नयी नवेली पड़ोसन भाभी को चोदने की लालसा- 4
(Bhabhi Ki Nangi Chudai)
मैंने पड़ोसन भाभी की नंगी चुदाई की उन्ही के घर में उनके बेड पर … भाभी ने दुल्हन की भांति तैयार होकर मेरे साथ सेक्स करके सुहागरात का मजा दिया मुझे!
हैलो आल … भाभी की नंगी चुदाई कहानी के पिछले भाग
बाथरूम में नयी नवेली भाभी को नंगी किया
में आपने पढ़ा कि मैं यश हॉटशॉट भाभी के साथ सुहागसेज पर उनके साथ मस्ती कर रहा था.
अब आगे भाभी की नंगी चुदाई:
मैंने मोना भाभी को कसके अपनी बांहों में भर लिया और अपने दोनों हाथों को पीछे उनकी नंगी पीठ को सहलाने लगा.
भाभी मेरी बांहों में सिमट गई थीं और अपने होंठों से मेरे कान की लौ को चूमने लगी थीं. उनकी जीभ मेरे कान की लौ को कुरेद रही थी.
अब मैंने मोना भाभी के लहंगे के ऊपर से ही उनकी गांड को फिर से दबाना शुरू कर दिया. मैं उनकी गांड को हाथों से भरकर दबाता, तो मोना भाभी ऊपर की तरफ उठ जाती थीं और उनकी नंगी चुचियां मेरे सीने से कस कर मसल जा रही थीं.
भाभी मेरे कान में बोलीं- आह यश, ये सब कैसे कर रहे हो … आह मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा है.
मैंने भाभी को जवाब नहीं दिया.
कुछ पल बाद मैं उनके पीछे आ गया और मेरा ध्यान बस मोना भाभी के हुस्न को प्यार करने का था. मैं बस उनके मदमस्त हुस्न में ही खोया हुआ था.
मैंने अपने हाथ आगे ले जाकर मोना भाभी के दोनों चुचों को जकड़ लिया और उनको सहलाने लगा.
बीच बीच में मैं उनके दोनों चुचों को कभी एक साथ दबा देता, तो कभी उनके निप्पलों को उंगलियों के बीच में दबा कर मसल देता. जिससे भाभी की उत्तेजना और भी ज्यादा होने लगी थी.
जैसे जैसे मैंने भाभी के चुचों को दबाना जारी रखा, तो भाभी सिसकारियां और तेज होने लगीं.
उन्होंने अपने एक हाथ को पीछे लाते हुए मेरे लंड को पकड़ रखा था और उसको ही सहलाये जा रही थी.
मैंने भाभी से बोला- आप बहुत सेक्सी और बहुत ही हॉट हो यार … मुझे ये सब कोई सपना लग रहा है.
भाभी कामुक हंसी हंसते हुए बोलीं- यश तुमने मेरे अरमानों को पंख लगा दिए हैं. मैं न जाने कबसे ऐसे प्यार के लिए तरस रही थी.
मैं बस उनकी गर्दन को चूमता हुआ उन्हें प्यार करता रहा.
अब मैंने मोना भाभी के लहंगे की गाँठ ढीली कर दी और लहंगे को उतार दिया. मेरे हाथ भाभी के चुचों की दबा रहे थे, उसमें से एक हाथ से नीचे पेट को सहलाते हुए उनकी पैंटी के ऊपर से ही मोना भाभी की चूत को सहलाने लगा.
मदमस्त औरत की चुत जब वासना की आग में जल रही हो और उसकी चुत पर उन्मुक्त मर्द का हाथ खेलना शुरू कर दे, तब कामांध औरत का क्या हाल होता है ठीक वैसा ही इस समय मोना भाभी का हो रहा था.
कुछ ही पलों में भाभी की मादक सिसकारियां एकदम से बढ़ने लगी थीं. क्योंकि इस समय मैं सीधा उनकी चूत को मसल रहा था. इससे मोना भाभी गर्म होते हुए बेकाबू हुए जा रही थीं.
