पड़ोसी के लंड से चुदकर मनाई सालगिरह- 2
(Garam Masala Kahani Bhabhi Ki Chut Ki)
यह गरम मसाला कहानी भाभी की चूत की है. मेरे पति टूर पर गए थे और मेरी चूत मुझसे लंड मांग रही थी. मेरे पति के दोस्त और हमारे पड़ोसी ने मेरी मदद की.
दोस्तो नमस्कार! मैं मधु (शहद) आप लोगों का एक बार फिर अपनी आत्मकथा के दूसरे भाग में स्वागत करती हूँ। आप लोगों ने मेरी कहानियों को बहुत सराहा है जिसके लिए आप लोगों का मैं अपना गाउन खोलकर स्वागत करती हूं।
मैं आप सबसे कहानी में देरी के लिए माफी भी चाहती हूं कि कहानी आने में देरी हो जाती है. मगर मैं क्या बताऊं दोस्तो, मेरी चूत में कुछ ज्यादा ही आग लगी हुई है.
अब ज्यादा समय न लेते हुए मैं अपनी गरम मसाला कहानी भाभी की चूत की को आगे बढ़ा रही हूं. पिछले भाग
पड़ोसी के लंड से चुदकर मनाई सालगिरह- 1
में आपने पढ़ा था कि मेरे पति अमित अमेरिका चले गये थे और हमारी शादी की सालगिरह पर तोहफा देने मेरे पति का दोस्त रॉकी मेरे घर आ गया था जो हमारा ही पड़ोसी था.
घर आकर उसने बातों ही बातों में मुझे नंगी कर दिया था और मैं चुदने के लिए तैयार हो चुकी थी. रॉकी के सामने अब मैं बिल्कुल नंगी हो चुकी थी। वो मुझे इस रूप में देखकर पागल हो गया था।
मैं वहाँ से भागने लगी तभी रॉकी ने मेरा एक हाथ पकड़ लिया। मैं उससे छुड़ाने की कोशिश कर रही थी। वो मेरी गांड पर केक मलने लगा. उसको मेरी गांड बहुत पसंद आ रही थी.
फिर उसने मुझे पकड़ कर अपनी ओर घुमा लिया. मेरे घूमते ही वो जैसे सन्न हो गया.
वो बड़बड़ाते हुए बोला- आह्ह … क्या माल हो भाभी! एकदम गरम मसाला सनी लियोनी की तरह! काश … आप मुझे पहले मिलीं होती.
मैं हाथ छुड़ाने की कोशिश कर रही थी लेकिन वो मेरे चेहरे पर हाथ फिराने लगा.
मेरे गालों को छूते हुए बोला- आह्ह … क्या गाल हैं भाभी! एकदम मालपुए की तरह.
वो मेरे पूरे चेहरे पर हाथ फिराने लगा. कभी मेरे होंठों को छू रहा था तो कभी गालों को. मैं भी बेकरार सी होने लगी थी. फिर वो अपने हाथ को मेरे बूब्स पर ले आया और उनको दबाने लगा.
मेरे कड़क बूब्स को दबाते हुए मुझे भी मस्ती चढ़ने लगी और मेरी आंखें अपने आप ही बंद होने लगीं. मैं उसके स्पर्श का पूरा आनंद ले रही थी. उसने मेरे बूब्स को फिर मुंह में ले लिया और उनको मस्ती में पीने लगा.
बूब्स को पिलाते हुए मैं भी और ज्यादा गर्म होने लगी. अब उसका हाथ मेरी चूत पर आ चुका था. मेरी चूत पर हाथ लगते ही मेरा अंग अंग रोमांच से भर उठा.
वो मेरी चूत को जोर जोर से रगड़ने लगा. फिर उसने मेरी चूत में उंगली डाल दी. वो उंगली को अंदर बाहर करने लगा. एक बार तो मुझे मजा आया लेकिन फिर मेरी आंखें खुल गयीं और मैं छुड़ाकर भागने की कोशिश करने लगी.
तभी रॉकी ने मुझे पकड़ा और दूसरे हाथ से केक का एक टुकड़ा उठाया और मेरे बूब्स पर लगा दिया। मैं यह देखकर बिल्कुल अवाक् रह गयी कि मेरे बूब्स पूरे केक में सन गये.
