भाभी की गीली पैन्टी -3
(Bhabhi Ki Gili Panty-3)
कहानी का पिछला भाग: भाभी की गीली पैन्टी -2
अब तक आपने पढ़ा..
मैंने बाथरूम की कुण्डी लगा कर.. पजामा नीचे करके मोबाइल ऑन किया.. उसमें एक वीडियो था.. मैंने उसे प्ले किया।
वीडियो चलते ही मैं चौंक गया.. वीडियो में भाभी नाइटी पहन कर बैठी थी और मुठ्ठ मारने के लिए उकसा रही थीं.. मैंने भाभी की मादक और कामुक अदाओं को सुनते-देखते हुए मुठ्ठ मारी.. सच में बड़ा मज़ा आया।मैंने बाहर आकर भाभी को ‘थैंक्यू’ कहा और उन्हें मोबाइल वापिस दे दिया।
मैं- यह आपने कब बनाया?
भाभी- मुझे तुझ पर पूरा यकीन था.. मैंने ये वीडियो तेरे सेकंड टर्म के रिज़ल्ट के बाद ही बना लिया था।मैं अब फाइनल्स की तैयारी मैं जुट गया। मैं कुत्तों की तरह रात-दिन एक करके पढ़ रहा था। भाभी भी मेरे खाने-पीने और सेहत का पूरा ध्यान रखती थीं।
बोर्ड्स के इम्तिहान चालू हुए.. मैं बस अपने कमरे में ही रहकर पढ़ता रहता।
फिर एक महीने बाद बोर्ड्स खत्म हुए। मेरे आखिरी पेपर देकर घर आते ही भाभी ने मुझे एक मस्त पॉर्न क्लिप देखने के लिए दी.. जिसको देखकर मैंने मुठ्ठ मारी।
अब मैं अपने रिज़ल्ट का इन्तजार बेसब्री से कर रहा था।
अब आगे..
अंततः 20 दिन में मेरा रिज़ल्ट आया। भाभी और मैं साथ ही कंप्यूटर खोल कर बैठ गए। आधे घंटे बाद रिज़ल्ट खुला। मेरे 86% बने… मुझे खुद अपने आप पर यकीन नहीं हुआ।
भाभी ने मुझे गाल पर किस किया और बोला- सी.. यू डिड इट..
मेरे सारे घरवाले खुश हो गए। भैया ने भाभी को बोला- रेणु.. तुमने तो जादू ही कर दिया।
भैया के ऑफिस जाने के बाद मैंने भाभी से बोला।
मैं- तो अब?
भाभी- अब क्या?
मैं- आपने बोला था.. कि मेरे सारे सपने पूरे करेंगी आप?
भाभी- क्या सपना है तेरा?
मैं- आपको प्यार करने का..
भाभी- तुम्हारा अभी इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन नहीं हुआ..
मैं- तो बोर्ड्स में 86% का कुछ नहीं मिलेगा?
भाभी- अपनी आँखें बंद कर..
मैंने अपनी आँखें बंद की और चुपचाप खड़ा हो गया। भाभी ने मेरी आँखों पर कपड़ा बाँध दिया और मुझे उन्हें छूने से मना कर दिया।
फिर मुझे मेरा पजामा नीचे होता हुआ महसूस हुआ.. भाभी ने चड्डी के ऊपर ही लंड पर हाथ रखकर मसल दिया।
फिर भाभी ने मेरी चड्डी भी नीचे कर दी और मेरे लंड को सहलाने लगीं।
भाभी ने फिर हाथ से मेरा काम उठाना चालू कर दिया।
दस मिनट की स्ट्रोकिंग के बाद मैंने बोला- भाभी 86% पर केवल हैण्डजॉब ही दोगी क्या.. आपने सिर्फ़ 80 के लिए कहा था.. और मैं 86 लाया हूँ।
भाभी ने सिर्फ़ मुझे चुप रहने को बोला। अगले सेकेंड मुझे लंड पर भाभी की जीभ महसूस हुई..
मैं गनगना गया..
