दोस्त ने दिलाई अपनी भाभी की चुत

(Dost Ne Dilayi Apni Bhabhi Ki Chut)

हैलो फ्रेंड्स … अन्तर्वासना पर ये मेरी पहली सेक्स स्टोरी है, लेकिन मेरी लाइफ की ये पहली सेक्स स्टोरी नहीं है.

जो घटना में आपको बताने जा रहा हूँ, वो बिल्कुल सच्ची है. जिसको लेकर ये घटना है, उसका नाम शीतल है. उसकी पिक पहली बार मैंने अपने बेस्ट फ्रेंड के मोबाइल में देखी थी. शीतल की ये पिक बिल्कुल न्यूड थी. उसकी एकदम नंगी फोटो देख कर ही मैं एग्ज़ाइटेड हो गया था. आह क्या फिगर था उसका … क्या फेसकट था … कुछ भी कहो ऊपर से लेकर नीचे तक बिल्कुल हाहाकारी माल लग रही थी. वो शादीशुदा थी और 3 बच्चों की माँ थी … लेकिन साली देखने बिल्कुल भी ऐसी नहीं लग रही थी. उसके छोटे छोटे चूचे बिल्कुल टाइट … और एकदम तने हुए शायद 32 साइज़ के रहे होंगे. उसकी पतली पतली टांगें, उसकी पतली कमर थी … और हां उसकी उम्र भी बहुत कम थी. क्योंकि वो एक गांव की रहने वाली थी. उनकी शादी जल्दी हो गई थी.

मैं तो उसकी पिक देख कर ही पूरा ही फ्लैट हो गया था. मैंने अपने फ्रेंड से उसके बारे में पूछा, तो उसने बताया कि ये उसी के गांव की रिश्तेदारी में आती है और दूर के रिश्ते में भाभी लगती है. उसने आगे बताते हुए कहा कि इसको मैंने भी किसी शादी में सैट किया था और मैं इसको बहुत बार चोद भी चुका हूँ.

दोस्त की बात सुनकर मेरा लंड भी खड़ा हो गया और अब मुझको भी उसे चोदने का मन हो गया था. मेरी आंखों में बस उसी का फिगर बार बार सामने आ रहा था. हालांकि वो गोरी तो बिल्कुल नहीं थी लेकिन फिर भी बड़ी दिलकश माल थी. उसके रसीले होंठों की तो क्या बताऊं. मैंने उसकी नंगी पिक देख देख कर ही ना जाने कितनी बार मुठ मारी होगी.

जब मुझसे रहा नहीं गया, तो एक दिन मैंने मेरे फ्रेंड को बोला- यार मुझको भी उसे चोदना है, तू कुछ भी करके उसे मेरे लंड के नीचे लिटा दे.
उसने मुझसे कहा- ठीक है, मैं कुछ करता हूँ.
दो दिन बाद उसका मेरे पास फोन आया कि तू अपनी कुछ अच्छी अच्छी सी फोटो सेंड कर दे. उस भाभी को दिखाना है.

मैंने भी आठ दस फोटो उसे सेंड कर दीं. कुछ देर बाद उसने मुझे बताया कि मैंने एक फेक आईडी से उससे बात की है और उसने मुझसे पिक्स माँगी थीं, तो मैंने तेरी पिक्स उसे सेंड कर दीं. वो तेरी पिक देख कर तुझसे फ्रेंडशिप के लिए मान गई है.

मैं उसकी बात सुनकर खुश हो गया. मैंने उससे उस फेक आईडी के बारे में उससे जानकारी ली, तो उसने मुझे वो आईडी और उसका पासवर्ड मुझे दे दिया. मैंने उसी वक्त से उस कांटा माल भाभी से बात करना स्टार्ट कर दी.

धीरे धीरे मेरी उससे लम्बी बातें होना शुरू हो गईं. पहले दोस्ती मजबूत हुई, फिर हम दोनों अपनी पर्सनल जानकारी एक दूसरे से साझा करने लगे.
उसने मुझे बताया कि वो और उसकी फैमिली अब पुष्कर सैटल हो रहे हैं.
मैं ये जानकार और खुश हो गया कि चलो ये तो अच्छा है. मुझे भी तो यही चाहिए था. अब मुझे भी उससे मिलने के लिए दूर नहीं जाना नहीं पड़ेगा.

