जयपुर की मस्त चालू भाभी की चुदाई यात्रा- 4
(Hotel Room Sex Kahani)
होटल रूम सेक्स कहानी में पढ़ें कि बस में एक गोरे अंग्रेज से सेट होकर मैंने उसके साथ उसके होटल में उसका गोरा लम्बा लंड खाने चली गयी.
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कहानी के पिछले भाग
अंग्रेज टूरिस्ट का लंड मेरी गीली चूत पर
में आपने पढ़ा कि मैंने एक अंग्रेज टूरिस्ट के साथ चलती बस में सेक्स का मजा ले रही थी.
अब आगे होटल रूम सेक्स कहानी:
बस से उतरने के बाद मेरा ठिकाना मेरा घर था लेकिन चूत में लगी हुई आग मुझे घर जाने से रोक रही थी.
बस वाले लड़के और होटल के स्टाफ ने मिलकर सारे टूरिस्ट का सामान बस से नीचे उतार दिया.
होटल वाले लड़के सभी टूरिस्ट का सामान होटल में उनके अलग-अलग रूम में लेकर जाने लगे.
और सब अपने अपने रूम की तरफ जाने लगे थे.
विलियम ने मुझे धीरे से पूछा- आगे का क्या प्लान है?
मैंने विलियम को कहा- मुझे घर तो जाना है लेकिन …
मेरे लेकिन बोलते ही वह समझ गया कि मैं क्या चाहती हूं और मुझसे बोला- हम सभी लोगों के लिए तो पहले से रूम बुक है. मेरे रूम में मेरा दोस्त डेविड भी साथ में है. तुम ऐसा करो कि रिसेप्शन पर जाकर एक रूम बुक करो अपने लिए! उसका पेमेंट में कर दूंगा.
मैंने उसको मना किया- मुझे डर लग रहा है, मैं रूम बुक नहीं करूंगी.
लेकिन विलियम ने मेरा हौसला बढ़ाया और बोला- कुछ नहीं होगा, तुम रूम बुक कर लो!
उसने मुझे अपने पर्स में से पैसे निकाल कर दिए.
मैंने अपना बैग और पर्स उठाया और धीरे-धीरे होटल के रिसेप्शन पर पहुंची और बेबाक अंदाज में जाकर बोली- मुझे एक रूम बुक करना है.
रिसेप्शन पर एक लड़का खड़ा था. उसकी उम्र लगभग 25 साल थी.
उसने मुझे पूरा अपनी आंखों से ऊपर से नीचे तक मुआयना किया.
मुझे देखकर उसकी आंखों में चमक आ गई, वह मुझसे बोला- जरूर!
उसने अपना रजिस्टर खोला और मुझे आईडी के लिए कहा.
तो मैंने भी अपनी आईडी निकाल कर उसको दे दी.
उसने मेरी आईडी की एंट्री रजिस्टर में कर ली और मुझे आईडी वापस थमाते हुए मेरा नाम बोला- शालिनी राठौड़!
मैंने भी सर हिलाकर अपना नाम कंफर्म किया और हल्का सा मुस्कुराई.
रिसेप्शनिस्ट ने एक दूसरे लड़कों को आवाज देकर बुलाया और उसको बोला- मैडम को उनका रूम दिखा दो.
और उसको रूम की चाबी दे दी.
इतने में ही विलियम भी बाहर से अंदर रिसेप्शनिस्ट के पास आया और अपना रूम पूछने लगा.
तो रिसेप्शनिस्ट ने उसको कहा कि उसका रूम थर्ड फ्लोर पर 312 नंबर है.
और फिर मुझे बोला- मैडम, आपका रूम 317 नंबर है.
फिर उस लड़के ने मेरा बैग उठा लिया और आगे आगे चलने लगा.
मैं उसके पीछे पीछे चले लगी और सबसे पीछे विलियम चलने लगा.
हम तीनों लिफ्ट में एंटर हुए और थर्ड फ्लोर पर पहुंच गए.
लिफ्ट खुलते ही लड़का मेरा बैग उठाकर बाहर निकल गया और रूम की तरफ जाने लगा.
मैं और विलियम भी बाहर गैलरी में आ गए.
