एक उपहार ऐसा भी-10

(Ek Uphar Aisa Bhi- Part 10)

संदीप साहू 2020-06-01 Comments

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नमस्कार दोस्तो, आपने अब तक पढ़ा कि मुझसे बहुत सी हसीनाएं मिलीं, पर सबसे बाद में मिलने वाली सुन्दरी हीना सबसे पहले चुद गई, वास्तव में चुदाई के लिए सबसे आवश्यक चीज होती है, बहाना और मौका … मुझे मेहंदी के बहाने हीना को पटाने का मौका मिला. रूम में अकेलेपन का मैंने बखूबी फायदा उठाया. परिणाम स्वरूप मुझे हीना जैसी शानदार लड़की की चूत चोदने के लिए मिली.

अब आगे पढ़ें मेरी दोस्त की भाभी की कहानी:

दोस्तों मैं कामवर्धक के सेवन के बारे में चर्चा कर रहा था, मुझे जब लगातार और बहुत बार चुदाई करनी होती है, तभी मैं कामवर्धक टैबलेट का सेवन करता हूँ, वैसे हीना की चुदाई के वक्त मैंने टैबलेट नहीं खाई थी.

अब आप सोच रहे होंगे कि मैंने तो आज एक बार ही चुदाई की है, फिर कामवर्धक की जरूरत क्यों पड़ी. हां ये सही है कि मुझे एक दो चुदाई के लिए कामवर्धक की जरूरत नहीं पड़ती, पर भाभी मुझे जिगोलो समझ रही थीं और कोई भूखी औरत जिगोलो का कैसा इस्तेमाल कर सकती है, मैं इस बात से भलिभांति परिचित हूँ, इसलिए ऐतिहातन मैंने कामवर्धक का सेवन कर लिया था.

कामवर्धक का सही उपयोग जानना भी जरूरी है, कब खायें … कैसे खायें … कितना खायें? इससे फायदे क्या हैं, नुकसान क्या हैं … ये जानना जरूरी है.

मैं आयुर्वेदिक कामवर्धक का उपयोग ज्यादा करता हूँ. इसके साइड इफेक्ट नहीं होते और ज्यादा असरदार भी होते हैं, लेकिन इसे सेक्स करने के दो तीन दिन पहले से नियमित लेते रहना पड़ता है, जैसे कि मैंने लिया था.

एलोपैथिक दवा का साइड इफेक्ट होता है, पर इसे कभी-कभी संयमित तरीके से लिया जा सकता है, टैबलेट सेक्स से एक घंटे पहले खा लेना चाहिए.

और पहली बार सेवन कर रहे हो, तो कम पावर वाली ही खायें. उच्च रक्तचाप वालों को टैबलेट बिल्कुल नहीं खाना चाहिए और नशे या खाली पेट की स्थिति में भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए. वैसे इसका सेवन डॉक्टरी सलाह से करें, तो ज्यादा बेहतर होगा, ज्यादा दवाई खाना किडनी को नुकसान पहुंचाता है और दवाई खाने के दूसरे दिन सर भारी लगता है.

अब यार मैं तो माहिर हूँ ना! तो मैंने अपने तरीके से दवा का इस्तेमाल किया और मोबाइल चार्ज पर लगा कर सो गया.

मैं बेफिक्री के साथ सोया रहा क्योंकि मुझे अपनी थकान मिटानी थी.
और रही बात भाभी की, तो वो मुझे अपने टाइम पर खुद उठा लेंगी, उसके लिए रात जागकर मैं स्टेमिना क्यों कम करूं.

जी हां दोस्तो, अनिद्रा, थकावट, हस्तमैथुन, या पोर्न जैसी चीजों का अधिक होना भी आपकी सेक्स क्षमता पर असर डालता है. हालांकि इनका असर स्पष्ट नहीं दिखता, पर लंबी अवधि के बाद आप स्वतः अपनी कमजोरी को जान जाओगे. पर मैं अपनी सेहत का पूरा ख्याल रखता हूँ, तभी तो मेरी कद्र होती है.

मैं तो नींद के मजे ले रहा था. लगभग एक बजे मेरे मोबाइल की घंटी बजी.
मैंने बात की और जाकर दरवाजा खोला, तो सामने भाभी जी खड़ी थीं. वो अन्दर आईं और मैंने दरवाजा लॉक कर लिया. मैं नींद में था, फिर मैं सीधे बाथरूम गया और मुँह धोकर आया.