इस तरह धीरे धीरे हम नजदीक आने लगे. फिर एक दिन बातों ही बातों उसने अपना नम्बर भी दे दिया. वो अपने हज़्बेंड के जाने के बाद मुझसे बात करने लगी. फोन पर ही हम सेक्स करने लग गए. फोन पर ही हम दोनों एक दूसरे में इतना खो जाते थे कि कब मेरी टोंटी से पानी निकल जाता, पता ही नहीं चलता था.

वो फोन पर सेक्स चैट करते वक्त बहुत सेक्सी आवाजें निकालती थी … बहुत ज़ोर से आहें लेती थी.
मैं तो यार बस पागल ही हो जाता था … क्या बताऊं यारो … उसने फोन पर ही मुझे इतने मज़े दे दिए थे कि बस ऐसा लग रहा होता था कि ये सच में मेरा लौड़ा चूस रही हो.

एक दिन मैंने उससे उसकी न्यूड पिक के लिए बोला. वो मुझको उसी वक्त न्यूड सेल्फी सेंड करने में लग गई. इन पिक्स में वो इतनी हॉट लगती थी कि क्या बताऊं.
फिर मैंने उससे मिलने के लिए बोला, तो उसने बोला- यार मुझे खुद तुमसे मिलने की पड़ी है … मुझे मौका मिलते ही मिलने का पासिबल हुआ, तो मैं तुमको बता दूंगी.

मैं भी उसके मिलने वाले फोन का वेट करने लगा. मुझे उस दिन का बड़ी बेसब्री से इन्तजार रहने लगा. हालांकि मैं फोन पर उसके साथ सेक्स चैट के मज़े लेता रहा.

ऐसा नहीं है कि मेरी कोई जीएफ नहीं है और वो मुझसे सेक्स नहीं करती. चुदाई की चुल्ल के बीच मुझे अपनी इसी जुगाड़ के साथ चुदाई का मौका मिला और मैंने उसके साथ भाभी समझ कर सेक्स किया. लेकिन शादीशुदा लड़की या भाभी को चोदने का मज़ा ही अलग होता है. उनके जैसा चुदाई का मज़ा किसी और में कहां मिलता है. मैंने स्टार्टिंग से किसी भाभी को चोदने का सोचा था. लेकिन जब से जीएफ हाथ लगी है, तब से इसी की चूत को भाभी की चूत समझ कर चुदाई के सपने पूरे कर लेता हूँ.

मेरा मानना है कि शादी के बाद भाभियों की गीली चुत चाटना, इनकी चूत को खोल खोल कर उसका प्रीकम चाटना, इनके बहते हुए झरने को पीना, इनकी चूत के दाने को कट्टू करना और मेरी पसंदीदा चीज़ ये कि इनके मस्त रसीले मम्मों से निकलते हुए दूध को पीना. ये सब मुझको इतना अच्छा लगता है कि क्या बताऊं.

मैं तो बस ये सब लिखते समय भी अपनी वो मस्त भाभी के मम्मों को दबाने, निचोड़ने, चूसने, पूरा दूध निकाल कर पीने की सोच रहा हूँ.

ऐसे ही दिन निकलते गए और भाभी के फोन न आने के कारण मैं मुठ मारता रहा.

फिर अचानक एक दिन उसका कॉल आया- तुम कहां हो, मैं अजमेर में ही हूँ … तुम आ सकते हो क्या?
मैंने उससे पूछा- अजमेर में तुम कहां हो?
उसने बताया तो मैं जल्दी से उसे मिला और उसको लेकर एक रेस्टोरेंट में ले गया. वहां कपल्स के लिए परदे लगे हुए सेपरेट केबिन होते हैं.

मेरी सैटिंग वाला एक बन्दा भी उधर वेटर था. मैंने उसको इशारा किया तो वो समझ गया और मुझे सबसे कोने वाले केबिन में जाने का इशारा कर दिया. मैंने उसे एक सौ का नोट थमाया और उससे कहा कि अभी और भी दूंगा.

ये सब मैंने शीतल भाभी से नजर बचा कर किया था.
शीतल भाभी ने मुझसे पूछा- मुझको यहां क्यों लाए हो?
मैंने उसे आँख मारते हुए बोला- तुमने मुझको क्यों बुलाया है.

इस पर वो हंसने लगी. फिर थोड़ी देर बाद हम दोनों उसी केबिन में चले गए. भाभी और मैंने एक दूसरे से बात की, अच्छे से एक दूसरे को देखा. उन दिनों गर्मियों के दिन थे. उसने समरकोट पहना हुआ था और उसके नीचे साड़ी.