लड़का रूम खोल कर सामान अंदर रखने के लिए चला गया तो विलियम ने धीरे से मुझसे कहा- रूम का दरवाजा खुला रखना, मैं आ रहा हूं थोड़ी देर में!
और मेरी गांड को दबाकर अपने रूम की तरफ चला गया.
मैं भी मुस्कुराती हुई अपने रूम में घुस गई.
वह लड़का बैग रखकर बाहर चला गया तो मैंने गेट बंद कर दिया.
मैंने मोबाइल निकाल कर टाइम देखा तो लगभग रात के 3:20 बज रहे थे.
मैं वहीं खड़ी होकर विलियम का इंतजार करने लगी.
कुछ देर बाद मैं वहीं सोफे पर बैठ कर विलियम का इंतजार करने लगी.
लेकिन 10 मिनट तक विलियम नहीं आया मेरी बेचैनी बढ़ने लगी क्योंकि मुझे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था. विलियम से चुदने की मुझे बहुत जल्दी थी.
मैं खड़ी होकर धीरे से दरवाजा खोल कर गैलरी में झांकने लगी.
लेकिन मुझे गैलरी में कोई भी नजर नहीं आया.
विलियम का रूम पर मेरे रूम से बिल्कुल थोड़ा ही दूर था लेकिन उसका दरवाजा बंद था.
मेरा मन किया कि मैं विलियम के कमरे में चली जाऊं.
लेकिन मुझे पता था कि उसका दोस्त भी वही है और गैलरी में कैमरे लगे हुए थे.
तो मैंने रिस्क लेना सही नहीं समझा और वापस अपने रूम में आ गई.
रात के 3:45 बज रहे थे और मैं जयपुर में एक अनजान होटल में एक अंग्रेज के लण्ड से चुदने के लिए मरी जा रही थी … होटल के रूम में उसका इंतजार कर रही थी.
मेरा दरवाजा अंदर से बंद नहीं था.
करीब 5 मिनट बाद मेरे दरवाजे पर आहट हुई.
विलियम ने धीरे से उसको खोला और झट से अंदर आ गया.
मैं विलियम को देखते ही चहक उठी.
विलियम ने झट से अंदर से दरवाजा बंद कर दिया और मुस्कुराता हुआ मेरी तरफ आने लगा.
मैंने भी उसकी तरफ कदम बढ़ा दिए और हम दोनों नजदीक पहुंचते ही सीधे हमारे होंठ आपस में मिल गए.
उसने मुझे झट से अपनी गोद में उठा लिया और मुझे दीवार से सटा दिया गोद में उठाए हुए ही!
हम लगातार एक दूसरे को चूमे जा रहे थे.
विलियम मुझे जबरदस्त तरीके से चूमे जा रहा था और मैं भी अब जंगली बिल्ली की तरह उसे इधर-उधर चूम रही थी और काट रही थी.
तभी विलियम ने मुझे गोद से नीचे उतार दिया लेकिन अभी भी में दीवार से सटी हुई थी.
मैं विलियम का टीशर्ट उतारने लगी. उसने अपने हाथ ऊपर करके टीशर्ट निकल जाने दिया.
तभी मैं उसके नंगे सीने पर चूमने लगी. विलियम मेरे कमीज को खींचने लगा तो मैं समझ गई कि अब यह मेरे बदन पर कपड़े नहीं रहने देगा.
तो मैंने भी उसका सहयोग करते हुए मेरे शर्ट को उतर जाने दिया.
अपनी सलवार को मैंने खुद ही ढीली करते हुए उसको अपने पैरों से निकाल दिया.
मैंने भी विलियम की बरमुडा में हाथ फंसाया और एक ही झटके में बरमुडा और उसकी अंडरवियर को साथ में ही नीचे कर दिया.
और विलियम ने उसे अपने पैरों से निकाल दिया.
वो पूरा नंगा हो चुका था, उसका मोटा और लंबा गोरा लण्ड एक झटके के साथ बाहर आ गया.
उसने मेरी ब्रा को भी उतार कर फेंक दिया और मेरे दोनों बूब्स को अपने हाथों में पकड़ कर जोर से मसल दिया.
मैं जोरदार चिल्ला उठी.
मेरी आवाज इतनी तेज थी कि शायद दूसरे रूम तक भी चली गई होगी.
विलियम जोर-जोर से मेरी बूब्स को मसलने लगा.
