चुदक्कड़ भाभी की चूत चोदी

(Desi Bhabi Chudai Kahani)

आलम अलवर 2024-10-11 Comments

देसी भाबी चुदाई कहानी मेरे सौतेले भाई की चालू बीवी की चूत चुदाई की है. वह मस्त माल है और चुदाई की शौकीन हैं. एक रात मैंने भाभी को पड़ोस के दो मर्दों से एक साथ चुदती देखा.

मैं आलम अलवर से!
मेरे परिवार में अब्बू को छोड़ कर सब हैं.
मेरी अम्मी 48 साल की हैं उनका नाम राहत बानू है.

बड़ी बहन अमीरा 30 साल की है.
बड़े भाई लतीफ मियां सौतेले भाई हैं और वे 38 साल के हैं.
एक बहन 27 साल की हैं, उनका नाम महजबीं है … और मैं सबसे छोटा हूँ. मेरी उम्र 21 साल की है.

हमारे मजहब में कम उम्र में शादी हो जाती है.

अब मैं आप सबके लिए नई सेक्स कहानी लेकर हाजिर हूँ.
यह देसी भाबी चुदाई कहानी एकदम सच्ची है, बस नाम और जगह को बदल कर लिख रहा हूँ.
कहानी से पहले मैं अपने परिवार का परिचय आप सबको दे दूं.

मेरा पूरा परिवार एक नंबर का चुदक्कड़ है.
अम्मी की उम्र 48 साल जरूर है, पर वे दिखने में अभी केवल 32-33 साल की ही लगती हैं.

उनकी बड़ी बड़ी चूचियां एकदम सामने को उठी हुई हैं और मस्त उभरी हुई गांड है.
अम्मी की चूचियों और गांड को देख कर किसी बुड्ढे का भी लंड रॉकेट बन जाएगा.
मेरी अम्मी फिल्म एक्ट्रेस राखी गुलजार के जैसी दिखती हैं.

मेरी दोनों बहनें भी किसी हीरोइन से कम नहीं हैं.
उन दोनों का रंग दूध सा गोरा और गुलाबी होंठ हैं. उन दोनों की चूचियां एकदम मस्त रसभरी हैं और उन चूचियों की वजह से ही मेरे पूरे मोहल्ले के लड़कों के लंड खड़े रहते हैं.

अम्मी और दोनों बहनें भयंकर वाली चुड़क्कड़ हैं.
मैंने खुद अपनी आंखों से कई बार अम्मी और बहनों को गैर मर्दों से चुदते हुए देखा है.

मेरा सौतेला भाई लतीफ दिखने में गोरा है वह पतले बदन का है.
वह लड़की जैसा दिखता है.

मेरी बहन अमीरा और भाई लतीफ की शादी हो चुकी है
जबकि मैं और महजबी अभी कुंवारे हैं.

मेरी भाभी का नाम जन्नत है. जैसा नाम, वैसा ही तन … एक बार कोई उनको पेल दे तो समझो उसको जन्नत की हूर चोदने मिल गई.

भाभी भी शादी से पहले बहुत खेली खाई थीं.
मेरे भाई के एक लड़का और दो लड़की हैं.

उनकी लड़की का नाम नाजरीन है और वह 19 साल की है.
ये सब औलादें मेरे भाई की नहीं हैं. वे तीनों भाभी के आशिक़ों की औलादें हैं.

लतीफ़ भाई हमसे अलग रहते हैं. वे एक गाड़ी के ड्राइवर हैं, उनको महीने में दस दिन घर से बाहर रहना पड़ता है.
जब भाई घर पर नहीं होते हैं तो अम्मी मुझे भाभी के पास रहने को भेज देती थीं.

मैं भी खुशी से भाभी के यहां चला जाता था.
भाभी मुझे खाना खिला कर सुला देती थीं, फिर रात भर मोहल्ले के लड़कों से पैसे लेकर चुदवाती थीं.

मैं भी चुपके चुपके उनकी चुदाई देखता रहता था.

एक दिन भाई ट्रक लेकर कश्मीर जाने वाले थे.
अम्मी ने मुझे भाभी के घर भेज दिया.

भाई- जन्नत, मैं 15 दिन के टूर पर जा रहा हूँ.
जन्नत- ठीक है आप जाओ, मैं आलम को अपने पास बुला लूँगी.

भाई ने भाभी को लिप किस किया और बाहर खड़ा अपना ट्रक लेकर निकल गए.

शाम को भाभी ने मीट बनाया और हम सबको थोड़ा थोड़ा मीट खिलाया. बाकी का मीट उन्होंने रख दिया.

मैं- भाभी, आपने खाना खाया नहीं और इतना मीट किसके लिए रख दिया है?
जन्नत भाभी- देवर जी, आप सो जाओ मैं बाद में खा लूँगी, अभी भूख नहीं है.

यह सुनकर हम सब, मतलब मेरा भतीजा और मेरी दोनों भतीजियां एक कमरे में सो गए.
भाभी दूसरे कमरे में सोने चली गईं.