मैंने उससे बोला- तुम तो सब चीज़ पैक करके आई हो … मुझको तो तुम्हारा दूध पीना था.
भाभी बोलने लगी- तो रोका किसने है.
मैंने ये सुनते ही उसका समरकोट उतार दिया और उसे देखने लगा.

आह … क्या माल लग रही थी, वो साड़ी में थी … लेकिन तब भी एक नंबर का कांटा माल लग रही थी. उसके शरीर से हल्के हल्के पसीने की महक आ रही थी, जो मुझे बहुत सेक्सी फील करवा रही थी.
मैं भूखे शेर की तरह उसे देख रहा था.
वो बोली- देखते ही रहोगे या कुछ करोगे भी?
मैंने भी बोला- पहले देख तो लें कि स्टार्ट कहां से करना है.

क्या बताऊं यार इतना सेक्सी ओर हॉर्नी अहसास मैंने मेरी जीएफ के साथ भी कभी फील नहीं किया था, जितना आज उसके साथ कर रहा था. उसके सुर्ख लाल होंठ मुझे इन्वाइट कर रहे थे कि आ जाओ … चूस लो … खा लो … पी जाओ.
बस मैं उस पर टूट पड़ा. मैं उसे किस कर रहा था … और ऐसे कर रहा था जैसे मुझे कभी लड़की मिली ही ना हो. मैं किस करते करते उसके मम्मों को मसलने लगा.
वो आहें भर रही थी- आअहह आआहह … आआह्ह … ओह यअसस्स … फक मी लिक मी … आह खा जाओ मेरे होंठों को.

मैं एकदम बेताबी से उसके होंठों को चूस रहा था. मैं उसकी सारी लिपस्टिक खा गया था. फिर मैंने उसके ब्लाउज में हाथ डाल दिया. उसके मम्मों को दबाने लगा. लेकिन ब्लाउज में सही से मजा नहीं आ रहा था, इसलिए मैंने उसका ब्लाउज खोलने की कोशिश की.

उसने बहुत जगह पिन्स लगाए हुए थे मैंने एक एक करके सारे पिन खोले. एक कंधे पर पिन थी, एक उससे थोड़ा सा नीचे लगी थी. एक पिन क्लीवेज के पास थी. मैंने सारी पिनें निकालीं और फिर ब्लाउज के सारे बटन खोल दिए. उसने ब्रा भी पहन रखी थी. मैंने उसकी ब्रा भी खोल दी.

इसके बाद उसके मस्त मम्मे हवा में अपनी खूबसूरत छटा बिखेरने लगे. मैंने उसके मम्मों से खेलना स्टार्ट किया. मेरे हाथ में एक पिन भी थी, तो मैं उस पिन से उसे टीज़ कर रहा था.
मैं धीरे धीरे उसके मम्मों पर पिन चुभा रहा था.
वो बोल रही थी- आरव प्लीज़ मत करो प्लीज़ दर्द होता है … प्लीज़ मत करो उफ्फ़ दर्द हो रहा है … लग जाएगी.

मैंने उसके हाथ पकड़ कर पीछे उसी की साड़ी के पल्लू से बाँध दिए.
वो बोल रही थी कि क्या ये कर रहे हो आरव प्लीज़ छोड़ दो … कोई आ जाएगा … ये रेस्टोरेंट है.
मैंने बोला- तुम मज़े लो बस … किसी की परवाह मत करो.

मैंने पिन को उसके एक निप्पल पर धीरे से चुभो दी, तो वो आहें भरने लगी. वो धीरे धीरे सीत्कारते हुए चिल्ला सी रही थी और बोल रही थी- आह छोड़ो यार आरव प्लीज़ …

मैं अपने दांतों से उसके निप्पलों पर बाईट कर रहा था. उसका दूध निकलना शुरू हो गया था और मैं उसका दूध पीने लगा. फिर मैंने अपना लौड़ा बाहर निकाला और उसके निप्पल को अपने लंड की तरफ करके चूची को दबाया तो दूध की धार से लंड गीला हो गया. वो भी ये देख कर मस्त हो गई और खुद अपने मम्मे को दबवा कर मेरे लंड को दूध से भीगते हुए देखने लगी. इसके बाद मैं खड़ा होकर उसके मम्मों के बीच में लंड को रगड़ने लगा था.