एक मिनट तक भाभी की चुत रगड़ने के बाद उनकी पैंटी पूरी तरह से गीली हो गई थी. भाभी की मदभरी आवाजों को सुन कर मेरे लंड की भी हालत खराब हो रही थी.
मैंने उसी वक्त भाभी को पीठ के बल बेड पर लेटा दिया और उनके ऊपर चढ़ गया. मैं एक बार फिर से उनके होंठों के रस को चूसने लगा. मोना भाभी भी मस्ती में थीं और मेरा पूरी तरह से साथ दे रही थीं.
कुछ पल ऐसे ही मोना के होंठों को चूमने चूसने के बाद मैंने पागलों की तरह जल्दी जल्दी चूमना शुरू कर दिया. कभी कान पर, तो कभी गाल पर, तो कभी गर्दन पर … बस जोर जोर से चूमने लगा था. जिससे मोना भाभी की उत्तेजना और भी ज्यादा हो गई और वो जोर जोर से सिसकारियां निकालने लगीं.
‘ओह … अअह … हहहह … यश ..’
मैं मोना भाभी को चूमते हुए उनके चुचों के पास आ गया.
जैसे ही मैं उनके एक चुचे को अपने मुँह से लगाया, मोना भाभी की एक तेज कराह निकली- आह … आहहह … खा ले यश … आह
भाभी ने अपने दोनों हाथ से मेरे बालों को पकड़ कर अपने चूचे पर दबा लिया.
मैं अपने एक हाथ से उनके चुचे को दबा रहा था और दूसरे चुचे को मुँह में लेकर चूस रहा था.
भाभी अपने हाथ से अपनी चूची पकड़ कर मेरे मुँह में ठेलने लगीं और मुझे अपने बच्चे के जैसे दूध पिलाने लगीं.
ऐसे ही भाभी ने अपने दूसरे चुचे को मेरे मुँह में दे दिया और उसको भी दबा दबा कर पिलाया. हम दोनों की हालत बेकाबू सांड की तरह हो गई थी और हम दोनों ही एकदम गर्म हो उठे थे.
मोना भाभी अब चुदना चाह रही थीं पर मैं उन्हें अभी और गर्म करना चाहता था.
मेरा सपना था कि भाभी को पूरी तरह से उन्मुक्त कर दूं और तभी उनकी चुदाई का मजा लूं.
मैं अब मोना भाभी की टांगों के बीच में आ गया और उनकी पैंटी के ऊपर से ही चूत को चाटने लगा.
मैंने उनकी पैंटी को भी टांगों से नीचे खींचा तो भाभी ने अपनी गांड उठा कर झट से पैंटी को उतर जाने दिया.
उनकी चुत चुदवाने की लालसा अब एक शोला बन चुकी थी.
मैं भाभी की टांगों के बीच आ गया और उनकी संगमरमर सी चिकनी जांघों को को किस करने लगा.
जांघों को चूमते हुए हल्का सा ऊपर हुआ और चुत के बगल से जीभ का स्पर्श देते हुए मैं भाभी की नाभि पर अपनी जीभ को गोल गोल घुमाने लगा.
‘प्लीज़ … ह्ह ऊओ हह आअह्ह आःह्ह्ह आःह्ह्ह आआजह्ह ..’
भाभी चाह रही थीं कि जल्दी से चुत पर हमला हो … मगर मैं अपनी कामना को पूरा करना चाहता था.
एक दो पल भाभी की नाभि को चूमने चूमने के बाद मैं दुबारा नीचे भाभी की टांगों के बीच आ गया.
अब मैं अपनी जीभ से भाभी की चूत के दाने को चाटने लगा.
यही तो भाभी चाह रही थीं.