आधी रात को मैं पेशाब करने के लिए उठा.
बाथरूम भाभी के कमरे के पास था.
मैं उधर जाने लगा तो मुझे किसी के सिसकने की आवाजें आई.
तो मैं समझ गया कि भाभी को कोई पेल रहा है.

मैं चुपके से खिड़की के पास आ गया.
अन्दर की लाइट चालू थी और खिड़की से सब साफ दिख रहा था.

अन्दर दो अधेड़ उम्र के बंदे जन्नत भाभी को पेल रहे थे.
वे दोनों 50 और 55 की उम्र के थे और बड़ी तबीयत से भाभी जान को रगड़ रहे थे.

जन्नत भाभी भी मजे से टांगें उठा कर चुदवा रही थीं.

मैं उन दोनों को जानता था.
एक का नाम चरण दास था दूसरे का नाम चमन लाल था.

हम सब प्यार से उनको चमन काका और चरण काका कहते हैं.

चमन काका का लंड भाभी की चूत में घुसा हुआ था और चरण काका भाभी के मुँह को चोद रहे थे.
भाभी भी नीचे से कमर उचका उचका कर लंड ले रही थीं.

अब चरण काका लेट गए और भाभी उनके ऊपर चढ़ गईं.
वे काका का लंड अपनी चूत में लेकर उछलने लगीं और अपने दूध उछाल उछाल कर लंड का मजा लेने लगीं.

उसी वक्त चमन काका पीछे आ गए और भाभी की गांड में लंड पेलने लगे.

उनका लंड जैसे ही भाभी की गांड में घुसा, वे चीखने लगीं- आईय्य्य्या ओइय्य्य्यो अम्मी रे मार दिया रे … अहह क्या चोदते हो मियां आप लोग … अपनी इस जन्नत रांड को … हाईईया मेरे राजा और जोर से चोदो अपनी गुलाम रंडी को … आहहह बड़ा मजा आ रहा है!

कुछ देर ताबड़तोड़ चुदाई के बाद सब सो गए.
मुझे भी वहीं खिड़की के पास की दीवार से टिके हुए ही नींद आ गई.

कुछ देर बाद भाभी उठ कर बाथरूम जा रही थीं.
उन्होंने मुझे खिड़की के पास सोते हुए देख लिया.

फिर वे जल्दी से अन्दर गईं और उन्होंने चमन काका, चरण काका को बताया- मेरे देवर ने उनकी चुदाई देख ली है. तुम लोग इधर से फूट लो.

वे दोनों अधेड़ जल्दी जल्दी अपने कपड़े पहन कर उधर से निकल गए.
फिर भाभी ने बाहर आ कर मुझे हिलाते हुए जगाया.

भाभी- आलम यहां क्यों सो रहे थे? तुमने कमरे में क्या देखा?
मैं बिंदास बोल पड़ा- भाभी चरण काका और चमन काका आपकी चूत मार रहे थे, मैंने सब देख लिया है.

भाभी- अपने भाई या किसी को बताना मत, हमारी बदनामी हो जाएगी!
मैं- भाभी, मैं भाई जान को सब बता दूंगा कि आप रण्डी हो.

भाभी- हा हा हा हा … बता देना तेरे गांडू भाई को, उसका लंड तो उठता ही नहीं है वह खुद चमन काका और चरण काका से अपनी गांड मरवाता है. उसने ही तो मुझे चरण काका और चमन काका से पहली बार चुदवाया था. उसी के सामने मैं कई मर्दों के लंड ले चुकी हूँ. तुझे भी यदि चोदना है, तो मुझे चोद ले … पर धमकी मत दे, मैं किसी से नहीं डरती और तेरी अम्मी और तेरी दोनों बहनें भी बहुत बड़ी रंडियां हैं.

मैं- हां मुझे पता है, मैंने मोहल्ले के कई लड़कों को अपने घर से रात को निकलते देखा है.

भाभी- चल आ जा, अब ये सब बातें छोड़. आज तू भी जन्नत के नजारे देख ले … और मजे कर जन्नत के!

फिर भाभी जान मुझे लिप किस करने लगीं और उन्होंने चूमते हुए ही मेरा पजामा उतार दिया.

भाभी- आय हाय आलम, तेरा लंड तो बहुत बड़ा है! आज तक किसी को चोदा नहीं क्या?
मैं झूठ बोलते हुए कहने लगा- नहीं भाभी, आज मेरा पहली बार है.
भाभी- चिंता मत करो देवर जी, अब मैं तुझे रोज जन्नत की सैर करवाऊंगी.

इसके बाद भाभी ने मेरी कमीज़ भी उतार दी.
साथ ही उन्होंने अपनी नाइटी भी उतार दी.

अब हम दोनों नंगे हो गए थे.
मैं उनके दूध चूसने लगा.

