भाभी ने दिया मुझे बर्थडे गिफ्ट- 1

(Gandi Bhabhi Sex Kahani)

लाला मलिक 2024-09-20 Comments

गन्दी भाभी सेक्स कहानी में मैं भाभी को चोदता था. एक बार हम दोनों अकेले थे तो मैं चुदाई की आस में था पर भाभी ने पीरियड्स आने का बताया. तब भी हमने सेक्स का कुछ मजा लिया.

दोस्तो, मैं अभि!
आप सबका मेल आया, बहुत अच्छा लगा कि आपने मेरी पिछली कहानी
बरसात के एक दिन मिली कुंवारी बुर
को इतना प्यार दिया.

चलिए नई कहानी पर आते हैं.

सबसे पहले मेरे सभी पाठकों को मेरी पिछली कहानी
द हाफ वाइफ: भाभी आधी घरवाली
की नायिका नेहा भाभी की चूत में दो उंगली घुसा कर नमस्कार!
भाभी, बहन और आंटियों को मेरे आंड और लंड की तरफ से रसभरा प्यार!

जो लोग मुझे जान गए हैं उनको तो पता ही है कि नेहा कौन है और जो नहीं जानते, वे मेरी पिछली कहानी से मुझे और अच्छे से जान सकते हैं।

दोस्तो, गन्दी भाभी सेक्स कहानी है इसी बीते 2022 की दिसंबर की.

नानी की तबियत खराब है तो मां कुछ दिन पहले से ही नानी के घर गई.
और सर्दी बहुत ज्यादा अधिक पड़ने के कारण मैंने उनको वापस घर आने से रोक दिया ताकि आते टाइम उन्हें सर्दी ना लग जाए वे बीमार न हो जायें।

दोस्तो, मेरा जन्मदिन 30 दिसंबर को आता है कड़ाके की ठंड में!
मां नानी के घर गई थी 26 दिसंबर को.

मैंने सोचा मां तो गई अब कुछ दिन पूरा घर खाली रहेगा केवल मैं और मेरी नेहा रानी होंगे घर में!
फिर तो पूरे रात दिन चुदायी का ऐसा रंगीन माहौल बनेगा की पूरे घर में, हर कमरे में, किचन में, बाथरूम में, छत पर, बालकनी में हर जगह बस नेहा रानी की चूत और मेरे लंड का पानी ही मिलेगा गिरा हुआ।

वैसे तो मैं हमेशा अपनी झांटें और बगल के बाल साफ़ रखने लगा हूं पर मां को नानी के घर पहुंचाने के बाद मैंने घर आकर फिर से झांटों और बगल के बालों को जो बिल्कुल ही नहीं दिख रहे थे, शेव किया।

नेहा की पसंद की ढेर सारी डेयरी मिल्क ले आया और न्यू बॉडी और स्प्रे रूम फ्रेशनर भी ले आया।

मैं तो फुल मूड में था कि घर में घुसते ही सबसे पहले नेहा को घोड़ी बनाऊंगा और उनकी प्यारी सांवली सलोनी चूत में पच से थूक लगा कर लंड घुसा दूंगा.
लेकिन यहां तो साली किस्मत की ही मां चुदी पड़ी थी.

जैसे ही घर में आया, नेहा रानी ने गेट खोला.
मैंने अंदर आते ही सीधे उनके होंठों को चूमने की कोशिश की बांहों में भर कर!

पर नेहा रानी ने मना कर दिया- बेटू, प्लीज आज नहीं … मुझे लगता है पीरियड्स आने को हैं. और मुझे सर्दी भी लग गई है.
मैं– क्या हो गया जानू? सर्दी कैसे लग गई?

वैसे तो मेरे खड़े लंड पर धोखा होने के कारण मेरी झांटें सुलग जाती … पर क्या करें झांटें तो पहले ही साफ कर दी थी मैंने!
और पीरियड्स अभी कैसे? वो तो तुम्हें 2 तारीख को ही आते हैं ना?