लौटकर मैंने देखा भाभी जी बिस्तर पर चढ़कर बैठ गई थीं. इस समय भाभी जी नाईट सूट में थीं … मतलब लेडीज लोवर और टी-शर्ट स्टाइल का टॉप पहन कर आई थीं. जो मेहरून कलर का था. गोरी-चिट्टी भाभी पर ये कलर खूब फब रहा था.

मैं भाभी के पास जाकर बैठा और कहा- आप तो लाजवाब लग रही हो भाभी जी.
तो भाभी ने सीधे कहा- लगता है तुम प्रोफेशनली वर्क करते हो, आई लाइक इट. पर मुझे कोई हड़बड़ी नहीं है. भले ही हर काम आराम से हो, पर ऐसे हो कि मैं कभी चाह कर ना भूल पाऊं.
मैंने भी कह दिया- भाभी जी वैसे तो प्रोफेशनल सेक्स वर्कर नहीं हूँ. पर आप निश्चिंत रहें. मैं ऐसी चुदाई करूंगा कि साली तुम्हारी चूत को मेरे लंड की आदत ही लग जाएगी.

मैंने भाभी से ऐसी बेहूदगी इसलिए दिखाई क्योंकि वही एक ऐसी महिला थीं, जो मुझे शुरूआत से पसंद नहीं आ रही थीं.

वैसे तो अब तक मिली सारी महिलाओं में भाभी जी ही सबसे ज्यादा खूबसूरत और कामुक थीं, पर व्यवहार में रूखापन होने की वजह से मुझे वो खास पसंद नहीं आ रही थीं. इसलिए मैंने उनके साथ रूखा व्यवहार करना ही सही समझा.

पर भाभी जी को मेरा व्यवहार रूखा लगने के बजाए ये मेरा अंदाज मजेदार लगा.

उन्होंने कहा- वाहह … क्या तेवर हैं, लगता है, बरसों बाद किसी मर्द से चुदूंगी … बाकी अब तक तो सब चूत की तौहीन करने वाले ही मिले थे.
मैंने कहा- हां भाभी जी, आज देखना कैसे चोदता हूँ. अगर नानी याद ना दिला दी, तो मेरा नाम भी संदीप नहीं.

ऐसा कहते हुए मैंने भाभी की जांघों पर हाथ से थपकी दे दी.

भाभी चिहुंक उठीं. भाभी ने कहा- प्राची … प्राची नाम है मेरा, कमरे में या अकेले में तुम मेरा नाम ले सकते हो, मुझे अच्छा लगेगा.
मैंने भी कहा- प्राची … सुंदर नाम है. तो अब तुम्हारा क्या इरादा है प्राची.. … प्राची भाभी … प्राची डार्लिंग. … प्राची जान. … प्राची सोना!

प्राची ने कातिल मुस्कान के साथ कहा- इरादा तो एक ही है, चुदाई चुदाई चुदाई और सिर्फ चुदाई. वो तुम कैसे करोगे, तुम जानो, मुझे तो बस तृप्त होना है. तुमसे मुझे बहुत उम्मीदें हैं.
मैंने कहा- ऐसा क्या देख लिया मुझमें?
प्राची ने कहा- तुम्हारी आंखों में नशा है, बातों में जूनून है, बदन में अंगार है और अदाओं में बिजली है.

बस ये कहते हुए उन्होंने अपनी बांहों का हार मेरे गले में डाल दिया.

प्राची भाभी का रुखा व्यवहार कब मेरी गुलामी करने लगा, पता ही नहीं चला. मैंने भी उन्हें स्वीकार करते हुए अपनी बांहों में भर लिया. सिल्की से चिकने लोअर और टी-शर्ट के ऊपर से ही प्राची भाभी का कोमल बदन का अहसास होने लगा.

प्राची भाभी जब मेरा स्वागत कर रही थीं और जब मेरा नम्बर मांग रही थीं, तब मैंने गौर किया था कि उनकी हाइट मेरे कानों तक रही होगी. गोरी इतनी कि चांद भी फीका लगे, आंखों में नशा इतना कि मदिरा का नशा बेकार लगे. मैंने उन्हें चलते देखा था, उनकी कमर में लचक थी. पेट बिल्कुल अन्दर था.