अपनी चुत पर मेरी जुबान का स्पर्श पाते ही मोना भाभी मस्ती के मारे सीत्कार भरने लगीं- आअह्ह्ह ऊओह्हह्हह और चाटो यश … आह जानू और जोर जोर से चाटो … आह्ह्ह.
मैं भी कामांध हाथी की तरह जोर जोर से भाभी की चूत के दाने को चाटने लगा.
भाभी की चूत एकदम गीली हो गई थी.
मैं उनकी चूत के अन्दर जीभ डालकर चुत की भीतरी दीवारों को चाटने लगा.
भाभी इस तरह की चुसाई को झेल नहीं पा रही थीं.
वो जोर जोर से सांस लेने लगीं और अपने बदन को अकड़ाते हुए सिसकारियाँ ले रही थीं- आह यश … आह क्या कर दिया … आह.
उनका हाथ मेरे सर पर था और वो उसे लगातार अपनी चुत पर दबा रही थीं.
मैंने मोना की चूत को चाट चाट कर लाल कर दिया था.
फिर मैंने मोना भाभी की चुत से सर हटा लिया.
भाभी को अपनी चुत से जीभ हटते ही ऐसा लगा मानो उनकी मस्ती को मैंने छीन लिया हो.
मैंने भाभी से पूछा- कोई क्रीम मिलेगी?
उन्होंने उंगली के इशारे से मुझे बताया.
मैं क्रीम ले आया और मोना भाभी की चूत में दो उंगलियों से क्रीम लगाने लगा.
भाभी की चूत एकदम गीली थी मगर मुझे मालूम था कि भाभी की चुत मेरे लौड़े के हिसाब से अभी भी काफी टाइट है.
मैंने एक उंगली जैसे ही उसकी चूत में डाली, भाभी की आह की तेज आवाज निकल गई- ओओह … मत करो … आह
मैंने भाभी की आवाज को नजरअंदाज किया और अपनी उंगली को चुत में अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.
कुछ ही देर बाद चुत ने मेरी उंगली से मजा लेना शुरू कर दिया था.
मैंने अब दो उंगलियां चुत में डाल दीं और जोर जोर से भाभी की चूत में उंगली चलाने लगा.
मोना भाभी मस्ती में आवाज निकालने लगीं- ऊऊह्ह्ह … आआह्ह … मर गई …
इसी तरह मैंने अपनी उंगलियों से भाभी की चूत में ढेर सारी क्रीम भर दी और कुछ अपने लंड पर भी लगा ली.
भाभी समझ गईं कि अब चुत लंड के बीच युद्ध शुरू होने वाला है. मैं अपने लंड को भाभी की चूत पर रगड़ने लगा.
कुछ देर रगड़ने के बाद मैंने भाभी की चूत की फांकों में अपने लंड का सुपारा फंसाया और जोर से धक्का दे मारा.
‘ओओ हह आहह … मर गई यश … आह मेरी फट गई.’
मोना भाभी को मोटे लंड से दर्द हो रहा था.
मैं कुछ पल के लिए रुक गया और उनके दोनों चुचों के निप्पलों से खेलने लगा, उन्हें बारी बारी से चूसने लगा.
कुछ ही देर में लंड से चुत की दोस्ती हो गई और मोना भाभी ने अपनी गांड हिला कर इसका संकेत भी दे दिया.
मैं समझ गया कि मोना भाभी को मजा आने लगा था या वो खुद को ठीक महसूस कर रही हैं.
मैंने भी धीरे धीरे लंड के धक्के मारने शुरू कर दिए.
मेरा आधा लंड मोना भाभी की चूत में चला गया था. अब मैंने देर ना की … और हल्का सा लंड बाहर निकाल कर पूरी ताकत से धक्का दे दिया.
‘ऊओईई ईईईई मर गई ..’ भाभी की चीख निकल गई और उनकी आंखों से आंसू निकलने लगे.
इस बार मोना भाभी को काफी दर्द हो रहा था और वो हटाने के लिए मुझे धक्का भी दे रही थीं, पर मैं उनको कसके जकड़े हुए था.
