दोस्त की नई नवेली बीवी की चुत चुदाई
(Dost Ki Nai Naveli Biwi Ki Chut chudai)
मैं रोहित पुणे से हूँ, मेरी हाईट 6 फुट 2 इंच है और मेरे लंड का साइज़ इंच है. पर २ इंच मोटा और किसी चूत का तेल निकालने के लिए काफी है।
यह कहानी दो हफ्ते पहले की है, मेरे ऑफिस का दोस्त समीर आसाम का रहने वाला है, वो हमारी फ़ैक्ट्री के ऑफिस ब्लॉक के ऊपर वाले रूम्स में से एक रूम में रहता है। मेरा रूम भी उनके पास है, हमारी अच्छी बनती है।
उसकी शादी 20 दिन पहले हुई है। वो एक महीने की छुट्टी के बाद अपनी नई नवेली बीवी के साथ पुणे आ गया था।
समीर की वाइफ एक कमसिन कली है, नाम हिना (बदला हुआ नाम) वो समीर से छः साल छोटी है और उसकी हाईट भी कम है, पर फिगर एकदम मस्त, एकदम टाइट सख्त चुची 34″ के करीब, 28 की कमर और 30 की गांड, कमर छोटी थी पर फुल चालू टाइप फीलिंग!
हिना मुझ से उसी दिन मिली और शाम तक घुल मिल गई। कई बार मैंने हिना को खुद को चोर नज़रों से घूरते हुए पाया। उसको देख कर लगता था मानो जन्मों से प्यासी है, एकदम सेक्स की भूखी लड़की!
उसको देख रोज़ मैं अपना लंड मसलता था।
एक दिन किसी काम से वो मेरे साथ बाइक पर बैठ कर मार्किट तक गई। मैंने भी मौके के फायदा उठा कर बाइक गड्ढे में से निकाली जिसकी वजह से उसकी चुची मेरी कमर में आकर बार बार लग रही थी।
उसका बैलेंस नहीं बन रहा था तो मैंने उसे मुझे पकड़ने को कहा। उसने मुझे कमर से पकड़ लिया और फिर अचानक एक गड्ढे में जोर का झटका लगा और उसका हाथ स्लिप होकर मेरा खड़े लंड से आ टकराया।
मेरे मुँह से आअह्ह्ह निकल गई और हिना भी थोड़ा मचल उठी लेकिन हम दोनों में से कोई कुछ नहीं बोला।
सब यों चल रहा था मानो कुछ हुआ ही नहीं!
खैर अब असली मुद्दे पर आते हैं जिस दिन मैंने समीर की बीवी हिना की जम कर चुदाई की।
बात शनिवार की है, फ़ैक्ट्री में 5:30 पर छुट्टी हो गई थी, मैंने समीर से शादी की पार्टी मांगी, कहा- कल छुट्टी है तो यार दारू पिला आज!
समीर दारू के मामले में लालची था, बोला- मेरे पास तो पैसे नहीं है, अगले हफ्ते दे दूंगा।
मैंने उसे हजार रुपए दिए और कहा- पार्टी तो आज ही लेनी है, तू बाइक ले जा और सामान ले आ, चाहे तो भाभी को भी साथ ले जा, पर चिकन भी ले आना!
समीर ने मेरे से चाबी ली, भाभी को लेकर नीचे गया, और अभी बैठा ही था कि बोला- रुको, मेरा मोबाईल ऊपर रह गया।
भाभी को मैंने ऑफिस में बिठाया और समीर मोबाइल लेने ऊपर चला गया।
थोड़ी देर में समीर आया, तो भाभी उठी, मैं उनके पीछे था, जैसे ही दरवाजे के पास पहुंची, मैंने प्यार से उनकी गांड पर हाथ टच किया, और बाहर निकला।
हिना बाइक पर बैठी तो मुझे देख कर उसने स्माइल दी।
वो दोनों चले गये, और 6:30 तक वापिस आये सारे सामान के साथ!
मैंने ऑफिस बंद किया और फ़ैक्टरी का मेन गेट अन्दर से बंद किया।
मैं रूम में गया, और जाते समय पूछा- किस टाइम आऊँ?
भाभी– आप नहा धोकर आ जाओ रोहित जी!
समीर– हा, तब तक मछली बन जाएगी।
नहा कर मैंने शोर्टी पहनी, बिना अंडरवियर और संडो टॉप और उनका दरवाजा बजाया, भाभी ने खोला दरवाजाम बोली- आओ जी!
मैं- समीर कहाँ है?
भाभी- नहा रहे हैं।
भाभी किचन में गई और फिश प्लेट में डाली, और आवाज लगाई- भाई साहब जरा इधर आना, चाट मसाला उतार कार दो, उन्होंने ऊपर रखा है।
मैं- मैं उतार दूँ या आपको उठाऊँ और आप उतार लेंगी?
