उसने अपना हाथ पेंटी के अन्दर धीरे से खिसकाया। मेरे बदन में एक बिजली सी दौड़ गई। मैंने अपने पैर थोड़े फैला लिए जिससे कि उसका हाथ ठीक से मेरी चूत पर जा सके।
हर सप्ताह अपने मेल बॉक्स में मुफ्त में कहानी प्राप्त करें! निम्न बॉक्स में अपना इमेल आईडी लिखें, सहमति बॉक्स को टिक करें, फिर ‘सदस्य बनें’ बटन पर क्लिक करें !
* आपके द्वारा दी गयी जानकारी गोपनीय रहेगी, किसी से कभी साझा नहीं की जायेगी।