साथ ही मैं भाभी के दोनों चुचों को भी दबा रहा था.
भाभी बस कराह रही थीं- ऊओह्ह आअह्ह्ह ऊओईई ह्हह्हाआ.
कुछ देर बाद मोना भाभी को जब ठीक लगने लगा, तो मैंने लंड को मोना भाभी की चूत में पेलना शुरू कर दिया.
अब भाभी को कम दर्द हो रहा था और उन्हें मजे आने लगे थे. वो अपनी गांड को आगे पीछे हिलाने लगीं.
मैंने भी अब मोना भाभी की ताबड़तोड़ चुदाई करना शुरू कर दी.
कुछ देर बाद मैंने अपनी स्पीड थोड़ी तेज कर दी और जोर जोर से मोना भाभी की चुदाई करने लगा.
मोना भाभी तो बस ‘आह्हह … उह्ह्ह … ऊओह्हह्ह ..’ की आवाजें निकाले जा रही थीं. जब वो ऐसी आवाज निकालतीं, तो उनकी चुदाई मैं और जोर जोर से करने लगता.
ऐसे ही चुदाई करते करते मैंने मोना भाभी की एक टांग को ऊपर अपने कंधे पर रख ली और फिर से उनकी जोर से चुदाई करना शुरू कर दिया.
मोना भाभी को इस आसन में और भी मजा आ रहा था और वो मस्ती से अपनी मादक सीत्कार निकाल रही थीं- ऊओह्ह आअह्ह ह्हहा ऐसे ही … और अन्दर तक पेल कर चोदो … आह और जोर से चोदो … आह.
इस पर मैंने उनकी दोनों टांगों को अपने कंधों पर रख लिया और लंड फिर से मोना भाभी की चुत में पेल कर उनकी चुदाई करना शुरू कर दिया.
कुछ देर बाद मैंने मोना भाभी को घोड़ी बना दिया और पीछे से चुदाई के लिए लंड सैट करने लगा.
भाभी की कमर इतनी मस्त लग रही थी और उनकी गोरी गोरी गांड को देख कर मुझे और भी जोश आ रहा था.
मैंने भाभी की चूत पर लंड रखा और एक जोर के धक्के में आधे से ज्यादा लंड पेला तो उसकी चूत कांप उठी.
मैं हल्के हल्के लंड को अन्दर बाहर करने लगा और भाभी की चुदाई करने लगा. साथ साथ में मैं भाभी की गांड को थप्पड़ मारे जा रहा था, जिससे मोना भाभी की आवाज और तेज हो जा रही थीं. थप्पड़ मारने से उनकी गांड लाल हो गई थी.
मोना भाभी की आवाज पूरे रूम में गूंज रही थी और वो पागलों की तरह बोले जा रही थीं- आह यश … चोदो ओर जोर जोर से … फाड़ दो मेरी चूत को … आह चोदो मुझे … और जोर जोर से चोदो और जोर जोर से.
हम दोनों ही मस्ती में डूबे हुए थे. मोना भाभी अपनी चुत चुदाई का पूरा मजा ले रही थीं.
मैंने बीस मिनट चुदाई करने के बाद फिर से भाभी को पेट के बल लेटा दिया और उनकी चूत में लंड डाल कर फिर से चुदाई करना चालू कर दी.
मोना भाभी और मैं दोनों ही पसीने से पूरे नहा लिए थे.
कुछ देर बाद मोना भाभी बोलीं- आआह्ह्ह्ह यश … ऊओह्ह्ह मेरा होने वाला है.
भाभी ने इतना ही बोला होगा कि वो ‘इह्ह गई आह ..’ करते हुए निढाल हो गईं.
मैंने भी अपनी फुल स्पीड में मोना भाभी की चुदाई करना चालू कर दिया.
फिर कुछ बीसेक धक्के मारने के बाद मैंने लंड बाहर निकाला और लंड का सारा माल मोना भाभी की गांड और पीठ पर डाल दिया.
