ससुर को बनाया अपनी चूत का गुलाम

(Bad Xxx Relations Story)

रेहाना खान 2025-03-28 Comments

बैड Xxx रिलेशन स्टोरी में मेरे पति के विदेश जाने के बाद मुझे लंड की किल्लत हो गयी. उधर मेरा ससुर भी विधुर था. उसकी नजर मेरे जवान गोश्त पर फिसलती थी.

यह कहानी सुनें.

मेरे प्यारे दोस्तो, मैं आज आपको अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रही हूँ।

मेरा नाम रीना है। मैं एक शादीशुदा औरत हूँ।
मेरी शादी अभी 5 साल पहले एक रोहित नाम के लड़के से हो गयी थी।

रोहित एक स्मार्ट और हैंडसम आदमी है, मुझे बहुत प्यार करता है।
शादी के बाद कोई भी दिन ऐसा नहीं गया जब उसने मुझे चोदा न हो।

उसे चोदने का बड़ा शौक है और मुझे चुदवाने का!

हम दोनों की जिंदगी बड़ी मस्ती से कटने लगी।

एक दिन मेरे हसबैंड को एक नया जॉब मिल गया।
जॉब बहुत अच्छा था, सैलरी भी बहुत अच्छी थी.
मगर उस जॉब में अधिक समय तक विदेश में रहना पड़ेगा ऐसा कॉन्ट्रैक्ट में लिखा था।

पति बोला- रीना, अब बताओ मैं क्या करूँ? जॉब ज्वाइन करूँ या न करूँ?
मैंने कहा- इसका निर्णय तो आपको ही लेना पड़ेगा. वैसे मुझे विदेश घूमने का बड़ा शौक है।

बस वह बोल पड़ा- ठीक है, मैं सर्विस ज्वाइन कर लेता हूँ।

उसने सर्विस ज्वाइन की और कुछ महीनों के बाद विदेश चला गया।

अब मैं आपको अपनी सच्ची बात इस बैड Xxx रिलेशन स्टोरी में बताती हूँ।

मुझे सेक्स का बहुत शौक है। मुझे दुनिया में अगर सबसे अच्छी चीज कोई लगती है तो वह है लण्ड और केवल लण्ड।
लण्ड मेरी ज़िन्दगी है, लण्ड मेरी जान है, लण्ड मेरी खूबसूरती है और लण्ड ही मेरी जवानी है।
लण्ड नहीं तो मेरी दुनियां में कुछ भी नहीं।

मैं जब 19 साल की थी तो पहली बार लण्ड से मुलाकात हुई थी।
तब से आजतक मैं बराबर लण्ड ले रही हूँ।

मैंने लण्ड का साथ कभी नहीं छोड़ा।
मैं शादी के पहले भी खूब लण्ड लेती थी।

कभी अपने घर में, कभी बाहर होटल में, किसी सहेली के घर में, कभी किसी क्लब में और कभी अपने यार के घर में।
मुझे लण्ड लेने की लत लग गयी थी।

मैं बिना लण्ड के सो नहीं पाती थी बस करवटें बदलती रहती थी।

इसलिए पति के जाने बाद क्या होगा … मैं दिन रात यही सोचने लगी।
पति के जाने के बाद मैं घर में ससुर के साथ अकेली रह गयी क्योंकि मेरी सास दुनिया में नहीं थी।

मेरे ससुर का नाम रवीन्द्र है और वो 54 साल के हैं एकदम मस्त जवान जैसे हैं।

उन्हें कसरत करने का बड़ा शौक है. वे लम्बे चौड़े और हट्टे कट्टे हैं।

कुछ ही दिनों में मैंने महसूस किया कि वे मुझे बड़ी हसरत भरी निगाहों से देखते हैं.
कभी ललचाई नज़रों से देखने लगते हैं, तो कभी अपना लण्ड सहलाते हुए मुझे देखते हैं।
मुझे अक्सर बाथ रूम से निकलते हुए देखते तो कभी चुपके चुपके कपड़े बदलते हुए.

