अगस्त 2016 की लोकप्रिय कहानियाँ
(Best Stories Published In August 2016)
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प्रिय अन्तर्वासना पाठको
अगस्त महीने में प्रकाशित कहानियों में से पाठकों की पसंद की पांच कहानियाँ आपके समक्ष प्रस्तुत हैं…
भाभी की चचेरी बहन ग्रुप सेक्स में-1
दोस्तो, आपने मेरी पिछली कहानी
दोस्त की बीवी बनी माशूका
को पसंद किया।कहानी का अंत कावेरी के इंतज़ार पर ख़त्म हुआ था।
कावेरी को आना है अपनी चचेरी बहन नीता के पास!कावेरी और नीता खूब खुली हुई हैं… दोनों हम उम्र हैं… दोनों सेक्सी हैं… दोनों शादी से पहले लेस्बीयन सेक्स करते हुए हमबिस्तर हो चुकी हैं और आज भी व्हाट्सएप पर एडल्ट्स जोक्स और फोटोज शेयर करती हैं।
नीता का उद्देश्य है कावेरी की सेटिंग अपने पति से करवाना जिससे नीता सनी से बेधड़क और खुलमखुल्ला प्यार कर सके और उसके पति की भी दूसरी औरत की ख्वाहिश पूरी हो जाए।
सच तो यह था कि व्हाट्सएप पर और मोबाइल पर बातचीत में नीता और कावेरी दोनों ही इतनी खुल चुकी थीं कि दोनों एक बार लेस्बियन होकर एक दूसरे से मजे लेना चाहती थीं।
मायके में एकांत ज्यादा नहीं मिल पाता था क्योंकि दिन रात सब लोग साथ होते थे और कावेरी की ससुराल मैं संयुक्त परिवार होने से नीता वहाँ नहीं जाना चाहती थी और विकास उसे छोड़ता भी नहीं था।
खैर दोनों ने यह तय किया कि कावेरी ही नीता के पास आये!
आखिर वो दिन आ ही गया, आज सुबह कावेरी को लेने विकास और नीता स्टेशन आये हैं।
अब यह कहानी आपको नीता ही सुनाएगी।आज कावेरी को लेने स्टेशन जाना है। ट्रेन सुबह सात बजे आती है तो मै और विकास बिना नहाये ही स्टेशन चले आये।
ट्रेन पंद्रह मिनट लेट थी तो हम दोनों ने चाय पी।विकास की बेताबी देखने लायक थी, वो मुझसे कावेरी के बारे में इतना सुन चुका था और एक बार मैंने उसे कावेरी की शॉर्ट्स में फोटो भी उसे दिखा दी थी तो अब विकास अपनी आँखों से देखना चाहता था।
मैंने उसकी बेकरारी देख कर उससे कहा- जानू तुम कोई भी हरकत ऐसी मत कर देना या जल्दीबाजी मत करना जिससे कावेरी को शक हो जाए! तुम बस एक शरीफ जीजा बन कर रहना, बाकी मैं कोशिश करुँगी।
ट्रेन आ गई और सेकंड ए सी से कावेरी उतरी। कावेरी बिल्कुल बदल गई थी, गोरी चिट्टी लम्बी तो वो थी ही!
उसने ट्रैक सूट पहना हुआ था… आते ही उसने मुझे चिपटा लिया और गाल पर चुम्बन किया, विकास से उसने हाथ मिलाया और हाय बोला…
मुझे मालूम है विकास अब आज तो हाथ धोएगा नहीं!
