दो जीजू, दो साली और नया साल-2
मेरी बीवी ने अपने मुँह को खोल दिया और उसके लौड़े का झड़ रही पिचकारी का पूरा रस अपने मुँह में लेना शुरू कर दिया।
यह देख श्वेता से भी रहा न गया और उसने भी मेरा लौड़ा मुँह से निकाल कर अपने पति के लौड़े से गिर रहा रस अपने मुँह में लेना शुरू कर दिया। मुझे यह देख कर मज़ा आ रहा था।
मैं बोला- मादरचोदियों, इधर मेरा लण्ड भी है रांडों !
उधर रमेश झड़ता ही जा रहा था और उसके मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थीं, “ऊई… ईईई आ… आह्ह…”
तभी श्वेता ने अपने मुँह को रमेश के लौड़े से निकले हुए रस से भर कर उसका सारा वीर्य रस मेरे लौड़े के ऊपर अपने मुँह से निकाल दिया।
और अब तक रमेश पूरी तरह झड़ चुका था और मेरी बीवी के मुँह में अभी भी उसके लौड़े का रस था। मेरी बीवी ने भी श्वेता की तरह अपने मुँह से पूरा रस मेरे लौड़े पर निकाल दिया।
मेरा लौड़ा पूरी तरह अब गीला हो चुका था और दोनों औरतें, अब मेरे लण्ड से रस निकाने के लिए अपनी जवानी का पूरा जोर लगाने लगीं। श्वेता ने मेरे लण्ड के छेद के अंदर जीभ डालने की कोशिश की, इससे मैं और उत्तेजित हो गया, मेरा लौड़ा पहले ही पूरी तरह गीला था। मेरी बीवी अपनी जीभ मेरे लण्ड के ऊपर घुमा रही थी और इसे चाट रही थी।
तभी श्वेता ने फिर मेरे टट्टों को चाटना शुरू किया, जिससे मेरा लौड़ा भी झड़ने के लिए मचलने लगा, अब मैं भी सिसकार रहा था- ऊऊई… ईई… आह… साली… बस… बा…बस… बस… आह… कुतिया बस ऊऊ… आआह्ह… बस…
श्वेता ने जोर से मेरे लौड़े के ऊपर अपना थूक निकाल कर जैसे ही चाटा, वैसे ही मेरा रस भी टपकने लगा। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
मैं- आह्ह्ह्ह… सी… ई… ले…साली बहन की… लौड़ी… ले चु…द अप… ने जी…जू से…माद..रचोद.. चु.दवा..साली.अ.पनी..ब.हन. कु.ति.या .आह… हा…हा… मैं आ रहा हूँ सा..लियों… ले.मे..रा.जूस…पी.ओ मे..री रां.डों…
मेरे लौड़े की पहली पिचकारी श्वेता के नाक पर पड़ी और दूसरी धार मेरी बीवी के मुँह में, जैसे ही तीसरी निकलने लगी तो श्वेता ने ज़ल्दी से अपनी जीभ मेरे लण्ड के नीचे कर दी और मेरी बीवी श्वेता के नाक पर से पड़ा हुआ रस चाटने लगी।
मैं लगातार अपने लण्ड से रस टपका रहा था, जिसे श्वेता अपने मुँह में ले रही थी। अब मैंने श्वेता का सर कसकर पकड़ रखा था कि मेरा लण्ड कहीं श्वेता के मुँह से बाहर न निकल जाए।
अब मैंने अपनी आखरी धार श्वेता की जीभ पर निकालने के बाद अपना लण्ड उसके मुँह से बाहर निकाल लिया।
श्वेता के मुँह में मेरे लण्ड से निकला हुआ रस था, मेरी बीवी ने श्वेता के होंठों में अपने होंठ डाले और श्वेता ने अपने मुँह में रखा हुआ मेरे लण्ड का रस मेरी बीवी के मुँह में ट्रान्सफर कर दिया।
इधर रमेश यह देखकर हैरान रह गया और बोला- ‘वाओ… साली ग्रेट हो तुम तो, ऐसे ही एक बार और करके दिखाओ, वाओ मेरे लण्ड में तो फिर से जान आ गई, आपका यह नजारा देखकर।
इतना सुनते ही मेरी बीवी ने श्वेता को इशारा किया, श्वेता ने मेरी बीवी का इशारा पाकर अपना मुँह खोल दिया और इस समय मेरी बीवी ने काफी ऊपर से अपने मुँह में भरा हुआ मेरे लण्ड का रस श्वेता के मुँह में टपकाना शुरू किया, जैसे ही मेरी बीवी के मुँह से निकल रहा लण्ड का रस श्वेता के मुँह में जाने लगा, तो कुछ रस श्वेता के नाक और सर पर गिर गया, जो देखने में बहुत ही आकर्षक लग रहा था।
यह नज़ारा देखकर तो एक बार मुझे फिर से उत्तेजना आ गई, मैं बोला- तुम लोग तो बहुत बड़ी वाली रांड हो, दिल करता है आज हम अपने सारे सपने सच कर लें।
श्वेता बोली- जीजू और क्या सपना है आपका? बताओ आज आपका सपना भी हम पूरा कर देती हैं। आखिर हैं तो आपकी बीवियाँ ही।
मैं- अच्छा तो साल इस हद तक मज़ा तुम्हें देना तो चाहता हूँ मेरी रांडों, ले मेरा पेशाब पी साली कुतिया।