वो चेयर पर बैठी हुई बस मजे से सिसकारी ले रही थी- आरव प्लीज़ हाथ खोलो मेरे … मुझको दर्द हो रहा है.
मैंने उसके हाथ खोल दिए. वो अपने हाथों में लेकर मेरा लौड़ा चूसने लगी. वो इस कदर की तेज़ी से मेरा लौड़ा चूस रही थी, जैसा उसने कभी किसी का लंड अब तक मुँह में ही नहीं लिया हो. उसके जैसा ब्लोजॉब मुझे अब तक कभी किसी लड़की या भाभी ने नहीं दिया था. लंड चूसते हुए वो इतनी वाइल्ड हो गई थी कि उसके दांत मेरे लंड पर हमला सा कर रहे थे. वो बहुत ज़ोर से लंड चूस रही थी और लंड छोड़ भी नहीं रही थी.

मेरा काम तमाम होने वाला था. मैंने उसे इशारा भी देने की कोशिश की और खुद से भी बहुत कंट्रोल किया, लेकिन नहीं हो पाया. नतीजा ये हुआ कि मैं उसके मुँह में ही झड़ गया. कमाल की बता ये हुई कि वो मेरे सारे वीर्य को बड़े मजे से चाट गई. थोड़ा सा वीर्य उसके मम्मों पर गिर गया था. उसने वो भी उंगली की मदद से उस वीर्य को समेट कर खा लिया.

मैंने अपने हाथ उसके मम्मों को जोर से मसल दिया. वो बहुत एग्ज़ाइटेड हो गई थी.

कुछ पल बाद उसने मुझसे बोला- आरव अब तुम कुछ भी करो, मुझको सॅटिस्फाइ करो … अभी यहीं मुझे चोद दो.
उस दिन पहली बार किसी ने मुझसे यूं रेस्टोरेंट के केबिन में चुदाई करवाई.

मैंने उसे टेबल पर बिठाया और उसकी साड़ी को ऊपर करने लगा. एक मिनट से भी कम समय में मैंने उसकी साड़ी पूरी ऊपर कर दी.
मैंने जैसे ही उसकी साड़ी ऊपर की, उसने मुझसे बोला- आरव प्लीज़ यार मेरी एक रिक्वेस्ट है.
मैंने बोला- बोलो मेरी जान क्या रिक्वेस्ट है?
तो बोली- मेरी भी चुत चाटो न … मेरी चूत आज तक किसी ने नहीं चाटी … मेरे हज़्बेंड ने भी नहीं … मैं चाहती हूँ कि तुम मेरी चुत को चाट कर खा जाओ … इसके रस को पी जाओ.
मैंने बोला- ओके जान … ठीक है.

लेकिन मैं उसे अभी और तड़पाना चाहता था. मैंने भी अपनी दो उंगलियां उसकी चुत में झटके से अन्दर डालीं और उसके मम्मों को दबाने लगा. चूची को मसलने के साथ उसकी चुत में फिंगरिंग करने लगा … उसके दाने को मसलने लगा.
वो बहुत ज़ोर से तड़प उठी- आआहह … उम्म्ह… अहह… हय… याह… यसस्स उफ़ … आअहह. चूसओ मेरी चुत …

मैं नीचे झुक कर उसकी चुत चाटने लगा उसकी चुत बहुत पानी छोड़ रही थी. इतनी गीली चुत मैंने कभी किसी की नहीं देखी. उसकी चुत से पानी झर झर बह रहा था. उसकी जांघों से होकर नीचे तक रिस रहा था.
वो बोल रही थी- आरव प्लीज़ खा जाओ मेरी चुत को … ऊऊहह … जल्लदीईई … डालो अपना लंड.

लंड की बात सुनकर मैं खड़ा होकर उसको टेबल पर चित लिटाया. वो बहुत हॉट हो चुकी थी. हम दोनों पसीने में नहाए हुए थे. मैं उसकी पसीने से भीगी बॉडी को चाट रहा था. वो अपने हाथ से मेरे सिर को अपने मम्मों पर दबा रही थी. फिर मैं उठा, उसे किस किया. अपने लंड पर कंडोम लगाया. लंड के सुपारे को उसकी चूत की फांकों पर रगड़ने लगा.