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फिर भाभी ने ब्लोजॉब देना चालू कर दिया। उन्होंने जीभ हटा कर हाथ चलाया तो मैंने भाभी को केवल मुँह से करने को कहा।
भाभी ने अपना हाथ लंड से हटा लिया और सिर्फ़ मुँह से ब्लोजॉब देने लगीं।
थोड़ी देर बाद मैं झड़ने वाला था.. पर मैंने भाभी को कुछ नहीं बोला और भाभी के मुँह में ही झड़ गया।
भाभी ने मुझे धक्का देकर पीछे किया और बोला- साले कुत्ते.. बोल नहीं सकता था..।
मैंने झट से आँखों से कपड़ा हटा कर देखा तो भाभी ने मुँह से मेरा पानी अपनी हथेलियों पर थूक दिया।
मैं बुरी तरह से हाँफ रहा था। मैंने भाभी को ‘थैंक्यू’ बोला।
भाभी ने मुझे पढ़ने बैठने को कहा।
मैंने आँख मार कर ‘जी.. भाभी जी’ कहा और आइआइटी की तैयारी चालू कर दी।
एक महीने बाद इम्तिहान हो गए।
इम्तिहान के 15 दिन बाद रिज़ल्ट आया। मेरी मेरिट में 2596 की रैंक बनी थी।
सारे घरवाले खुशी से झूम उठे.. रिश्तेदारों को तो यकीन ही नहीं हुआ कि मेरी 2596 की रैंक बन गई है।
भैया ने मुझे 20000 रुपये का कैश रिवॉर्ड दिया।
भैया के जाने के बाद भाभी मेरे कमरे में आईं- बधाई हो राहुल.. तुमने कर दिखाया..
मैं- भाभी ये सब आपके बिना बिल्कुल भी सम्भव नहीं था।
भाभी- मैंने क्या किया.. पढ़ाई तो तुमने ही की..
मैं- अच्छा.. अब मेरा जैकपॉट तो मुझे दे दो।
भाभी- क्या चाहिए तुझे.. बता.. नया मोबाइल.. बाइक.. लॅपटॉप.. क्या चाहिए बोल?
मैं- मुझे आप चाहिए..
भाभी- हाँ मेरी ब्रा-पैन्टी तो ले ले.. बोल नई दूँ या यूज्ड..?
मैं- भाभी.. मुझे आपका जिस्म चाहिए..
भाभी- मेरे जिस्म का क्या अचार बनाएगा तू?
मैं- नहीं.. आपके जिस्म को प्यार करूँगा।
भाभी- क्यूँ.. अभी तू मुझसे प्यार नहीं करता..? तू मुझसे नफ़रत करता है?
भाभी मज़ाक में सब उड़ाना चाहती थीं.. पर फिर मैंने सीधे बोल दिया।
मैं- भाभी मुझे आपसे सेक्स करना है।
भाभी चुप हो गईं।
फिर 2 मिनट बाद बोलीं- देख राहुल.. तेरे भैया से मैं बहुत प्यार करती हूँ.. तेरे भैया मेरी हर जरूरत पूरी करते है.. मुझे वे बिस्तर में पूर्ण संतुष्ट करते हैं.. मैं उनसे चीटिंग नहीं करना चाहती।
मैं- पर भाभी.. आपने मुझसे प्रॉमिस किया था।
भाभी- ठीक है.. तेरा कॉल लेटर आने के बाद.. जिस दिन घर पर कोई नहीं होगा.. उस दिन मैं दिन भर तेरी रहूँगी। लेकिन याद रहे.. सिर्फ़ एक दिन.. उसके बाद तुम मुझे ‘टच’ भी नहीं करोगे।
मैं- ठीक है भाभी.. लेकिन उस पूरे दिन.. जैसे मैं बोलूँगा.. आपको वैसे ही करना होगा।
भाभी- ठीक है..
मैं- और हाँ.. मैं कन्डोम का इस्तेमाल नहीं करूँगा..
