भैया की नाकामी

हर्ष लवर 2007-11-02 Comments

प्रेषक : हर्ष मेहता

यह मेरी पहली कहानी है जो हकीकत है! मैं चंडीगढ़ मैं रहता हूँ अपने परिवार के साथ ! मैं पेशे से एक कंप्यूटर इंजिनियर हूँ और देखने मैं सामान्य लड़का हूँ !

यह बात आज से एक साल पहले की है। यह कहानी मेरी और मेरे चचेरे भाई की बीवी की है जो उत्तरप्रदेश में रहता है अपने परिवार के साथ !

मेरी भाभी के वक्ष काफी मनमोहक हैं, उनका आकार है 38-30-36 !

और सबसे ज्यादा अच्छे उसके होंठ है जो मुझे मदमस्त कर देते हैं।

बात यूँ शुरू हुई !!!

मैं अपनी चचेरी बहन की शादी में गया हुआ था तो वहाँ पर मेरी भाभी भी आई हुई थी। मेरी और उनकी सामान्य सी बात हुई लेकिन वो मुझे देख कर लगातार मुस्कुराए रही थी तो मैं भी प्रति-उत्तर में मुस्कुराता रहा।

धीरे-धीरे शादी की भीड़-भाड़ होने लगी तो सोने के लिए जगह कम पड़ने लगी।

तो मजबूरन सबको नीचे गद्दे बिछाकर सोना पड़ा। सोने से पहले ही चाचा जी ने कहा था कि कोई भी पति-पत्नी साथ-साथ नहीं सोयेंगे।

मैं तो एक कोने मैं पड़ा अपने लैपटॉप पर गाने सुन रहा था, इतने में मेरे साथ वाले बिस्तर पर हलचल हुई। मैंने मुड़ कर देखा तो मेरी वही भाभी मेरी बगल में लेटने की तैयारी में थी।

मैंने उनसे पूछा- यहाँ कैसे?

तो वो कहने लगी कि आज कोई मियां-बीवी साथ नहीं सोयेंगे ! इसलिए आपके साथ सोने आई हूँ !

तो मैंने कहा- कोई बात नहीं आप सो जाइये !

तो वो सो गई !

रात करीब एक बजे जब सब सो चुके थे तब मुझे अपने बदन पर कोई चीज़ रेंगती सी लगी। जब मैंने मोबाइल की रोशनी से देखा तो मेरी भाभी मेरे बदन पर अपनी उंगली चला रही थी।

मैंने उनका हाथ पकड़ कर झटक दिया तो थोड़ी देर बाद वो फिर वही हरकत करने लगी। मैं चुपचाप सोया रहा।

इस बार तो उन्होंने हद ही पार कर दी और मेरे हथियार को पकड़ कर हिलाने लगी।

मैंने उनसे पूछा- यह क्या कर रही हो आप?

तो वो कहने लगी- वही जो आपके भैया मुझे करने नहीं देते !

मैंने पूछा- क्या आप उनसे संतुष्ट नहीं हो?

तो कहने लगी- वो तो साधारण सेक्स पसंद करते हैं और कहते हैं कि एक-दूसरे के गुप्तांगों को नहीं छूना चाहिए, यह गन्दी बात है!

और अपना लिंग मेरे में डाल कर 8-10 झटके मारे और सो गये। मुझसे कभी नहीं पूछा कि मैं फारग हुई या नहीं !

तो मैंने पूछा- इसमें मैं आपकी क्या मदद कर सकता हूँ?

तो कहा- जब तक आप यहाँ हैं, तब तक आपके साथ सेक्स कर के खुश रहना चाहती हूँ!

तो मैंने कहा- यहाँ कोई देख लेगा !

तो कहने लगी- आज कुछ नहीं करते ! कल रात से सबके सोने के बाद स्टोर में चलेंगे !

फिर वो और मैं सो गए। सुबह जब मैं उठा तो वो मेरे लिए चाए लेकर आई और देकर मुस्कुराने लगी।

मैं भी मुस्कुरा दिया।

अब वो और मैं हम दोनों रात होने का इंतज़ार करने लगे।

जब रात हुई तो वो मेरी बगल में लेट गई और जब सब सो गए तो मुझे कहा- पहले तुम चलो ! मैं बाद में आती हूँ।

मैं गया तो थोड़ी देर बाद भाभी आई और आते ही मुझे बेतहाशा चूमने लगी और काटने लगी। मैं भी उनका साथ देने लगा !

फिर हम 69 की अवस्था में आ गए और एक दूसरे के कपड़े उतारने लगे। मैं उनकी चूत और वो मेरा लण्ड चूसने लगी।

करीब 7 मिनट में ही वो झड़ गई और मेरे लंड को तेज-तेज चूसने लगी। उसके बाद4-5 मिनट में मैं भी झड़ गया।

उन्होंने कहा- पहले आगे वाले छेद में डालोगे या पीछे वाले छेद में डालोगे ?

मैंने कहा- आपकी मर्जी !

तो उन्होंने कहा- पहले चूत में डालो !

मैंने कहा- आप इसकी जगह पर इसे रखो !

तो उन्होंने रख लिया। मैंने एक ही धक्के में अंदर डाल दिया और धक्के देने लगा। वो भी गाण्ड उछाल-उछाल कर साथ देने लगी। तो करीब 15 मिनट में मैं झड़ गया और कुछ देर उन्हीं के ऊपर लेट गया।

जब मैं फिर तैयार हुआ तो उन्होंने कहा- कोई क्रीम लगा लो, नहीं तो दर्द होगा !

मैंने कहा- नहीं होगा !

और धीरे-धीरे उनकी गांड में डालने लगा और उनके मोमे मसलने लगा। इस बार मेरे झड़ने से पहले ही वो दो बार झड़ चुकी थी, फिर भी मेरा साथ दे रही थी और कह रही थी- आज तुमने मुझे खुश कर दिया ! अब जब तुम्हारा मन हो तब मेरे साथ सेक्स कर सकते हो ! मैं नहीं रोकूंगी !

मैंने उनको चूमा और चुपचाप आकर सो गया और फिर इसी तरह मैंने उनको दो दिन और चोदा !

मेरी तरफ से गुरूजी और अन्तर्वासना डॉट कॉम के निर्माताओं को बहुत-बहुत शुक्रिया कि हमारे जीवन को रंगीन बनाने के लिए इस साईट का निर्माण किया !

मुझे इस साईट के बारे में मेरे एक साथी ने बताया था और उसने कहा कि यह काफी रोचक साईट है। कोई मस्तियाँ नाम की चोर साइट हमारी इस प्रिय साईट की कहानियाँ चुरा कर अपनी साइट पर देती है।

आपको मेरी यह सच्ची कहानी कैसी लगी? मुझे मेल करना …

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