यह सुनते ही जैसे श्वेता तो मुस्करा उठी, “हाँ जीजू लाओ, अपना पेशाब कर दो न मेरे मुँह और दुद्दुओं के ऊपर।
तभी मैंने अपने लण्ड से पेशाब की धार छोड़ दी स् र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र…मेरे लण्ड से निकल रहा पेशाब, श्वेता के मुँह में जा रहा था और तभी रमेश भी उठा और वो भी ऐसे ही पेशाब करने लगा।
हम दोनों ही पेशाब कर रहे थे और श्वेता और मेरी बीवी दोनों अब हमारे पेशाब से नहा रही थीं और रमेश उन दोनों को कह रहा था- लो पक्की चुदक्कड़ो, हमारी रांडों, कैसा लग रहा है, अपने-अपने जीजू से ऐसा मज़ा लेना साली कुतियो ! लो साली और लो स् र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र…
हमारा पेशाब खत्म हो चुका था और ये दोनों मस्त थीं।
अब मेरी बीवी बाशरूम में जाकर फ्रेश होना चाहती थी, पर श्वेता ने उसे रोकते हुए कहा- अरे साली कुतिया, किधर चली अपनी माँ चुदाने ! अब चुदवा तो ले एक बार, अपनी चूत की भूख तो शांत कर ले, फिर हम सभी एक साथ फ्रेश हो लेंगे…!!
मैंने श्वेता को पकड़ा और उसके निप्पल चूसने शुरू कर दिए, बहुत मज़ेदार चूचुक थे साली के, मैंने अपनी बीवी को कहा- अरे देख तो इस कुतिया के थन कितने मस्त हैं !
तभी मेरी बीवी बोली- आखिर बहन किसकी है?
इतना सुनते ही रमेश बोला- अरे साली तुम दोनों को तो एक साथ 4-4 हल्ल्बी लण्ड चाहिए चोदने के लिए।
मेरी बीवी बोली- अबे साले गांडू पहले चोद तो !! तब की तब देखेंगे !
तभी रमेश ने मेरी बीवी को उल्टा किया और उसकी चूत के छेद को एक हाथ से खोलकर दूसरे हाथ से अपने लण्ड को पकड़ा और बोला- ले मादरचोदी, अब चुदने के लिए तैयार हो जा।
इधर श्वेता भी मुझसे चुदने क लिए बेताब थी। मैंने श्वेता को अपनी बीवी के बिल्कुल साथ लिटाया और उसकी टांगें उठा कर उसकी चूत के ऊपर अपना लौड़ा रख दिया। वो लौड़े की गर्माहट पाकर खुश हो गई।
तभी मैंने कहा- लो साली सड़क छाप कुत्तियों, आज तुम दोनों एक साथ दो मर्दों से चुदने जा रही हो और मैं चाहता हूँ, तुम दोनों एक साथ अपनी चूतों का रस हमारे लंडों पर निकालो और मैं यह भी चाहता हूँ कि तुम दोनों एक साथ ही हमारे लौड़ों का रस पिओ।
मेरी बीवी बोली- अब देर मत करो, आप जैसे सोच रहे हो, सब कुछ वैसा ही होगा। अब हमें ज़ल्दी से अपनी कुतिया बना लो और चोद डालो हमारी चूतें।
रमेश बोला- हाँ, माँ की लौड़ी तुम तो हमारी पहले ही बन चुकी हो और रही बात चूतें चुदने की, वो अब हम चोदने जा ही रहे हैं सालियों।
तभी श्वेता बोलने लगी, “अब देर मत कर कुत्ते, चलाओ अपने औजार।”
इतना सुनते ही मैंने एक झटके से अपना लण्ड श्वेता की चूत में उतार दिया और श्वेता चिल्लाने लगी, “आह्हह आह्ह् सीस इस ई दीदी आहा हा हा चुद गई… साली..चो.द. .डा.ला.. ..तु.म्हा.रे. .क.मी.ने.. पति ने..आ.ह..सा.ली… ब.चा.. कुति.या..आह. ई.ई.ई. .ऊउईई।”
उधर रमेश भी अपना लौड़ा मेरी बीवी की चूत में डाल चुका था। मेरी बीवी ने अपना एक हाथ आगे किया और श्वेता का हाथ पकड़ लिया। श्वेता और मेरी बीवी एक-दूसरे का हाथ पकड़ कर मस्ती से चुदवा रही थीं। तभी मैंने भी रमेश का एक हाथ पकड़ लिया।
मैंने कहा- लो हरामिनों, चुदो अब, ले हमारी रंडियों, ले लो आज अपनी जवानी का असली मज़ा हमारी रांडों। ले साली श्वेता, तुझे तो आज हम इतना चोदेंगे कि तुम खुद हर बार ऐसे ही चुदने के सपने देखा करोगी।
अब मैंने रमेश को इशारा किया और रमेश ने अपना लौड़ा हिलाया और हम दोनों ने आँख झपकते ही अपनी-अपनी बीवियों के अंदर लौड़े उतार दिए। अब हमारी चूतें बदल चुकी थी, परन्तु मेरी बीवी और श्वेता ने ऐसा सपने मैं भी नहीं सोचा था कि एकदम से ऐसा भी कुछ होगा। अब हम अपनी-अपनी बीवियों को चोद रहे थे।
श्वेता बोली- बस साले, मैं झड़ने वाली हूँ, बस अभी आई मैं !!
