एक ही चीज़ चाहिए सब लड़कों को-2
वो बोली- क्या पियोगे? मैंने उसके मम्मे देखते हुए कहा- दूध पिला दो! ‘दूध.. कौन सा दूध? मैंने उसके चूचों की तरफ इशारा किया और बोला- ये वाला। ‘जी सॉरी.. यहाँ से दूध नहीं निकलता।’
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वो बोली- क्या पियोगे? मैंने उसके मम्मे देखते हुए कहा- दूध पिला दो! ‘दूध.. कौन सा दूध? मैंने उसके चूचों की तरफ इशारा किया और बोला- ये वाला। ‘जी सॉरी.. यहाँ से दूध नहीं निकलता।’
एक दिन मैं अपने दोस्त के घर गया तो एक मस्त देसी लड़की ने दरवाजा खोला। दोस्त से पूछा तो वो उनकी नई किरायेदार थी। मन किया कि अभी पटक कर इसकी चुदाई कर दूँ।
पंजाबन प्रीत भाभी की चूत तो मैं खूब चोद चुका था, अब भाभी की गांद मारने की इच्छा थी। सुबह सुबह भाभी आई तो मैंने उन्हें कह दिया कि आज रात भाभी की गांड मारूँगा।
मैंने रूचि की फ्रॉक को उतार दिया, देखा तो रूचि ने सब पिंक ही पहना था ब्रा और पैंटी दोनों ही पिंक पहनी हुई थी। उसकी नाभि छोटी और गोल थी, मैं नीचे बैठ कर उसकी नाभि को चूमने लगा।
चुदाई किए काफ़ी दिन हो गए तो मेरी गर्लफ़्रेंड ने अपनी सहेली के घर में चूत चुदाई का जुगाड़ बनाया। हम उसके घर गए तो सहेली को देख कर उसकी चूत चोदने का मन करने लगा
भाभी की चूत चुदाई केर बाद मेरा मन भाभी की गांड मारने का कर रहा था लेकिन मैंने भाभी को बताया नहीं। मैंने भाभी की मालिश करके उसकी गान्ड मारने की तैयारी कर ली।
छत पर नेहा भाभी ने मुझे प्रीत की चुदाई करते देखा था। अब मैं नेहा की चूत के चक्कर में था। मुझे पता थ कि वो भी चुदना चाहती है! कहानी में पढ़ें कि वो कैसे चुदी!
मैंने प्रीत को फिर से बिना कपड़ों के देखा तो मुझसे रहा नहीं गया.. मैं एक बार फिर से उसके गोरे-चिट्टे बदन को देखता ही रह गया, उससे एकदम से चिपक गया और कसके उसे अपनी बाँहों में दबा लिया..
इतने में अचानक जोर-जोर से बारिश बारिश होने लगी तो मैंने प्रीत का हाथ पकड़ कर उसके पीछे खड़ा होकर उसकी कमर पर हाथ से सहलाते हुए बोला- बेबी, आज तो बारिश भी हमारे साथ है।
प्रीत चिल्लाई- ऊह्ह.. क्या रहे हो.. मेरी गांड तो मेरे पति ने भी नहीं मारी.. मैं बोला- तो तुम्हारे पति को कुछ पता नहीं, गांड मारने में क्या मस्त मजा आता है..
मैंने एक उंगली जैसे ही उसकी चूत में डाली.. प्रीत की आवाज निकल गई- ओहह्ह्ह… अब मैंने उंगली को अन्दर-बाहर करना शुरू किया.. फिर जल्दी ही मैंने दो उंगली डालीं.. फिर से प्रीत ‘ओओहह्ह्ह..’ करने लगी।
प्रीत ने मेरी जींस निकाल दी। अब उसने मेरे अंडरवियर में हाथ डाल कर मेरे लंड को निकाला और फिर मेरे लंड को आगे-पीछे करने लगी। मैंने प्रीत की पजामी निकाल दी!
मुझे मौसी के घर जाना पड़ा लेकिन वहाँ जाकर मेरी किस्मत खुल गई, जाते ही रास्ते में एक हसीन भाभी से टक्कर हो गई और उससे दोस्ती भी… अगले ही दिन उसने मुझे खाने पर बुलाया.
अब तक आपने पढ़ा.. फिर 15 मिनट आराम करके उठे.. और मैंने गद्दे को वापस कमरे में रख दिया। अब तक दोनों ने कपड़े भी
मैं जोर-जोर से सोनी की चुदाई करने लगा। क्या मौसम था यार.. और ठण्ड का समय.. खुले आसमान में सोनी की चुदाई की गर्मी मैं धकापेल करे जा रहा था.. क्या मस्त मजा आ रहा था।
मैं सोनी के बाल पकड़े और उसको दीवार से लगा दिया और फिर उसके प्यारे कोमल होंठों को जोर-जोर से चूसने लगा और कभी-कभी काट भी लेता, उसकी गर्दन पर चुम्बन करने लगा।
मैंने पिंकी को खड़ा कर दिया और उसका मुँह दीवार की तरफ करके उसकी गाण्ड में थूक लगा कर.. पिंकी की गाण्ड में लण्ड को ठेल दिया.. पर अभी भी पिंकी की गाण्ड कसी हुई थी।
पिंकी मेरे जींस पर अपने हाथ से सहला रही थी। फिर पिंकी ने मेरी जींस को उतार दिया और अंडरवीयर के ऊपर से ही मेरे लंड को सहलाने लगी। मैं भी अब उसकी सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत को सहला रहा था और साथ ही लबों को चूम रहा था।
मैंने पीछे से ही पिंकी की गांड पर लंड को रखा और जोर के धक्का मारा, पिंकी ‘ऊऊओईईई ईईईईई…!’ करके रह गई। इस बार आधे से ज्यादा लंड पिंकी की गांड में चला गया.
मैंने वेसलिन ली और पिंकी की गांड में लगा दी, मैंने अपने लंड पर भी लगाई। अब पिंकी तो पेट के बल लेटी हुई थी, मैंने पिंकी की गांड में ऊँगली करी और अंदर बाहर करने लगा।
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