उसे मैं अभी और तड़पाना चाहता था. मैं उसकी चुत में अपना लंड डाल ही नहीं रहा था. वो अपनी गांड उठाते हुए बोल रही थी- प्लीज़ डालो न … सहन नहीं हो रहा है.
मैं बस यूं ही लंड उसकी चुत में रगड़ रहा था. तभी उसने गुस्से में मेरा लंड पकड़ा और खुद ही चुत में सुपारा सैट करके ज़ोर से गांड ऊपर की तरफ करके झटका दे दिया. उसने खुद से मेरा लंड अपनी चुत में घुसा लिया.

लंड चुत में जाते ही वो एक पल के लिए बिल्कुल शांत हो गई और तेज़ी से सांसें लेने लगी. उसको देख कर ऐसा लगा कि न जाने इसको क्या हो गया है.
मैंने पूछा- क्या हुआ?
तो बोलने लगी- कुछ नहीं … मेरी चुत को बहुत सुकून मिला है.
इतना कह कर वो खुद ही आगे पीछे होने लगी और मद्धिम स्वर में कहने लगी- सब मैं ही करूंगी या तुम भी कुछ करोगे … चोदो ना अपनी इस कुतिया को … क्यों तड़पा रहे हो.

मेरा एक बार रस निकल गया था, इसलिये मुझको जल्दी झड़ने की कोई टेंशन नहीं थी. मैंने उसकी चुत में ज़ोर से एक झटका दिया, तो वो चिल्ला उठी- आआअहह … हाय … प्लीज़ थोड़ा धीरे … मुझे दर्द हो रहा है.

अब मैं उसकी एक नहीं सुन रहा था. मैं फुल स्पीड में उसको पेले जा रहा था. वो मस्ती से चिल्ला रही थी- आआहह ओह प्लीज़ अब छोड़ दो … मुझसे सहन नहीं हो रहा है.

मैं टेबल पर ही उसे धकापेल चोदे जा रहा था और वो अपनी आंखें बंद करके मुझसे हटने को बोल रही थी. लेकिन मैं कहां हटने वाला था. मैं उसे चोदने में लगा रहा. उसकी चूत की चुदाई के साथ मैं अपनी एक उंगली से उसकी चुत के दाने को भी मसल रहा था. जिससे वो और भी ज्यादा तड़प रही थी.
वो बोल रही थी- आरव प्लीज़ धीरे प्लीज़ धीरे मैं मर गयीई … आरव प्लीज़ मुझे छोड़ दो … लंड निकालो बाहर.

तभी उसकी चुत से पानी बाहर आना स्टार्ट हो गया जो सेक्स के टाइम पर निकलता ही है. उसकी चूत से पानी निकलने के बाद लंड और भी सटासट अन्दर बाहर होने लगा. वो मुझे धकेल रही थी, लेकिन मैं कहां मानने वाला था. मेरी उसे चोदने की इच्छा आज पूरी हो रही थी … इतनी जल्दी कैसे छोड़ देता.

मैंने उसकी चुत में लंड के साथ उंगली भी डाल दी, वो तड़प उठी. आह क्या बताऊं दोस्तो … मुझे तो मानो तरन्नुम आ गई थी. उधर उसकी आंखें खुली रह गईं.
मैं उसे चोदता रहा. फिर मेरा भी माल निकलने वाला था, तो मैंने स्पीड और तेज़ कर दी. मैंने उत्तेजना में उसके मम्मों को निचोड़ लिया. वो चिल्ला रही थी. तभी मैं उसे चोदते हुए झड़ गया और उसके ऊपर ही रेस्ट करने लगा.

दो मिनट बाद मैंने कंडोम निकाला और लंड उसके मुँह में दे दिया. उसने लंड चाट चाट कर साफ कर दिया. फिर उसने अपनी साड़ी व कपड़े ठीक किए. हम दोनों बाहर निकले. मैंने उसी वेटर को एक सौ का नोट और दिया, उसने मेरी चुदाई को देख कर हम दोनों को डिस्टर्ब नहीं किया था. मैंने उसको देख लिया था और उसे आँख मार कर भगा दिया था.

इसके बाद मैंने उसे वहीं छोड़ दिया, जहां उसने बोला. मुझसे जल्दी ही नेक्स्ट टाइम मिलने का बोल कर वो चली गई.

इसके बाद हम दोनों ने बहुत बार चुदाई की. उसकी गांड मारने की लालसा भी थी. आपके मेल मिलने के बाद मैं वो सेक्स स्टोरी भी लिखूंगा.

आपको ये भाभी की चुदाई कैसी लगी. मेल करके जरूर बताना.
[email protected]

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