वो मेरे बूब्स पर केक को बुरी तरह से मसलने लगा. मैं छुड़ाने का नाटक करती रही लेकिन मैं बहुत गर्म हो रही थी और मुझे मजा आ रहा था. वो भी पूरे मूड में आ चुका था और मेरे बूब्स को जोर जोर से दबा रहा था.
उसका गरम मसाला लंड उसकी पैंट में साफ दिख रहा था. फिर उसने मुझे अपनी बांहों में कस कर जकड़ लिया.
मैं बोली- छोड़ो मुझे, ये गलत है रॉकी.
वो बोला- कुछ गलत नहीं है मेरी जान. आज मैं तेरा पति ही हूं. तुझे ऐसे चोदूंगा कि तू हमेशा याद रखेगी.
फिर उसने मुझे गोद में उठाया और टेबल पर बिठा दिया. टेबल पर बैठते ही मेरी गांड के नीचे कुछ ठंडा ठंडा लगा. मैंने देखा तो उसने मुझे केक के ऊपर बिठा दिया था.
सारा का सारा केक मेरी गांड के नीचे फैल गया. कुछ चूत की तरफ निकल आया और मेरी चूत भी केक में ढक गयी थी. फिर वो अपने घुटनों पर बैठ गया. उसका मुंह मेरी चूत के ठीक सामने था.
मैं बोली- ये क्या किया तुमने? सारा ही केक खराब कर दिया!
वो बोला- नहीं मेरी जान … अब तो इस केक का स्वाद और कीमत दोनों ही और ज्यादा बढ़ गये हैं. अब इस केक को खाने में कुछ और ही मजा आयेगा. अगर यकीन नहीं होता तो जाकर सोसाइटी में बोल दो कि इस केक पर तुम बैठी हो. फिर देखना इस केक का क्या हाल होता है और कैसे मारा-मारी मचती है.
फिर वो कुछ केक उठाकर मेरे पूरे बदन पर मलने लगा.
मैं बोली- मुझे कूड़ादान समझे हो क्या?
उसने कहा- नहीं मेरी रानी … तुम तो परी हो. चलती फिरती पटाखा हो. काश … मैं तुम्हारा पति होता.
मैंने कहा- सारा काम तो पति वाला ही कर रहे हो, अब और क्या चाहिए?
वो बोला- थैंक्स भाभी, आपकी वजह से ही सब संभव हो पाया है.
मैं बोली- हां, मैंने बहुत बड़ी गलती कर दी.
वो बोला- मैं विश्वास दिलाता हूं कि जब भी आप इस गलती को याद करोगी तो आपकी जवानी मचल जायेगी.
फिर मैं बोली- मगर ये तो गलत बात है, तुमने मुझे कितनी देर से नंगी किया हुआ है और खुद को छुपा कर रखे हुए हो.
इतना बोलते ही वो नंगा हो गया.
उसके लंड को देखते ही मेरी चूत में पानी आने लगा. वो चुदने के लिए तड़प उठी. कई दिन से उसको लंड नहीं मिला था.
उसके लंड की बात करूं तो वो औसत ही था. 6 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा था. इससे पहले मैंने जितने लंड लिये थे वो 6-7 इंच के ही थे.
मेरा एक भाई है सन्नी, उसका लंड अब तक का मेरा सबसे लम्बा लंड है. मैं उसके लंड से अभी भी चुदती हूं. जब तक उसके लंड से अपनी चूत न फड़वा लूं मेरी प्यास शांत नहीं होती है.
अब मेरी चूत और गांड में कुलबुलाहट होने लगी थी.
वो बोला- इतना बड़ा लंड देखकर डर गयी क्या?
मैंने बिना जवाब दिये अपने पेट पर से केक लेकर उसके लंड पर लगा दिया.
उसने अपने लंड को आगे कर दिया और मैंने उसके लंड को पकड़ लिया. उसके पूरे बदन में बिजली सी दौड़ गयी. मैं उसके लंड की त्वचा को आगे पीछे करने लगी. उसको मजा आने लगा.
फिर उसने लंड को मुंह में लेने के लिए कहा.
मैंने उसका मना कर दिया कि मुझे ये सब पसंद नहीं है.
फिर उसने दोबारा जिद नहीं की.
उसका लौड़ा अब मेरी चूत में जाने के लिए पूरा तैयार था.
वो एक बार फिर से मेरी चूत को मसलने लगा. फिर अचानक से उसने उंगली डाली और अंदर बाहर करने लगा. मैं मचल गयी. कुछ देर वो मेरी चूत में उंगली करता रहा और मैं चुदने के लिए तड़प उठी. अब मेरी चूत को लंड चाहिए था.