तभी मेरी बीवी को मेरी बात याद आई, उसने कहा- ओये नहीं साली रांड, मेरे पति ने क्या कहा था? याद है न तुम्हें ! हम दोनों एक साथ ही अपना रस निकालेंगी।
तभी रमेश ने मुझे इशारा किया और हमने फिर से लण्ड बाहर निकाले और चूतें बदल लीं। ऐसा करने से श्वेता और मेरी बीवी इतना ज्यादा उत्तेजित हो गईं कि उन्होंने सिसकारना शुरू कर दिया, “ऊह्ह्ह्ह्ह् आआ… ह.स… ब…स. हम चुद गईं…आह मैं आ रही हूँ… मादरचोद बार-बार चूत बदलते हैं।
श्वेता का पानी निकलना शुरू हो गया था, साथ ही मेरी बीवी ने भी अपनी चूत से पानी निकालना शुरू किया और अब पूरे कमरे मैं हमारी चारों की आवाज़ें ही थीं, “आआअ ह्हह्हह्ह… ह्ह..सी. सी…स .कि..स स. ..इ.स इ..स. या…ह.. बस.. क.रो. आ.ह..अ.ह।”
तभी मेरी बीवी और श्वेता एक साथ झड़ गईं और इनके झड़ने की देर थी कि रमेश ने भी अपना लण्ड बाहर निकाला और अपनी पिचकारी मेरी बीवी के ऊपर ही छोड़ दी। मेरी बीवी की चूचियाँ और चूत पूरी तरह से रमेश के लण्ड के रस से नहा गईं।
इधर मेरा लौड़ा भी झड़ने लगा था, “आआ… आह…सी सी… बस जानेमन, लो मेरा रस निकल रहा है। मैंने अपना रस श्वेता की चूत के ऊपर गिरा दिया। मेरे लण्ड से निकले रस की पहली पिचकारी से श्वेता का मुँह फिर से भर गया क्योंकि मेरे लण्ड की पिचकारी सीधी श्वेता के मुँह के ऊपर पड़ी थी, जिसे मेरी बीवी ने चाट कर साफ़ कर दिया।
उसके बाद श्वेता ने कहा- अब हम अपने-अपने पति के लौड़े चाट कर साफ़ कर देती हैं। मेरी बीवी ने मेरे लण्ड को पकड़ा और चाटना शुरू कर दिया, श्वेता रमेश का लण्ड चाट रही थी। हमारे लंडों के ऊपर लगी हुई चूत और लंडों के पानी को उन्होंने चाट कर साफ़ कर दिया। उसके बाद मैंने अपनी बीवी की एक चुम्मी ली और एक चुम्मी श्वेता को की।
ऐसे ही रमेश ने भी एक-एक बार दोनों की चूतों पर चूमा और एक-एक चुम्मा दोनों के होंठों पर किया और बोला- वाओ यार ग्रेट, आज बहुत मज़ा आया।
इसके बाद हम चारों एक साथ नहलाये और तैयार होकर नए साल की पार्टी के लिए रवाना होने के लिए होटल से बाहर निकले तो देखा बाहर काफी अँधेरा था। हमने अपनी कार निकाली और नए साल की पार्टी में चले गए।
तो दोस्तो, यह थी हमारी नए साल की दास्तान। हमारा यह नया साल बहुत मस्त रहा और इसके बाद भी हम सबने काफी बार एक साथ खुले आम चुदाई की है, हमें बहुत मज़ा आया है।
आपके सुझाव का इंतज़ार रहेगा मुझे ! फिर आऊँगा मैं अपनी नई कहानी के साथ ! तब तक के लिए इज़ाजत दीजिए।
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