ऐसे में मेरा भी रुझान उसकी तरफ होने लगा।
मुझे मज़ा आने लगा तो मैं भी उसे अपने जलवे दिखने लगी।
कभी अपनी चूचियों की झलक, कभी अपनी टांगों की कभी अपनी जांघों की और कभी अपने मटकते चूतड़ों की झलक दिखाने लगी।

एक दिन मैं बाथ रूम से चूचियों तक तौलिया लपेटे हुए निकली तो वो मुझे घूर कर देखने लगे।

उनसे रहा न गया और बोल पड़े- बहू, आज बहुत सेक्सी और हॉट लग रही हो।
मैं मुस्कराती हुई चली गयी।

दूसरे दिन रात को मैं बिस्तर पर अपनी चूचियाँ और एक जांघ खोले हुए लेटी थी।
मेरी आँखें बंद थी।

इतने में वे मेरे नजदीक आ गये।
उन्होंने मेरे मम्मों की तरफ हाथ बढ़ाया।

हाथ एकदम चूची के पास आ गया था पर उन्होंने छुआ नहीं बस मन मसोस कर रह गया.
तो मैंने मन में कहा- भोसड़ी के लपक कर पकड़ क्यों नहीं लेता मेरी बड़ी बड़ी चूचियाँ?

उधर मैं भी लण्ड के लिए तड़प रही थी।

दूसरे दिन मैं पेटीकोट और ब्रा पहन कर लेट गई; बल्कि पेटीकोट को घुटनों तक उठा लिया था।

ससुर चुपके चुपके आये कुछ देर खड़े मुझे देखते रहे.
फिर झुक कर मेरे पैर चाटने लगे।

कुछ देर मैंने पैर चटवाया, फिर बोली- अरे ये क्या कर रहे हो ससुर जी?
वो कुछ बोले नहीं बल्कि आगे बढ़कर घुटने चाटने लगे.

मैंने कहा- ससुर जी, क्या कर रहे हो? मैं आपकी बहू हूँ, ऐसा मत करो। कुछ तो शर्म करो।

उनके चाटने से मेरे बदन में सनसनी फ़ैल गई थी और चूत साली गरम हो गई थी।

मैंने पैर ऊपर खींचा तो वे बोले- मुझे अपनी चूत दिखा दो बहू।

सुर बदल कर मैं बोली- तुझे शर्म नहीं आती ऐसा कहते हुए?
मैं तू तड़ाक पर आ गयी.

वह बोला- कई साल हो गये बहू … मैंने चूत नहीं देखी. दिखा दो न प्लीज बहू! तुम तो बड़ी अच्छी हो, सुन्दर हो, सेक्सी और हॉट हो. मेरी इच्छा पूरी कर दो प्लीज!
मैंने कहा- तुम मेरे ससुर हो, तुमको ऐसा सोचना भी नहीं चाहिए।

वह बोला- मैं ससुर के पहले एक मर्द हूँ। मुझे चूत की जरूरत है बहू। मेरा कहना मान जाओ।

मेरे मन में आया कि मैं उठ कर पहले उसका लौड़ा अपने मुंह में भर लूँ क्योंकि मैं तो लण्ड के लिए तड़प ही रही थी।
मैं कुछ बोली नहीं.

तो वो वह मादरचोद जांघों तक आ गया, फिर धीरे से आगे बढ़ा और बहू की चूत पर हाथ रख दिया।

मैंने कहा- ठीक है देख लो मगर कुछ करना नहीं।
वो कुछ बोला नहीं.

तो मैंने टाँगें फैला दीं, उसे मेरी चूत के दर्शन हो गए।
देख कर वो बोला- सच में बड़ी मस्त, प्यारी, खबसूरत और सेक्सी चूत है तेरी बहू!