भाभी- अभी तो आप ही उतार दो, फिर कभी उठा लेना!
मैंने मसाला उतार कर दिया और रूम मैं आकर नीचे बैठ गया, छोटा सा टेबल लगा था। मेरे सामने समीर बैठ गया और साइड में भाभी!
समीर ने ड्रिंक बनाई, साला लालची मेरे लिए स्माल और अपने लिए लार्ज बनाता गया। हमने 2-2 पेग पिए थे कि भाभी डिनर रेडी कर रही थी किचन में!
बर्फ ख़त्म हुई तो समीर भाभी को बोला- फ्रिजर में से बर्फ दे!
बर्फ़ का डिब्बा बड़ा था तो उससे टूटी नहीं।
समीर उठने लगा तो लड़खड़ाया तो मैंने कहा- रुक, मैं तोड़ कर लाता हूँ।
मैंने भाभी से डिब्बा लिया तो एक हाथ पकड़ा, उसने हल्के से स्माइल दी, और तब मैं सिंक के पास बर्फ तोड़ चुका था।
भाभी बोली- अब मुझे दे दो, मैं छोटे पीस करके लाती हूँ।
मैंने ओके कहा और जैसे ही मुड़ा फिर से उसकी गांड दबा दी।
उसके मुँह से हल्की सी आआआ हाहाहाह्ह निकली, पर वो समीर से कुछ नहीं बोली और मेरी हिम्मत बढ़ गई।
खाना बना कर भाभी हमारे पास आकर बैठ गई।
फ़ैक्टरी एरिया में 8 से 10 लाइट का कट होता है। जैसे ही लाइट गई, भाभी का हाथ मेरे टांग पर आया और प्यार से उसने दबाया।
पहले तो मुझे लगा शायद मैं सपना देख रहा हूँ पर जब मैंने मोबाईल की टोर्च ओन की तो भाभी स्माइल कर रही थी, एकदम आराम से बैठी हुई थी।
मैं मोमबत्ती लेने किचन में गया, केंडल तो मिल गई पर माचिस नहीं थी।
तब भाभी ने कहा- भाई साहेब रुको, मैं देती हूँ माचिस!
समीर बैठा रहा और भाभी मेरे पास से गुजरी और मेरे लंड पर थोड़ा हाथ टच हुआ भाभी का, लंड में हरकत आया और थोड़ा हिल गया।
भाभी ने माचिस जलाई और कहा- लगता है उनसे बड़ा है?
मैं- वह तो देखकर पता लगेगा, अगर तुम चाहो तो आज ही देख सकती हो!
भाभी- आप उनको संभालो पहले!
मैंने मोमबत्ती उठाई और भाभी की एक चुची को प्यार से दबाया और बाहर आ गया।
हमारी बोतल ख़त्म होने वाली थी, मैंने तो 2 पेग पिए थे, बाकी समीर गटक गया था। उसने लास्ट के 2 पेग बनाये और भाभी को कहा- खाना ले आ अब!
दोनों ने लास्ट पेग लगाया और मैंने दारू चढ़ने की एक्टिंग चालू की- यार बहुत चढ़ गई है, अब तो रूम तक भी जाना मुश्किल है।
समीर- खाना तो खा ले अब!
मैं- हां हाँ, हमारी भाभी के हाथ का खाना तो खाना ही है।
हम तीनों ने साथ में बैठ कर खाना खाया।
खाना खाते ही समीर वाशरूम चला गया।
रात के 9:30 हुए थे, समीर उठ नहीं पा रहा था तो मैंने उसे उठाया और उसके बेड पर उसको छोड़ा, भाभी मुझे छोड़ने दूर तक आई, तो मैंने जोर की आवाज लगाई- भाभी मोमबत्ती ले आओ, बाहर अँधेरा है, मेरे को नीचे तक छोड़ आओ और फिर दरवाजा बंद कर लेना!
समीर ने अपनी बीवी को कहा- जाओ भाई साहब को नीचे छोड़ आओ!
हम रूम के बाहर निकले तो मैंने भाभी को पकड़ कर किस कर दिया, भाभी ने किस का फुल रिस्पोंस दिया।
फिर हम नीचे उतरे, मैंने मेरे रूम का लॉक खोला।
भाभी- भाई साब, आप सो जाओ मैं चलती हूँ।
मैं- भाभी मेरा चेक तो कर जाओ?
भाभी- अगर वो आ गये तो?
मैं- वो अब नहीं उठेगा सुबह तक!
भाभी- थोड़ा टाइम रुक जाओ, अगर हिले भी नहीं वो मेरी लेने को, तो मैं नीचे आ जाऊँगी।
मैं- अच्छा ठीक है, पर एक बार अपनी चूत के दर्शन तो करा दो?