मैं भी निढाल हो गया और हम दोनों ऐसे ही लेट गए.
कुछ देर बाद मैंने मोना भाभी को चूमा और पूछा- कैसा लगा अपना देवर?
मोना भाभी बोलीं- मस्त लगा. यश सच सच बताओ … कितनों के साथ किया है तुमने … क्योंकि जैसे तुम कर रहे थे, वैसे तो कोई एक्सपीरियंस वाला ही कर सकता है.
मैंने कहा- हां भाभी मैंने पहले भी सेक्स किया है.
भाभी- कितनी को ठोका?
मैंने कहा- चार को … आप पांचवीं हो.
भाभी चौंक कर बोलीं- चार के साथ.
पर मुझे भाभी को सच थोड़ी बताना था कि मैं कितनी लड़कियों, भाभियों की चुदाई कर चुका हूँ.
मैंने पूछा- वो सब छोड़ो … कैसा लगा, ये बताओ?
भाभी बोलीं- बहुत मजा आया … जैसे तुमने किया, वैसे तो आपके भैया ने अभी तक कभी नहीं किया.
मैंने कहा- मजे आए ना?
भाभी बोली- बहुत.
फिर मैं बोला- लेकिन मुझे और करना है.
भाभी बोलीं- मुझे भी और करना है!
मैंने कहा- थोड़ा आराम करने के बाद … खाना खाने के बाद.
भाभी बोलीं- ठीक है.
उन्होंने जाकर कपड़े पहने और मैंने भी तौलिया ही पहन लिया. कपड़े सूखने पड़े थे.
फिर हम दोनों ने खाना खाया और शाम होते होते भाभी और मैंने एक बार फिर से फुल मस्ती की.
इस बार तो मैंने उनकी चीखें निकाल दी थीं. कभी घोड़ी बना कर चोदा … तो कभी कुतिया बनाया. इतनी मस्त चुदाई हुई कि उनकी और मेरी हालत खड़े होने की भी नहीं हो रही थी.
शाम 7 बजे मैं अपने घर पर आ गया.
बीस मिनट बाद दुबारा भाभी के पास गया उन्हें चुम्बन किया और उनको कसके अपनी बांहों में ले लिया.
करीब 9 बजे भईया घर आए, तो मैं भी वहीं था.
थोड़ी देर मैं वहां से चला आया.
घर आकर खाना खाकर लेट गया और आज भाभी के साथ जो जो हुआ, वो सब सोचने लगा.
मेरा भाभी की चुदाई का सपना पूरा हो गया था.
ये सब सोचते सोचते मैं कब सो गया, पता ही नहीं चला.
मोना भाभी ने मुझे प्रीत भाभी की याद दिला दी. इसके बाद मैंने एक हफ्ते में 4 दिन भाभी की नंगी चुदाई की. एक बार उन्हें अपने घर में भी लाकर चोदा. अब जब भी मुझे मौका मिलता है, तो मोना भाभी की चुदाई जरूर कर लेता हूँ.
मैंने उनकी गांड भी मारी है. वो कैसे मारी, वो भी बताऊंगा और उनको बाद में लंड भी चुसवाया. वो सब मैं अपनी अगली सेक्स कहानी में लिखूंगा.
दोस्तो, मेरी सेक्सी हॉट लड़कियों और गर्म भाभियों आंटियों को मेरा नमस्ते.
भाभी और हॉट लड़कियां अपने मेल करके मुझे जरूर बताएं कि वो चूत में उंगली करने पर मजबूर हुईं या नहीं.
दोस्तो, ये मेरी भाभी की नंगी चुदाई कहानी आपके कमेंट्स के लिए पेश है. दूसरी सेक्स कहानी में मिलूंगा, तब तक के लिए आप सभी को मेरा नमस्ते.
आप लोगों का दोस्त यश हॉटशॉट
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