इतना कह कर उसने झट से अपना मुंह मेरी टांगों के बीच घुसेड़ दिया और लम्बी जबान निकाल कर मेरी चूत को छू लिया.
तो मेरे बदन में करंट लग गया।

मैं उफ्फ कह कर रह गयी और वह मेरी चूत चाटने लगा।
चूत गीली हो चुकी थी.
वह चूत का रस चाट चाट कर मज़ा लेने लगा।

फिर कुछ देर में अपनी जबान पूरी की पूरी मेरी चूत में घुसेड़ दी और बार बार अंदर बाहर करने लगा।

वो साला जबान से ही मेरी चूत चोदने लगा तो मुझे बड़ा मज़ा आने लगा।
मैं भी सिसकारियां ले ले कर लुत्फ़ उठाने लगी।

मैंने पूछा- कभी तूने अपनी बेटी की बुर चाटी है?
उसने कहा- हां, खूब चाटी है बहू। शादी के बाद भी वो जब जब आती है तो मुझसे अपनी बुर चटवाती है।

मैंने कहा- इसके अलावा भी कुछ और करती है?
वह बोला- हां हां करती हैं न बहू! वो मेरा लौड़ा पूरा ले लेती है अपने मुंह में भी और चूत में भी!

तब मेरे मुंह से निकला- साले कुत्ते हरामी बेटीचोद तो फिर इतनी देर से अपना लौड़ा छिपा कर क्यों रखा है? चल दिखा मुझे अपना भोसड़ी का लण्ड।
मैं ऐसा बोल कर उठ बैठी।

ऐसा कह कर मैंने उसकी लुंगी खींच ली.
वो पूरा नंगा हो गया।

उसका टनटनाता हुआ लण्ड देख कर मेरे होश उड़ गए।
मैं समझ गयी कि मेरी ननद को इसका लण्ड क्यों पसंद है।

मैंने लण्ड मुट्ठी में लिया, लण्ड का टोपा बड़े प्यार से चूमा और फिर लण्ड आगे पीछे करने लगी।

लण्ड एकदम से तन कर खड़ा हो गया।

मैंने ससुर को नंगा चित लिटा दिया, उसके मुंह पर अपनी चूत रख दी और झुक कर उसका लण्ड मुंह में भर कर चूसने लगी।
वह भी मस्ती से मेरी चूत चाटने लगा।

हम दोनों ससुर बहू बुरी तरह वासना में डूब गए।
वो भी नंगा मैं भी नंगी।

लण्ड का पहाड़ी आलू जैसे 3″ का टोपा बड़ा हैंडसम लग रहा था।
न उसके लण्ड पर झांटें थीं और न मेरी चूत पर!

सच बताऊँ दोस्तो, इतनी अच्छी तरह मेरी चूत किसी ने अभी तक नहीं चाटी थी।

मैं पूरी तरह गरम हो चुकी थी.

तभी अचानक ससुर नीचे से निकला और मेरे ऊपर चढ़ बैठा।
लण्ड पूरा एक ही बार में पेल दिया मेरी चूत में।

मेरे मुंह से उफ़्फ़ निकला और फिर मैं भी गांड हिला हिला कर चुदवाने लगी।
ससुर बहन चोद मेरे पति से ज्यादा अच्छी तरह से चोद रहा था।

चोदते हुए बोला- बहू, तेरी चूत बहुत टाइट है, बड़ी खूबसूरत और गहरी है। मेरा लण्ड पूरा का पूरा अंदर तक घुसा जा रहा है। मुझे बड़ा मज़ा आ रहा है।
मैंने कहा- साले कुत्ते … मुझे बुरी तरह चोद, तेरा लण्ड मादर चोद बड़ा मोटा है, फाड़ डाल मेरी बुर. पूरा लौड़ा पेल साले हरामजादे … तू तो बड़ा चोदू निकला। अपनी बहू की बुर चोदने में तुझे ज़रा भी शर्म नहीं आती? तेरी बहन का भोसड़ा साले, जल्दी जल्दी चोदो मुझे! चीर डाल मेरी चूत।

वह भी बोला- बहू, तेरी चूत तेरी ननद की चूत से ज्यादा मस्त है। मुझे उसे चोदने में उतना मज़ा नहीं आता जितना मज़ा तुम्हे चोदने में आ रहा है। हां ये बात जरूर है कि वो मेरा लण्ड खूब चूसती है।

बात करते करते उसने मुझे घोड़ी बना दिया और पीछे से चोदने लगा।
मैं भी रंडी की तरह ससुर से चुदवाने लगी।