मैं भी उसके सीने पर और उसके कंधे पर चूमने लगी.
मैंने दोबारा से विलियम के होंठों में अपने होंठ दे दिए और हम दोनों एक दूसरे को चूमने लगे.
उसने एक झटके में मुझे वापस से अपनी गोद में उठा लिया और बेड की तरफ ले जा नर्म और मुलायम गद्देदार बेड पर मुझे पटक दिया.
मैंने भी ऊपर होते हुए विलियम को अपने ऊपर खींच लिया और उसने भी एक झटके में मेरे पैरों से मेरी पैंटी निकाल कर मुझे नंगी कर दिया.
हम दोनों बस में ही बहुत ज्यादा गर्म हो चुके थे और एक दूसरे में जल्दी से जल्दी समा जाना चाहते थे.
विलियम ने अपनी जीभ मेरी चूत पर रख दी.
उसकी जीभ मेरी चूत के अंदर इस तरह चल रही थी जैसे पूरी मेरी चूत को चाट चाट कर खा जाएगा.
जैसे जैसे उसकी जीभ मेरी चूत पर लपा लप घूम रही थी, मेरी टांगें खुद ब खुद चौड़ी हो रही थी, मेरे हाथ उसके बालों को जकड़े हुए थे और मेरे मुंह से आह … ओह्ह … यस … ओह्ह बेबी या … कम ऑन … उफ्फ्फ ओह्ह की आवाज लगातार बिना रुके आ रही थी.
मैं कसमसा रही थी.
उसने अपने दोनों हाथ से मेरी चूत को खोलकर चौड़ा किया, मेरी चूत के लाल दाने पर जीभ घूमने लगा और उसको बार बार मुँह में भरने लगा.
उसके ऐसा करने से मेरा पूरा शरीर कांपने लगा. मैं जोर जोर से अपने हाथ बेड पर पटकने लगी और पानी चूत से लगातार बहने लगा.
वो बिना रुके या थके पानी को भी साथ साथ में चाटे जा रहा था.
मुझे ऐसा लग रहा था कि अगर विलियम अब नहीं रुका तो मुझे मेरी चूत के पानी के साथ साथ पेशाब भी साथ में ही आ जाएगा.
विलियम के लगातार मेरी चूत के दाने को अपने मुंह में लेने के कारण अंत में वही हुआ जो मैंने सोचा था.
मेरी चूत स्खलित हो गई … लेकिन साथ में पेशाब की एक तेज धार विलियम के पूरे चेहरे को भिगोने लगी.
पेशाब की धार इतनी तेज थी मानो 2 दिन बाद मैंने पेशाब किया हो.
विलियम का पूरा चेहरा और सीना मेरे मूत से भीग चुका था और चादर भी पूरी भीग चुकी थी.
काफ़ी सारा पेशाब विलियम के मुंह में चला गया था और उसने मुझे देखते हुए वह पी भी लिया.
चूत के स्खलित होने के बाद मैं निढाल होकर अपना सर एक तरफ करके आंखें बंद करके पड़ गई.
लेकिन विलियम को तो मानो जैसे कोई फर्क ही नहीं पड़ा.
उसने मेरी गांड को अपने हाथों से ऊपर करके मेरे नीचे से बेड का पूरा चादर हटा लिया और उसी भीगे हुए चादर से मेरी चूत और अपने बदन और चेहरे को साफ करने लगा.
फिर चादर को एक कोने में फेंक दिया.
कुछ पल पहले जो चुदाई का भूत सवार था, वह चूत के स्खलित होते ही थोड़ा कम हो गया.
लेकिन विलियम को कोई जल्दबाजी नहीं थी, उसने दोबारा से अपने दोनों हाथों से मेरी चूत को चौड़ा किया और अपनी जीभ फिर से चूत में घुसा दी.
ज्यों ज्यों उसकी जीभ मेरी चूत में घूम रही थी, त्यों त्यों चुदाई का ख़ुमार पुनः चढ़ता जा रहा था मुझ पर!
मैं भी अब विलियम के लण्ड को चूसने और चूमने के लिए मरी जा रही थी.
मैंने विलियम का सर पकड़ कर ऊपर किया और उसकी आंखों में देखा.
