दोस्त की भाभी संग मेरी रंगरेलियां

(Desi Bhabi Xxx Kahani)

देसी भाबी Xxx कहानी मेरे दोस्त की भाभी की है। मैंने उनको एक बार अधनंगी देख लिया पर उसने डांटकर भगा दिया। फिर मैंने उसे चूत चुदवाने को कैसे राजी किया?

नमस्कार दोस्तो, मैं आशा करता हूँ कि आप और आपका परिवार कुशल मंगल होगा और आप सभी अपनी सेहत का भी ध्यान रख रहे होंगे।

मेरा नाम प्रकाश सिंह है और मैं छत्तीसगढ़ से हूँ।

आज मैं अपनी एक नयी कहानी के साथ फिर से हाजिर हूँ। आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद कि आप लोगों ने मेरी पिछली कहानियों को सराहा है।

तो चलिए देसी भाबी Xxx कहानी की शुरुआत करते हैं।

दरअसल ये कहानी मेरे स्कूल के दिनों की है जब मैं बारहवीं की कक्षा में था। ये कहानी मेरे सबसे प्रिय मित्र की भाभी और मेरी है।

उनका नाम ममता है जो कि 27-28 साल की 34-28-36 की फिगर वाली मनमोहक महिला है।
भाभी को देख कर कोई यह नहीं कह सकता कि ये दो बच्चों की माँ है।

कहानी की शुरुआत मेरी और रजत (मेरे दोस्त) की दोस्ती से होती है।

रजत हमारे स्कूल में 9वीं से आया था लेकिन उस समय हमारा एक दूसरे से परिचय नहीं था।
हमारा परिचय 11वीं कक्षा में आकर हुआ।

फिर हमारी दोस्ती हुई और कुछ ही महीनों में हमारी दोस्ती में प्रगाढ़ता आ गयी जिसका एक कारण हम दोनों का साथ साथ बैठना और वाद विवाद पत्रियोगिता में भाग लेना भी था।
इसका जिक्र मैंने अपनी पिछली कहानी
स्कूल की चाहत की कॉलेज में आकर चुदाई
में किया है।

हमारी दोस्ती इतनी गहरी थी कि हम दोनों का एक दूसरे के घर आना जाना लगा रहता था।
इसी आने जाने के क्रम में मेरा परिचय ममता भाभी से हुआ था।
भाभी ने लव मैरिज की थी और वो भी एक गांव में रहते हुए।

चलिये अब मुद्दे की बात पर आते हैं।

जब मैं दोस्त के घर जाता तो कभी कभी वो अपने बच्चे को दूध पिलाती हुई दिख जाती थी तो कभी कभी झाड़ू लगाते हुए।
मैं चोर निगाहों से उनके वक्षों की ओर झांक लेता था; मुझे थोड़ा सुकून मिल जाता था।

कभी कभी उन्हें भी इस बात का अंदेशा हो जाता था कि मैं उन्हें देखने की कोशिश कर रहा हूँ लेकिन वो कुछ नहीं बोलती थी।
शायद इसका कारण उनका घर में बहु का रूप था।

ऐसे ही दिन बीत रहे थे।

अब मैं जानबूझकर उनके घर जाया करता था।

मैंने अपने दोस्त के मोबाइल से उनका नंबर चुरा लिया क्योंकि उन्होंने मेरे दिल मे जगह बना ली थी।
मुझे अब उन्हें किसी भी स्थिति में चोदना था।

मैंने उन्हें हाय का मैसेज भेजा।
उनका कोई रिप्लाई नहीं आया।

फिर मैंने दूसरे दिन भी मैसेज किया तब भी उनका कोई रिप्लाई नहीं आया।

उन्होंने इस बात की चर्चा अपने पति से कर दी जिसके कारण उन्होंने मुझे पूछताछ के लिए कॉल लगाया।

उनको मैंने बताया- मैं प्रकाश बोल रहा हूँ और मैंने मैसेज इसलिए किया था क्योंकि रजत का कॉल नहीं मिल रहा था। मुझे पूछना था कि वो कहाँ है। मुझे लगा कि आप अपने काम पर चले गए होंगे। घर पर भाभी ही होंगे और उनसे कभी बात नहीं हुई है तो मैंने मेसेज करना उचित समझा।

ऐसा बोलकर मैंने बात को संभाला।
फ़ोन से आवाज आई जिसमें भैया भाभी से बोल रहे थे कि ये प्रकाश है।

अब मैंने फिर एक दिन मैसेज किया- भाभी, क्या कर रही हो?
इस बार भी उनका कोई रिप्लाई नहीं आया।