उसने मुझे पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और फिर मेरी दोनों टांगों को फैला दिया. फिर वो मेरी चूत पर लगे केक को जीभ से चाटने लगा. मैंने उसके सिर को पकड़ा और उसके चेहरे को अपनी चूत पर चिपका दिया.
मैं उसके सिर के दोनों ओर से टांगों को लपेट लिया और उसका सिर पूरा अपनी जांघों में दबा लिया. वो छुड़ाने लगा लेकिन मैंने उसको जोर से दबाया हुआ था.
वो अपने सिर को मेरी चूत में रगड़ने लगा जिससे मेरी चूत में गुदगुदी होने लगी. फिर जैसे तैसे उसने मेरी चूत की गिरफ्त से खुद को आजाद किया.
जब उसने अपना चेहरा ऊपर उठाया तो मेरी हंसी छूट गयी. उसके पूरे चेहरे पर केक लग चुका था.
वो बोला- आप तो मुझसे भी ज्यादा शरारती हो भाभी!
इतना बोलकर वो फिर से मेरी चूत पर लगे केक को खाने लगा.
अब तो उसने मेरी चूत को ही केक समझ लिया और मेरी चूत को ही खाने की कोशिश कर रहा था. उसकी जीभ मेरी चूत में अंदर जाकर मुझे मस्ती में भर रही थी. बीच बीच में वो दांत भी चुभा देता था जिससे मैं पागल सी हो उठती थी.
मैं सभी शादीशुदा मर्दों से कहना चाहती हूं कि कभी आप ऐसा ही ट्राई करें. बीवी को नंगी करके केक पर बिठा कर उसकी चूत के साथ खेलें. आपकी बीवी आपकी दीवानी हो जायेगी.
खैर, मेरी गांड की गर्मी से सारा केक पिघल चुका था. मेरी गांड के छेद के अंदर भी केक जा चुका था. मुझे बहुत मजेदार गुदगुदी हो रही थी. इस अनुभूति से मैं बिल्कुल खुल चुकी थी.
मैं आज तक जितने भी मर्दों से चुदी थी सबके अपने खास अंदाज थे. कुंवारे मर्द के पास एक खास स्टाइल और एनर्जी होती है.
रॉकी ने मुझे अपनी गोद में उठाया और बेडरूम में ले गया.
वो मुझे लिटाकर मेरे ऊपर चढ़ गया. मेरी चूचियों को मसलने लगा. मसलते मसलते उसका एक हाथ मेरी चूत पर चला गया. वो मेरी चूत में उंगली करने लगा.
मुझे आज तक एक बात समझ नहीं आई कि सारे ही मर्द उंगली से इतनी चुदाई क्यों करते हैं?
अब मेरी चूत की आग बहुत ज्यादा भड़क चुकी थी. वो बस मेरी चूत को उंगली से खोदने में लगा हुआ था.
मैं गुस्से में बोली- बस करो अब, उंगली से चोदते रहोगे क्या? इस लंड से अपनी बहन की चूत मारोगे क्या?
वो भी तैश में आ गया और उसने मेरी चूत पर लंड लगा दिया. मैं भी खुश हो रही थी कि मेरी चूत में आज एक और नये लंड की एंट्री होगी. उसने लंड को मेरी चूत पर लगाया और एक जोर का झटका मारा.
चूंकि चूत समेत मेरा पूरा बदन ही चिकना हो चुका था इसलिए सट से लंड फिसल गया. उसने दोबारा लगाया लेकिन फिर भी फिसल गया.
मैं हंसते हुए बोली- लगता है तुम्हारा शेर तो मेरी गुफा में जाने से पहले ही घबरा गया.
फिर उसने अपने लंड को हाथ से पकड़ा और फिर से एक बार मेरी चूत पर लगाकर धक्का दे दिया. इस बार मेरी चूत को खोलते हुए उसका लंड आधे से ज्यादा मेरी चूत में घुस गया.