नेहा– बेटू जी, इस बार लगता है टाइमिंग गलत हो गई है. आई ऍम सॉरी बाबू! मैंने सोचा था आपको खुश करूंगी, आपकी रण्डी बन के रहूंगी जब तक मम्मी नहीं आती! पर ये तो साली तबीयत ने ही दगा दे दिया। वैसे आप चाहो तो कर लो चुदायी! पर मैं ठीक नहीं हूं सॉरी।

मैं अब क्या ही कर सकता था, मन मारकर अपने रूम में गया और लेट गया.

थोड़ी देर में नेहा मेरे कमरे में आई और मेरे साथ लेट गई।
हम दोनों चुप थे, रात होने लगी थी.

नेहा ने सफ़ेद टीशर्ट और पजामी पहनी थी.
रूम हीटर ऑन था.

कमरे में सर्दी भी कम थी इसलिए मैं रजाई में बस फ्रेंची और हाफ स्लीव टीशर्ट पहने हुए लेटा था।

नेहा– बेबी, नाराज हो क्या?
मैं– हम्मम, आपने तो मेरे सारे अरमानों पर मूत ही दिया!

नेहा– ऐसे नहीं बोलो बाबू, मैं तो आपकी ही हूं ना! और वैसे भी सैंकड़ों बार तो मुझे चोद चुके हो. और आपने तो अब मेरी चूत को चूत नहीं भोसड़ा बना दिया है. अब इसमें क्या ही मिलेगा आपको!

मैं– आप मेरी हाफ वाइफ हो, आपकी चूत की सेवा करना मेरा धर्म है. अब ये चाहे चूत रहे या भोसड़ा बने, मुझे तो बस आपकी चूत ही प्यारी लगती है।
इस बात पर नेहा खिलखिला कर हंस दी.

खैर इन बातों से तो मेरे लंड में तनाव आना तो लाजमी था.
ऊपर से भाभी ने मेरे पेट पर हाथ रख के सहलाना भी चालू कर दिया था।

मेरा लंड फ्रैंची से बाहर आने को मचलने लगा था.

मैंने बेड के दूसरे साइड में लेटे अपनी भतीजे को चिकोटी काट ली हल्के से!
वह जाग गया और रोने लगा.

भाभी बच्चे को चुप कराने में लग गई और टीशर्ट ऊपर कर के स्तन बाहर निकाल लिया.
क्या अद्भुत नजारा लगता है जब कोई माल अपनी चूचियों को ऐसे पिलाए!
उफ़ … मेरा लंड तो अब बेकाबू होने लगा था.

मैं उठा और भाभी का हाथ पकड़ के लंड पर रख दिया.

भाभी– पागल हो क्या यार? देख रहे बच्चा रो रहा है. ऊपर से पीरियड्स हैं. फिर तबीयत भी खराब है. और तुम हो कि बस चूत मारने के चक्कर में ही रहते हो, क्या मुझे मार डालना चाहते हो?

मुझे भाभी की यह बात बुरी लग गई और मेरी आंखों में आंसू आ गए.
मैं बेड की दूसरी तरफ मुंह कर के सो गया।

अगली सुबह नेहा मेरे लिए रोज की तरह आज भी अपने दूध से बनी चाय लेकर आई और बेड पर बैठ कर मेरा सर सहलाते हुए मेरे गाल पर किस किया और जगाने लगी.

पर मेरा मूड ठीक नहीं था तो मैंने उनका हाथ झटक दिया.
नेहा उठी और सीधे रजाई में आ गई.

फिर मेरी फ्रेंची को साइड किया और मेरे सोए लंड पर एक किस किया और ‘सॉरी जानू’ बोली.
उसने फिर लंड के खाल को नीचे किया और मुंह में लेकर चूसने लगी.

मैं चुपचाप लेटा था लेकिन लंड अब जगने लगा था.
नेहा ने अपने जीभ के जादू से लंड को जगाना चालू किया.

लंड ने जैसे ही थोड़ी गर्मी बनाई और अंगड़ाई ली, अचानक नेहा उठी और मेरे पास आ कस मेरे मुंह में अपना जीभ ठेल दिया.