वे मेरे हाथ को अपनी चूत पर ले गईं और बोलीं- चूत का मजा ले ले पहले!

मैंने भाभी की चूत को देखा तो उनकी चूत एकदम मस्त लग रही थी.
गुलाबी रंग की चूत और उस पर हल्के हल्के बाल … ऐसा लग रहा था जैसे चांद के ऊपर हल्के हल्के बादल छाए हुए हों.

फिर भाभी ने मेरे लंड को अपने हाथ में ले लिया.
तो मेरे तन में सिहरन सी दौड़ने लगी थी.
आज पहली बार किसी लड़की ने मेरा लंड अपने हाथ में लिया था.

अब भाभी ने मेरे लंड को मुँह में भर लिया और चूसने लगीं.

मैं कुछ ज्यादा ही उत्तेजना में था तो जल्दी ही कुछ झटके देकर भाभी के मुँह में झड़ गया.

भाभी नाराज होने लगीं- मादरचोद बहनचोद … मुँह में गिरा दिया … इतनी क्या जल्दी थी साले गांडू … अब मेरी चूत कौन चोदेगा … तेरा बाप?
मैं रोते हुए बोला- भाभी, मुझे माफ़ कर दो … आज मेरा पहली बार है और आज तक किसी को नहीं चोदा है तो जल्दी झड़ गया!

फिर भाभी को मुझ पर तरस आ गया और वह मेरे लंड रस को चाटती हुई बोलीं- कोई बात नहीं आलम, मैं तेरे लंड को फिर से तैयार कर दूंगी. आओ अब पहले मेरी चूत को चाटो. तुम्हारा लंड भी फिर से खड़ा हो जाएगा.

मैं भाभी की चूत के पास मुँह ले गया उसमें से मस्त महक आ रही थी.
उनकी चूत की सुगंध से मैं मदहोश हो गया और भाभी की चूत पर अपनी जुबान फेरने लगा.

जन्नत भाभी सिसकारियां लेने लगी थीं- इस्स शाबाश देवर जी … आह ओह मजा आ गया … जोर से … और जोर से … आह खा जाओ अपनी भाभी की चूत को आईय्य्य्या क्या मस्त चूसते हो यार.

उसी दौरान मेरा लंड वापस खड़ा हो गया.

भाभी- आलम, तेरा औजार तैयार हो गया है … अब तड़फा मत … आ जा और जल्दी से अपनी जन्नत भाभी की चूत की खुदाई चालू कर दो.

यह कह कर जन्नत भाभी अपनी टांगें खोल कर लेट गईं और मैं उनके ऊपर आ गया.

मैंने भाभी जान की चूत में एक झटके में अपना पूरा लंड पेल दिया.

भाभी सिहर उठीं- आई मर गई भोसड़ी के … आराम से कर साले … कहीं भाग नहीं रही हूं …. आह भड़वे साले ने मार दिया रे.

मैं भाभी की चिल्लपौं को नजरअंदाज करते हुए उन्हें ताबड़तोड़ चोदता जा रहा था.
कुछ ही देर में भाभी जान का सुर बदल गया और वे अपनी गांड उठा उठा कर लंड से लोहा लेने लगीं.

भाभी- आह हय्य और जोर से शाबाश जोर जोर से चोद … मेरा काम होने वाला है!
फिर 8-10 धक्कों के बाद भाभी झड़ गईं और उसके बाद मैं भी झड़ गया.

देसी भाबी चुदाई के बाद हम दोनों हांफ रहे थे.
पूरा कमरा हमारी सांसों से गूंज रहा था.

हम दोनों नंगे ही सो गए.

सुबह मेरी भतीजी नाजरीन ने हमको उठाने आई तो उसने हम दोनों को नंगे देख लिया.

मैं- भाभी, नाजरीन ने हम दोनों को नंगे देख लिया है!
भाभी मुस्कराती हुई बोलीं- वह मुझे रोज नंगी देखती हुई ही उठाती है. कभी कभी तो मेरी चुदाई के वक़्त भी मेरे पास ही सो जाती है.

मैं- मतलब नाजरीन भी चुद चुकी है!
भाभी- नहीं अभी नहीं.

मैं- भाभी, मुझे नाजरीन को चोदना है!
भाभी- हां कभी भी चोद लेना, अभी पहले मुझे तो एक बार और चोद दो!

मैंने भाभी की एक बार फिर से मस्त ताबड़तोड़ चुदाई की और नहाने चला गया.

अब तो रोज ही भाभी की मेरे साथ चुदाई होती है. जब भी भाई बाहर जाते हैं, तब मेरी तो समझो लॉटरी लग जाती है.

अगले भाग में मेरी और मेरी भतीजी नाजरीन की चुदाई की कहानी बताऊंगा, तब तक के लिए इजाजत दीजिए.
इस देसी भाबी चुदाई कहानी पर अपने विचार मुझे कमेंट्स में बताइए.

लेखक के आग्रह पर इमेल आईडी नहीं दिया जा रहा है.

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