मैं समझ गयी कि ये साला अपनी बेटी चोदने वाला आदमी अपनी बहू को चोदने में पूरा जोर लगा देगा.
और मैं यही बैड Xxx रिलेशन चाहती थी।

उसने घपाघप चोदने की स्पीड बढ़ा दी।
मुझे सच में ससुर से चुदवाने में सबसे ज्यादा मज़ा आ रहा था।

इसकी चोदने की स्टाइल और लौड़े की मोटाई मुझे बड़ा मज़ा दे रही थी।

आखिर में मुझे उसका झड़ता हुआ लण्ड चाटने में अपार आनंद आया।

उस दिन उसने मुझे 3 बार चोदा और फिर दिन रात चोदता रहा।

कुछ ही दिनों में वह मेरी चूत का गुलाम बन गया।
जब भी मौका मिलता वह झट से मेरी चूत चाटने लगता।

चाटते चाटते लण्ड अचानक चूत में पेल देता और फिर चोदने लगता।
मैं भी उससे चुदवाने का पूरा मज़ा लेने लगती।

जब मेरा पति आता तो ससुर अपने गांव चला जाता था और मैं अपने पति से खूब चुदवाने लगती।
जब वो विदेश चला जाता तो ससुर गाँव से वापस आ जाता और मुझे फिर खूब चोदने लगता।

इसी तरह समय गुज़रता गया।

एक दिन मेरी ननद पूजा अपने ससुर समर सिंह के साथ आ गई।

मैंने समर सिंह को पहली बार देखा तो उस पर मोहित हो गयी।

फिर मैं ननद से हंसी मजाक करने लगी।
खुल कर बातें करने लगी, अश्लील और गन्दी गन्दी बातें करने लगी।

एक दिन रात मैं उसके आगे नंगी हो गयी और वह मेरे आगे नंगी।

हम दोनों ने तबियत से लेस्बियन किया।

तब उसने बताया- रीना भाभी, मैं आपको एक राज़ की बात बता रही हूँ।
मैंने कहा- हां यार बता न राज़ की बातें?
वह बोली- मैं अपने ससुर से चुदवाती हूँ। मेरी चूत का गुलाम हो गया है मादरचोद मेरा ससुर। मेरी गांड के पीछे पीछे घूमा करता है। भोसड़ी का मुझे अपनी बीवी समझ कर खूब हचक हचक कर चोदता है और लण्ड मुंह में पेल देता है। खूब चूसती हूँ मैं उसका लण्ड, भाभी।

फिर मैंने भी अपना राज़ खोल दिया और कहा- अरे बुर चोदी पूजा, मैं भी अपने ससुर से चुदवाती हूँ।
वह बोली- हाय दईया, तब तो खूब मज़ा आएगा भाभी जी। मैं तो अपने पापा का लण्ड लेती हूँ चूत में! वो क्या है मेरी मम्मी के मरने के बाद पापा चूत के लिए तड़प रहे थे। मुझे उनकी पीड़ा देखि नहीं गयी तो मैंने ही एक दिन लपक कर पकड़ लिया था उनका लण्ड. फिर वह मुझे बड़े मजे से चोदने लगा और मैं भी एन्जॉय करने लगी।

रात को ज़मीन पर हम सबका बिस्तर लग गया।

मेरी नज़र पूजा के ससुर के लण्ड पर थी और उसकी नज़र मेरे ससुर के लण्ड पर।

फिर वह मेरे कान में बोली- भाभी, आज तुम मेरे ससुर का लण्ड लो. मैं तेरे ससुर का लण्ड लेती हूँ। बहुत दिन हो गए पापा से चुदवाये हुए। आज मैं तेरे सामने चुदूँगी तो बड़ा मज़ा आएगा।
मैं बोली- मैं भी तेरे ससुर के लण्ड का मज़ा लूँगी।

बस दो मिनट में ही दोनों आ गए।

पूजा तो अपने पापा से लिपट गई उसकी चुम्मी लेने लगी और उसका लण्ड ऊपर से दबाने लगी, बोली- पापा, तेरे लण्ड की बहुत याद आती है मुझे।