मैंने नेहा रानी के जीभ को पीना शुरू किया.
कभी वो तो कभी मैं एक दूसरे के जीभ और होंठों को चूसने लगे।

मेरा लंड अब उफान पर था.

तभी नेहा ने किसिंग बंद की और बोली– अभि बाबू, आप मेरे दूसरे पति हो, आपको मेरी परेशानी समझनी होगी. मेरी तबीयत ठीक नहीं है, I love you. 😘

मैं– नेहा, तुम जानती हो कि मुझे तुम्हारा नशा है. और इसके बिना मेरा जीना मुश्किल है. प्लीज कैसे भी लंड को शांत करो।
पर नेहा ने हल्के से एक चपत लगाई मुझे और कहा- अब तुम बड़े हो, थोड़ा कंट्रोल करना सीखो।

फिर मेरे सामने ही उसने आज पहली बार अपनी टीशर्ट उठा कर कप में रखी चाय में अपनी चूची से दूध निचोड़ कर डाला और मुझे पीने को दिया।

मैं तो पागल हो रहा था … पर मैं क्या करता, आज तो चुदायी असम्भव थी।

जैसे तैसे दिन कटा.
शाम को मैंने खाना बाहर से मंगा लिया.

खाना खाने के बाद फिर वही सब!
नेहा मेरे साथ ही सोई और जब तक जगती रही मेरी हालत खराब करती रही.

खैर हम दोनों सो गए थे, बाबू भी बेड बगल में ही पालने में सोया था.
रात को अचानक मेरी आंख खुली.

मैं क्या देखता हूं कि नेहा अपने हाथों में लंड को पकड़े हुए सोई थी और मेरे लंड पर उसके होंठों की लिपस्टिक लगी हुई थी.

ये सब देख कर मेरा लंड गनगना उठा.

नेहा मेरी तरफ मुंह करके सोई थी.
मैंने धीरे से उसके शर्ट के बटन खोले और उसके एक दूध से भरे चूची को मुंह में लेकर पीने लगा आंख बंद करके!

1 मिनट भी नहीं हुआ होगा, वह कसमसाने लगी.
उसने आंखें खोली, मुझे देखा, मैंने उसको देखा.

हम दोनों ने एक दूसरे को स्माइल दी और फिर इसी हालत में वह आंख बंद कर सोने में लग गई.
और मैं चूची का दूध पीने में लग गया।

मेरा लंड अब बेकाबू हो रहा था.
उधर नेहा भी गर्म होने लगी थी.

हम दोनों ने एक दूसरे को कस के बांहों में जकड़ लिया था.
वह मेरा मुंह चूचियों पर जोर से दबाती जा रही थी.

थोड़ी देर में मैंने चूचियों को पीना छोड़ कर नेहा रानी को चूमना शुरू कर दिया.

अब नेहा भी कंट्रोल से बाहर थी.
उसने मेरे लंड को पकड़ कर मुठ मारना चालू किया.

मैं– प्लीज कुछ करो, अब मुझसे नहीं रुका जा रहा. मैं भूल जाऊंगा कि तुम पीरियड्स में हो और तुम्हारी चूत चोद डालूंगा. वरना कुछ करो!

नेहा ने कुछ बोला नहीं … बस उठी, अपने खुले बालों का जुड़ा बनाया और मेरे लंड के सुपारे के किस करके, चूस कर पूरा लंड मुंह में निगल लिया.
आह … क्या मजा आया था मुझे … ऐसा लगा पहली बार किसी हसीना ने मेरे लंड को यह सुख दिया हो!

फिर नेहा ने अपनी एक उंगली मेरे मुंह डाली.
मैं उसकी पतली और लंबी उंगली को लंड की तरह चूसने लगा.

उधर वह मेरे लंड पर भूखे भेड़िए की तरह टूट पड़ी थी.
कभी लंड तो कभी आंड को चूसे चाटे जा रही थी.

फिर अचानक से एक जादू हुआ.
नेहा ने उंगली मेरे मुंह से निकाला और बिना कुछ कहे सीधे मेरी गांड में पेल दी.