कुछ दिन बाद जब मैं उनके घर गया तो भाभी अपने कमरे में कपड़े बदल रहीं थी और मेरा दोस्त कहीं बाहर गया था।
घर के सभी लोग बाहर गए हुए थे।

शायद वो दरवाजा बंद करना भूल गयी थी और मैं बिना दरवाजा खटखटाये प्रवेश कर गया।

जैसे ही मैंने प्रवेश किया अंदर का नजारा देख कर मेरी आँखें फटी की फटी रह गयीं।
भाभी तौलिया लिए अपनी बालों को सुखा रही थी।
उस वक्त उन्होंने केवल ब्रा और पैंटी ही पहनी हुई थी।

मैं तुरंत बाहर निकल आया और बाहर आकर बैठ गया।

मेरे मन में तो वासना भरी थी तो मैंने खिड़की से उनकी पिक्चर खींच ली।

अब भाभी थोड़ी देर में बाहर आयीं और मुझे डांटकर कहा- दरवाजा नहीं खटखटा सकते थे? कभी सीखा नहीं कि किसी के कमरे में आने से पहले उनसे अनुमति ली जाती है?

उन्होंने कहा- किसे कह रही हूँ मैं भी … जिसकी तो हरकतें ही ऐसी हैं … मुझे सब पता है कि ये सब जो तुम चोरी चोरी देखते हो जान बूझकर मैसेज करते हो। मुझे लगा कि तुम सुधर जाओगे इसलिए मैंने तुम्हारी शिकायत नहीं की लेकिन तुम तो …

भाभी के मुख से निकल रही वाणी मुझे चुभ रही थी।
मैं वहाँ से तुरंत निकल आया।

सबसे पहले उनका नंबर डिलीट किया और 1 महीने तक उनके घर नहीं गया।

फिर एक दिन भाभी का मैसेज आया- सॉरी मैंने आपको कुछ ज्यादा ही डांट दिया।
इस पर मैंने उन्हें कोई रिप्लाई नहीं दिया।

फिर कुछ देर बाद फिर से सॉरी का मैसेज आया लेकिन इस बार भी मैंने रिप्लाई नहीं दिया।

उसके बाद भाभी ने मैसेज में कहा- नाराज हो गए हो?
मैंने मैसेज किया- माफ कीजिये आप कौन हैं? आपका नंबर मेरे कांटेक्ट में सेव नहीं है।

इस पर उन्होंने लिखा- नाराज हो आप? मैं ममता, रजत की भाभी।
मैंने रिप्लाई किया- नहीं भाभी, मैं क्यों नाराज होऊँगा आपसे?

उन्होंने पूछा- तो आजकल घर क्यों नहीं आ रहे हो?
मैंने कहा- कुछ काम से मैं बाहर हूँ।
भाभी इतनी समझदार तो थी कि वो समझ गयी कि कारण वही है जिसके कारण वो नहीं आ रहे हैं।

अब प्रतिदिन भाभी के गुड मॉर्निंग … गुड आफ्टरनून … इस प्रकार के मैसेज आने लगे जिनका मैं कभी कभी रिप्लाई करता कभी नहीं करता था।

एक दिन मुझे कुछ काम से उनके घर जाना पड़ा।
उस वक्त घर पर रजत और भाभी ही थे।

चूंकि मुझे रजत से ही काम था तो मैं रजत के पास जाकर बैठ गया।

थोड़ी देर बाद रजत के भैया का कॉल आया। उन्होंने रजत को अपनी कुछ फ़ाइल अपने ऑफिस लाने को कहा।

मैंने रजत से कहा- चल मेरी बाइक से चलते हैं।
उसने कहा- मैं थोड़ी देर में आ जाऊंगा। तू ये काम कर ले।

चूंकि रजत को बाइक चलाना नहीं आता था तो वह अपनी साईकल लेकर निकल गया।

अब भाभी मेरे पास आयी और मुझसे बात करने की कोशिश करने लगी।
मैं उनकी तरफ ध्यान ही नहीं दे रहा था।

इस पर उन्होंने अपने दोनों कान पकड़ कर मुझसे सॉरी कहा और बोली- उस दिन मैं कुछ ज्यादा ही बोल गयी थी।
मैंने इस बात पर कहा- भाभी मैं आपको भाभी मानता हूँ और मुझे भी पता है भाभी माँ होती है। ये सब मैं आपके बारे में नहीं सोचता जो आपने मुझसे कहा था।

इस पर उन्होंने सॉरी कहा और मैंने भी कहा कि कोई बात नहीं।

अब मेरा काम ख़त्म हो गया था तो हम दोनों मिलकर बातें करने लगे।

कुछ देर बाद रजत वापस आ गया मैंने उनसे इजाजत ली और अपने घर आ गया।

अब हम दोनों की बात होने की शुरुआत हो गयी और ये सिलसिला बन गया। अब हमारी बातें रात रात तक होने लगीं।