अल्हड़ पंजाबन लड़की संग पहला सम्भोग
जब मैंने नई-नई नौकरी की थी और मुझे आगरा में ज्वाइन करने के लिए कहा गया था।
मैं कंपनी के काम से दिल्ली बहुत आता-जाता था।इस दौरान हम दोनों ने यानि मैंने और पायल ने दिल्ली में जा कर अपना-अपना कौमार्य खोया। किस तरह पायल तैयार हुई.. कैसे मैंने उसको सेक्स के लिए तैयार किया.. ये सब आपको यहाँ पर मिलेगा।
सबसे पहले आप सबको यह बता दूँ कि कहानी में जगह.. नाम.. हीरो और हीरोइन घटनाक्रम बिल्कुल सत्य हैं।
हाँ.. उन पलों को रोचक और इस मंच के पाठकों की पसंद के अनुसार तड़का अवश्य लगाया है।यह मेरे और पायल के बीच के पहले सम्भोग की गाथा है। आज भी जब उन पलों को याद करता हूँ.. तब मेरा लण्ड खड़ा हो जाता है और उसको याद करके मुठ मार लेता हूँ।
आज मुझे पता नहीं वो कहाँ है.. पर यदि वो इस कहानी को पढ़ रही हो.. तो वो भी उन पलों को याद कर रही होगी।आगरा के सिकंदरा में किराए का मकान लिया.. जिसमें ऊपरी मंजिल में मकान-मालिक का परिवार और नीचे के दो रूम के सैट में मैं और पीछे के दो रूम के सैट में एक अरोरा परिवार रहता था।
अल्हड़ पड़ोसन लड़कीअरोरा साहब के परिवार में मियां-बीवी, एक लड़का और एक लड़की पायल (उम्र 19 साल) रहते थे। उनका लड़का इंग्लैंड में रहता था। हम दोनों के बीच में मकान का आँगन कॉमन था।
पायल एक अल्हड़ सी.. कमनीय काया की स्वामिनी थी। तकरीबन 5’3″ लम्बे कद की उस हिरनी का फिगर 32B-28-30 का था। वो पंजाबी थी.. तो गोरी और मस्त थी जैसा कि ज्यादातर पंजाबी लड़कियाँ होती हैं।
पायल हर समय घर पर ही रहती थी और मैंनेजमेंट के एंटरेन्स एग्जाम की तैयारी कर रही थी।
हम दोनों अक्सर बातें करते थे, मेरा उनके घर पर बहुत आना-जाना था, अक्सर मैं उनके घर पर ही खाना खाता था।
सच कहूँ तो मेरा दिल पायल पर आ गया था, मैं उसको चोदना चाहता था.. पर उसकी इच्छा का मुझको पता नहीं था।
बस इतना मालूम था कि उसको मेरा साथ अच्छा लगता है।कभी-कभी मैं उसको इधर-उधर छूने भी लगा था.. वो बिल्कुल बुरा नहीं मानती थी.. बल्कि वो एक स्माइल भी देती थी।
एक दिन मैं अपने काम पर नहीं गया और घर पर ही था.. पर यह बात उन सब को पता नहीं थी।
करीब 11 बजे जब मैं आँगन में गया.. तो देखा कि पायल सिर्फ तौलिया में खड़ी थी, वो अभी नहा कर ही निकली थी, तौलिया उसके सीने पर बंधा था और वो जाँघों तक ही था।
बीच पर बिकिनी में गर्म लड़की और सेक्स
दोस्तो, मैं आपकी अपनी सेक्सी सीमा सिंह… आज मैं बहुत ही उत्तेजित हूँ।
जानते हो क्यों…
पिछले महीने मैं गोवा गई थी, अब एक सुपर सेक्सी औरत गोवा गई हो, और वहाँ जाकर किसी से चुदवाए ना… यह तो हो ही नहीं सकता।
फिर कहानी किस चीज़ की बने?तो मैं कैसे गोवा गई, कैसे चुदवाया, लीजिये पढ़िये।
कुछ दिन पहले मेरी एक कहानी पढ़ कर एक गोवा के लड़के ने मुझे ईमेल भेजी। कभी उसने मुझे देखा तो नहीं था, मगर फिर भी दिल खोल कर मेरे हुस्न की तारीफ की, मेरे सुंदर रूप का बखान किया, मेरे सुंदर सेक्सी बदन की बहुत तारीफ की।
मुझे बहुत अच्छा लगा।उसने मुझे गोवा आने का निमंत्रण दिया, लिखा- आप गोवा आ जाओ, आपके रहने, खाने पीने का सब ज़िम्मेदारी मेरी, बस आप आने की हाँ कहो!
नील गोवा में समुद्रतट पर वाटर स्कूटर का काम करता है।मैंने सोचा, गोवा तो मैंने भी नहीं देखा, सुना है वहाँ पर बड़े सुंदर बीच हैं, लड़कियाँ औरतें बिकिनी पहन कर घूमती हैं।
ये विचार आते ही मैंने अपने रूम का डोर अंदर से लोक किया, अपनी जीन्स और टी शर्ट उतार दी और कमरे के अंदर मैं सिर्फ ब्रा
और पेंटी में घूमने लगी, सोचने लगी कि जब मैं गोवा के बीच पर इस हालत में घूमूंगी और सब तरफ से लोग मेरे अध नंगे बदन को देखेंगे, तो कैसा लगेगा।मगर रूम में तो चाहे नंगे घूमो, मगर बाहर ओपन में ब्रा पेंटी में घूमना अलग बात है।
उसी शाम को मैंने अपने पति से बात की कि मुझे गोवा घूमना है।
पति ने कहा- हाँ देखेंगे!
