भाभी की प्यासी भोंसी की चुदाई करनी पड़ी

(Bhabhi Ki Pyasi Bhonsi Ki Chudai Karni Padi)

नमस्ते दोस्तो, आपके दोस्त गोविन्दा का आपको प्यार भरा नमस्कार!
मेरी पिछली प्रकाशित कहानी
चुत ना मिली तो गांडू के साथ सुहागरात
को आपका सबका बहुत अच्छा रिस्पांस मिला।

उस कहानी में मैंने बताया था कि मैंने पहली बार सेक्स 2014 में एक भाभी के साथ किया था, जिसकी कहानी मैं अब बताने जा रहा हूं।
उस दौरान मैं इंजीनियरिंग का फर्स्ट सेमेस्टर का स्टूडेंट था तथा अपनी मौसी के घर इंदौर में ही रहता था।

तो बात कुछ ऐसी है कि मेरी मौसी के घर के पास में एक भाभी किरायेदार थी। उनका नाम पूनम था, वह 37 साल की गदराये हुए बदन वाली मोटी गांड की औरत थी। पूनम भाभी अपने पति और एक लड़की स्वीटी के साथ रहती थी। दिखने में कुछ खास नहीं थी मगर उसकी चुची देखकर हर किसी का चूसने का मन हो जाये।

अंकल वन विभाग में होने से अक्सर कई दिनों तक घर पर नहीं रहते थे। पूनम भाभी को जब भी बाजार का कुछ काम होता था तो वह मुझे बोलती थी और मेरे साथ बाईक पर जाती थी। अक्सर पूनम भाभी बाईक पर पीछे से मेरी कमर को टाईट पकड़ती थी या सहलाती थी लेकिन मैंने कभी यह सोचा नहीं था कि उनके दिल में कुछ और ही चल रहा है।

एक दिन मुझे उन्होंने घर पर बुलाया और बोला- बेटा गोविन्दा, स्टूल पर चढ़ कर वह बैग निकाल दो क्यूंकि स्वीटी को स्कूल ट्रिप पर उदयपुर वगैरह जाना है तो पैकिंग करनी है।

मैं उस समय पतले कपड़े वाले अंडरवीयर में था जिसमें से मेरा लटका हुआ लंड दिखता था। स्टूल पर चढ़कर बैग निकालते वक्त पूनम भाभी ने मेरे सोये हुए लंड को छूकर हल्का सा दबा दिया और बोली- बेटा सॉरी, गलती से हाथ वहाँ चला गया।
फिर मैं पैकिंग में उनकी मदद करने लगा।

काम करते करते पूनम भाभी मुझसे बोली- तुम्हारी गर्लफ्रेंड है? और तुमने कितनी बार सेक्स किया है?
मैं शर्म के मारे बोला- ऐसा कुछ नहीं है, पर आप ये सब क्या बोल रही हो?
उन्होंने आगे बढ़कर मेरे होंठों पर हाथ रखा और बोली- तुम नहीं जानते गोविन्दा कि मैं कितनी अकेली हूँ। तुम्हारे अंकल घर पर कई दिन तक नहीं रहते क्यूंकि उन्होंने एक रखैल रख ली है जिसके साथ वो हमेशा उसके घर में ही पड़े रहते हैं और मुझे यहाँ अकेली विधवा सी छोड़ रखा है। तुम अपनी भाभी के दर्द को समझ सकते हो… मेरी कुछ मदद करो।

मैं कुछ समझ पाता कि उन्होंने मेरे लंड को पकड़ा और होंठों को चूसने लगी। जमीन पर ही उन्होंने मुझे लिटाया और मेरे मुंह में खुद का मुंह डालकर चुम्बन का आनन्द लेने लगी।
यह मेरा पहला सेक्स था और मेरा लंड ठोस होकर खड़ा हो गया था।

चुम्बन करते हुए पूनम भाभी ने मेरे अंडरवीयर को नीचे सरकाया और फिर चड्डी के नीचे से मेरे लंड को निकालकर मसलने लगी।
मैं तड़फने लगा और उम्म्ह… अहह… हय… याह… की आवाज करने लगा।

उन्होंने मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसना शुरू किया मगर मैं खुद पर कोई नियंत्रण नहीं कर सका और आधे मिनट में ही लंड से माल उनके मुंह में छोड़ दिया।
वो मेरे लंड का माल पी गई और मैंने अंडरवीयर ऊपर कर लंड अंदर कर लिया।
मैंने पूनम भाभी को सॉरी बोला और वहाँ से भाग गया।

उस रात मैं बिल्कुल भी नहीं सो पाया और अगले दिन तक पूनम भाभी से नजर बचाकर कॉलेज जाने लगा।

एक दिन पूनम भाभी ने मुझे चौराहे की आटा चक्की के सामने पकड़ लिया और बोली- गोविन्दा, मुझे तुमसे कुछ काम है इसलिए शाम को घर जरूर आना!
मैं शाम को पूनम भाभी के घर गया और भाभी को आवाज लगाई।

घर पर सिर्फ पूनम भाभी थी, स्वीटी स्कूल ट्रिप पर गई हुई थी। भाभी ने मुझे सोफे पर बिठाया और मैं बार बार भाभी को सॉरी बोलने लगा कि उस दिन पता नहीं क्या हो गया कि मैं कभी कुछ नहीं किया।
भाभी ने मेरी घबराहट देखी और बोली- अरे गोविन्दा, छोड़ो और मेरी बात सुनो!