एक दिन उनके पेट में दर्द होने लगा। चूंकि घर पर भैया और पापा नहीं थे तो भैया ने मुझे कॉल करके कहा कि मैं उनको डॉक्टर के पास ले जाऊं।

हम डॉक्टर के पास गए।
डॉक्टर भाभी को अंदर ले गयी।

फिर डॉक्टर ने कुछ दवाई लिख दी और भाभी के सामने ही मुझसे कहने लगीं- आप दोनों कुछ दिन सहवास से दूर रहें।

मैं भौंचक्का रह गया और भाभी भी शर्मा गई।

फिर हम दोनों ही बाहर आकर हंसने लगे।
भाभी ने मुझे सारा माजरा समझाया कि कैसे भाभी ने डॉक्टर को मुझे अपना पति बोल दिया था।
अब मुझे उनको रुटीन चेकअप के लिए भी लेकर आना होता था।

जब मैं उनको लेकर आता तो भाभी बाइक पर मुझसे चिपक कर बैठ जातीं और बहाने से मेरे लंड को भी छू लेती थी।
वो अपने बूब्स को मेरी पीठ पर सटा देती थी।
मेरा लंड फटने को हुआ रहता था।

अब हम दोनों एक दूसरे से पूरी तरह घुल मिल गए थे और ये रूटीन लगातार चलने लगा। अब हम दोनों के बीच सेक्स की बातें भी होने लगीं।

कभी कभी तो वो भैया से चुदते समय भी मुझे वीडियो कॉलिंग करके छोड़ देती थी और मैं भैया भाभी की लाइव चुदाई देखता था।
हम दोनों के बीच कुछ भी नहीं छुपा रह गया था।

वो भी मुझसे चुदने को आतुर थी और मैं भी उन्हें चोदने के लिए।
तो एक दिन उन्होंने प्लान बनाया कि उनकी तबियत कुछ ज्यादा ही खराब है।

उनके घरवालों ने तय किया कि मैं उन्हें अपनी कार में रायपुर ले जाऊँ। अब मैं चाहता तो नहीं था कि कोई आये लेकिन मैंने सबको चलने को बोला तो सबने कुछ न कुछ कारण बताया और कहा कि तुम ही दोनों चले जाओ।

हम दोनों मान गए।
और हम रायपुर के लिए निकले। भाभी पीछे और मैं ड्राइवर सीट पर बैठ गया।

जैसे ही हमने अपनी सिटी पार की, भाभी ने गाड़ी रोकने को कहा।
मैंने गाड़ी रोकी तो भाभी पीछे से निकलकर सामने वाली सीट पर आ गयी और चलने को कहा।

फिर हम बात करते करते चलने लगे।

उन्होंने मेरे लेफ्ट वाले हाथ को पकड़ा और अपने पीछे से लेकर कंधों पर रख कर उंगलियों में उंगलियां फँसा लीं।

कुछ दूर चलने के बाद उन्होंने मुझे साइड देखकर रोकने को कहा जहाँ सुनसान हो।
रायपुर के रास्ते में बहुत सारे जंगल मिलते हैं।
मैंने सुनसान देख कर गाड़ी को पार्क कर दिया।

फिर क्या था, जैसे ही मैंने गाड़ी लगायी वो भूखी शेरनी के जैसे मेरे ऊपर चढ़ गई और मेरे होंठों से अपने होंठ मिला दिए और चूसने लगी।
मैंने सीट को पीछे गिरा दिया और मैं भी उसका साथ देने लगा।

भाभी के बूब्स को मैं जोर जोर से कसकर भींचने लगा। उनका दूध निकल कर ब्रा में आने लगा।

चूंकि सामने वाली सीट पर दोनों को दिक्कत हो रही थी इसलिए हम दोनों पीछे वाली सीट पर चले गए और एक दूसरे के कपड़े उतारने लगे।

हम एक दूसरे को ऐसे चूमने लगे जैसे बहुत दिन से प्यासे हों। हम दोनों ने एक दूसरे के सभी अंगों को चाटा।

अब मैं उनके दूध पी रहा था। क्या टेस्टी दूध था उनका!

मैंने उन्हें लंड चूसने कोम कहा तो वो मेरे लंड को चूसने लगी लेकिन उनके चूसने से ऐसे लग रहा था जैसे पहली बार वो लंड चूस रही हो।
तो मैंने पूछ ही लिया- कभी लंड नहीं चूसा है क्या भाभी?