भाभी आनाकानी करने लगी, तो मैंने अपना लंड बाहर निकला जो पूरा खड़ा था, और भाभी के हाथ में दे दिया। उसे पता नहीं क्या हुआ कि वो एकदम बैठी और मुंह में लेकर 10-12 बार चूसा और बोली- दरवाजा खुला रखूंगी, 11 बजे आ जाना आप ऊपर ही! मेरे को यह चाहिए।
यह सुनकर मैं खुश हो गया और लैपटोप पर सुलतान मूवी देखने लगा ताकि नींद ना आ जाये।
11 बजे मैं सीधा समीर के रूम पर गया, दरवाजा खुला था, सीधा बेडरूम में गया तो देखा समीर नंगा लेटा है, और भाभी भी नंगी सिर्फ ब्रा पेंटी में!
उसने मुझे देखा तो बाहर आ गई।
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मैंने आते ही पूछा- हो गई चुदाई?
भाभी- नहीं, आज तो आपका लेना है।
मैं- तो उसे क्यों नंगा किया?
भाभी- ताकि उसे लगे उसने रात को मेरी ली।
मैं- अच्छा!
हम जिस रूम में थे वहाँ लाइट ओन थी, बोली- लाइट ऑफ कर दो!
मैंने कहा- आज नहीं, मेरी सुहागरात तो आज है!
और मैं भाभी पर टूट पड़ा, मस्त पिंक निप्पल चूसने लगा, उसकी पेंटी उतारी तो एकदम सफ़ेद चूत, मैंने चाटना शुरू किया, वो तड़पने लगी, बोली- अब डाल भी दो!
मैं- इतनी जल्दी क्या है!
भाभी- मैं झड़ने वाली हूँ।
और भाभी झड़ गई।
मैं फिर से उसके ऊपर आ गया और किस करने लगा, उसने अपनी टांगें खोल दी और मेरा लंड पकड़ कर अन्दर डालना चाहती थी पर मैं पीछे हटा, और उसे चूसने को कहा।
बोली- पहले डालो, फिर चूसूँगी।
मैंने ज्यादा न तड़पाते हुए भाभी की कोमल चूत पर अपना मोटा सा लंड सेट किया और जोर लगाया। चूत बहुत ही टाइट थी, सिर्फ टोपा अन्दर गया, और वो चिल्लाने लगी।
मैंने उसके लिप्स पर अपने लिप्स रखे और पूछा- डाल दूँ?
भाभी बोली- हाँ डाल दो और फाड़ दो!
मैंने जोर का धक्का मारा और लंड चूत को छेदता हुआ अन्दर चला गया।
भाभी रोने लगी, मैं रुक गया, दस सेकेंड के बाद चुदाई चालू की, उसे मजा आ रहा था, भाभी उछलने लगी, कहने लगी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… आआआआ हाहाहा मजाज आआ रहा है, चोदो चोदो चोदो भाई साहब आज मैं आपकी हूँ, आज आया मजा!
मैंने भाभी को कहा- मुझे अभी नहीं आ रहा!
तो भाभी ने कहा- फिर कैसे आएगा?
‘साली तेरी गांड मारनी है!’
भाभी बोली- आज नहीं, फिर किसी दिन मार लेना, आज मेरी चूत को ठंडा करो!
फिर मैंने उसे घोड़ी बनाकर खूब चोदा, भाभी दो बार झड़ गई थी. तो मैं थोड़े टाइम बाद भाभी की चूत में ही झड़ गया।
मैं लेट गया वहीं और भाभी ने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया। लंड फिर से खड़ा हो गया, बोली- अब आप जाइए, एक बज गया है।
मैंने फिर जाने से पहले रूम के बाहर खड़े होकर उसकी एक बार और चूत मारी, उसके बाद अपने रूम में जाकर सो गया।
सुबह 11 बजे मेरी नींद खुली, मैं बाहर आया तो समीर मेरा इन्तजार कर रहा था- भाई बाइक की चाबी दे, कुछ सामान लेना है, 2 घंटे तक आ जाऊँगा।
समीर के जाते ही मैं ऊपर गया तो भाभी को पूछा- मजा आया रात को?
बोली- बहुत मजा आया!
मैं उन्हें फिर से किस करने लगा और स्कर्ट ऊपर करके फिर से एक बार चोद डाला, नीचे आ कर नहा धोकर खाना खाकर सो गया।
अभी उनको आये 3 हफ्ते हो गये हैं, और भाभी लगभग 7-8 बार चुदाई करवा चुकी थी। मैं तो जैसे उसका दूसरा पति हुँ यहाँ पर!
दिन को शर्माती है और रात को चूत मरवाती है।
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NOTE : मुझे भाभी या किसी का भी नंबर या कांटेक्ट न मांगे।
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