मेरा गुप्त जीवन- 170
भाभी ने हाथ पकड़ मुझे जाने से रोक कर दूसरे हाथ से मेरी पैंट की ज़िप खोल कर मेरे लंड को बाहर निकाल लिया। अब गोरी भाभी ने अपने शरीर पर पड़े तौलिए को भी हटा दिया!
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भाभी ने हाथ पकड़ मुझे जाने से रोक कर दूसरे हाथ से मेरी पैंट की ज़िप खोल कर मेरे लंड को बाहर निकाल लिया। अब गोरी भाभी ने अपने शरीर पर पड़े तौलिए को भी हटा दिया!
मैंने दोनों को एक साथ आलिंगन में लिया और बारी बारी से उन दोनों को लबों पर चूमा और फिर उनके मम्मों को चूमा एक एक कर के और उनके गोल गुदाज चूतड़ों पर हाथ फेरे।
मैंने रितु और रानी भाभी को लेटने के लिए कहा, फिर ऊषा और शशि को अपन पास बुलाया और उनके मम्मों को थोड़ा छेड़ा, फिर उनको कहा- आप दोनों इन भाभियों से प्यार करें।
बाकी जोड़े मेरी नक़ल करते हुए अपनी साथियों को पूरा आनन्द प्रदान कर रहे थे और रितु और रानी भाभी पूर्ण विस्मय से हमारे कार्यकलाप को देख कर गहरी सोच में पड़ गई।
मैंने सुश्री को नीचे बिछे को गद्दे पर लिटाया और झट से उसकी चौड़ी जांघों में बैठ कर अपने लंड को उसकी बुरी तरह से पनियाई चूत के द्वार पर रख कर पहला धक्का मारा.
ट्रेन में मिली भाभी को चोद चुका तो उसका पति उठ बैठा और बोला- एक बार मेरे सामने भी मेरी बीवी को चोदो! उसकी बीवी एकदम पूरी नंगी हो गई और मेरा लंड चूसने लगी।
मेरे धक्कों की स्पीड बहुत तेज़ हो गई तो भाभी ने हिलना बंद कर दिया और मेरे लण्ड की करामात का आनन्द लेने लगी। घुड़चढ़ी पोज़ में भाभी 2 बार स्खलित हो गई!
भैया की निगाह कम्मो के नंगे बदन पर जम गई, उन्हें अपनी बीवी गैर मर्द से चुदती दिखाई नहीं दी। कम्मो ने बात सम्भाली और भैया का लंड चूस कर उन्हें हैरान कर दिया।
पूनम की भाभी को गर्भ नहीं ठहर रहा था तो कम्मो के कहे अनुसार भाभी को सन्तान देने के लिये उनकी चूत चुदाई का कार्यक्रम चल रहा थ कि पूनम के भैया आ गये।
जैसे ही सोनी का मुंह मोनी की चूत में गया, वो एकदम से उछल पड़ी और अपनी कमर को उठा कर सोनी के मुंह से जोड़ दिया, दोनों हाथों को सोनी के सर पर रख दिए और पूरी ताकत से वो सर को अपनी चूत में दबाने लगी।
शन्नो भाभी की आँखें बंद थी और होंठ खुले हुए थे और वो बड़ी मुश्किल से सांस ले पा रही थी लेकिन उसके चूतड़ हर मेरे धक्के का जवाब ऊपर उठ कर दे रहे थे
पूनम को पता था कि मैंने किसी फ़िल्म में काम किया है, वो और काफ़ी जने मेरे साथ फ़िल्म देखने गई। वहाँ पर पूनम को मैंने बॉक्स में ले जा कर चोदा।
और उसने खुद ही अपने मम्मे मेरे आगे कर दिए। मैं भी उसके मम्मों को हल्के हल्के सहलाने लगा और फिर उसके गोल और छोटे कुंवारे चूतड़ों पर भी हाथ फेरने लगा।
दोनों भाभियाँ नंगी थी और रश्मि मुझे गैर मर्द से अपनी पहली चूत चुदाई की दास्तान सुनाने लगी कि कैसे उसने पड़ोस के युवा लड़के को अपना नंगा बदन दिखा कर पटाया।
दोनों औरतों ने फ़ौरन अपने कपड़े उतार दिए और अपनी झांटों भरी चूतों की नुमाइश मेरे सामने लगा दी। मैंने हुक्म दिया- अब पीछे मुड़ कर दोनों अपने चूतड़ों के दर्शन करवाओ। उसके बाद एक दूसरी के मम्मों को चूसो।
करीब आधी रात को मैंने साथ वाले कमरे में सोई चंचल भाभी के कमरे में झाँका और यह देख कर हैरान हो गया कि भाभी अपनी साड़ी ऊपर उठा का अपनी चूत में ऊँगली मार रही थी।
मैंने मैडम की गांड को अपने हाथों में थाम रखा था तो अब वो काफी स्पीड के साथ मुझको चोद रही थी और उसकी टाइट चूत लपालप मेरे लौड़े को चूस रही थी।
डायना बोली- सोमू, मुझे यह देख कर बड़ी ख़ुशी हुई की रति को गांड मरवाई में कोई तकलीफ नहीं हुई। यह मेरी बड़ी पुरानी इच्छा थी कि कभी कोई मेरी भी गांड मारे। अब रति को देख कर मेरा भी दिल कर रहा है कि मेरी भी गांड तुम मारो…
एंग्लो इंडियन डायना को मैं घर ले आया। वो बगीचे में घूमने लगी और हमने वहीं खुले में चूत चुदाई का खेल खेलने का फ़ैसला किया। मैंने डायना को एक पेड़ के पीछे पकड़ कर अपनी बाहों में लिया.
ज़ुल्फी बड़े ही आहिस्ता और शाइस्तगी से बोली- खैर मुकदम हज़ूर-ऐ-आली, आपके जिन्सी करतब देख रही थी! वाह क्या कुवते मर्दानगी है… क्या यह नाचीज़ आपकी मर्दानगी का एक जलवा देख सकती है?
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