मैं दर्द से बिल्कुल तिलमिला गयी और उसे ऊपर की ओर धक्का देने लगी। मगर रॉकी रुका नहीं और फिर उसने एक और झटका मारा और पूरा का पूरा लन्ड मेरी चूत के अंदर समाहित हो गया। मैं दर्द से मरी जा रही थी।
रॉकी को मैं बार बार धक्का दे रही थी। मगर वो साला टस से मस नहीं हो रहा था। दर्द के कारण मेरी आँखों से आँसू निकल आये।
मेरे मुँह से अपने आप गलियां निकलने लगीं- साले, कुत्ते, बहनचोद निकाल अपने लन्ड को … मेरी चूत फटी जा रही है।
वो भी मेरी गाली का जवाब गाली से दे रहा था- साली, छिनाल … आज तेरी चूत के छितरे उड़ा दूँगा। अब तू देखती जा … आज तो तेरी गांड भी फाड़ूंगा।
ये बोलकर वो लन्ड को आगे पीछे करने लगा। मैं दर्द से मरी जा रही थी और कराह रही थी। वो तो बस मेरी चूत फाड़ने में लगा था। करीब 5-10 मिनट बाद मेरा दर्द कम हुआ और थोड़ा आराम मिला. अब मैं मजा लेने लगी.
यही कहानी असली लड़की की आवाज में सुन कर मजा लें.
उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी. मैं भी गांड उचका उचका कर उसका साथ देने लगी. दोनों अब एक दूसरे में जैसे खो चुके थे. वो मेरे पूरे चेहरे पर चुम्बनों की बारिश कर रहा था.
मेरे होंठों को जोर से चूस रहा था. बीच बीच में दांतों से काट लेता था और जोर का धक्का देकर चूत में लंड को अंदर तक पेल देता था. मैं उचक जाती थी लेकिन फिर से मजा लेने लगती थी.
इसी तरह करीब 30 मिनट तक वो मुझे ऐसे ही चोदता रहा। मैं भी सातवें आसमान की सैर कर रही थी। ऐसा करते करते मैं अब झड़ने के करीब आ गयी थी. मैं तेजी से गांड को उचका रही थी.
मेरे मुंह से चुदास भरी गालियां निकल रही थीं- फाड़ दे मेरी चूत को, इसका भोसड़ा बना दे … आह्ह … चोद दे मुझे जोर से … और फाड़ … आह्ह … हां … चोद … और चोद।
रॉकी भी शायद झड़ने के करीब आ गया था. उसकी स्पीड बहुत तेज हो गयी थी और वो मुझे गालियां देते हुए चोद रहा था- साली … कुतिया … तेरी चूत-गांड को फाड़ कर रख दूंगा मैं. बहुत तड़पा हूं तेरी जवानी का रस पीने के लिए. आज मैं तेरी चूत की चटनी बना दूंगा. तुझे अपनी रखैल बना कर रखूंगा.
इस तरह से गालियां देते हुए हम दोनों ही साथ साथ झड़ने लगे. मेरी चूत का पानी छूट गया और साथ ही रॉकी लंड से भी गर्म गर्म पानी मेरी चूत में गिरने लगा. वो कुत्ते की तरह हाँफता हुआ मेरे ऊपर ही लेट गया.
रॉकी को फिर मैंने अपने ऊपर से हटाया और वो बगल में लेट गया. मेरी चूत से रिस रिस कर वीर्य निकल रहा था. फिर पता नहीं कब लेटे लेटे नींद आ गयी और हम दोनों ऐसे ही सो गये.
उसके बाद रॉकी ने मेरी गांड चुदाई भी की.
जब तक अमित लौटकर नहीं आया वो रोज अपनी इस चुदासी भाभी की चुदाई करता रहा.
यही नहीं, अमित के आ जाने के बाद भी वो किसी तरह से मौका पाकर मेरे पास आ जाता था और मैं भी उसका लंड मेरी चूत में लेकर मजा लेती रही.
रॉकी अभी भी मेरे संपर्क में है और जब भी मुझे समय मिलता है तो उसको अपने पास ही सुला लेती हूं. इस तरह से शादी के बाद मेरी चूत को एक नया लंड मिल गया था. मेरी चूत बहुत खुश हो गयी थी.
अब उसके बाद फिर क्या क्या हुआ वो सब मैं आपको अपनी आगे आने वाली कहानियों में बताऊंगी.
इस गरम मसाला कहानी भाभी की चूत की के बारे में आप अपना फीडबैक मुझे जरूर बतायें ताकि मैं जल्दी से अपनी अगली कहानी लिखना शुरू कर दूं.
मुझे आप लोगों के कमेंट्स का इंतजार रहेगा. तब तक आप अपनी इस प्यारी सी दोस्त को आज्ञा दें.
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