तब तक उसके ससुर ने मुझे दबोच लिया, बोला- रीना तुम बड़ी हॉट हो. तुम तो मेरी बहू की भाभी हो, तुम्हें तो मैं और ज्यादा चोदूंगा।

मैंने उसका लौड़ा पकड़ा और कहा- पेल दे न जल्दी से अपना लण्ड मेरी चूत में।

तब तक मैंने देखा कि मेरा ससुर मेरी ननद की बुर में लौड़ा पेल चुका है।
मुझे एक बाप को अपनी बेटी चोदने का सीन देख कर मज़ा आने लगा।

पूजा बोली- पापा, पूरा पेल दो लण्ड … बहुत दिनों के बाद मिला है तेरा लौड़ा।

तब तक उसके ससुर ने इधर मेरी चूत में घुसेड़ दिया लण्ड!
मेरे मुंह से निकला- उफ़ बड़ा मोटा लौड़ा है तेरा भोसड़ी के समर सिंह। चोद डाली मेरी चूत, फाड़ डाल मेरी बुर! चीथड़े उड़ा दे मेरी चूत के। क्या मस्त लौड़ा है तेरा … बड़ा मज़ा आ रहा है।

उसने जब मुझे पीछे से चोदना शुरू किया तो चुदाई की रफ़्तार तेज हो गयी।
उसने मेरी कमर अपने दोनों हाथों से पकड़ रखी थी और उसे आगे पीछे कर रहा था.
और मैं भी उसी रिदम में अपनी गांड आगे पीछे कर रही थी।

उधर पूजा अपने पापा के लण्ड पर बैठ गयी।
लण्ड पूरा उसकी चूत में घुस गया।
वो अपने पापा के लण्ड पर कूद कूद कर चुदवाने लगी।

मेरा ससुर अपनी बेटी को वैसे ही चोद रहा था जैसे वो मुझे चोदता है।

तब तक उसके ससुर समर ने लण्ड मेरी चूत से निकाल कर मेरी गांड में पेल दिया।
गांड में लण्ड घुसते ही मेरी चीख निकल पड़ी।

फिर उसने लण्ड बाहर खींचा और फिर गच्च से पूरा अंदर घुसा दिया।
वो माँ का लौड़ा मेरी गांड धकाधक चोदने लगा।
पहली बार मुझे गांड मरवाने में मज़ा आया.

और तब मैं लण्ड गांड में तब तक पेलवाती रही जब तक वो झड़ नहीं गया।
फिर मैंने उसका झड़ता हुआ लण्ड खूब तबियत से चाटा।

कुछ देर बाद वह बाथ रूम से नंगा नंगा आया और मेरे बगल में लेट गया।
मैं भी नंगी लेटी थी।

फिर मेरा हाथ उसके लण्ड पर चला गया।
मैंने लण्ड हिलाते हुए पूछा- यार समर, ये बताओ … क्या तुम भी मेरे ससुर की तरह अपनी बेटी की बुर लेते हो?
वह बोला- वाह रीना वाह … तुमने बहुत बढ़िया सवाल पूछा। हां यह सच है कि मैं अपनी बेटी की बुर लेता हूँ। मेरी बीवी ने ही मेरा लण्ड उसे पकड़ा दिया था। मेरी बेटी का पति नामर्द था तो वह ससुराल छोड़ कर मेरे पास आ गयी थी और बहुत दिनों से लण्ड के लिए तड़प रही थी। एक दिन उसकी माँ ने खुद मेरा लण्ड पकड़ा दिया। उस दिन से मैं उसे चोदने लगा। उसके बाद उसके जीवन में बहार आ गयी।

ऐसा बोल कर उन्होंने मुझे अपनी बदन से चिपका लिया और फिर भचाभच चोदने लगा।

इस तरह रात भर हम दोनों ने एक दूसरे के ससुर से चुदवाया।

आज भी जब जब पूजा का ससुर आता है तो मुझे चोद कर जाता है.
उधर मेरा ससुर तो मेरी चूत चाटने में ही ज्यादा जुटा रहता है।

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लेखिका की पिछली कहानी थी: दोस्तों ने एक दूसरे की माँ चोदी

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