वो धीरे से मेरे पास आ गई
प्रेषक : धीरेन्द्र शुक्ला
मेरी कहानी कुछ इस तरह है।
मेरी साली का नाम है गीता, वो करीबन होगी २४ की। वो भी मेरी बीवी की तरह ही बहुत सेक्सी थी, वैसे गीता का फ़ीगर होगा ३६-२९-३८ उसके स्तन तो बहुत ही सेक्सी थे जब वो चलती थी तो उसके स्तन हिलते थे, यह देख कर कोई भी आदमी मचल जाये। उसके पति की अक्सर नाइट ड्यूटी रहती थी। मैं जब भी उसके घर पर जाता तो उसको देखता ही रहता और उसको चोदने के बारे में सोचा करता के काश इस को चोद सकूँ।
यह बात आज से ६ महीने पहले की है जब मैं अपनी दूसरी साली की शादी में बड़ौदा गया था। मेरी पहली साली गीता की शादी को ६ महीने हुए थे। वो भी अपनी बहन की शादी की तैयारी के लिये आई थी। हम सब शादी से १ हफ़्ते पहले गये थे। उसका पति नहीं आया था।
एक दिन जब रात को सोने गये तो एक कमरे में पूरा सामान भरा पड़ा था इसलिये हम सब एक साथ ही सो गये। पहले मेरे बगल में मेरी पूरी घरवाली फ़िर आधी घरवाली यानि गीता मेरी साली। रात को जब मैं पानी पीने उठा तो वापस आकर देखा कि मेरी जगह पर मेरी पत्नी लेटी थी। इसलिये मैं गीता और अपनी पत्नी के बीच में सो गया। मुझे नींद नही आ रही थी।
थोड़ी देर के बाद मेरी साली ने अपना पैर मेरे पैरों पर रख दिया। उसने नाइटी पहनी थी और वो उसके घुटने तक ऊपर हो गई थी। मेरा लंड खड़ा हो गया और पूरा टेंट बन गया। फिर मैने भी अपना हाथ उसके ऊपर रख दिया।
थोड़ी देर के बाद जब वो कुछ न बोली, तब मैने अपने हाथ को थोड़ा ऊपर ले कर उसके एक बूब पर रख दिया और धीरे से दबाने लगा। वो धीरे से मेरे पास आ गई। तो मुझे लगा रेस्पोंस मिल रहा है और मैं दूसरे बूब को दबाने लगा। फिर वो मेरी तरफ़ घूम गई। तो मैने अपने हाथ उसके नाइटी में ऊपर से डाल कर उसके चुचूक को दबाने लगा। वो मचलने लगी और मुझे कान में कहा- स्टोर-रूम में चलते हैं !
फिर वो उठ कर दूसरे कमरे मे चली गई और मैं भी उसके पीछे चला गया और स्टोर-रूम का दरवाजा बंद कर दिया। उसको मैंने पीछे से पकड़ कर उसके बूब्स दबाने लगा। उसने कहा आहिस्ता, आहिस्ता। फिर मैने उसकी नाइटी को ऊपर उठा कर पूरा निकाल दिया। और उसको किस करने लगा। मैने उसकी ब्रा भी निकाल दी और उसके टिट्स को हाथ से दबाने लगा। उसकी सांसे तेज हो रही थी। उसने मुझे बूब्स चूसने को कहा और मैने उसका दायां बूब्स चूसने लगा। और पूरा चाटने लगा। थोड़ी देर के बाद दूसरा बूब्स भी चूसा।
अब मैने धीरे से उसका पेटीकोट को ऊपर कर के अपना हाथ उसकी पैंटी में डाल दिया और बूब्स भी चूसता रहा। उसकी चूत पर बाल नहीं थे और पूरी गीली हो गई थी। थोड़ी देर के बाद मैने एक उंगली उसकी चूत में घुसा दी और वो मचल गई। अब वो सिसकियां ले रही थी और मैने उसका पेटीकोट और पैंटी निकाल दिया और उसकी चूत को चाटने लगा। उसके पानी का स्वाद बहुत अच्छा था। उसने मेरे पैजामे का नाड़ा खोल दिया और पैजामा और अंडरवियर उतार दिये। वो मेरा लंड को देखती ही रह गयी और बोली ये तो उसके पति से बहुत बड़ा है। और उस पर हाथ फ़ेरने लगी। मैने फिर से उसकी चूत को चाटने लगा और हम ६९ कि पोजिशन में आ गये।
वहां पे कोई बिस्तर नहीं था इसलिये टाइल्स पर ही लेट गये। मैने उसके स्लिट को दांतो से थोड़ा सा दबाया और वो जोर से मचल पड़ी और फिर मैने अपनी जीभ को उसके अंदर डाल कर अंदर बाहर हिलाने लगा। वो सिसकिया भरने लगी और बहुत गरम हो गई। फिर वो मेरी बाहों में आ कर लिपट गई और धीरे से कहा कि अब मत तड़पाओ, अब मेरे अंदर जल्दी से डालो, मैं मर रही हूं। तो मैं एक कुरसी पर बैठ गया और उसको आगे की तरफ़ झुका कर अपने लंड पर बिठा दिया। और जोर से एक ही झटके में पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया। वो दर्द के मारे अपने होंठों को दबाये मुझे पीछे पकड़ लिया। थोड़ी देर उसको ऐसे ही बिठाये मैं भी बैठा रहा। फिर उसे मजा आने लगा और वो आगे पीछे होने लगी। मैने भी पीछे से धक्के देने शुरु कर दिये। १० मिनट बाद उसकी रफ़्तार तेज हो गई और मेरा भी निकलने वाला था इसलिये मैने भी जोर से धक्का लगाना शुरु कर दिया। थोड़ी देर के बाद वो मुझे पर बैठ गई और मैने भी उसके दोनो बूब्स को जोर सो दबाने लगा और हम दोनो ने एक साथ अपना पानी छोड़ दिया। थोड़ी देर ऐसे ही बैठे रहे।
फिर हम दोनो ने अपने कपड़े पहन कर एक लम्बी किस कर के वापस अपनी जगह पर आके सो गये। हम दोनो पूरी रात नहीं सोये। मैने भी उसके बगल में लेटे उसकी पैंटी में हाथ डाल कर चूत पर अपना हाथ फेरता रहा। वो भी चादर में हाथ डाल कर मेरे लंड को पूरी रात पकड़ कर सोयी रही।
जब तक हम वहां पर साथ रहे रोज कुछ बहाना निकाल कर बाहर चले जाते और कोई फ़र्म और खाली जगह पर जाके अपनी मोटर साइकल पर बैठ कर ही मजे लूटते रहे।
अब वो प्रेग्नेंट हो गई है और मेरे ही बच्चे की मां बनेगी।
दूसरी साली को भी कैसे चोदा वो अगली कहानी में
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