भोपाल में ट्रेनिंग-4
दिन भर मैं अपनी चूत को बार बार मलहम लगाती रही और दोपहर तक मुझे आराम भी मिलना शुरू हो गया था लेकिन क्योंकि मुझे रात को चुदने की लालसा थी
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दिन भर मैं अपनी चूत को बार बार मलहम लगाती रही और दोपहर तक मुझे आराम भी मिलना शुरू हो गया था लेकिन क्योंकि मुझे रात को चुदने की लालसा थी
इसके बाद मैं उसके पास जाकर बैठ गई और उसका एक हाथ अपने हाथों में ले कर पूछा कि वह हैरान परेशान क्यों है? तो
अगले दिन सुबह हम सब भोपाल घूमने गए, शॉपिंग भी की और खाना भी बाहर ही खाया। रात की गाड़ी से कमल और अर्ची वापिस
मित्रो, हर स्त्री के जीवन में अनेक घटनाएँ घटित होती हैं, उन में से कुछ घटनाएँ तो दुखी कर देती हैं, लेकिन कुछ बहुत सुखद
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