर चढ़ गया और अपने लोड़े के वारों से मुझे मस्त मस्त चोद दिया।
हम लोग दुबारा सो गए। 9 बजे मैं उठ कर बाथरूम में चली गई और नहा धोकर बाहर आई। आज अंदर से बड़ा अच्छा लग रहा था।
समय 11 से ऊपर हो गया था, अमित अभी भी नंगा पड़ा हुआ था, उसका लोड़ा सुकड़ा सा ठंडा पड़ा था, मैंने उसका लोड़ा पकड़ कर हिलाया और बोली- लोड़े के खिलाडी साहब, अब उठ जाइए।
अमित हँसते हुए उठा और मुझे बाँहों में भरकर मेरे होंठों पर एक गहरा चुम्बन लिया और बाथरूम चला गया। मेरी चूत इस समय पूरी शांत थी। मैं सजधज कर नीचे भाभी के पास आ गई।
‘आ गई?’ भाभी मुझे देखकर मुस्कराईं और बोली- कल, लग रहा है सुहागरात-2 मन गई?
मैं शरमाते हुए बोली- भाभी, अमित तो बहुत बड़ा चोदू है, पूरी फाड़कर रख दी।
भाभी हँसते हुए बोली- मज़ा तो फड़वाने में ही है। अब आराम से रोज़ रात मरवा। बच्चे 3-4 दिन के लिए मामा के यहाँ जा रहे हैं। मैं भी तेरे साथ कुत्ते का डलवाऊँगी। साले का लंड ऐसा है कि एक बार डलवा लो तो बार बार डलवाने का मन करता है।
मैंने चाय बना ली और अमित को चाय पीने के लिए आवाज़ दी। अमित तैयार होकर नीचे आ गया। भाभी हँसते हुए बोलीं- अमित, अर्चना बता रही है कि कल रात दर्द और मज़ा दोनों का इसने आनंद उठाया।
अमित ने भाभी के चूतड़ों को दबाते हुए कहा- जलन हो रही है?
भाभी बोलीं- आज रात अर्चना से पहले मैं मज़ा लूँगी, बच्चों को लेने उनके मामा आ रहे हैं, अब मैं अकेली हूँ।
अमित ने कहा- सच?
और भाभी को अपनी बाँहों में भरकर मेरे सामने उनके होटों पर चूम लिया।
उसके बाद अमित, भाभी और मैंने प्रोग्राम बनाया कि हम आज रात 9 बजे भाभी की कार से लखनऊ जायेंगे और रात को भाभी के खाली पड़े फ्लैट में रुकेंगे।
भाभी बोलीं- रास्ते में कार में चुदना बड़ा मज़ा आएगा। दिन में तू पेपर देना, शाम को हम दोनों मज़े करेंगे।
अमित नाश्ता करके दफ़्तर चला गया, जाते समय मुझे 2-3 नग्न फ़िल्मों की सीडी दे गया और बोला- बोर हो तो देख लेना।
दो लंड खाने के बाद औरत की शर्म चली जाती है और उसके लंड खाने की भूख बढ़ जाती है, मेरे साथ भी कुछ ऐसा हो रहा था। मेरी चूत की आग तो शांत हो गई थी लेकिन लंड से खेलने की इच्छा बढ़ गई थी।
मैं ऊपर कमरे में आ गई और वीडियो लगा दी। अच्छी चुदाई वाली भारतीय फ़िल्म थी, 20-22 साल की 4-5 लड़कियों की चुदाई 50-55 साल के 4-5 अंकलों के साथ दिखाई जा रही थी।
मेरा मन भी अब लंडों से खेलने का कर रहा था, 5 बजे भाभी ने नीचे बुला लिया बच्चे मामा के साथ जा चुके थे।भाभी को जब मैंने बताया कि फ़िल्म देखकर तो मेरा मन और लंडों से खेलने को कर रहा है तो भाभी बोलीं- चिंता न कर ! हम दोनों की यह यात्रा चुदाई यात्रा होगी। दोनों मस्त होकर चुदवाएंगी, तू जितने लंडों से खेलना चाहेगी उतने से खिलवाऊँगी तुझे।
अमित 8 बजे रात को आया। 9 बजे हम लोग भाभी की कार से लखनऊ के लिए चल दिए। मेरी चुदाई यात्रा शुरू हो गई थी।
अपनी राय [email protected] पर भेजिये।
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