उसने मेरी आंखों में ही पढ़ लिया कि मैं क्या चाहती हूं.
वह तुरंत 69 की पोजीशन में आ गया मेरे ऊपर सवार हो गया.
उसका लण्ड बिल्कुल मेरे मुंह के सामने हो गया.
मैंने एक पल भी देर न करते हुए झट से उसके कड़क और तने हुए लण्ड को अपने हाथ में पकड़ा और जोर-जोर से उसको हिलाकर उसको गप से अपने मुंह के अंदर ले लिया.
उधर विलियम ने भी दुबारा से मेरी चूत को अपने हाथों से चौड़ा करके जीभ दोबारा से मेरी चूत में दे दी.
हम दोनों अपने-अपने काम में पूरे व्यस्त हो गए और मजे से एक दूसरे के लण्ड और चूतको चाट और चूम रहे थे.
मैं उस गोरे और लंबे लण्ड को मन से और जी भर कर चाट रही थी और उसको अपने गले के अंदर तक ले रही थी.
क्योंकि मुझे पता था कि ऐसा गोरा लण्ड दोबारा सुगमता से नहीं मिलेगा.
लगातार 5-7 मिनट मेरी चूत चूसने के बाद विलियम खड़ा हो गया और मुझे भी हाथ पकड़ कर खड़ा कर दिया.
मुझे बेड से नीचे उतार कर उसने जमीन पर घुटनों के बल बैठा दिया और खड़े-खड़े ही अपना लण्ड मेरे मुंह में दे दिया.
मैं तो लण्ड की खेली खाई हुई राउड़ी राठौड़ थी तो तुरंत समझ गई कि ऐसा विलियम ने क्यों किया है.
क्योंकि अब उसके लण्ड की अमृत वर्षा होने वाली थी.
वह अब जोर-जोर से मेरे मुंह में धक्के लगा रहा था और मैं भी पूरा उसको जड़ तक लण्ड अपने मुंह में ले रही थी.
20-25 सेकेंड बाद ही उसने एकदम से ही मेरे बाल पकड़कर अपना पूरा लण्ड मेरे मुंह में दबा दिया और उसे अमृत समान वीर्य की पिचकारियाँ मेरे गले के अंदर तक छोड़ने लगा.
लण्ड के वीर्य से मेरा पूरा मुँह भर चुका था और मैं चाहते हुए भी मुंह नहीं खोल पा रही थी … मैं सांस नहीं ले पा रही थी.
मेरा पूरा मुँह वीर्य से भरा हुआ था तो मुझे जबरदस्ती पूरी वीर्य को अपने मुंह से गले के अंदर पीना पड़ा.
मैं पूरा का पूरा वीर्य पी चुकी थी लेकिन उसका लण्ड अभी भी धीरे-धीरे वीर्य मेरे मुंह में गिरा रहा था.
उसने धीरे-धीरे अपना लण्ड दोबारा से मेरे मुंह में हिला कर वीर्य पूरा गिरा दिया.
ज्यों ही मुझे सांस आई, मुझे जोरदार से ऊबकाई आई और थोड़ा वीर्य मेरे मुंह से नीचे जमीन पर गिर गया.
मेरी आंखें पूरी लाल हो गई थी और चेहरे पर सांस ना आप आने के कारण आंखों से भी पानी निकल रहा था.
उसने झट से मुझे खड़ा किया और मेरे वीर्य से भरे हुए मुंह और होंठों को अपने होंठों में ले लिया.
मैंने अपने मुंह के बचे हुए वीर्य को उसके मुंह में दे दिया.
हम ऐसे ही 2 मिनट पर एक दूसरे के होंठ चूसते रहे.
विलियम का गाढ़ा गाढ़ा वीर्य पीकर मुझे भी बहुत ही ज्यादा मजा आया.
मैं खुशी से उससे पत्नी की तरह लिपट लग गई.
हम दोनों पूरे नग धड़ंग नंगे थे.
उसने मुझे अपनी गोद में उठा कर बेड पर लिटा दिया, खुद भी मेरे पास नंगा ही लेट गया.
हम दोनों एक दूसरे को चूमने और जी भर कर प्यार करने लगे.
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होटल रूम सेक्स कहानी का अगला भाग: जयपुर की मस्त चालू भाभी की चुदाई यात्रा- 5
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