और स्वागत के समय मैंने एक और चीज पर ध्यान दिया था कि प्राची भाभी ने साड़ी नाभि के नीचे बांध रखी थी और उनकी गहरी नाभि उनके मचलते यौवन की प्रशंसा के पुल बांध रही थी.

प्राची भाभी के स्तन लगभग 34 डी के रहे होंगे, जो काफी सुडौल और आकर्षक समझे जाते हैं. शायद उनकी पेंटी की साइज भी 34 ही रही होगी. भाभी बला की खूबसूरत अपनी जवानी लुटाने खुद चलकर मेरे पास आई थीं. अब इसे खुदा की नेमत ना कहूं तो और क्या कहूँ.

मैंने भी खुदा की नेमत का दिल खोलकर स्वागत किया और प्राची भाभी से लिपटे रहकर ही उनके पूरे बदन पर अपने हाथ और उंगलियां फिरा डालीं. मेरे हाथों की कलाबाजियों ने प्राची भाभी की वासना को जागृत करना शुरू कर दिया. प्राची भाभी ने भी मेरा प्रतिउत्तर देना प्रारंभ कर दिया था.

प्राची भाभी वासना के इस खेल की अनुभवी खिलाड़ी थीं. उनकी धधकती ज्वाला मेरी कामाग्नि पर भारी पड़ रही थी. उन्होंने मेरे गले पर हाथ रखकर मुझे अपनी ओर खींचा और मेरे होंठ चूसने लगीं.

शायद प्राची भाभी ने रात को सोने से पहले चेहरा धोया होगा, इसलिए लिपस्टिक नहीं थी और सच कहूं तो भाभी के नाजुक गुलाबी होंठों को किसी तरह की लीपापोती की जरूरत भी नहीं थी.

प्राची भाभी ने मेरे मुँह में अपनी जीभ डाल दी और मेरी जीभ भी अपने मुँह में खींचने लगीं.

अगर भाभी अनुभवी थीं, तो मैं भी इस खेल का महारथी था. फिर मैं आज हीना की चुदाई के समय से यौवन को मसलने के लिए बेताब भी था, क्योंकि हीना ने मुझे चोदा था, मेरे लंड को भी शांत किया था, पर मैं हीना को छू भी नहीं सका था.

मेरी दिन भर की इसी बेचैनी का शिकार प्राची भाभी हो गईं. मैंने अपने हाथों की करामात उनके पूरे बदन पर दिखा दी. मैं भाभी के नितंब और स्तन ऐसे मसल रहा था, जैसे मेरी उन्हें उखाड़ लेने की मंशा हो.

प्राची भाभी भी बिन जल मछली की भांति तड़पने छटपटाने लगी थीं. प्राची भाभी के स्तन उठे हुए थे, मैं उन्हें छूकर ही कह सकता था कि भाभी के मम्मे लटके या झूले हुए नहीं हैं.
इसका एक और मतलब ये भी था कि प्राची भाभी ने अभी तक किसी संतान को जन्म नहीं दिया था.

उन्हें अब तक बच्चा क्यों नहीं है, ये मैंने ना सोचा और ना ही पूछा.

मैंने तो प्राची भाभी की उम्र भी नहीं पूछी थी, बस अनुमान लगाया था कि वे 28-29 की होंगी. प्राची भाभी का जोश पल प्रतिपल बढ़ता ही जा रहा था. उनके मुँह से कामुक सिसकारियां निकलने लगी थीं.

प्राची भाभी के जिस्म से मंहगे परफ्यूम की खुशबू आ रही थी, जो वासना में मिलकर वातावरण को कामुक बना रही थी. प्राची भाभी ने उतावलेपन से मेरे बदन से कपड़े निकालने की कोशिश की और मैंने सहयोग कर दिया.

भाभी ने मेरी नाइट वाली टी-शर्ट और बनियान निकाल दी और मेरे सीने को सहलाने लगीं. सहलाने क्या लगीं, बालों को नोंचने लगी.

मेरे सीने के मर्दाना चूचुकों को प्राची भाभी ने जब दांतों से काटा, तो मैं सिहर गया. उन्होंने मेरे सीने के हर हिस्से को चूमा और जब वो शुरू हुईं, तो पूरा सीना समझो चाट ही लिया.

प्राची भाभी मुझ पर भूखी शेरनी की तरह टूट पड़ी थीं. मैंने भी अब ठान लिया था कि प्राची भाभी को उसी के अंदाज में ही जवाब देना है.