भाभी- प्लीज़ कन्डोम तो इस्तेमाल कर लेना.. तुम्हारे भैया भी इस्तेमाल करते हैं।
मैं- नहीं भाभी.. मुझे सिर्फ़ एक दिन ही मिलेगा.. उस दिन को में मेरे लिए और आपके लिए यादगार बनाना चाहता हूँ।
भाभी- ठीक है.. मैं आज से ही पिल्स लेना स्टार्ट कर दूँगी।
मेरे रिज़ल्ट के 2 दिन बाद पापा-मम्मी चार-धाम यात्रा को निकल गए।
मैंने भी उन 20000 से मेरे ड्रीम डे के लिए जम कर शॉपिंग की। मैंने भाभी के लिए नाइटी.. ब्रा-पैन्टी.. बिकिनी.. आदि खरीदीं।
तीन दिन बाद मुझे रात को ईमेल आया- मेरा एडमिशन आइआइटी मुंबई में हो गया था।
मैं बस सुबह का इन्तजार कर रहा था। मैं सुबह उठ कर नीचे गया तो भैया नाश्ता कर रहे थे।
भैया- राहुल मैं 2 दिनों के लिए बाहर जा रहा हूँ.. घर का और भाभी का ध्यान रखना।
मैं- जी भैया..
फिर भैया कैब में बैठ कर चले गए। कैब के निकलते ही मैंने मेन गेट लॉक किया और मोबाइल पर एडमिशन वाला ईमेल खोल कर सीधे रसोई में घुस गया।
मैंने भाभी के पीछे जाकर भाभी के सामने मोबाइल रख दिया।
भाभी ने जैसे ही बोला- वाउ.. तेरा एडमिशन आइआइटी मुंबई में हो गया..
मैंने भाभी के बोबे दबाने चालू कर दिए।
भाभी बोलीं- पगले.. नहा तो ले पहले..
मैं- अब तो भाभी आपके साथ ही नहाऊँगा..
भाभी ने टी-शर्ट और लोंग स्कर्ट पहन रखी थी। मैंने भाभी की टी-शर्ट ऊपर कर के उतार दिया और पीछे से हुक खोल कर उनकी ब्रा को उतार दिया।
मैं बहुत ज़ोर से भाभी के मम्मों को दबाने लग गया।
फिर मैंने अपनी टी-शर्ट और पजामा-चड्डी खोल दिया। मेरा लंड पूरा टाइट था। मैंने भाभी की स्कर्ट पूरी ऊपर उठाई और पैन्टी नीचे करके उतार दी।
मैंने अपना हाथ चूत पर रखा तो भाभी की चूत गीली थी।
मैं- वाह भाभी आपकी चूत तो गीली है।
भाभी ने कुछ नहीं बोला और ‘आहें’ भरने लगीं।
फिर मैंने भाभी को झुकाया और अपना लंड भाभी के चूत के होंठों पर रगड़ने लगा।
भाभी सिसकियाँ लेने लगीं-इसस्स्स्शह.. आआहह..
मैंने चूत पर लंड रगड़ते हुए ही पूछा- भाभी बताओ ना… आपकी चूत गीली क्यूँ है?
भाभी- इसस्स्स्शह.. अपने देवर से ये सब करवाने के बारे में सोच कर..
मैं- क्या करवाने की सोच कर?
भाभी- आआहह.. वही जो तू कर रहा है..
मैं- मैं क्या कर रहा हूँ भाभी?
भाभी- आआअहह.. स..ससस्स.. सस्स.. सक्शक शकश..
मैं- हिन्दी में बोलो न..
भाभी- इसस्स्स्स्स् शह.. तुम मुझे चोद रहे हो..
भाभी के मुँह से ये सब सुनते ही मैंने ‘घाप’ से पूरा लंड भाभी की चूत में घुसा दिया।
मेरी भाभी की कातिल जवानी की ये मस्त कहानी आपको हिला कर रख देगी.. बस आप मुझे अपने ईमेल से लिखते रहिएगा.. मेरा उत्साह बढ़ेगा।
कहानी जारी है।
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कहानी का अगला भाग: भाभी की गीली पैन्टी -4
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