भाभी बोली- नहीं, मैं लंड नहीं चूसती लेकिन तुम्हारे कहने पर चूस रही हूं।
मैंने अपने मोबाइल में मिया खलीफा की ब्लू फिल्म दिखाई और बताया कि वो कैसे चूसती है।

वो मेरे लंड को पकड़े हुए बड़े गौर से मोबाइल में देख रही थी।
उसके बाद उसने वैसे ही मेरे लंड को चूसा। बीच बीच में थूक डालकर चिकना किया।

बीच बीच में मुझे लिप किस भी कर रही थी। कभी हाथ से हिला हिलाकर चूस रही थी।

अब मैंने भी उनकी चूत चाटी और बीच बीच में उसमें उंगली घुसा देता था।
हथियार तैयार था मेरा … उनकी चूत भी तैयार ही थी।

मैंने लण्ड को चूत को छेद पर रख और दे मारा एक धक्का।
वो कराह उठी।

मैंने दर्द का कारण पूछा तो भाभी कहने लगी कि उन्होंने बहुत दिन से सेक्स नहीं किया है।
अब धीरे धीरे मैंने लण्ड अंदर डाला।
कुछ देर बाद हम दोनों चुदाई में मग्न हो गए।

उसके बाद मैंने उन्हें घोड़ी बनने को कहा और अपने लण्ड पर थूक डाल कर उनकी गांड में सेट किया लेकिन उससे पहले उनकी गांड पर भी थूक लगा दिया।
मैंने लण्ड से धक्का मारा।
उनकी चीख निकल गयी।

तभी उन्होंने बताया कि उनकी गांड में पहला लंड मेरा ही गया है।
फिर धीरे धीरे मैं भाभी की गांड चुदाई करने लगा।

कुछ समय बाद वो खुद ही अपनी गांड पीछे करने लगी जिससे और मजा आने लगा।
बीच बीच में मैं उनकी गांड में तमाचा मार देता था।

अब वो मेरे ऊपर आ गयी और लण्ड को चूत की दीवार पर सेट किया और उछलने लगी।
लेकिन उछलने से उनका सिर गाड़ी की छत पर लग रहा था इसलिए हमने निर्णय किया कि बाहर जाएंगे।

हम कपड़े ठीक करके बाहर निकल गए और गाड़ी को लॉक कर दिया।
फिर उन्होंने अपने बूब्स को दबा दबाकर दूध निकाल कर मेरे लण्ड को धोया और उसे चूसने लगी।

हमने मोबाइल से हर पोज़ को देखा और सभी पोज ट्राई किये।

इस तरह से हमने पूरे जंगल में घूम-घूमकर चुदाई की।
ऐसे करते करते शाम हो गयी।

घर से भी कॉल आने लगा कि कब तक आने वाले हो और डॉक्टर ने क्या कहा आदि आदि।

चूंकि दोनों काफी थक गए थे तो दोनों ने निर्णय लिया कि कहीं रुककर कल जाने की बात कहेंगे।
हमने ऐसा ही किया और हम पास के शहर में चले गये।

वहां एक कमरा बुक किया और रात भर वहां रुके। वहाँ हमने सुहागरात मनाई, हमने रात भर चुदाई की। सुबह तक चुदाई चलती रही।

फिर सुबह हम बहुत ज्यादा थक गए और सो गए।
दोपहर का एक बज गया और घर वालों के कॉल आने लगे।

फिर हमने उठकर बहाना किया कि पूरा इलाज होने में टाइम लग गया।

उसके बाद हम दोनों वहां से तैयार होकर घर आ गए।

उस दिन के बाद से भाभी और मेरे बीच हस्बैंड वाइफ का रिश्ता बना।
न जाने कितनी बार भाभी ने मुझसे चूत मरवायी।

अब भी जब कभी उनका मन करता है या हमें खुला मौका मिलता है तो हम चुदाई कर लेते हैं।
उनका दूसरा बच्चा मेरे से ही हुआ है।

मैं ये देसी भाबी के घर जाकर ही उनकी चुदाई कर देता हूं। वो मेरी खरीदी हुई ब्रा और पैंटी को पहनकर फोटो मुझे भेजती रहती है।
इस तरह से हम दोनों जमकर चुदाई के मजे लेते हैं।

आशा करता हूँ आपको ये देसी भाबी Xxx कहानी बहुत पसंद आई होगी। उम्मीद है मेरी पिछली कहानियों की भांति आप इसे भी उतना ही प्यार देंगे।
आप मुझे कमेंट करके बताएं कि कैसी लगी आपको भाभी की चुदाई की यह कहानी।
तब तक के लिए विदा दोस्तो!
मेरा ईमेल आईडी है [email protected]

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