मैंने उनके नाइट सूट का ऊपरी हिस्सा पकड़ा और ऊपर की ओर से निकालने लगा. भाभी ने भी पूरा सहयोग किया और मैं उनके सुडौल पर्वतों की खूबसूरती देख कर दंग रह गया.

भाभी ने काले रंग की डिजाइनर ब्रा पहनी थी, जो बहुत महंगी लग रही थी. आप सब तो जानते ही हैं कि मंहगी वाली ब्रा तन को दिखाती ज्यादा हैं … छुपाती कम हैं.

मैंने पहले तो भाभी के झांकते स्तनों को जी भर के चाटा और फिर ब्रा को बिना खोले ही अन्दर हाथ डालकर बाहर निकाल लिया.

इससे भाभी के स्तन और कड़े होकर उभर गए और निप्पल तो तन कर आमंत्रित करने लगे कि आओ मुझे चूस लो, काट लो …
और मैं भला ये निमंत्रण कैसे अस्वीकार सकता था. मैंने भी अपने हाथों में उनके मम्मों को संभाला और एक निप्पल को मुँह में भर लिया.

भाभी भूखी शेरनी मेरे अनुमान से भी ज्यादा खतरनाक निकलीं. उन्होंने मुझे बालों से पकड़ कर अपने स्तनों में और दबा दिया और सिसकारने लगीं- आहह उउहह चूस इन्हें … और चूस … ये मुझे बहुत परेशान करते हैं.

मैंने भी वक्त की नजाकत समझते हुए एक स्तन पर दांत गड़ा दिए, निप्पल भी काट लिए … और प्राची भाभी थीं कि दर्द से बिलबिलाने के बजाए मुझे शाबाशी देने लगीं. उन्होंने शाबाशी देने के लिए मेरे झुके सर को चूमा और बालों में उंगलियां फंसाते हुए नोंचने लगीं.

मेरा लंड अकड़कर बाहर आने को तड़प रहा था और प्राची भाभी ने मेरे लंड की चाहत पूरी कर दी. उन्होंने मेरा पैजामा और ब्रीफ नहीं उतारी, बस ऊपर से हाथ डालकर लंड पकड़ा और बाहर निकाल लिया.

मेरा आधा लंड अभी भी इलास्टिक में फंसा था, पर प्राची भाभी मेरे शिश्नमुंड को अपने हाथ से सहलाने लगीं. इस बार हम दोनों ‘आहह..’ कर गए.

प्राची भाभी ने कहा- मैंने बहुत से लंड सहलाए हैं … पर तेरे जैसा चिकना और बड़ा सुपारा आज तक नहीं मिला था.

मैं बस चुप था.

फिर उन्होंने मुझे छेड़ते हुए कहा- कोई दवाई खा रखी है क्या?

इस सवाल पर नया आदमी झैंप कर जवाब देता. उसे लगता कि चोरी पकड़ी गई, पर मैं तो पुराना खिलाड़ी हूं. मैंने भी उसी के अंदाज में जवाब दिया.

मैं- अगर मैंने दवाई खाई हो, तो तुम्हारी चूत को कोई ऐतराज़ होगा क्या?
इस पर भाभी ने हंस कर कहा- अरे नहीं ऐतराज़ कैसा … बल्कि मैं तो खुद दवाई खाकर आई हूँ … ताकि आज रात का पूरा मजा ले सकूं.

अब मैं हतप्रभ हो गया, ये साले अमीर घर वाले कुछ भी कर सकते हैं. पर मैं तो किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार था. आज एक नहीं दो महिलाएं भी दवा खाकर आ जातीं, तो मैं उन्हें संतुष्ट कर सकता था.

मैंने कहा- तुम तो क्या जान … तुम्हारा पूरा खानदान दवा खाकर आ जाए, मैं सब पर भारी पडूंगा.
प्राची भाभी ने कहा- पूरे खानदान की छोड़ … पहले मुझे तो संतुष्ट करके बता.

ये कहते हुए भाभी खड़ी हो गईं और उन्होंने अपना नीचे वाला नाइट सूट उतार दिया.

अब अगले भाग में प्राची भाभी के मदमस्त हुस्न और मेरे लंड के लिए किलकिलाती चुत की चुदाई की कहानी का रस पढ़ने को मिलेगा. आप अपने मेल जरूर भेजिएगा.
[email protected]

दोस्त की भाभी की कहानी जारी है.

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