उन्होंने मुझे ठंडा पानी लाकर दिया और बोली- तुम्हारी इच्छा हो तो ही मैं तुम्हारे साथ सेक्स करूंगी। पहली बार में ये सब हो जाता है, तुम चिंता मत करो, मैं तुम्हें असली मर्द बना दूंगी।
मैं पूनम भाभी को बोला- ये सब गलत तो नहीं है?

भाभी मुझे हाथ पकड़कर रूम में ले गई, बोली- रूको, मैं दरवाजा बंद कर आती हूँ और फिर तुम्हें सही गलत बताती हूँ।

वापस आकर उन्होंने बिस्तर पर मुझे लेटाकर किस करने लगी औैर गले के आसपास चूमने लगी। उनके इशारे को समझकर मैं भी यही करने लगा।
हम दोनों जीभ से चाटकर एक दूसरे को गीला कर दिया।

फिर उन्होंने अपना ब्लाउज और ब्रा निकाल कर मेरा मुंह उनकी चुची के निप्पल पर रख दिया। मैं छोटे बच्चे की तरह उनके निप्पल और चुची को चूसने व काटने लगा जिससे मुझे और पूनम भाभी दोनों को मजा आ रहा था।

फिर उन्होंने मेरी जीन्स खोलकर लंड को बाहर निकाला और मेरे लंड को मुंह में अंदर बाहर करने लगी। लंड को चूसते भी और पूरा लंड मुंह में भर लेती, जिससे मुझे बहुत मजा आ रहा था।

पूनम भाभी ने अपना पेटीकोट और पेंटी उतार कर फेंक दी, मुझसे भी कपड़े उतारने को कहा और कपड़े उतारने पूरे बदन को जीभ से चाटकर गीला करने लगी।

मैं भी उनके पूरे बदन को चाट रहा था और वह बीच बीच में मुझे टाईट पकड़ कर दबा देती जिससे मुझमें करंट सा फैलने लगता।

अब उन्होंने मुझे 69 पोजीशन के बारे में बताया और बोली कि वो मेरा लंड चूस रही हैं तो मैं उनकी चुत चाटूँ।

मैं उनकी चुत जो कि भोसड़ा हो गई थी उसको किस कर चाटने लगा और थूक से गीला करने लगा। मुझे चाटने में उतना मजा नहीं आ रहा था लेकिन मेरे लंड को पूनम भाभी चूस रही थी तो मैं मगन होकर उनकी भोंसी को चाट रहा था।
उनकी भोंसी के रस का स्वाद अजीब सा फीका फीका था।

कुछ देर बाद उन्होंने बिस्तर के नीचे से कंडोम निकाला और मेरे लंड पर चढ़ा दिया। वो पीठ के बल पैरों को चौड़ा कर लेट गई और मुझे खुद पर लिटा कर मेरे लंड को पकड़ कर भोंसी में घुसा दिया।

मैं धक्के मारने लगा और वो मेरे बदन पर हाथ फेरकर मुझे बोलती गई कि मेरे गोविन्दा फाड़ दे अपनी रांड के भोसड़े को, बुझा दे अपनी भाभी की प्यास को… कर दे अपनी भाभी की चुदाई!

मुझे दर्द हो रहा था लेकिन मैं पागल सा बस लंड को धक्के लगाये जा रहा था। करीब तीन मिनट के बाद ही मेरे लंड ने माल छोड़ दिया और मैं उनके सीने पर लिपट कर सो गया।

पूनम भाभी मेरे बालों में उंगलियाँ फिरा कर बोली- गोविन्दा तुम बहुत अच्छे हो। तुम हमेशा ऐसे ही मेरा साथ देना और मैं तुम्हें कभी किसी चीज की कमी नहीं होने दूंगी।

बाथरूम में भी हम दोनों ने सेक्स किया था जिसकी कहानी में अगली बार बहुत जल्द लिखूंगा। उस दिन से मैंने कई बार पूनम भाभी की चुदाई की और वो मेरा पूरा खर्चा उठाती थी।

तो दोस्तो, यह था मेरा पहला सेक्स, जिस पर आप अपने विचार मेरे जीमेल के अकाउंट पर जरूर बताना।
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