बात आई गई हो गई।
ब्रिटेन में सीरियन लड़की संग प्यार भरे लम्हे
मैं जैक.. 33 साल का शादीशुदा एक गुजराती अप्रवासी भारतीय हूँ। मुझे अपने काम के सिलसिले में कई बार विदेश जाना पड़ता है। इसी के चलते मैं इस बार जुलाई में बीस दिन के लिए यूके के एक छोटे से टाउन में आया हुआ था।
यह शहर मुझे बहुत बोरिंग लगा.. क्योंकि यूरोप के छोटे टाउन में लोग सब काम-धंधा 5 बजे बंद कर देते हैं और फिर रेस्टोरेंट.. बार और पब ही खुले रहते हैं।
गूगल करके सबसे अच्छा पब ढूँढा.. जो सिटीसेंटर में मेरे होटल के बिल्कुल पास था।वहाँ गया, फिर ऐसे ही एकाध घंटे बाद मैं अपने होटल की ओर चल पड़ा।
वहाँ बाहर 2-3 इंडियन जैसी देखने वाली औरतें गुलाब के फूल बेच रही थीं, दो औरतें तो सास-बहू लग रही थीं।
वे दोनों मेरे पास आकर फूल लेने की बोलने लगीं.. तो मैंने उनको विनम्रता से ना बोला और आगे चलने लगा।
तभी सामने से एक गुलाब बेचने वाली लड़की आ रही थी, उसने मुझसे बोला- क्या आप गुलाब के फूल खरीदना चाहेंगे?
मैंने बोला- नहीं.. मैं यहाँ किसी को जानता ही नहीं तो गुलाब का फूल किसको देने के लिए खरीदूंगा?
तो वो हँस कर आगे चलने लगी।मैंने सोचा क्यों न इसके साथ कुछ टाइम पास किया जाए। तो मैंने उसको वापस बुलाया और पूछा- कितने का है?
तो बोली- एक पौंड का एक!
उसके पास 15-20 थे.. तो मैंने बोला- ले तो लूँ.. लेकिन दूँ किसको?तो बोली- मुझे ही दे दो और हँसने लगी।
मैंने बोला- ठीक है.. लेकिन मेरी गर्ल फ़्रेंड बन जाओ.. तो दे दूँ।
वो उदास थी.. वो बोली- लेकिन आज अभी तक 5 गुलाब ही बिके हैं।
अनम और नैन्सी का मधुर मिलन
मेरा नाम अनम है, मैं दिल्ली में रहता हूँ, परिवार में मम्मी पापा मैं और दो बहनें हैं, पिताजी का बिज़नस है।
मैं 24 साल का हूँ, अभी डिग्री कर रहा हूँ।घर का माहौल बहुत ही सख्त है, इसलिए घर में तो बॉय फ्रेंड या गर्ल फ्रेंड का नाम भी नहीं लिया जा सकता, मुझे पता है कि मेरी छोटी बहन का बॉय फ्रेंड है, मगर हम दोनों हम उम्र होते हुये भी कभी भी आपस में ऐसी कोई बात नहीं करते, सब के सब शरीफ बच्चे हैं।
इसी वजह से मैं आज तक कुँवारा हूँ, आज तक कोई गर्ल फ्रेंड नहीं बना पाया, बस हर वो लड़की या औरत जो पसंद आई, उसके नाम की मुट्ठ मार लेता हूँ।
दिली इच्छामगर दिल में बड़ी इच्छा थी कि किसी ऐसी औरत की चुदाई करूँ, जो उम्र में मुझसे बड़ी हो। और अगर उसके छोटा बच्चा हो, मतलब जिसके बोबे दूध से भरे हों, तो और भी मज़ा आ जाये…
मेरी बड़ी इच्छा होती है, औरत का दूध पीने की मगर कभी भी ऐसा मौका नहीं लगा।एक दो बार दोस्तों ने बाहर चुदाई का प्रोग्राम भी बनाया मगर मैं शर्म की वजह से नहीं गया कि किसी किसी रंडी को चोदने के बाद घर कैसे आऊँगा, घर वालों के सामने कैसे जाऊंगा, चाहे यह सिर्फ मेरे मन का ही भ्रम था, मगर मैं नहीं गया।
ऐसे में ही हमारे पड़ोस में रहने वाली एक भाभी की तरफ मेरा ध्यान गया। ध्यान भी कैसे गया, एक दिन मैं उनके घर किसी काम से गया, उस वक़्त वो अपने बेटे को दूध पिला रही थी।
उस दिन मैंने पहली बार उनके दोनों बूब्स जो उन्होंने अपनी ब्लाउज़ से बाहर निकाल रखे थे, देखे।मेरा बड़ा मन किया कि भाभी से कहूँ कि भाभी एक बूब तो आपका फ्री ही पड़ा है, और उससे दूध टपक टपक कर नीचे गिर रहा है, प्लीज़ मुझे चूस लेने दो, मुझे आपका दूध पीना है।
मगर गाँड में इतना दम कहाँ!तो चुपचाप अपने घर आया, बाथरूम में गया, और मुट्ठ मार के खुद को शांत किया।
मगर उसके बाद मैं हमेशा उनके घर जाने के बहाने ढूंढने लगा।
और एक दिन ऐसा बहाना बना के बस मेरी तो ज़िंदगी ही बदल गई।
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