उफ्फ … क्या बताऊं … क्या फील हुआ मुझे!
ऐसा लगा काश यह काम वह मेरे साथ हर बार करे!

अब जितनी तेज वह मेरे लंड को चूस रही थी, उतने तेज ही मेरी गांड में उंगली से चोद भी रही थी.
इतनी जादूगरी ज्यादा देर झेलना मेरे बस में नहीं था.

दो मिनट में ही मैं बेचैन हो उठा, मैंने नेहा का सिर पकड़ा और लंड पर दबा दिया.

नेहा ने अपने मुंह में मेरे लंड को ऐसे जकड़ के चूसा कि तुरंत ही मैं छुट गया.
मेरे लंड ने सारा लावा मेरी जान के मुंह में निकाल दिया.

नेहा रानी अभी भी लंड चूस रही थी और गांड में उंगली चला रही थी.

करीब दो मिनट बाद उसने मेरा लंड छोड़ा, गांड से उंगली निकाली और इशारे से मुझे मुंह खोलने को बोला.

मैंने मुंह खोला.

नेहा ने जो उंगली मेरी गांड में घुसाई थी वही उंगली मेरे होंठों पर रख दी.
एक अजीब सी बदबू ने मेरे नाक को फाड़ दिया.
मैं कुछ कह पाता, तब तक उसने अपने मुंह में रखे हुए मेरे लंड के पानी को उंगली पर गिराया. जो उंगली से होते मेरे मुंह में जाने लगा.

पूरा मुंह खाली करने के बाद नेहा बोली– उंगली को चाट कर साफ करो!

मैं उसकी आंखों में जैसे खो सा गया था … उसे देखते हुए मैं अपनी गांड के गंद से सनी उंगली को चाटने लगा.
फिर नेहा ने मेरे मुंह से उंगली निकाली और अपनी जीभ मेरे मुंह में दे दी.

अब हम दोनों के मुंह में मेरे लंड का पानी था जो कभी उसके तो कभी मेरे मुंह में घुल रहा था और हम दोनों पी रहे थे।

मैं जोर लगा कर नेहा की चूचियों को भींच रहा था.
करीब 5 मिनट बाद नेहा का शरीर थरथराने लगा और वह हाम्फने लगी।

फिर वह मेरे ऊपर ही आंख बंद करके लेट गई.

शायद मेरी जान की चूत ने भी कामरस उगल दिया था.
गन्दी भाभी सेक्स का मजा लाकर शांत हो गई थी।

अब अगले दिन:

सुबह मैं जब जगा तो नेहा साफ सफाई में बिजी थी.
मैंने उसको पीछे से जाकर गले लगाया.

मैं पूरा नंगा ही था, सर्दी बहुत ज्यादा थी.

नेहा– पागल हो क्या? इतनी सर्दी में नंगे घूम रहे हो मेरे बालम! क्या चाहते हो कि मेरी तरह तुम भी बीमार पड़ जाओ. रात को जो हुआ, उसके कारण ही मेरी और ज्यादा तबीयत खराब लग रही है शायद! मैंने दवाई तो खा ली है पर मन अभी भी ठीक नहीं!

मैं– तो ये साफ सफाई छोड़ो, आराम करो. मैं कर लूंगा ये सब. मैं आग जलाता हूं, तुम सेंक लेना, और हां खाना भी मत बनाओ, मैं बाजार से कुछ ले आऊंगा।

नेहा कमरे में चली गई, शाम तक सोती रही दोपहर को खा पीकर!

फिर रात को भी मैंने ही रोटियां सेंकी, दोनों ने खाई, वो भी सिर्फ दूध और गुड़ के साथ!
और फिर एक दूसरे को बांहों में भर के सो गए।

अब तक की गन्दी भाभी सेक्स कहानी पर आप अपनी राय मुझे बताएं.
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गन्दी भाभी सेक्स कहानी का अगला भाग: भाभी ने दिया मुझे बर्थडे गिफ्ट- 2

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