एक भाई की वासना -47
एक ही वक़्त में अपनी बीवी और अपनी बहन की चूत को सहला रहा था और उनमें अपनी उंगलियाँ डाल कर दोनों को एक ही वक़्त में एक साथ मजे दे रहा था। मेरी चूत पानी छोड़ने वाली थी।
Hindi Sex Stories » Archives for जूजाजी » Page 5
एक ही वक़्त में अपनी बीवी और अपनी बहन की चूत को सहला रहा था और उनमें अपनी उंगलियाँ डाल कर दोनों को एक ही वक़्त में एक साथ मजे दे रहा था। मेरी चूत पानी छोड़ने वाली थी।
जाहिरा ने भी मस्त होते हुए अपने गर्म-गर्म गुलाबी होंठ आगे बढ़ाए और अपने भाई के होंठों पर रख दिए और उसे चूमने लगी। थोड़ी देर के लिए तो फैजान भी अपनी बहन की गरम जवानी में सब कुछ भूल गया
जैसे ही फैजान की नज़र अपनी बहन की नंगी खूबसूरत चूचियों पर पड़ी तो उसने अपने दोनों हाथ मेरे सिर के दोनों तरफ रखे और मेरे सिर को पकड़ कर धक्के लगाते हुए मेरे मुँह को चोदना शुरू कर दिया।
उसकी चूत के दोनों लबों को खोलते हुए मैं बोली- जाहिरा तुम्हारी चूत तो कल की बनिस्बत ज्यादा खुली हुई लग रही है.. जैसे किसी ने अपना मोटा लंड तुम्हारी चूत में डाल दिया हो?
जाहिरा अपनी आँखें बंद किए हुए पड़ी लंबी-लंबी साँसें ले रही थी।
थोड़ी देर के बाद फैजान उठा और अपना पजामा उतार कर अपनी अकड़े हुए लंड को पकड़ कर उसकी चूत के सामने बैठ गया।
जाहिरा- मेरी प्यारी भाभीजान, आज तो आपके शौहर मेरे भी शौहर बनने जा रहे हैं, आज भाई का लंड मेरी चूत में जाने वाला है, जैसे आपकी चूत में जाता है, कैसा लगेगा?
फैजान- अरे यार कुछ भी गंदा नहीं होता.. इसे मुँह में लेकर तुम्हारी भाभी भी तो चूसती हैं ना..
जाहिरा इठलाते हुए बोली- वो तो आपकी बीवी हैं.. मैं आपकी क्या लगती हूँ.. बहन ना..
‘वाउ.. गुरूजी और रत्ना मैडम.. हम सोच रहे.. आप कहाँ रह गए हो.. और इधर आप दोनों तो यहाँ जंगल में नंगा दंगल कर रहे हो।’
सब लोग हमें चुदाई में मस्त और व्यस्त देख कर ताली बजाने में लग गए और मुझे शर्म आ गई, मैंने अपनी गर्दन नीचे कर ली।
रात को मैंने बुखार का बहाना बना कर एसी में सोने से मना कर दिया, मैं दूसरे कमरे में लेट गई और दोनों भाई बहन को अपने बेडरूम में सोने को कह दिया। पढ़ें…
मैं और मेरी सहेली एक स्कूल में पढ़ाती थी। प्रिंसीपल की नजर मेरे ऊपर थी, मेरी सहेली भी कहती थी कि प्रिंसीपल मुझे घूरता है। आखिर एक दिन मैं उसके हत्थे चढ़ ही गई!
फ़ैज़ान के जाने के बाद मैंने जाहिरा की कुंवारी चूत को चाट कर रस निकाल दिया। शाम को जब फ़ैजान आया तो वो जाहिरा के कमरे में गया और उसे दबोच कर चूमाचाटी करने लगा।
भाई को चूची चुसवा कर मेरे पास आई तो जाहिरा को मैंने दबोच लिया उसकी चूची चूसने के साथ साथ मेरी नज़र जाहिरा की जाँघों के बीच में जाहिरा की अनछुई चूत पर थी।
फैजान मुस्कराया और खुद ही हाथ आगे बढ़ा कर उसके कन्धों से उसके टॉप की डोरी को नीचे खींचते हुए उसकी चूची को नंगा करते हुए बोला- तेरे जैसी गर्म बहन हो.. तो भाई खुद ही बहनचोद बन जाता है डार्लिंग..
फैजान ने अपने शॉर्ट्स को नीचे करते हुए अपना लंड बाहर निकाल लिया और अब उसका नंगा लंड अपनी बहन की नंगी मुलायम जाँघों से टकरा रहा था। वो अपने लौड़े को जाहिरा की दोनों जाँघों के दरम्यान में घुसा रहा था।
फैजान ने अपनी उंगली जाहिरा की चूत से बाहर निकाली और उसे जाहिरा के बरमूडा से बाहर निकाल कर अपने मुँह में डाल लिया और अपनी बहन की चूत की पानी को चाटने लगा।
थोड़ा सा जोर लगाते हुए मैंने अपनी उंगली की नोक जाहिरा की चूत के सुराख के अन्दर दाखिल की, तो जाहिरा ने एक तेज सिसकारी के साथ अपनी दोनों जाँघों को खोल दिया।
ह तो मुमकिन नहीं था कि फैजान को मेरे और जाहिरा की जिस्म के फ़र्क़ का अहसास ना हुआ हो। लेकिन अगर उसे पता चल भी गया था तो अब वो इस अँधेरे में और गेम का फ़ायदा उठाते हुए अपनी बहन के जिस्म के मजे लेना चाह रहा था।
मैं भी उसे रोकना नहीं चाह रही थी।
मैं और जाहिरा बनियान और कच्छी पहने बारिश में नहा रही थी कि फ़ैजान ने दरवाजे की घण्टी बजाई। मैंने दरवाजा खोला, फ़ैजान के कपड़े उतार उसका लंड चूसा और उसे भी बारिश में ले गई जहां उसकी बहन लगभग नंगी खड़ी थी।
मैंने शरारत से जाहिरा के निप्पल को चुटकी में पकड़ कर मींजा और बोली- जानेमन तेरी चूचियाँ बड़ी प्यारी लग रही हैं..
जाहिरा ने भी फ़ौरन से ही मेरी चूची को मुठ्ठी में लेकर जोर से दबाया और बोली- भाभी.. आपकी भी तो पूरी नंगी ही नज़र आ रही हैं।
मैं समझ गई कि जाहिरा की चूत पहली-पहली बार पानी छोड़ रही है। मैंने उसके जिस्म को अपने जिस्म के साथ भींच लिया और थोड़ी ही देर में ही उसका जिस्म मेरी बाँहों की गिरफ्त में बिल्कुल ढीला हो गया।
हर सप्ताह अपने मेल बॉक्स में मुफ्त में कहानी प्राप्त करें! निम्न बॉक्स में अपना इमेल आईडी लिखें, सहमति बॉक्स को टिक करें, फिर ‘सदस्य बनें’ बटन पर क्लिक करें !
* आपके द्वारा दी गयी जानकारी गोपनीय रहेगी, किसी से कभी साझा नहीं की जायेगी।